शोहरत का घमंड - 70 shama parveen द्वारा फिक्शन कहानी में हिंदी पीडीएफ

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शोहरत का घमंड - 70

अरुण की बात सुन कर आलिया के पापा चोक जाते है और बोलते हैं, "आप ये क्या बोल रहे हो, हमारे लिए घर देखा है छोटे साहब ने"।

तब अरुण बोलता है, "जी अंकल, अब आप प्लीज मना मत करना, क्योंकि आर्यन को बहुत ही बुरा लगेगा, और वैसे भी वो आप पर कोई अहसान नहीं कर रहा है, क्योंकि आपने भी उसकी कम्पनी को इतने साल दिए, और अब आपकी बेटी भी वहा पर इतने अच्छे से काम कर रही है, तो ये तो आर्यन का फर्ज है कि उसे भी आप लोगो की हेल्प करनी चाहिए "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "मगर मैं बिना आलिया से पूछे हुए कैसे कुछ बोल सकता हूं "।

तब अरुण बोलता है, "अंकल घर में बड़े आप है वो नही, और वैसे भी सोचिए की आप आलिया को सर्प्राइज देंगे तो उसे भी कितना अच्छा लगेगा "।

तभी आलिया की मम्मी चाय नाश्ता बना कर ले आती हैं। तब आलिया के पापा आलिया की मम्मी को सारी बाते बता देते हैं।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "एक तो हम पहले ही उनके अहसानो तले दबे हुए हैं, और अब इतना बड़ा अहसान, नही नही, किसी की इतनी अच्छाई का भी फायदा नही उठाना चाहिए "।

तब अरुण बोलता है, "आंटी आर्यन आप पर कोई अहसान नही कर रहा है, और आप खुद सोचिए की आलिया की सैलरी से ही आपको घर का किराया देना होता है और दोनो बेटी की पढ़ाई खर्चा और घर का खर्च और अंकल की दवाई, और अगर इनमे से एक खर्च कम हो जाएगा तो आपको भी कितनी आसानी होगी "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "मैं आलिया से बिना पूछे कुछ भी नही बोल सकती हूं "।

तब अरुण बोलता है, "इतना डरते क्यों है आप दोनो आलिया से "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "बेटा बात डरने की नही है, आलिया को किसी की हेल्प लेना अच्छा नही लगता है"।

तब अरुण बोलता है, "लगता है आप लोग मेरी बात नही मानेंगे, अब लगता है कि मुझे कॉल करके खुद ही आर्यन को बुलाना होगा और वो ही आपको समझाएगा"।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "नही नही बेटा, आप छोटे साहब को क्यो परेशान कर रहे हो"।

तब अरुण बोलता है, "जब आप मेरी बात नही मानेंगे तो मुझे तो ये ही करना पड़ेगा ना"।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "नही नही बेटा आप उन्हें क्यो परेशान कर रहे हो, वैसे भी उनकी मीटिंग है आज"।

तब अरुण बोलता है, "कोई बात नहीं वो मीटिंग छोड़ कर आ जाएगा"।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "बेटा ये कैसी बात कर रहे हो, अब उन्हे क्यो परेशान करोगे "।

तब अरुण बोलता है, "तो फिर आप मेरी बात मान लीजिए तो फिर मै आर्यन को कॉल नही करूंगा "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "बेटा एक दिन का टाइम तो दे दो, कुछ सोचने का "।

तब अरुण बोलता है, "नही नही अब कोई टाइम नही मिलेगा आपको, बस अब आप मेरे साथ चलिए घर देखने "।

तब आलिया की मम्मी बोलती है, "अभी "।

तब अरुण बोलता है, "जी अभी.........


दोपहर होती हैं.........

मीनू और ईशा स्कूल से आते है और देखते हैं कि उनकी मम्मी घर में नही होती है। तब ईशा अपने पापा से बोलती है, "पापा मम्मी कहा है ??????

तब उसके पापा बोलते हैं, "मम्मी घर देखने गई है "।

ये सुनते ही दोनो चोक जाते है और बोलते है, "घर देखने गई है, मैं कुछ समझी नही "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "जब मम्मी आ जायेंगी तो खुद ही पूछ लेना, चलो अब नहा धोकर खाना खा लो "।

तब मीनू बोलती है, "आपने खाना खाया पापा "।

तब आलिया के पापा बोलते हैं, "नही बेटा अभी नही खाया "।

उसके बाद मीनू सबके लिए खाना निकालती हैं।

तब बुआ जी बोलती है, "क्या बात है तुम्हारी बीवी घर क्यो देखने गई है, ये घर तो अच्छा खासा है और मकान मालिक भी अच्छे हैं..................