रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 8 Sanju द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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रिबर्थ ऑफ़ डेविल - 8

।स....र य....श की.. को...ई गल...ती न...हीं है।
अपने लड़खड़ाते जुबान से बस इतना ही कह पाई ....
{ क्लास में सन्नाटे को चिरते हूए हिम्मत से इतना ही कही }

अभय - ब्लैक बोर्ड पर क्वेश्चन नोट कर रहा था धड़कने और भी ज्यादा तेज हो गया❤️ ये आवाज सुन...

वो अपने मन ' ये आवाज, आवाज में घबराहट, से बोलने की अदा तो?...' वो बेताबी तलब से मुड़ा एक नजर पुरे क्लास में डाला......

तभी एक जगह ठीक गया.... एकदम लास्ट रो पर लड़की घबराई हुई गर्दन नीचे खड़ी थी

बाल से चेहरा ढका हुआ था खिड़की से आती हवा से चेहरे पर डार्क मेकअप { ब्रॉउन फाउंडेशन se}
अभय - को क्लियर नहीं दिख रहा था {डॉमैनेंटिंग से }
परी - अब तो ये बदसूरत गईं.....{तिरछी स्माइल से }

अभय के कान सुन लिए थे..... तिरछी नजर डाला।.... तो मिस परी.....आपके अकॉडिंग बदसूरत का डेफिनेशन क्या है?.

परी डर के मारे खड़ी हो गईं.... व्हाट सर?.

अभय हाथ को होल्ड करे मिस आप बेहरी है क्या?.

स्टूडेंट्स मुँह छुपाकर हँस रहे थे।

परी - सर हमारे कहने का वो मीन नहीं था....

अभय दूसरे के वजूद पर उंगली उठाने से पहले अपने उपर डाल लो,
And you miss what is your name?.

आंशी गर्दन नीचे किए हूए..... सर... वो.....!

अभय क्या तुम हकलाती हो क्या?.

आंशी के आँखो से आंसू झलक गए..... बेचारी घबराहट सबसे बड़ी वीकनेस था जिससे सब जज करते है.....
सभी स्टूडेंट्स को बुरा लग रहा था....

रणवीर - सर आप होते कौन है?. की जज करे?. वो घबराती है, वो ब्रिलियंट स्टूडेंट है...{ पता नहीं क्यों उसे बुरा लगा, लेकिन आंशी के साथ उसका बहुत ही काम का मतलब था जैसे नोट्स बनवाना, प्रोजेक्ट बनवाना )

( इस स्वार्थी भरी दुनिया में सब अपने बारे में ही सोचते हैं कोई किसी के फिलिंग्स के बारे में नहीं सोचता तो रणवीर कैसे करता?.)

अभय - तुमसे पूछा?. और बहुत जल्द पता चलेगा हम है कौन?. फिलहाल तो प्रोफेसर ही समझो,

आंशी सर हम हकलाते नहीं है , हमारा नाम है आंशी....
अभय - शरनेम...?.

आरुषि सर आपको नाम पता चल गया ना, {हल्का गुस्सा में...}

अभय - अपने दिल में दर्द सा फील होने लगा.... आंशी को देख.... उसकी तरफ कदम करते हूए...
आंशी डर कर रोने लगी.....

आरुशी - आंशी को सहानुभूतिपूर्ण से साइड se गले लगाकर सर प्लीज मत डराए... ये मासूम है.... इसकी गलती की वजह से हम आपसे सॉरी कह रहे है।


अभय एक टक आंशी के साइड को देखे जा रहा था
बेग्राउंड में गाना बज रहा था.....

आज दिन चढ़ेया, तेरे रंग वरगा...
आज दिन चढ़ेया
तेरे रंग वरगा,

अभय के आँखो में मुहब्बत का खुमार अलग था जो आंशी के पास से फील होता है{ पास्ट हूए बात याद आया }फ्लेसबैक.....
अभय प्लीज ये फुल एक्पेक्ट कर लीजिये हमने प्यार से लाया है!.
अभय - लिया...
आंशी खुशी से गले लगने वाला था की... आँखो से आँशु बहने लगे... ये क्या किया?.
अभय - कुछ नया तो नहीं है डस्टबिन में तो जाना होता है।

आंशी - आप ने हमारे जज्बातों को नहीं समझा?. भगवान ना करे जिस दिन आपको प्यार का एहसास हो, तो बहुत देर ना जाए...
अभय - अब तुम हमें सिखाऊगी प्यार क्या है?.

