इश्कियां (पहला प्यार) - 6 Anchal Gupta द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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इश्कियां (पहला प्यार) - 6

रात का वक्त ,

राज इस वक्त अपने डिपार्टमेंट में बैठा हुआ था और उसके साथ सैम भी थी जो उसे बोरियत भरी नजरो से देख रही थी।
अब बोलेगा कुछ या बस देखने के लिए बुलाया है मुझे... आधे घंटे से बैठी हु की अब बोलेगा अब बोलेगा...सैम चिड़ते हुए बोली। पर उसकी बात सुन राज ने कोई जवाब नही दिया और फिर अपने फोन में लग गया।
उसकी इस हरकत पर सैम गुस्से में लाल होते हुए बोली.. मत बोल मैं जा रही हू बोलते हुए सैम उठ गई और गेट की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए।

रुक तो यार... समझ नही आ रहा कहां से शुरू करू.. कैसे बताऊं मुझे खुद नहीं पता.... राज सैम का हाथ पकड़ते हुए बोला। उसकी बात सुन सैम ने एक गहरी सांस ली और जाकर उसकी साइड में बैठ गई।
सैम उसका हाथ पकड़ते हुए बोली... अब बता क्या हुआ.. तू परेशान लग रहा है? कुछ हुआ है क्या? उसकी बात सुन राज ने एक गहरी सास ली और उसे सब बता दिया। उसकी बात सुन सैम गौर से उसके चेहरे को देखने लगी जिसपर उदासी साफ झलक रही थी।
राहा... बड़ा प्यारा नाम है... सैम राज के चेहरे पर अपनी नजर टिकाते हुए बोली। उसकी बात सुन राज के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई और कही खोया हुआ सा बोला... हा जितना उसका नाम प्यारा, उससे प्यारी वो खुद है, आंखो में समंदर सी गहराई और दिल बच्चो जैसा साफ। राज इस वक्त राहा को इमेजिन कर रहा था।
उसकी बात सुन सैम शरारती लहजे में बोली.... अरे वाह भई शायरी वायरी भी करने लगे तुम तो... कही मुहब्बत तो नही हो गई तुम्हे.. उसकी बात सुन राज हैरानी से सैम को देखने लगा और सपकपाते हुए बोला... तू पागल हो गई है क्या? कुछ भी बोले जा रही है कोई प्यार व्यार नही हुआ है मुझे... बोलकर राज वहा से उठकर सीधे डायनिंग एरिया में चला गया और ग्लास में पानी निकल कर पीने लगा।

उसकी बात सुन सैम मुस्कुराने लगी और खुद से ही बोली... इसे खुद नही पता है की इसके साथ क्या हो रहा है सोचते हुए उसके दिमाग में ना जाने क्या आया वो राज के पास जाकर दूसरे गिलास में पानी निकालते हुए बोली.... हा तू ठीक कह रहा है भला कोई ऐसे लड़की से क्यू प्यार करेगा जो देख भी नही सकती... जो बिना हेल्प के कोई काम नही कर सकती ऐसे लड़की से कोई प्यार.... उसने इतना ही बोला था की राज उस पर चिल्लाते हुए बोला... समायरा। राज सैम को अपनी लाल आंखो से घूर रहा था। उसके ऐसे चिल्लाने से सैम के हाथ से गिलास छूट गया और वो हैरानी से राज को देखने लगी।

