रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 2 Sanju द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 2

अभय जो अब गुस्से भाव में था अब हैरानी से भर गया।
वो आंशी के शव को देख दर्द की लहर दिल में उमड़ गया।
वो पलट कर पीछे देखा तो सामने एक 44 साल की उम्र दराज औरत अपने हाथों में पिस्तौल लिए हुए खड़ी थी.
अभय बेटा यहां आओ नहीं पिस्तौल पर फुक करते हूए ऐटिटूड से
अभय माँ ये आपने क्या किया?.
औरत- बेटा जो पहले कर देना चाहिए था वो आज हुआ चली गईं मनहूस...
अभय आंशी के शव को बाहो में उठाकर... माँ आपने ठीक नहीं किया....किसका खामियाजा आपको भुगताना होगा....
औरत - हमें पता था तुम गिरगिट की तरह चेंज हो जाओगे इसलिए मार दिया... कमीने ने अपने स्मार्टनेश से सारी प्रॉपटी ट्रस्टी के नाम कर दिया इतने सालो का बनाया प्लेन ये स्पॉल कर दी।

नीता - {नेलपेंट लगाते हूए शातिर मुस्कान से }अभय डार्लिग तुम इस गवार के लिए बेफिजूल वेस्ट मत करो....


अभय - तो इसका मलतब आंशी सही थी तुम सब दोगले हो रिश्तो के आड़ में,

अर्जित - सही पहचाना बड़े भैयाँ, इस साली {आंशी की तरफ इशारा करते हूए } को चांस दिया था मेरे साथ रात गुजराने का, लेकिन ठहरी पतीव्रता स्त्री, नहीं सुनी तो मार दिया तुम्हारे बच्चे को।


अभय -"कितना बढ़ा बेवकूफ था जो सच्चा था उस पर विश्वास नहीं किया और जिसपर नहीं करना उनपर आँखे बंद कर किया{हताशा, गिल्ट, से }" लेकिन फिर भी उसने एक आखिरी सवाल किया, "क्यों किया?."

अर्जित - नफ़रत भरी आवाज में, क्यों नहीं हाँ क्यों नहीं करता?. क्यों की में प्यार करता था लेकिन ये तेरी दीवानी थी। क्या नहीं तुम दोनों को दूर करने के लिए... तेरी लाइफ में नीता को लाया.... तुम दोनों का एमएसएस बनाया.... तुम्हारे हाथो थप्पड़ मरवाया....गलतफहमी पैदा कर दिया, और हुआ भी ऐसा जिसमे मेरा साथ नीता ने दिया। तुम्हे किसने बिजसमैन का तांज दिया बेवकूफ हो, खैर बहुत हुईं बात, नाव टाइम टू गुड बाय।


अभय तुम सब को में नहीं..छोड़ूगा ..... आह


अर्जित ने पेट में नाइफ घुसा कर कुछ नहीं कर पाओगे सोतेले भैयाँ... बचपन से जो मेरा था वो सब तुम लेकिन लेते,. मगर अब नहीं....!

अभय - में तुम सब को नहीं छोड़ूगा, { बेहिसाब गुस्से में }
औरत - रस्सी जल गईं लेकिन बल अभी भी है।

अभय - अभय खुराना अपना बदला लेने आएगा।
नीता - डार्लिंग में तो विधवा हो गईं सोहागन से पहले,
अर्जित - (लस्ट से }हम किस लिए है....
अभय जी लो जिंदगी अभय खुराना को मौत कुछ nhj बिगाड़ सकता है।

औरत- बड़े जिद्दी किस्म के हो तो मौत में दूँगी वो भयानक जिससे तुम्हे आने में आसानी हो....
तुम सब इस पर पेट्रोल डालो...{ गुंडो को ऑडर देते हूए }

गुंडे ने पेट्रोल का केन लाया और अभय के बदन पर छिड़कने लगे

अभय - तो मूर्ति बन चूका था, वो नफ़रत से सब को देख रहा था उसे डर नहीं लग रहा था बल्कि अपनी पत्नी ना विश्वास करने का धोखा मिला है आँखो के सामने उसकी मुस्कराती आंशी ला चेहरा आ जाता है
अपने मन में " I'm sorry aanshi अपनी बेवकूफी की सजा हमें मिल रहा है लेकिन अगर मौका मिल गया ना तो आंशी में आपको इन सब बुरे रिश्तो से दूर लेकिन जाऊगा, स्पेशली मेरा बेबी जो आया नहीं उसे मेहफूज करुँगा

औरत - माचिस लेकर एक काड़ी निकाल कर बाय मेरे सोतेले बेटे अपनी पत्नी को अपना ये फेस दिखना.... मरते टाइम भी में तुम दोनों को एक कर रही हूँ। में कितनी अच्छी माँ हूँ 😊

अभय - माँ के नाम पर कलंक है 'आप अपने मुँह से माँ शब्द मत कहे गंदा लग रहा है। '

औरत ने काड़ी जला कर अभय की तरफ फेक दिया।
अभय के मुँह से चीख नहीं निकला बल्कि डेविल मुस्कान था शरीर में आग लगता गया आंशी की बॉडी को अभय के पास फेक दिया अर्जित ने....

कमीना मरते हूए भी डेविल स्माइल कर रहा है अर्जित {डरते हूए पसीना पोछा }

उस फैक्ट्री में डेथ बॉडी अग्नि में जल कर राख हो गए।

फैक्ट्री से दूर काली माता का भव्य मंदिर था एक साधु महिला.."माँ आपने वो कर दिया जो नहीं होना चाहिए था जूदा कर दिया... लेकिन वो मिलेंगे नई जूनून, बदले, से , वो फिर मिलेंगे फिर रिश्तो में कड़वाहट होगा... लेकिन इस बार सब उसके हाथ में होगा जो चाहेगा वो होगा "... ये कुदरत भी झुकेगा दुश्मनो का काल बनेगा, अपनों रक्षक बनेगा,

जय माँ काली 🙏🏻 और ताली में पड़ा सिंदूर को मुट्ठी में भर उड़ाया जो माँ काली के चरणों में आया.... मंदिर की घंटिया तेजी से बज रहे थे



क्या यही अंत था?. क्या गलती था आंशी और अभय का?. क्या मिलेगा दोनों को एक और मौका?.

यहां इनका सफर अंत नहीं बल्कि शुरुआत था
एक जंग का जिसमे बेपनाह मोहब्बत, नफ़रत, सस्पेश , इंतकाम पढ़ने को मिलेगा।


रिडर ये स्टोरी किसी सजेस्ट पर मैंने लिखा है।
थैंक्यु बताने के लिए....
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