आंशी - नहीं पता है तभी तो फिलिंग का मजाक बनाया है.... जिस तरह हम तड़प रहे है उसी तरह आप भी होंगे.... भगवान ने आज टक कुछ नहीं सुना हमारा लेकिन हम आज प्रार्थना करेगे!


अभय - अपनी ये बकवास बंद करो... जब से तुम आई हो तबसे जेल जैसा लगता है ये शादी बस नाम का है..!में नीता से प्यार करता हूँ लेकिन तुमने अपनी घटिया करतूत से हमसे शादी किया है....


आंशी - हमने चाहा है यू हमारे प्यार को घटिया ना कहे.... भगवान जानता है हमारा प्यार पवित्र है एक एहसास है, जो दिमाग से नहीं दिल से होता है और इसमें अनेक भावनाओं व अलग अलग विचारो का समावेश होता है।

अभय - प्यार शब्द तुम पर जजता नहीं है।तुम क्या जानती हो?.

आंशी आजमा कर देख लीजिये, " मर जाएगे लेकिन वापस आएगे।"( जोर देते हूए )

सच्चा प्रेम है जिसमें हमने केवल यह चाहत की है कि आप हमेशा खुश रहे।
अभय - लेकिन किया {झलाकर }?.
आंशी - आप कह कर देखे....{सरकास्टिक मुस्कान आ गए }

अभय तो कहते है चली जाओ, हमें झूटकारा देकर, ताकि घुटन भरी जिंदगी से रिहा हो सके, जो हमें तुम्हारे साथ लगता है।

आंशी चले जाएगे आप तपड़ जाएगे, और आपके, अपनों से बचाने के बाद,

अभय जब जा नहीं सकती तो खोखले बाते करती क्यों हो?.

आंशी ताकि अपने लिए आपके आँखो में नफ़रत जान पाए, ।

फोन की रिंग रिंग होता है.... अभय ख्याल से बाहर आया.....

आरुषि - Sir, try to understand, she is scared.
अभय - {उसे इतना डरता देखकर इमोसन को कण्ट्रोल किया } ब्लैकबोर्ड के साइड आया

ओके स्टूडेंट्स.... अब आपके पास 15 मिनट है।

अगर 15 मिनट में यह क्वेश्चन सॉल्व होना चाहिए हम भी तो देखें आप सब कितना पढ़ाई कर रहे हैं।
ब्लेकबोर्ड पर क्वेश्चन नोट किया....
आंशी सर झुकाए तिरछी निगाह से देखी जा रही थी आँखे लाल थी।

यश भी बैठा नोट कर रहे थे नोटबुक में.....
अपने कलाई के वॉच को देख....टाइमर स्टार्ट है ओनली 15मिनट..... ये कहकर साइड जाकर खड़ा होकर सब पर नजर दौड़ाता है।
लेकिन बार बार आँशी पर थम जा रहा था अजीब सा कशीश था....

स्टूडेंट्स की तो हवा टाइट हो गए थे, बेचारी आंशी के पेन नोटबुक पर भाग रहे थे, साथ ही टाइम देखे जा रही थी,
आरुषि क्वेश्चन को देखती और सोचती फिर नोट कर रही थी।

अभय - टाइम ऑफ स्टॉप राइटिंग....

परी आसपास देखती है वो अपने पेपर में नाम के आलावा कुछ नहीं लिखी थी आखिर एवरेज जो है स्टडी में.....

अभय- एक स्टूडेंट से कहकर सब के पेपर मंगावा लिया।

रणवीर सब स्टूडेंट के पेपर लेता है और अभय के टेबल पर रख देता है।

अभय अब पढ़ाने लगता है।

आरुषि का बिलकुल मन नहीं था फिर भी फोकस करी हुईं थी उसका मोड़ तो पहले ही स्पोइल हो गया था

आंशी - लेक्चर अटेंड कर रही थी। साथ नोट्स बना रही थी determination से , लटे उड़ कर फेस वपर आए जा रहे थे।
टेस्ट से स्टूडेंट्स का दिमाक खराब हो गया था।

बैल बजा तो सब राहत की सांस लेते है।

अभय{ बुक उठाकर }मिस आंशी कम टू माय केबिन.......! चला गया।

आंशी की सांसे थम गईं बेचैनी से उंगलियों को रगड़ने लगी।

आरुषि - जाओ, अगर कुछ करे तो हमें बताना
रणवीर हाँ आंशी तुम घबराओ नहीं हम सब साथ है

परी लगता है मिस बदसूरत को पनिस करने वाले है सर।

आरुषि - अपनज कड़वी जुबान बंद कर नहीं तो सुई से सी देंगे,{ घुराते हूए }

तोड़ी देर बाद....
आंशी घबराती हुईं नॉक करी.....