ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 13 astha singhal द्वारा क्राइम कहानी में हिंदी पीडीएफ

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ए पर्फेक्ट मर्डर - भाग 13

भाग 13

“बैठिए सर, बैठिए मैम।” विपुल ने कैबिन में ले‌ जाकर दोनों को बैठाया।

“मिस्टर विपुल, आप नीलम को कैसे जानते हैं?” विक्रम ने पूछा।

“क्या बात है सर? हुआ क्या है?” विपुल ने घबराते हुए पूछा।

“बहुत जल्द पता चल जाएगा। आप पहले मेरे सवालों के सही से जवाब दें।” विक्रम अपने कड़क अंदाज़ में बोला।

“सर, नीलम मेरी साली की सहेली हैं। उसने मुझसे रिक्वेस्ट की थी कि मैं नीलम की हेल्प कर दूँ। तो इसलिए मैंने उन्हें यहाँ टपरवेयर का काम करने की इजाजत दे दी।” विपुल ने बताया।

“और इसके बदले तुम नीलम से कमीशन लेते होगे? है ना?” कविता ने पूछा।

“नहीं सर, बिल्कुल नहीं। मैं उनसे कमीशन कैसे ले सकता हूँ? ये काम एक तरह से लीगल नहीं है। वो तो साली के कहने पर मैंने उनकी हेल्प की।”

“बढ़िया है! कमीशन नहीं ले सकते थे तो दूसरा रास्ता अपनाया।” कविता बोली।

“दूसरा रास्ता…कौन…सा…रास्ता?” विपुल हैरान होते हुए बोला।

“ऐसा है ना मिस्टर विपुल, जब एक आदमी एक कमज़ोर, असहाय औरत पर एहसान करता है तो बदले में उससे कुछ तो चाहता ही है। और नीलम तो एक बहुत ही खूबसूरत महिला हैं, तो…आप समझ जाइए कि हम क्या कहना चाहते हैं।” विक्रम ने अपनी कुर्सी से उठ विपुल की तरफ जाते हुए कहा।

“सर, आप ग़लत समझ रहे हैं। मैंने…मतलब मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं रहा सर।”

“झूठ बोल रहे हो तुम। तुमने नीलम के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की। जिसके बदले में नीलम ने तुम्हें एक ज़ोरदार थप्पड़ भी लगाया था। हुआ था ये सब कि नहीं?” विक्रम ने विपुल पर चिल्लाते हुए कहा।

“ये…ये क्या बात कर रहें हैं आप सर! ऐसा कुछ नहीं किया था मैंने। हाँ, नीलम ने हंगामा कर दिया था रेस्टोरेंट में, मुझे थप्पड़ मार कर ज़लील भी किया था, पर…जो उसने सबके सामने दिखाया, वो सब झूठ था सर। सच्चाई तो कुछ और ही थी।” विपुल ने डरते हुए कहा।

“ओह! तो तुम्हारे हिसाब से सच्चाई कुछ और थी! अच्छा, क्या सच्चाई थी? ज़रा हम भी तो सुनें।” कविता ने पूछा।

“सर, जब से नीलम यहाँ टपरवेयर का बिजनेस करने आई थी तब से ही वो मुझपर डोरे डाल रही थी। हर छोटी-बड़ी बात के लिए मेरे केबिन में घुस आती थी। मुझसे कुछ ना कुछ बात के लिए फेवर माँगती रहती थी। उस दिन भी वो मेरे केबिन में आई थी, ऐसा ही एक फेवर माँगने।”

15 जून 2023
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“हैलो विपुल सर। आपसे एक रिक्वेस्ट करनी थी। अंदर आ सकती हूँ?” नीलम ने पूछा।

“नीलम आप जो कहना चाहती हैं ज़रा जल्दी कहें, मुझे बहुत काम हैं।” विपुल ने कहा।

“अरे! सर क्या हर समय काम करते रहते हैं। ज़िन्दगी के मज़े लीजिए।” नीलम बेबाकी से उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठते हुए बोली।

“कम टू दी प्वाइंट नीलम।”

“विपुल सर, जो किटी पार्टी की लेडीज़ आती हैं, क्या मुझे उन सबके एड्रेस मिल सकते हैं। प्लीज़ सर।”

“कैसी बातें कर रहीं हैं आप नीलम? मैं क्लाइंट पॉलिसी के अगेंस्ट नहीं जा सकता।”

“आप क्या नहीं कर सकते विपुल सर! आप ही तो होटल चलाते हैं। प्लीज़, मेरे लिए।”

