पति पत्नी की प्रेम कहानी TULSI RAM RATHOR द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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पति पत्नी की प्रेम कहानी

देव नाम का व्यक्ति की शादी अरेंज मैरिज के तौर पर शालिनी से हुआ था। दोनों की शादी अरेंज मैरिज होने के कारण वे दोनों एक दूसरे को पहले से नहीं जानते थे। शादी के बाद दोनों एक दूसरे को जानने पहुंचाने का काम चालू हुआ। कुछ ही दिनों में दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से जल्दी पहचानने लगे थे।

जब दोनों में अच्छी तरह से पहचान हुआ दोनों एक दूसरे को समझने लगे थे तो देव को लग रहा था कि उसे एक बेहतर ही पत्नी मिली है क्योंकि उसे पूरी तरह से समझने के बाद उसे समझ में आ गया था कि लव मैरिज करना कोई जरूरी नहीं है अरेंज मैरिज में भी अच्छी पत्नी मिल जाती है।

दोनों की नई-नई शादी हुई थी इसी कारण से दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह से समय देते थे। उसके बाद दोनों एक दूसरे के काम में हाथ बताया करते थे। पति पत्नी दोनों में खूब ज्यादा प्यार होने लगा था। अब उसकी पत्नी भी देव को समझ गया था और उसे किसी भी प्रकार का कोई काम या किसी प्रकार की कोई सामान जरूरत पड़ने से पहले ही उसकी पत्नी उसे के सामने हाजिर कर देते थे।

एक दिन देव अपने दोस्त को सूरज को अपने घर दावत पर बुलाया था। देव और शालिनी के प्यार देखकर सूरज बोल उठाकर तुमने तो अरेंज मैरिज की है लेकिन तुम्हारी पत्नी बहुत अच्छी है। तुम्हारा बहुत ज्यादा ख्याल रखती है और तुम दोनों भी अच्छी तरह से अपना काम कर रहे हो।

तुम्हारी पत्नी तो बहुत ज्यादा खूबसूरत है और हर काम में तुम्हारा बहुत ज्यादा ध्यान रखती है। तुम बहुत ज्यादा खुश किस्मत होगी तुम्हें अरेंज मैरिज होने के बावजूद भी तुम्हें इतनी अच्छी पत्नी मिली है।

एक दिन देव अपनी पत्नी से कहता है कि तुम जाकर तैयार हो जाओ हम लोग कहीं घूमने जाने वाले हैं। हम लोगों को शादी की होगी इतना दिन हो गया है और बहुत सारे काम होने के कारण हमें टाइम भी नहीं मिला है घूमने के लिए। चलो वहां आज हम लोग घूमने के लिए कहीं चलते हैं।

इतना सुनकर उसकी पत्नी शालिनी ने कहती है कि आपने तो बिल्कुल अच्छा कहा जी बहुत दिनों से हम लोग कहीं घूमने नहीं गए अच्छा हुआ आज आपने बोल दिया हम लोगों का मन नहीं लग रहा था चलो कहीं घूम कर आते हैं।

दोनों एक कार में बैठकर घूमने के लिए निकल पड़ता है। रास्ते में जब हाईवे पर गाड़ी जाती है तो उसे एक बड़ी गाड़ी में टक्कर होने के कारण दोनों दुर्घटना ग्रस्त हो जाते हैं। देव को जब हो जाता है तो वह हॉस्पिटल में था जैसे ही होश में जाता है वह अपनी पत्नी को ढूंढने लगता है।

तभी को अपनी पत्नी को ढूंढते ढूंढते दूसरे कमरे में चली जाती है जहां वह देखती है कि उसके सर अथवा पैर में तो दोपहर में बहुत ज्यादा चोट आई है।

देव घबराकर डॉक्टर से पूछता है कि मेरी पत्नी की तबीयत ठीक तो है क्या वह सही हो जाएगी ना। तभी डॉक्टर कहता है कि तुम्हारी पत्नी की पैर की नसों में ज्यादा खून निकलने के कारण पैर को काटना पड़ा है वह नहीं चल सकती है।

इतना सुनते ही शालिनी की आंखों में आंसू आ जाता है और कहता है कि मैं तो आपके ऊपर अब बोझ बन गया हूं।

उसके बाद देव कहता है कि ऐसा कोई बात नहीं है इतने दिनों से तुमने मेरा ख्याल रखा था अब मेरा फर्ज बनता है कि मैं भी तुम्हारा ख्याल रखूंगा। अब दोनों साथ मिलकर अपने घर की तरफ रवाना हुआ।

घर जाकर दोनों एक दूसरे के बिना एक दूसरे के बिना ना रहने की कसम खाई थी। फिर उसके बाद आप फिर वह अपनी जॉब को छोड़ कर घर से ही वर्क टू होम मतलब के वर्क फ्रॉम होम किया करता था। साथ ही घर रह कर अपने पत्नी की मदद तथा उसके देखरेख में उसका मदद किया करता था।

इसी तरह एक दिन फिर सूरज देव का दोस्त उसके घर आता है और कहता है कि तुम तो आप घर के काम करने लगे हो। तुम्हें बहुत अच्छा बिजनेस मैन हो तुम अपनी जिंदगी क्यों बर्बाद कर रहे हो एक लड़के के कारण। तुम अपनी दूसरी शादी कर लो चाहे तो इसे भी अपने पास ही रखो लेकिन तुम कंपनी में चलो काम करो।

इसके बाद देव कहता है कि मेरी पत्नी से बढ़कर मेरी जिंदगी में कुछ भी नहीं है। मैं उसकी देखभाल हमेशा करूंगा और करता ही रहूंगा। क्योंकि हमेशा से ही मुझसे प्रेम करती थी और हमेशा से ही हम लोग पति पत्नी आपस में प्रेम करते रहेंगे। फिर वह अपने दोस्त को कहता है कि तुमने एक बार आया था।

और मुझसे कहा कि तुम्हारी पत्नी बहुत अच्छी है तुम बहुत खुश किस्मत होगी तुम्हें ऐसी पत्नी मिली है। फिर आज क्या बात है क्या तुम इस प्रकार के बाद मेरी पत्नी के लिए उपयोग कर रहे हो। आखिरकार जितना दिन उसने मेरी मदद की है मेरा भी फर्ज बनता है कि मैं उसे जिंदगी भर मदद करता रहूंगा।

इतना सुनते ही पीछे से उसकी पत्नी भगवान से प्रार्थना करती रहती है कि भगवान आपने मुझे इतना अच्छा पति दिया है कि मैं इसका शुक्रिया कैसे अदा करूंगी। और वह सदा के लिए एक दूसरे से प्रेम करते रहे और अपनी जिंदगी को आगे बनाते रहे। इसलिए मेरा मानना है कि पत्नी चाहे जैसे भी हो उसे कभी नहीं छोड़नी चाहिए। और पत्नी को कोई तकलीफ होती है तो उसका साथ देना चाहिए ना कि उसके साथ छोड़ना चाहिए।

AUTHOR BY- TULSI RAM RATHOR

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