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अगला पल
अगली सुबह श्याम उठा तो बहुत ख़ुश नज़र आ रहा हैI अम्मा ने उसके चेहरे पर रौनक देखी तो उसे नाश्ता करते हुए टोका, “क्या बात है, श्याम बाबू!!! बड़ा खुश लग रहा हैI” “बाबू न लगाती तो और खुश हो जाताI’ अब उसने दलिए को मुँह में डालते हुए कहाI “महक वाली लड़की दिखाओ!!!” अब उसकी त्योरियाँ चढ़ गईI “कर दी न मूड़ खराब करने वाली बात, मैंने कहा था न अपने आप कोई देख लूँगाI “अब वह अपना बैग उठाकर चलता बनाI
रास्ते में उसने गायत्री को लिफ्ट दी तो वह भी उसके चेहरे को देखकर बोली, “आज तो स्टूडेंट वाला ग्लो आ रहा हैI” वह हँसाI “इंसान जब अंदर से खुश होता है तो ऐसे ही होता हैI” अच्छा !!! “कोई मिल गईI “ वह मुस्कुरायाI “वैसे कल के लिए थैंक्स !!!” उसने उसे सवालियाँ नज़रों से देखा तो वह बोला, “तुमने विकास से मिलवाया, विकास ने नकुल से और फिर उस नकुल ने तान्या को मेरा नंबर दियाI
“अच्छा!! यह रौनक तान्या की वजह से हैI” “ ऐसा कुछ नहीं है, उसे हिस्ट्री में दिक्कत थी तो मैंने बता दियाI” अब उसने गाने चला दिए और गायत्री भी खिड़की के बाहर देखने लगीI “वैसे तुम उस दिन गाड़ी में मुझसे ऐसे क्यों बात कर रही थी, जैसे मुझसे कोई गलती हो गयी हो?” “कही का गुस्सा कही पर निकाल रहीं थींI” उसने सफाई दींI
कुछ ही देर में वे दोनों अपने कॉलेज के बाहर पहुँच गएI श्याम ने उसके कॉलेज के एक प्रोफेसर को गायत्री को घूरते देखा तो उससे पूछा, “गायत्री यह कौन है? “”कोई नहीं !!!” उसने उसके सवाल को टाल दिया I “कोई प्रॉब्लम है तो बताओ, मैं इसे ठीक कर दूँगाI” “कोई प्रॉब्लम नहीं है, यह राजीव माथुर है, कुछ दिन पहले ही ज्वाइन किया हैI थोड़े चिपको टाइप हैI “ “शादीशुदा है?” “नहीं, तलाकशुदाI” “ओह!! इसे अपनी शादी में बुलाना मत भूलनाI” अब वह हँसी और ऐसे ही हँसते हुए कॉलेज के अंदर चली गई I
डिपार्टमेंट में घुसते ही राजेंद्र झा उसे देखते बोले, “श्याम बाबू आज तो बाबू लग रहें होI “ “क्या सर आप भी !!!” “अरे !!! तुम्हें देखकर तो मुझे अपने पुराने दिन याद आ गएI कॉलेज की स्टूडेंट भी मेरी दीवानी हुआ करती थी, “ “सर वो तो आज भी हैI”
उसने मुँह बनाया, “पहले मेरी दीवानी थीं, अब मेरी टीचिंग की दीवानी हैI” सर, आपकी तो लव मैरिज हुई है न ?” कुसुम ने पूछा, “कुसुम मैडम जले पर नमक छिड़क रही होI सपने देखे मंदाकनी के और मिल गई चंडालिका I” अब सब ज़ोर से हँसेI अफवाह तो यही है कि आपकी लव मैरिज हैI राजेश जी ने गहरी साँस छोड़ीI
एक लड़की को मैं बहुत पसंद करता था, वो भी करती थींI “ “फिर क्या हुआ?” श्याम ने पूछाI फिर एक विलेन आ गया, पता नहीं कहाँ से उसके बाप ने एक लंदन का लड़का उसके लिए ढूंढ लिया, उसे विदेश के ऐसे सपने दिखाए कि उसने देसी कबूतर छोड़कर विदेशी परिंदे के साथ उड़ारी मार ली और फिर जो बापू ने लड़की दिखाई उसी से मैंने शादी कर लीI “ उन्होंने ऐसे अंदाज़ में कहा कि सब हँसने लगेI अब श्याम क्लॉस लेने चला गयाI
राजीव माथुर ने गायत्री से स्टॉफरूम में पूछा, “वो कौन था?” “ कौन वो??” “जिसके साथ गाड़ी में आई थींI” ओह!!वो थे श्यामबाबू गुप्ता हिस्ट्री के प्रोफ़ेसर है, साथ वाले कॉलेज में I “तुम्हारी उम्र का लग रहा था??” “हाँ बचपन के दोस्त हैI” “आज डिनर मेरे साथ करो??” “राजीव जी मैं अपने मंगतेर के साथ डिनर पर जा रही हूँI” वह जवाब देते हुए क्लॉस में चली गईI कॉलेज से निकलते ही उसे सुजाता का कॉल आया,
गायत्री !! शिप्रा मॉल आजा I
पर क्यों ??
यहाँ विकास एक लड़की के साथ है और दोनों को देखकर लग रहा है कि वह दोस्त से ज़्यादा हैI वह हैरान हो गईI
अब श्याम को तान्या ने पूछा, “ फिल्म नहीं देखी तो साथ में देखें??” इससे पहले वो कोई जवाब देता, उसे बबलू का कॉल आया, “ श्याम मैं लुट गया, बर्बाद हो गया I भाई !! मेरे पास जल्दी आ जाI “ऐसे लग रहा है कि अगले ही पल हर किसी की ज़िन्दगी में खलबली मचने वाली हैI