Shyambabu And SeX - 33 Swati द्वारा नाटक में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
  • जंगल - भाग 1

    "चलो " राहुल ने कहा... "बैठो, अगर तुम आयी हो, तो मेमसाहब अजल...

  • दीपोत्सव

    प्रभु श्री राम,सीता जी और लक्ष्मण जी अपने वनवास में आजकल दंड...

  • बैरी पिया.... - 47

    शिविका जाने लगी तो om prakash ne उसका हाथ पकड़ लिया ।" अरे क...

  • राइज ऑफ ज्ञानम

    ज्ञानम (प्रेरणादायक एवं स्वास्थ्य ज्ञान)उपवास करने और मन्दिर...

  • नक़ल या अक्ल - 74

    74 पेपर चोरी   डॉक्टर अभी उन्हें कुछ कहना ही चाहता है कि तभी...

श्रेणी
शेयर करे

Shyambabu And SeX - 33

33

अरेन्ज मैरिज

 

अब इमरती  हाथ में मैंगो शेक लिए श्याम के पास आ गई৷ श्याम उसे देखकर मुस्कुराया৷

 

भैया!! यह आपके लिए ৷

 

भाभी ! आपने क्यों तकलीफ की ?

 

“नहीं! हमने नहीं की है,  यह तो बबलू जी  ने कैफ़े में  रखना शुरू कर दिया है৷”  अब श्याम गिलास हाथ में  पकड़े बेकरी में  रखी कुर्सी पर बैठ गया৷ “भैया !!! इनसे कहो न हमें जीन्स टॉप पहनने दें৷”

 

उसने बबलू को घूरा৷  नहीं यार, अच्छा थोड़ी न लगता है৷ 

 

बुरा भी नहीं लगता৷

 

आज अगर माँ बापू ज़िंदा होते तो कभी नहीं पहनने देते৷

 

अब वो नहीं है न,  तेरे पास एक भाभी है और उनकी खुशियों का ख्याल रखना तेरा फ़र्ज़ है৷

 

पर श्याम ???

 

“जीन्स टॉप कोई बहुत बड़ी बात थोड़ी न है,  फेस्ट में  नहीं देखा था कि लड़कियों ने क्या -क्या पहना हुआ था৷”  उसने अब मुँह बनाते हुए कहा, “ अच्छा, पहन लें!!!” यह सुनकर  इमरती खुश हो गई ৷  उसने श्याम को  धन्यवाद किया  और वहाँ से चली गई৷

 

अब श्याम  मैंगो शेक पीने लगा, बबलू ने उससे ज्योति के बारे में  पूछा तो उसने उसे रात वाली बात बता दीं৷

 

हे ! भगवान, तूने उस तान्या के लिए ज्योति को ना बोल दी৷

 

पागल है क्या,  हम अब भी दोस्त है, हमारी कहानी खत्म नहीं हुई है৷

 

“इस तान्या ने पता नहीं कौन सा जादू टोना तेरे ऊपर कर दिया है৷”  उसने मुँह बिचकाते हुए कहा तो वह हँस पड़ा৷

 

माता की चौंकी में विकास के घरवालो ने गायत्री के परिवार का अच्छे से स्वागत किया৷ उसने अपने कई कज़न से गायत्री को मिलवाया तो वही  उसके घरवालो ने उसके पापा और भाई को भी  अपने  रिश्तेदारों से परिचित करवाया৷ अब माता की चौंकी शुरू हो गई৷ गुलाबी रंग की साड़ी में  गायत्री अच्छी लग रही है৷ विकास ने उसकी तारीफ की तो वह मुस्कुरा दी৷ ‘माता ने मेरे लिए ही विकास को बनाया है৷’ अब दोनों को पंडित जी ने आशीर्वाद दिया৷  फिर गायत्री तो वही बैठ गई पर विकास  अपने कज़न मोहित  के साथ  पंडाल से दूर खड़ा हाथ में  कोल्ड्रिंक लिए बात करने लगा৷

 

भाई !! भाभी बहुत पतली नहीं है? साफ़ लग रहा है, साड़ी से ख़ुद को ढाप रखा है৷ साँवले रंग  का चेहरा भी बिल्कुल सपाट है৷ आप तो इनसे कही गुणा अच्छे लगते हो৷

 

तो मैं भी क्या करो, यार !!! मेरा बिज़नेस ठप जा रहा है৷  कभी काम होता है कभी नहीं৷  इसकी सरकारी नौकरी है, डेढ दो लाख सैलेरी है৷ कम से कम घर तो चलता रहेगा और पैसे देकर बिज़नेस में  मेरी भी हेल्प कर देगी৷

 

यानी  आप बिज़नेस ही कर रहें हो৷

 

तो !! मेरे पास लुक्स है,  उसके पास नौकरी ৷ आजकल तो शादी ब्याह भी बिज़नेस की तरह है৷  कैटलॉक में देखो क्या मैच करता है,  वही खरीद लो ৷ दोनों आपस में  बात कर रहें हैं, इस बात से बेख़बर की गायत्री ने उनकी बात सुन ली है৷

 

वैसे वो लड़की अच्छी थीं, जिससे बात बनते बनते रह गई ৷

 

यार !! वो तो कमाल थीं৷ मगर उसके नखरे बहुत थें৷ वह मेरे मयार में  फिट नहीं हो रही थीं ৷यानी उसकी कैटलॉक मैच नहीं करती थी ৷ अब दोनों हंसने  लगे ৷ 

 

दोनों आपस में बात करते जा रहें हैं और  इस बात से बेख़बर है कि गायत्री उनकी बात सुन रही है ৷  विकास ने गायत्री को देखा तो उसकी बोलती बंद हो गई৷  मोहित वहां से खिसक गया और गायत्री उसके नज़दीक आ गई৷

 

इसलिए मुझसे शादी कर रहे हो?

 

गायत्री हमारी अर्रेंज मैरिज है,   इस शादी में रिश्ते ऐसे ही बनते हैं यह कोई लव मैरिज नहीं है, आजकल तो लोग प्यार भी सोच समझकर कर रहें हैं और तुम्हारे पापा ने भी तो मेरे लुक्स,  मेरा घर और मेरा इकलौता बेटे होने का फायदा देखा है

 

फायदा ?? गायत्री विकास का मुँह ताकने लगी৷