एक प्रेम कहानी ऐसी भी... Diya Jethwani द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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एक प्रेम कहानी ऐसी भी...

सुनो..... प्लीज नाराज मत होना.... पर मैं बहुत दिनों बाद हिम्मत करके तुमसे कह पा रहा हूँ....।


क्या बात हैं बोलों...!

मुझे.... मुझे तुम बहुत पसंद हो.... आइ..... लव.... यु.....।


हाहाहाहा...... ये क्या मजाक हैं...।

मज़ाक नहीं.... सच में कह रहा हूँ.....।


तुम कह रहे हो.... तुम मुझसे प्यार करते हो....। मैं तुम्हें पसंद हूँ...?


हाँ.. सच में.... तुम बहुत खूबसूरत हो....।


खुबसूरत..... हाहाहा....।
देखो मिस्टर.... ये प्यार व्यार.... इंसानों का काम हैं.... हमारा नहीं...। और रहीं बात खुबसुरती की तो.... हम सब एक जैसे ही दिखते हैं.... फिर कोई कम या ज्यादा खुबसूरत तो हो नहीं सकता ना....। ये सब बकवास हैं...।


किसने कहा तुमसे की प्यार सिर्फ इंसान ही कर सकते हैं....? प्यार करना और प्यार का होना सभी का हक होता हैं....। हर उस प्राणी और जीव को प्यार हो सकता हैं... जिसके सीने में दिल धड़कता हैं.... हमारे सीने में भी दिल हैं... हम भी इंसानो की तरह अपना जीवन जीते हैं... सांस लेते हैं... मेहनत करते हैं...। फिर हम प्यार क्यूँ नहीं कर सकते...!

ठीक हैं... मान ली तुम्हारी बात की हम भी प्यार कर सकते हैं... लेकिन पसंद वाली बात अभी भी मुझे समझ नहीं आई... हम सब तो एक जैसे ही दिखते हैं ना फिर .......


ना जाने तुम्हें कौन ऐसी बातें सिखाता हैं.... कभी तुमने दिल की नजरों से देखा हैं... कभी देखा होता तो तुम्हें समझ आता... हमारी सिर्फ बनावट कुछ कुछ मिलतीं हैं सभी से... पर हमारा व्यवहार.हमारी आदतें.हमारा रहन सहन, हमारा उड़ने और बोलने का अंदाज़.... सब कुछ बहुत अलग होता हैं....। लेकिन ये फर्क सिर्फ वो ही महसूस कर सकता हैं जो दिल की नजरों से देखता हैं..... जैसे मैंने तुमको देखा हैं....।


अच्छा तो फिर मुझमें ऐसा क्या अलग दिखता हैं.... जो दुसरो में नहीं हैं...!


तुम्हारे दायें पंख पर एक छोटा सा निशान हैं.... वो सब में नहीं होता....। तुम्हारा उड़ान भरते समय शुरुआत करना सब से अलग हैं..... तुम्हारी आवाज भी बहुत अलग हैं.... तुम बहुत प्यारी और मासुम लगती हो...।


मेरी समझ में तो कुछ नहीं आ रहा..... मैं भला इतनी अलग कैसे हो सकतीं हूँ....। मुझे तो तुम सभी के जैसे दिखतें हो....।


मैं सभी के जैसा हूँ क्योंकि तुम सिर्फ मुझे बाहरी नजरों से देख रहीं हो... जिस दिन भीतरी नजरों से देखोगी तो तुम्हें फर्क साफ दिखाई देगा...।

अच्छा.... और वो मुझे कब दिखाई देगा....!!

जब तुम चाहों..... जब तक चाहत नहीं होगी..... तब तक हम सब एक से ही दिखेंगे....।


अच्छा..... ऐसा हैं तो ठीक हैं.... मुझे थोड़ा समय दो...।


चिड़ा मुस्कुराते हुएं:- जितना समय लेना हैं ले लो.... मुझे अपने प्यार पर पुरा भरोसा हैं... एक दिन तुम्हें अहसास जरूर होगा..।

चिड़े के ऐसा कहते ही चिड़िया "देखते हैं " कहकर फूर्र करके वहां से उड़ गई...।


कुछ दिन चिड़िया उस चिड़े को देखती रही और कुछ समय बाद ही वो उसे सबसे अलग लगने लगा... उसे भी समझ नहीं आ रहा था की उसके साथ क्या हो रहा हैं... लेकिन चिड़े की कही एक एक बात सच हो रहीं थीं...। कुछ दिनों बाद ही चिड़िया चिड़े के पास आई और उसे अपनी मनोस्थिति बताई....। चिड़े ने हंसकर कहा :- ये ही तो प्यार हैं.... जिसे तुम पहले स्वीकार नहीं कर रहीं थीं...। आखिर कार चिड़े का प्यार रंग लाया और
जल्द ही दोनों खुशी खुशी साथ रहने लगे...।




इस कहानी के माध्यम से मैं सिर्फ इतना कहना चाहतीं हूँ की जीने का हक सभी को हैं... हम सभी को प्यार करने का भी हक हैं....फिर क्यूँ हम अपने स्वार्थ और जरुरत के लिए मासूम पक्षियों और जानवरों के घरों और घोसलों की परवाह नहीं करते... क्यूँ हम उनका घर उजाड़ रहें हैं... इस जमीन पर जितना हक हमारा हैं उतना ही उन सभी प्राणियों का भी हैं....। मोबाइल के 4G और 5G के रेडिएशन की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान इन मासूम पंक्षियों को ही भुगतना पड़ रहा हैं.....। अभी भी वक्त हैं..... संभाल लिजिए ऐसे प्यारे और मासुम प्राणियों को....।