वही दूसरी तरफ,

राहा इस वक्त बेड पर लेटी हुई थी और मुस्कुरा रही थी। तभी उसके पास अंजली जी आते हुए बोली... क्या बात है मेरी बच्ची अकेले अकेले मुस्कुरा रही है उनकी बात सुन राहा बैठते हुए बोली... नही नही मां मैं कहां मुस्कुरा रही हू नही तो! बोलते हुए वो अपना चेहरा दूसरी तरफ कर लेती है।
उसकी बात सुन अंजली जी मुस्कुराने लगती है और उसका चेहरा अपनी तरफ घुमाकर बोली... मुझे नही बताएगी क्या हुआ। नही मां कुछ भी तो नहीं हुआ है आप खमखा कुछ भी सोच रहे हो ऐसा कुछ नही है जैसा आप सोच रहे हो... राहा अंजली जी की गोद में सिर रखते हुए बोली।
और मैं क्या सोच रही हू.. अंजली जी राहा के सिर पर हाथ फेरते हुए बोली। आप मुझे अपनी बातों में फसा रहे हो मां.... ये चीटिंग है... राहा बच्चो की तरफ चिड़ते हुए बोली।
किसी से मुलाकात हुई क्या आज? किसी खास से? अंजली जी मुस्कुराते हुए बोली। उनकी बात सुन राहा के मन में बस राज का खयाल आया और चेहरे पर अनायास ही एक मुस्कान ठहर गई। पता नही मां पर जब उनसे मिली तो एक अटेचमेंट फील हुई... ऐसा लगा जैसे कुछ तो खास है उनमें.... राहा मुस्कुराते हुए बोली।
उसकी बात सुन अंजली जी ने राहा के फोरहेड पर किस कर लिया और उसे समझाते हुए बोली... जो होता है सब रब दी मर्जी से ही होता है... वो मिला है तो कुछ तो वजह जरूर होगी, सब कुछ पहले से तय है मेरी बच्ची ... उनकी बात सुन राहा के चेहरे की स्माइल और भी गहरी हो जाती है।

राज के डिपार्टमेंट में,
सैम राज को हैरानी से देखते हुए बोली... तूने मुझे मेरे नाम से बुलाया। तूने मुझे समायरा कहा राज.. ऐसा क्या खास है उस लड़की में। राज सैम को घूरते हुए बोला... कुछ भी हो लेकिन तू उसके बारे में ऐसे नही बोल सकती! उसकी आंखे है नही है मुझे कोई फर्क नही पड़ता मुझे फर्क पड़ता है तो सिर्फ राहा से। उसकी आंखो में सुकून मिलता है देख कर वो ऐसे है किसी को भी एक पल में अपना बना ले तू उससे मिली नही है ना इसीलिए ऐसा बोल रही है.... राज सैम के हाथो को अपने हाथो में लेकर बोला।
तो इसका मतलब तू उससे प्यार करता है.... सैम बिना किसी भाव के बोली। उसकी बात सुन राज धीरे से बोला... पता नही!
अच्छा तो मेरे पास एक आइडिया है ट्राई करेगा.... सैम मुस्कुराते हुए बोली। कैसा आइडिया! राज कन्फ्यूजन से बोला। अपनी आंखे बंद कर.. सैम खिलखिलाते हुए बोली... उसकी बात सुन राज कन्फ्यूज होते हुए बोला... अरे पर क्यू? पहले कर.... सैम उसकी आंखो को अपने हाथो से कवर करते हुए बोली। ओके राज एक गहरी सास लेकर बोला। अब आगे राज आंखे बंद किए हुए ही बोला।
अपना एक हाथ अपने दिल पर रख और सोच तेरे चेहरे पर किस देख स्माइल आ जाती है.... किसके बारे में तू कुछ गलत नहीं सुन सकता कोन है को जो तुझे आंखे बंद करके भी दिखाई देती है।
उसकी बात सुन राज अपने दिल वाली जगह पर हाथ रख लेता है और राहा के बारे में सोचने लगता है जिससे उसके चेहरे पर स्माइल आई जाती है।
किसका चेहरा दिख रहा है तुझे? सैम उसके चेहरे को गौर से देखते हुए बोली। राहा! राज धीमे से मुस्कुराते हुए बोला। उसकी बात सुन सैम के चेहरे पर स्माइल आ जाती है। ओके अब अपनी आंखे खोल... सैम उसे ऑडर देते हुए बोली।
उसकी बात सुन राज धीरे से अपनी आंखे खोलता है और उसकी आंखो के सामने इस वक्त राहा खड़ी थी जो मुस्कुराते हुए उसे ही देख रही थी।

Continue ❤️❤️....