Love Contract - 12 Manshi K द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Love Contract - 12

विराज क्या है ? रीवान तेरा मुंह क्यों लटका है ?
मां को मैं अब चांद जैसी बहू कहां से लाकर दूं ? रीवान विराज से उदास होते हुए कहा
वो तो मेरे पीछे पड़ चुकी है , बेटा कोई अच्छी सी लड़की देखकर तुम शादी कर लो ।

" विराज " आंटी जी सही तो बोल रही है कुछ दिन में ऑफिस भी संभाल लेगा लेकिन तुम्हे संभालने वाली भी कोई चाहिए न आंटी जी का कहना बिल्कुल सही है ।
क्या यार तुम भी अब मां के बातों का तरफदारी कर रहा है
तुमको तो पता है मेरे बारे में सारी बातें अभी शादी से क्यों मैं माना कर रहा हूं ?? रीवान विराज से कुछ सोचते हुए बोला ।

" विराज " रीवान तू ऐसा कर अपने लिए एक लड़की ढूंढ़ ले जो सुंदर और आकर्षक व्यक्तित्व वाली हो ।
रीवान तुम ये क्या बोल रहे हो ?? विराज तुम तो मेरे फीलिंग्स को समझो । अरे यार कौन सा मैं तुमसे शादी करने के लिए कह रहा हूं मेरा मतलब है कि तुम मां के लिए बहू और पत्नी के रूप में कोई लड़की को पैसे पर कॉन्ट्रैक्ट के तहत घर लाओ । मां को बहू भी मिल जाएगा और तुम्हें वक़्त भी मिल जाएगा आदिया को ढूंढने के लिए ।

शादी हो जाने के बाद जब घर में बहू आएगी तो तुम्हारी मां शादी के लिए फोर्स भी नहीं करेंगी, फिर तुम
आदिया को अच्छे से ढूंढ़ना ।

" रीवान " यार विराज तुम्हारा तो आइडिया कमाल का है , ऐसा करता हूं मां को बिना बताए मैं मंदिर में शादी कर लूंगा और घर लेकर चला आऊंगा । फिर क्या मां बहू को सामने देखकर कुछ नहीं बोलेंगी । लेकिन एक परेशानी है विराज कॉन्टैक्ट पर शादी करने के लिए मुझसे कौन तैयार होगी और मां का भी ख्याल रखे ।

" विराज " तुम क्यों फ़िक्र कर रहा है वो भी कोई बहुत जल्द मिल जाएगी । अरे यार बातों - बातों में तुम्हे बताना ही भूल गया हूं आज हमलोगो को बड़े शहर निकलना है, कल मीटिंग्स है न ।

" रीवान " अच्छा हुआ याद दिलवा दिया वरना मैं तो भूल ही गया था कल हमारी मीटिंग्स भी है । चल यार अब पैकिंग कर लेते है विराज। अंधेरी ( काल्पनिक ) शहर जाना है ।

राजू रसीली बाई को कॉल करता है , कहां हो रसीली बाई ? कब से मैं तेरा इतज़ार कर रहा हूं तेरे घर के बाहर कहां हो तुम ???
" राजू " मैं बाबा के साथ हॉस्पिटल में हूं , वहीं रहो कुछ देर में आती हूं ।
कुछ देर बाद बाबा से मिलकर रसीली बाई घर पहुंचती है ।

" राजू " रसीली बाई अभी तक तुम तैयार नहीं हो , बहुत देर हो रही है तुम जल्दी से तैयार हो जाओ । नेता जी के बॉडीगार्ड का फोन आया था , कब तक अा रहे हैं हम वो पूछ रहे थे । बस 5 मिनट रुक राजू मैं अभी तैयार हो जाती हूं और तुम्हारा बहुत शुक्रिया राजू तुमने मेरी इतनी बड़ी मदद की तेरा ये उपकार मैं कभी नहीं भूल सकती हूं । वैसे तेरे पास इतने सारे पैसे आए कहां से ??
रसीली बाई छोड़ न ये सब बातें कैसे पैसे लाया तू क्यों पूछ रही है ?? अब जल्दी से तैयार हो जाओ ।
" रसीली बाई " राजू को गले लगाते हुए कहा ' भगवान तुम्हारे जैसा दोस्त भगवान सबको दे '।
राजू रसीली बाई को नेता जी के घर के बहाना करके नेता जी के फाम हाउस ले गया । घर पूरा फूलों से सजा हुआ था लेकिन वहां कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था नेता जी और उनके दोस्तों के अलावा ।
रसीली बाई और राजू दोनों पहुंचे जैसे ही अंदर दोनों घर के अंदर जाते है राजू को सिर पर किसी ने पीछे से वार किया चोट लगने के वजह से राजू वहीं गिर कर बेहोश हो गया । रसीली बाई ' ये क्या बत्मिजी
है ??? राजू को बेहोश क्यों किया ?? नेता जी के दोस्तों में से किसी ने कहा हमारे बीच इस राजू का क्या काम है ??? अब बिना कुछ कहे सुन रसीली बाई अब तुम
नाचना शुरू करो ,वरना दारू का नशा एक बार उतर गया तो फिर तेरे हुस्न को देखकर नहीं चढ़ने वाला ।
" नेता जी " अरे पैसे तुम्हे मैंने नाचने के लिए ही दिए थे समय बर्बाद करने के नहीं समझी । अच्छा होगा तुम बिना कुछ कहे अब नाचो वरना मेरा पैसा लौटा कर तुम जा सकती हो ।

" रसिली बाई " हिम्मत करके मैं किसी से डरने वाली नहीं हूं समझे , रसीली बाई नाम है मेरा मेहनत करके पैसे लिया करती हूं । किसी का खैरात बांटा हुआ नहीं लिया करती हूं
बोलते रसीली बाई नाचना शुरू किया ।

अंधेरी रात में रौशनी से जगमाया रहता था , अंधेरी शहर बहुत ही खूबसूरत शहर था । अंधेरी शहर में रीवान और विराज जैसे ही आते है बीच शहर में उनका कार का टायर पंचर हो गया । रीवान कार से नीचे उतर कर कार के बोनट पर बैठ कर कुछ सोच में डूब गया । विराज कार का टायर बदलने लगा ।
आंखे बंद किया रीवान कार के बोनट पर एक पैर मोड़ कर और दूसरा नीचे लटक रहा था और उसके कार में मो रफी का आहिस्ता आहिस्ता आवाज़ में गाना बज रहा था ।

बहारों फूल बरसाओ
मेरा महबूब आया है - (२)
हवाओं रागिनी गाओ
मेरा महबूब आया है - (२)

ओ लाली फूल की मेंहँदी लगा इन गोरे हाथों में
उतर आ ऐ घटा काजल, लगा इन प्यारी आँखों में
सितारों माँग भर जाओ
मेरा महबूब आया है - (२)

नज़ारों हर तरफ़ अब तान दो इक नूर की चादर
बडा शर्मीला दिलबर है, चला जाये न शरमा कर
ज़रा तुम दिल को बहलाओ
मेरा महबूब आया है - (२) .....

रीवान को ये गाना किसी की याद दिला रही थी। विराज टायर बदलने के बाद ' चल भाई अब होटल चलते है बहुत रात भी हो चुकी है और ये सड़के भी वीरान पड़ी है ।

कुछ देर बाद विराज और रीवान को एक लड़की दिखी जो
काफी तेजी में दोनों के कार के तरफ बढ़ रही थी ....




Continue ....