शोहरत का घमंड - 80 shama parveen द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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शोहरत का घमंड - 80

आलिया को समझ में नही आ रहा होता है कि ये सब क्या हो रहा है, वो बस चुप चाप खड़ी रहती हैं।

तब ऋतु बोलती है, "क्या हुआ इतनी चुप क्यों खड़ी हो, लो गुलाब"।

तब आलिया बोलती है, "ये सब क्या है ..........

तब अबीर बोलता है, "मै तुम से प्यार करता हूं आलिया और तुम से शादी करना चाहता हूं "।

तब आलिया बोलती है, "ये किस तरह की बाते कर रहे हो अबीर, और ये कैसी गुंडा गर्दी है की किसी को घर में बुला कर इस तरह जबरदस्ती उससे प्यार का इजहार करो और, तुम्हे किसने बोला की मै तुम से प्यार करती हूं "।

तब ऋतु बोलती है, "तुम ये किस तरह की बाते कर रही हो आलिया "।

तब आलिया बोलती है, "तुम ये मुझे बोल रही हो, ये सवाल तो तुम्हे अपने भाई से करना चाहिए "।

तब ऋतु बोलती है, "मेरे भाई ने ऐसा क्या गलत कर दिया है जो तुम इस तरह की बाते कर रही हो, वो तो तुम से प्यार करता है "।

तब आलिया बोलती है, "मगर मैं तो किसी से कोई प्यार नही करती हूं"।

तब अबीर बोलता है, "आलिया तुम इतना गुस्सा क्यों कर रही हो, तुम क्या किसी और को पसंद करती हो"।

तब आलिया बोलती है, "अरे वाह ये सही है, कोई किसी का परपोजल ठुकरा दे तो, उसका मतलब है कि उसे कोई और पसन्द है, मैं भी एक इंसान हू और मेरे अंदर भी फीलिंग्स हैं, और मै जबरदस्ती किसी से प्यार और शादी नही कर सकती हूं, और अगर मुझे पहले पता होता कि तुम मेरे साथ ऐसा करोगे तो मै कभी भी नही आती"।

ये बोलते ही आलिया नीचे उतर जाती है, और मीनू और ईशा को चलने के लिए बोलती है। तब ईशा बोलती है, "दी इतनी जल्दी, अभी तो हम आए हैं"।

तब आलिया बोलती है, "जितना बोला है उतना ही करो, चुप चाप चलो"।

तब ऋतु बोलती है, "आलिया तुम ये क्या कर रही हो, आराम से चली जाना, खाना तो खा लो पहले"।

तब आलिया बोलती है, "मुझे नही खाना , मै जा रही हूं घर"।

मीनू ईशा से बोलती है, "दी बहुत ही गुस्से में लग रही है, चलो अभी वरना ऐसा ना हो की दी हमे यही पर मारने पीटने लगे।

उसके बाद वो दोनो वहा से आलिया के साथ निकल जाते है।

ऋतु के मम्मी और पापा ऋतु से बोलते हैं, "क्या हुआ आलिया इतने गुस्से में क्यो है "।

तब ऋतु बोलती है, "कुछ नहीं बस यू ही...........


आलिया मीनू और ईशा को रास्ते में समझा रही होती है, "देखो घर जा कर मम्मी और पापा को कुछ भी बताने की ज़रूरत नही है की हम जल्दी क्यों आए हैं बस बोल देना की दी के सर में दर्द हो रहा था"।

तब मीनू बोलती है, "ओके दी"।

उधर आर्यन अपने कमरे मे बैठा रहता है। तभी उसकी मॉम उसके कमरे मे आती हैं। आर्यन उन्हे देख कर बोलता है, "आप क्या करने आई है मेरे कमरे में"।

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "तुम ये मुझ से किस तरह से बात कर रहे हो"।

तब आर्यन बोलता है, "अब इतना सब कुछ होने के बाद आप मुझ से और क्या उम्मीद कर रही है "।

तब आर्यन की मॉम बोलती है, "तुम्हारी इन्ही हरकतों की वजह से तुम्हारे डैड तुम से गुस्से में रहते हैं "।

तब आर्यन बोलता है, "मैं सच बताऊं तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं आप लोगो की सगी औलाद हू ही नही, क्योंकि अपनी सगी औलाद के साथ कोई भी ऐसे नही करता है, जैसा की आप दोनों मेरे साथ कर रहे हैं, और मै बोल रहा हूं की अगर मै एक बार यहां से चला गया तो ज़िंदगी भर आप दोनों का अपनी शक्ल नही दिखाऊंगा..............