बीस्ट: ए टेल ऑफ़ लव एंड रिवेंज - भाग 7 Rituraj Joshi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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बीस्ट: ए टेल ऑफ़ लव एंड रिवेंज - भाग 7

बीस्ट: ए टेल ऑफ़ लव एंड रिवेंज
" एक श्राप से घिरी राजकुमारी "
Episode - 07

Episode 07 बीस्ट: ए टेल ऑफ़ लव एंड रिवेंज (Beast: A Tale of Love and Revenge) : " एक श्राप से घिरी राजकुमारी "

अब तक अपने पढ़ा---------------------

सुधीर अपनी बीवी और अपने बेटे के मृत्यु के गम से उभरी पाया था , कि तभी राज पंडित जी राजमहल में पधार गए .
राज पंडित जी जिन्होंने बचपन में ही वैभवी की कुंडली बनाकर यह घोषणा कर दी थी , कि उसकी कुंडली में एक स्वस्थ पुत्र योग है . वह अचानक झूठ कैसे हो सकता है ?
यह जानने के लिए राज पंडित राजमहल आए थे . अब देखना यह है , की क्या उनको सच का पता चल पता है ....?

अब आगे-----------------

इस समय दरबार में हर कोई मौजूद था . राज पंडित की कही एक - एक बात सुनकर हर कोई हैरान भी हो रहा था , क्योंकि इसके बाद राज पंडित जी ने कुछ ऐसा कहा . जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी . खास करके सुधीर को तो बिल्कुल भी नहीं .
राज पंडित जी सुधीर की तरफ देखते हुए बोले .
राज पंडित जी बोले---------- महाराज मैं आपकी जन्म कुंडली देखना चाहता हूं , साथ ही में मैं आपकी और रानी वैभवी की जन्म कुंडली को मिलाकर अपने आप को संतुष्ट करना चाहता हूं , कि मेरी भविष्यवाणी जो आज तक कभी गलत नहीं हुई , वह अचानक गलत कैसे हो गई ? क्या आप मुझे अपनी कुंडली देखने की आज्ञा देंगे ?

सुधीर एक पल के लिए गहरी सोच में चला गया . फिर वह पंडित जी की तरफ देखते हुए बोला .
सुधीर बोला------------- जी पंडित जी ! हम आपको अपनी कुंडली देते हैं . लेकिन आप यहीं पर बैठकर मुझे हर बात बताएंगे . अगर कुंडली के अनुसार रानी वैभवी ने उत्तम स्वास्थ्य पुत्र को जन्म देने का योग लिखा था , तो उनकी अल्पायु में मृत्यु और मेरे पुत्र की जन्म के तुरंत बाद मृत्यु कैसे हुई ?

पंडित जी ने हाँ में सर हिलाया . थोड़ी ही देर में सुधीर की जन्म कुंडली पंडित जी को दे दी गई थी . रानी वैभवी की कुंडली तो पहले से ही पंडित जी के पास थी . क्योंकि रानी वैभवी के पिता जो , कि पंडित जी से थोड़ी देर पहले ही मिलकर सारी घटनाक्रम को बताकर वहां आए थे . उन्होंने पहले ही अपनी बेटी की कुंडली राज पंडित जी को दे दी थी . राज पंडित जी जैसे - जैसे कुंडली देखते जाते , वैसे - वैसे उनके चेहरे के हाव - भाव बिगड़ते जाते . उनके बिगड़ते भावों को हर कोई देख रहा था . तो वहीं सुधीर इस असमंजस की स्थिति में था , कि आखिर यह हो क्या रहा है ? अपने बेटे और अपनी पत्नी के मृत्यु के गम से वह उभर पाता , कि तभी पंडित जी ने कुछ ऐसी बात बताई जो कल्पना के परे थी .

राज पंडित जी सुधीर से बोले--------- महाराज क्षमा करिएगा ! पर दोष आपकी कुंडली में है . मेरी भविष्यवाणी एकदम ठीक है .
इतना सुनते ही सुधीर राज पंडित जी पर भड़कते हुए बोला .
सुधीर बोला------------ ए पंडित मुझ में कोई दोष नहीं है . दोष होता तो मेरे घर पुत्र पैदा ना होता .
तभी पंडित जी बोले---------- दोष है . तभी आपका पुत्र पैदा होते ही मर गया . महाराज मेरे गुरु ने मुझे कभी झूठ कहना नहीं सिखवाया है . ना ही मेरे मुंह से निकाली गई भविष्यवाणी आज तक झूठ हुई है . जब यशवंत महाराज अपनी बेटी वैभवी की कुंडली मेरे पास लेकर आए थे , मैं तब ही समझ गया था , कि यह कोई मामूली कन्या नहीं है . इसके ग्रह नक्षत्र में ही एक स्वस्थ पुत्र को जन्म देने का योग लिखा हुआ है . यह एक विशेष समय में पैदा हुई कन्या थी . अगर ऐसा नहीं होता , तो आपकी तीसरी बीवी भी आपकी पहले दो पत्नियों की तरह सुनी कोख ही रहती . दोष वैभवी की कुंडली में नहीं बल्कि , आपकी कुंडली में है महाराज . आपकी कुंडली श्रापित कुंडली है . जन्म के समय से लेकर वयस्क आयु तक . आपकी कुंडली दोष रहित थी , लेकिन वैवाहिक जीवन में प्रवेश करते ही आपकी कुंडली ने एक दोष को ग्रहण कर लिया है .

