द सिक्स्थ सेंस... - 3 रितेश एम. भटनागर... शब्दकार द्वारा थ्रिलर में हिंदी पीडीएफ

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द सिक्स्थ सेंस... - 3

धीरे धीरे करके दिन गुजर रहे थे, राजवीर पर हुये हमले से जुड़े केस में पुलिस की जांच भी चल रही थी और अस्पताल में राजवीर का इलाज भी चल रहा था लेकिन ना तो पुलिस की जांच में कोई खुलासा हो रहा था और ना ही राजवीर को होश आ रहा था ऐसे में उसके होश में आने का इंतजार करना पुलिस की भी मजबूरी बन गयी थी |

समय गुजर रहा था और धीरे धीरे करके चार महीने से जादा हो गये थे राजवीर को कोमा में गये हुये, इतने दिनों के बाद भी राजवीर का शरीर जैसे हिलने को तैयार ही नहीं था |

अपने एकलौते बेटे की इस हालत ने राकेश और प्रीती को भी अंदर तक तोड़ के रख दिया था, जब से राजवीर के साथ ये हादसा हुआ था तब से वो दोनों भी कहीं किसी पार्टी या नाइट आउट पर नहीं गये थे!!

इतने दिनों के बाद भी राजवीर के होश में ना आने से दुखी राकेश और प्रीती दोनों आज हॉस्पिटल में ही थे, वैसे तो राजवीर आईसीयू में एडमिट था लेकिन उसकी हालत अब स्थिर थी इसलिये बहुत रिक्वेस्ट करने पर डॉक्टरों ने 'वन पर्सन एट अ टाइम' के कमिटमेंट पर उसके पास रुकने के लिये राकेश या प्रीती में से किसी एक को अलाउ कर दिया था, थोड़ी देर राजवीर के पास बैठने के बाद राकेश आईसीयू के बाहर चले गये थे वहीं दूसरी तरफ़ उनके बाहर जाने के बाद प्रीती अंदर राजवीर के पास जाकर बैठ गयी थीं|

रात के करीब दो बज गये थे लेकिन राकेश और प्रीती दोनों की आंखों में बिल्कुल भी नींद नही थी, थी तो बस राजवीर की फिक्र.. कि तभी अचानक से प्रीती आईसीयू का गेट झटके के साथ खोलकर बाहर आयीं, वो हांफ रही थीं उन्हें ऐसे घबराये हुये और हांफते हुये देख राकेश के पैरों तले जमीन खिसक गयी ये सोचते हुये कि "राजवीर के साथ कहीं कुछ गलत तो नहीं हो गया!!" लेकिन इससे पहले कि वो कुछ कह पाते... हांफते हुये प्रीती ने कहा- राकेश, र.. राकेश व.. वो राजवीर!!

प्रीती के मुंह से इस तरह से राजवीर का नाम सुनकर राकेश हड़बड़ा गये और उनकी दोनों बाहें पकड़कर झकझोरते हुये वो बोले- क्या हुआ प्रीती तुम इतना घबराई हुयी क्यों हो और राजवीर... क्या हुआ राजवीर को!!

प्रीती हांफते हुये बोलीं- वो र.. राजवीर ने अभी होंठ हिलाये, ऐसा लग रहा था जैसे वो कुछ कहना चाहता हो लेकिन कह ना पा रहा हो|

प्रीती की बात सुनकर राकेश के मन में भी राजवीर को लेकर एक उम्मीद जागी और वो बोले- प्रीती त.. तुम रुको मैं डॉक्टर को बुलाकर लाता हूं|

इसके बाद राकेश हॉस्पिटल के नाइट ड्यूटी डॉक्टर को बुलाने के लिये चले गये, थोड़ी देर बाद जब वो डॉक्टर को बुलाकर लाये और उन्हें सारी बात बतायी तो वो भी खुश होते हुये बोले- ये बहुत पॉजिटिव साइन है मिस्टर सिंघानिया, मुझे पूरी उम्मीद है कि अब आप अपने बेटे को जल्द ही घर वापस ले जा पायेंगे|

राकेश से अपनी बात कहने के बाद ड्यूटी डॉक्टर ने प्रीती से पूछा - मैडम आपने जब राजवीर को होंठ हिलाते देखा था तो क्या आपको हल्का सा भी कुछ समझ आया था कि वो क्या कहना चाहता है?

प्रीती ने कहा- डॉक्टर साहब पूरे चार महीने बाद मेरे बेटे की बॉडी में कुछ हलचल हुयी थी, उसे होंठ हिलाते देख मैं इतनी इमोशनल हो गयी कि मैं समझ ही नहीं पायी कि वो क्या कह रहा है..!!

इसके बाद वो ड्यूटी डॉक्टर आईसीयू में अंदर चले गये ताकि राजवीर का चेकअप करके ये पता लगा सके कि कहीं कोमा से बाहर आने की कोशिश में उसकी हार्टबीट या बीपी तो नहीं बढ़ गया है, डॉक्टर राजवीर का चेकअप कर ही रहे थे कि तभी फिर से उसके होंठों में कुछ हलचल हुयी, उस हलचल को देखकर डॉक्टर राजवीर की हथेली रगड़ते हुये बोले- हां राजवीर कोशिश करो, थोड़ी सी और हिम्मत करो |

राजवीर लगातार अपने होंठ हिला रहा था कि तभी शांत पड़े आईसीयू में उसके मुंह से फुसफुसाती हुयी सी आवाज आयी, जादा कुछ तो साफ नहीं सुनाई दे रहा था लेकिन वो जब कुछ बोलता था तब लास्ट में बस "ईईई..!!" की व्हिस्पर करती आवाज ही समझ में आ रही थी बाकि उससे पहले के अक्षर उसके मुंह में ही दबे रह जाते थे ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी का नाम पुकारने की कोशिश कर रहा था |

क्रमशः