Shyambabu And SeX - 41 Swati द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ

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Shyambabu And SeX - 41

41

हवन का फल

 

श्याम ने देखा कि यह वही ज्योतिषी है जो उसे दिन सड़क पर मिला था, अम्मा उसे श्याम की कुंडली दिखा रही है। अब उन्होंने श्याम को भी वहीं बैठने के लिए कहा, बबलू भी वही पास में  बैठ गया । ज्योतिषी ने श्याम की कुंडली देखी और हैरान होते हुए बोला,  “आपके बेटे के नक्षत्र तो महाराज पाण्डु से मिलते हैं,  मैं कुछ समझी नहीं महाराज,  अम्मा ने हाथ जोड़कर कहा। बबलू और श्याम भी उसकी   बात नहीं समझे तो विस्तार से बताता हुआ वह बोला,

 

 

आपका श्याम उसकी नक्षत्र में पैदा हुआ है,  जिसमे हस्तिनापुर के महाराज,  धृतराष्ट के भाई  और पांडवों के पिता पैदा हुए थें। अच्छा अब बाकी सब भी हैरान है।

 

यह तो बहुत  अच्छी बात है!!! अम्मा खुश हो गई।

 

मगर मांजी एक गड़बड़ है ।

 

क्या ? उन्होंने चिंतित स्वर में  पूछा।

 

पाण्डु एक ऋषि के श्राप के कारण यौन सुख नहीं भोग  पाए थें और जब उन्होंने अपनी पत्नी माद्री  के साथ ऐसी  चेष्टा की तो उनकी मृत्यु हो गई। अब तीनों के तीनों  डर गए। अम्मा ने विनती करते हुए कहा, कोई उपाय बताए।

 

काफी सोच विचार के बाद, वह बोला, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपका बेटा गुणी है,  सुशील है, पैसे की इसे कभी कोई कमी नहीं होगी,  भविष्य में भी यह राजाओं की तरह रहेगा । सभी देवता इस पर प्रसन्न है,  सिवाय कामदेव को छोड़कर तभी तो नक्षत्र इसकी कुंडली में ग्रहों की चाल धीमी दर्शाते है। अगर वह ज्योतिषी कुछ और बोलता तो श्याम और बबलू यकीन नहीं करते,  मगर जैसे श्याम के हालात है,  वह सच कह रहा है। अब वह फिर बोला,

 

मांजी आप किसी विद्वान पंडित को बुलाकर हवन करवाए और सभी देवताओ को प्रसन्न करें,  जब सभी देवता मान जायेगे तो वह कामदेव को भी मना लेंगे और भविष्य में कभी कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। अम्मा ने उन्हें कोटि कोटि धन्यवाद दिया, मगर श्याम ने पूछा,  “कामदेव मुझसे क्यों रूठे हुए हैं?” “ बेटा तुम्हारे  किसी पूर्व जन्म का फल है।“  “वो क्या?”  देखो !! बेटा  मेरी विद्या भी  सीमित है,  मैं भविष्य का अनुमान तो लगा सकता हूँ,  मगर किसी के पूर्व कल में नहीं जा सकता।“ उसने श्याम के आगे हाथ जोड़ लिए,  उसे ज्योतिषी की ईमानदारी अच्छी लगी,  उसने अपनी जेब से दो हज़ार निकाले और उसे पकड़ा  दिए। उसके जाते ही अम्मा किसी विद्वान पंडित की खोज में  लग गई।

 

देखा श्याम!  यह सब नक्षत्रो का ही कसूर है,  तूने बेकार में पता नहीं क्या क्या डर अपने अंदर पाल रखा है। बबलू के ऐसा कहने पर वह बोला,  “जब हम अपने अंदर की कमी को खुद नहीं दूर कर पाते तो उसका दोष नक्षत्र पर लगा देते हैं। “सोच यह बेचारे चाँद सितारे किसी का क्या बिगाड़ लेंगे,  यह तो खुद अपनी रोशनी के लिए सूरज पर निर्भर है।“ “फिर तूने उस ज्योतिषी को दो हज़ार क्यों दिए ?” क्योंकि “कितन लोग मुझे बेवकूफ बनाकर मुझसे पैसे ऐंठकर ले गए हैं। इसने तो फिर भी सच बोला।“ अब बबलू को उस पर गर्व होने लगा।

 

अब अम्मा ने एक पंडित ढूंढ ही लिया और घर में  हवन भी करवा  दिया।  हावव खत्म होते ही वह कॉलेज चला गया। वहाँ पर सभी ने उसका हालचाल पूछते  हुए उसका गर्मजोशी से स्वागत किया। स्टूडेंट भी उसे इतने दिनों बाद देखकर  खुश हुए पर  यह बात उस संजय एंड ग्रुप के लिए नहीं कही  जा सकती। वो लोग बता अभी उसे अपने जाल में  फांसने  के लिए कोई कोई  प्लान बना रहें हैं।

 

क्लॉस के बाद, श्याम  कैंटीन में बैठा चाय पी रहा है,  उसने देखा कि वहाँ पर ममता मैडम और झा  सर  एक कोने में  बैठे चाय की चुस्कियों का आनंद ले रहें हैं । चलो, यह भी अच्छा है, ममता मैडम विधवा है और झा जी अपनी बीवी से परेशां है। दोनों ही अब, एक दूसरे का दर्द समझ पा रहें हैं।  तभी कुसुम  मैडम मुँह बनाए  उसका पास  आकर बैठ गई, “क्या हुआ मैडम?” आपके पति का अब भी अफेयर है।“ “जी बिलकुल !!! मैं उसे आदमी को सबक सिखाना चाहती हूँ।“ “पर कैसे?” मैं भी किसी से अफेयर करूँगी।“ श्याम की चाय गले में अटक गई। “यह आप क्या कह रही है, “सही कह रही हूँ। श्याम आप मेरी मदद करेंगे न ?”” मैं कैसे ?”” आप को ही मुझसे अफेयर करना होगा।“ लगता है, हवन का फल मिलने वाला है। श्याम के चेहरे पर मुस्कान आ गई।