सुधीर बोला कोई दोष नहीं है मुझ में. और यह दोष वोष कुछ नहीं होता.
पंडित जी बोले---------- महाराज मैं झुठ नहीं बोल रहा हूँ . आपकी कुंडली में दोष है और इसी दोष के चलते आपकी पत्नी और आपके पुत्र की मृत्यु हुई है . आपकी कुंडली में तो पुत्र योग है ही नहीं महाराज . इसीलिए जन्म लेते ही जैसे ही उस पुत्र ने आपकी गोद को छुआ , आपके बेटे की मृत्यु हो गई .

सुधीर ने यह सुना , तो वह भड़क उठा . सुधीर राज पंडित से बोला .
सुधीर बोला------------- ऐ बुड्ढे . बंद कर अपनी यह झूठी भविष्यवाणी . बोला ना मुझ में कोई दोष नहीं है . बल्कि दोष तो मेरी पहली दो पत्नियों में है . अगर नहीं होती तो यही मुझे पुत्र पैदा करके दे देती .
तभी पंडित जी बोले---------- महाराज आप चाहे कितने भी विवाह क्यों न कर लीजिए , आपके जीवन में पुत्र योग है ही नहीं . पुत्र छोड़िया आपके जीवन में संतान योग ही नहीं है . आप कभी पिता नहीं बन सकते हैं . और यह आपकी कुंडली की हर एक - एक ग्रह दशा बता रही है . अगर आपको मेरी बात पर भरोसा ना हो , तो आप किसी भी बड़े से बड़े पंडित से पता करवा सकते हैं . अगर मेरी भविष्यवाणी या मेरी कही एक-एक बात झूठ हुई , तो मैं पंडित विश्वनाथ पांडे अपनी चुटिया यही काट दूंगा .

इतना कहकर पंडित जी वहां से चले गए . तो वहीं यशवंत जी जो की रानी वैभवी के पिता थे वह सुधीर की तरफ देखते हुए बोले .
यशवंत जी बोले---------- यह क्या है सुधीर ? क्या तुम हमसे कुछ छुपा रहे हो ? कुछ ऐसी बात जो शायद तुम्हारे अतीत से जुड़ी है ? अगर कुछ ऐसा था , तो तुमने हमें विवाह के उपरांत ही क्यों नहीं बताया ? अगर हमें पता होता , कि हमारी बेटी अल्पायु में ही तुम्हारे साथ विवाह करके मृत्यु को प्यारी हो जाएगी . तो हम यह विवाह कभी नहीं करते . पर अब बस बहुत हुआ . तुम्हारी करनी की सजा हमारी पुत्री को भगतनी पड़ी है . अब तुम और तुम्हारा पूरा राज्य इसकी सजा भुगतने के लिए तैयार रहना . सुधीर प्रताप सिंह हम जल्द ही आएंगे , अपनी सेना के साथ तुमसे अपनी पुत्री की मृत्यु का बदला लेने .

इतना कहकर यशवंत सिंह जी वहां से गुस्से से चले गए . सुधीर जो कि पंडित और यशवंत की बातें सुनकर झुंझला उठा था वह गुस्से से सभी सामान को फेंकते हुए चीख़ दिया .
सुधीर बोला------------- नहीं ऐसा नहीं हो सकता . मेरी कुंडली में संतान योग ना हो , ऐसा हो ही नहीं सकता . मैं किसी भी कीमत पर पिता बन कर रखूंगा . फिर चाहे मुझे उसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े .
तभी सुधीर की पहली पत्नी बोली------------ महाराज कमी तो हम दोनों के अंदर भी नहीं है . कमी है तो सिर्फ आप में . आप हमसे क्या छुपा रहे हैं ? हमारा जानना बहुत जरूरी है .

सुधीर वहां से अपनी दोनों पत्नियों को घूरते हुए बिना उनके सवालों के जवाब देकर चला गया . वह कमरे में आया , तो उसने दरवाजा बंद कर दिया . लेकिन सोने की कोशिश करता , तो उसके जहन में अवंतिका के श्राप की गूंज सुनाई देती . सुधीर पागल हो रहा था , उसने बड़ी मुश्किल से खुद को शांत करने की कोशिश की . लेकिन वह असफल रहा . गुस्से से चीखता - चिल्लाता सुधीर , कब पागल होने की कगार में आ गया . उसे खुद नहीं पता चला था , कि यह सब उसके साथ क्यों हो रहा है ?

जिस श्राप को वह मामूली समझा रहा था , आज इस श्राप में उसके जीवन में ग्रहण लगने में कोई कमी नहीं छोड़ी थी .
अब देखना दिलचस्प होगा , कि सुधीर वक्त रहते संभल पता है या फिर अवंतिका कर दिया श्राप सुधीर को पागल करके तिल - तिल करने के लिए छोड़ना है . जानेंगे कहानी के आने वाले भाग में !
फिलहाल कमेंट सेक्शन में आप सभी लोग यह बताना ना भूलिएगा की आप सभी को कहानी का यह भाग कैसा लगा ?
!!.... धन्यवाद ....!!