“देखिए नीलम, वैसे भी रेस्टोरेंट को आपसे कोई फायदा नहीं होता। वो तो मुझे साली साहिबा के कहने पर आपको यहाँ टपरवेयर का स्टॉल लगाने की इजाजत देनी पड़ी। वरना, आप भी जानती हैं कि ये रूल्स के खिलाफ है।”

“तो हम आपका भी फायदा करा देते हैं सर!” नीलम उठ कर विपुल के पास आकर बोली।

“मतलब? मैं समझा नहीं?” विपुल हैरान हो बोला।

नीलम विपुल के और करीब आकर, उसके ऊपर हल्का सा झुकते हुए नशीली आवाज़ में बोली,
“इतने भी बेवकूफ नहीं हैं आप विपुल, कि ये ना समझ पाएं कि हम किस फायदे की बात कर रहे हैं।”

विपुल अपनी कुर्सी से उठा और बोला, “नीलम, आप ग़लत मतलब निकाल रहीं हैं। प्लीज़ आप मेरे केबिन से निकलिए। मुझे आपमें कोई इंटरेस्ट नहीं है।”

“मुझ जैसी खुबसूरत औरत में आपको इंटरेस्ट नहीं है! कमाल है! एक हमारे पति हैं जो हमारी खूबसूरती को दुनिया जहां से बचाने की कोशिश करते रहते हैं और एक आप हैं जिसे हमारी खूबसूरती में इंटरेस्ट नहीं है।” नीलम विपुल के बहुत करीब आकर बोली।

“बस बहुत हो गया नीलम, आप बाहर जाएं। आप इस किस्म की औरत निकलेंगी, इसकी उम्मीद नहीं थी मुझे।” विपुल ने ऊँची आवाज़ में कहा।

नीलम को अचानक गुस्सा आ गया। वो अपना आपा खो बैठी। उसने चिल्लाते हुए कहा, “तू मुझे क्या बाहर निकालेगा, अब देख तमाशा। तूने मुझे ठुकराया है ना? रुक तुझे बताती हूँ।”

“ऐसी कोई हरकत मत करना नीलम, वरना मुझे पुलिस बुलानी पड़ेगी और उस चक्कर में तुम्हारे पति को तुम्हारे टपरवेयर के धंधे के बारे में पता चल जाएगा।” विपुल ने उसे रोकते हुए कहा।

नीलम उसकी ये बात सुन चुप हो गई। पर उसने कमरे से बाहर जाने से पहले विपुल के गाल पर तमाचा मारा और निकल गई।

विपुल ये सारी बातें इंस्पेक्टर राठोर को बताते हुए उस दिन के अतीत से बाहर आया।

“इंस्पेक्टर राठोर, सच ये है। लोगों को लगा कि मैंने नीलम से कोई बदतमीजी की थी। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ था।”

“नीलम अपनी सफाई देने के लिए यहाँ नहीं है मिस्टर विपुल। इसलिए आप उसके खिलाफ कुछ भी बोल रहे हैं।” कविता बोली।

“नहीं मैम, ऐसा नहीं है। आप ही बताइए कि मुझे कैसे पता चला कि नीलम के हसबैंड उसपर शक करते हैं, उनको टपरवेयर के बिजनेस के बारे में कुछ नहीं पता। ये सब समय-समय पर नीलम ने ही मुझे बताया था। जब वो मेरे…करीब आने की कोशिश कर रही थी।”

फिर विपुल ने उन्हें अपने फोन पर कुछ तस्वीरें दिखाईं, “ये देखिए सर, कुछ लेडीज़ ग्रुप जब यहां आते हैं तो फोटो भी खींचते हैं। देखिए इन तस्वीरों को। नीलम हर तस्वीर में मेरे साथ ही खड़ी होती थी। ये देखिए, इस तस्वीर में तो उसने अपना सिर मेरे कंधे पर रख रखा है, इस तस्वीर में मेरी बांहें थाम कर फोटो खिंचवाई है। मैडम, कौन शादीशुदा औरत ऐसा करेगी?”

तस्वीरें देख विक्रम और कविता दंग रह गए। वह विपुल को चेतावनी देकर वहाँ से निकल‌ गये कि वो शहर छोड़कर कहीं नहीं जा सकता। साथ ही उन्होंने उसकी साली का नम्बर भी ले लिया।

“विक्रम, ये नीलम का केस तो एक पहेली बनता जा रहा है। क्या सच है, क्या झूठ है, कुछ समझ नहीं आ रहा।” कविता बोली।

“हाँ, पर अभी तक एक भी सुराग नहीं मिला। चलो कोशिश जारी रखते हैं।”


क्रमशः
आस्था सिंघल