लिविंग विथ डाइंग - 6 Makvana Bhavek द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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लिविंग विथ डाइंग - 6

ऋत्विक और ऋत्वि अपने दूसरे क्लासमेट्स के साथ क्लास की सफाई कर रहे थे। ऋत्वि ब्लेक बोर्ड साफ कर रही थी तभी उसकी एक फ्रेंड उसके पास आते हुए कहती है "हेय ऋत्वि आज हम केरयोके के लिए जा रहे है! क्या तुम्हे आना है?"

 

ऋत्वि उसे ब्लेक बोर्ड साफ करते हुए हि हा कर देती है तो उसकी फ्रेंड उसे स्कूल के बाद मिलने की कह वहा से चली जाती है।

 

ऋत्विक क्लास कि खिड़कीया साफ कर रहा था और कल ऋत्वि ने कही बात कि "तुम्हे दूसरे लोगो के साथ भी मिलना चाहिए" याद करता थोड़ी-थोडी देर में ऋत्वि को देखता रहता।

 

इसान ऋत्विक के पास आते हुए पूछता है '"गम चाहिए?" लेकिन ऋत्विक उसे इस बार भी मना कर देता है। इसान मायूस हो स्विगंम वापस अपनी जेब में रख देता है।

 

इसान फिर ऋत्विक से पूछता है "क्या वाकई तुम और ऋत्वि डेट नहीं कर रहे!"

 

ऋत्विक बिना उसकी और देखु कहता है "ऐसा कुछ नही है! हम सिर्फ दोस्त है!"

 

यह सुन इसान मुस्कुराते हुए कहता है "कुछ दिनो से तुम दोनो काफि करीब आ गये हो! लगता है कुछ तो हुआ है!"

 

यह सुन ऋत्विक खिड़की साफ करते हुए रुक जाता है और कुछ सोचने लगता है।

 

यह देख इसान हडबडाते हुए कहता है "रुको... रुको एसा बिलकुल मत सोचना कि मैं ऋत्वि को पसंद करता हूं क्योकि एसा कुछ नही है! और मुझे तो संस्कारी लडकीया पसंद है।"

 

इसान ने इतना कहा हि था कि उसे पिछे से किसी कि माल पडती है। इसान पिछे मुडकर देखता है तो पाता है कोयल उन दोनो को गुस्से घूर रही थी। 

 

कोयल गुस्से से उसे देखते हुए कहती है "काम करो आराम नही!"

 

इसान दर्द का नाटक करते हुए कहता है "में आराम नही कर रहा था! मैं तो बस इसे थोडी सी गम ओफर कर रहा हा।"

 

कोयल उसकी और कचरे का बेग बढाते हुए कहती है "मुझे तो लगा गम देना एक बहाना है, जाओ और इसे फेक आओ।"

 

इसान कोयत के हाथ से बेग लेते हुए कहता "हा लाओ मैं इसे फेक दूगा" और फिर लंगडाते हुए वहा से जाने लगता है।

 

कोयल उसे इस तरह चलता देख कहती है "इतना भी जोर से नही मारा मैं ने।" इसके बाद वो ऋत्विक को देखते हुए करती है" और तुम भी जल्दी-जल्दी अपने हाथ चलाओ समझे।" इतना कह वो वहा से चली जाती है।

 

इसान और कोयल के जाने के बाद ऋत्विक फिर ऋत्वि कि और देखता है तो पाता है ऋत्वि उसे इसारो से कह रही थी कि "वो दोनो बहुत अच्छे है तुम्हे उनसे दोस्ति कर लेनी चाहिए।" लेकिन ऋत्विक उसे गुस्से से घूरता वाास अपने काम पर लग जाता है।

 

रात में ऋत्विक अपने रूम में बैठा किताब पढ रहा था, तभी उसके फोन के आवाजसे उसका ध्यान किताब से हटकर फोन पर आ जाता है। 

 

ऋत्विक फोन उठा देखता है तो ऋत्वि उसे मैसेज कर रही थी "हेलो... स्कूल में दो-तीन दिन कि छूटी है, तो सीधे काम कि बात क्या तुम फ्रि हो! इस छूटी में हम एक ट्रेन पकड़ने वाले हैं! एसी कोई जगह है जहा तुम जाना चाहते हो?"

 

ऋत्विक उसे मैसेज करते हुए कहता है "तुम बताओ कोई एसी जगह है जहा तुम मरने से पहले जाना चाहती हो! तो वही चलते हैं!"

 

कुछ ही देर में ऋत्वि का फिर मैसेज आता है "तो ठीक है, तो कल हम स्टेशन पर मिलते है! मुझे इन्तजार मत करवाना!"

 

अगली सुबह ऋत्विक स्टेशन पहोचता है तो देखता है कि ऋत्वि स्टेशन कि एक बेंच पर बैठी वहा से गुजरती ट्रेनो को बड़े गौर से देख रही थी। ऋत्विक उसके पास जाते हुए कहता है "गुड मॉर्निंग"

 

ऋत्वि भी बेंच से उठ गुड मॉर्निंग कहती है तभी उसकी नजर ऋत्विक के बेग पर पड़ती है। ऋत्वि उस बेग को देखते हुए कहती है "अरे ये क्या? बस इतना ही सामान लाये हो?"

 

ऋत्विक अपना बेग देखते हुए कहता है "हा इस में थोडा नास्ता और कुछ किताबे है!"

 

ऋत्वि फिर पूछती है "और बदलने के लिए कपड़े?"

 

ऋत्विक उसे हैरानी से देखते हुए करता है "कपड़े..."

 

ऋत्वि न के और बहते हुए करती है "चलो कोई बात नहीं, वहा बकि कुछ कपडे खरोद लेगो"

 

ऋत्विक ने अभी इतना कहा ही था कि तभी स्टेशन पर उन की ट्रेन आ जाती है।

 

ऋत्वि ट्रेन की और बढ़ते हुए कहती है "चलो कोई नही! वहा जाके कुछ कपड़े खरीद लेगे।"

 

ऋत्विक भी उसके पीछे जाते हुए कहता "वहा जाकर..."

 

ट्रेन में ऋत्वि मैग्जीन पढते हुए बोर हो जाती है तो वो ऋत्विक कि और देखती है जो चुपचाप बैठा खाना खा रहा था।

 

ऋत्विक की यो चुपचाप बैठा देख ऋत्वि कहती है "ये क्या? एसे उदास मत बैठो, कमसे कम ट्रीप में तो खुश रहो!"

 

ऋत्विक बिना उसकी और देखे अपना खाना खाते हुए ही कहता हे "मैं इसे ट्रीप के बजाए किडनैपिंग कहना पसंद करूंगा और मैं हैरान हूं कि तुम्हारे पेरेंट्स एक रात कि ट्रीप के लिए मान कैसे गये?"

 

ऋत्वि हँसते हुए कहती है "मैं ने कहा कोयल साथ चल रही है! वैसे अगर बोलती के मरने से पहने कुछ करना चाहती हूं तो वो ना चाह्ते भी मान जाते लेकिन एक लड़के के साथ ट्रीप में जाना मुश्किल है!" और फिर ऋत्वि ऋत्विक से पूछती है "और बताओ तुमने क्या बहाना बनाया?"

 

ऋत्विक कहता है "मैं नहीं चाहता था कि मेरे पेरेंट्स मेरी चिंता करे इसलिए मैं ने तुम्हारे कारण पहली बार झूठ बोला कि में अपने दोस्तो के यहा नाइट-आउट करने जा रहा हूं!"

 

ऋत्वि कहती है "हम्म... ये बहुत बूरा हुआ" 

 

ऋत्वित कहता है "मैं ने एसा इसलिए कहा कि कोई परेशान ना हो!"

 

ऋत्वि डायरी निकालते हुए पूछती है "वैसे तुम्हारा नाम क्या है?"

 

ऋत्विक कहता हैं "अजीब है तुम इतने दिनो से जिसको परेशान कर रही हो उसका नाम भी नही जानती!"

 

ऋत्वि कहती है "मालूम है लेकिन मैं तुम से कन्फर्म करना चाहती हूं!" इतना कह ऋत्वि डायरी कुछ लिखने लग जाती है।

 

ऋत्विक उसे रोकते हुए कहता है "हेय उस में मेरा नाम मत लिखना।"

 

ऋत्वि पूछती है "एसा क्यू?"

 

ऋत्विक कहता है "क्योकि मैं नही चाहता की तुम्हारे मरने के बाद तुम्हारे पेरेंट्स को मेरे बारे में कुछ एसा-वेसा पता चले।"

 

ऋत्वि कहती है "मेरी डायरी, मैं जो चाहे लिखू! 

 

ऋत्वि उसे मना करते हुए कहता है "नही अगर मैं ने बता दिया तो तुम वहा लिख दोगी है ना!"

 

ऋत्वि कहती है "अरे ये कोई डैथनोट नही है कि मैं तुम्हारा नाम लिखूँगी और तुम मर जाओगे! तो चलो बताओ तुम्हारा नाम क्या है?"

 

ऋत्विक अभी भी अपने मुंह से अपना नाम बोलने को तैयार नही लेकिन ऋत्वि भी अब अपनी जिद्द पर अड गई थी। जिससे ऋत्विक को आखिरकार उसके सामने झुकना ही पड्ता है।

 

ऋत्विक अपना नाम बताते हुए बोलता है "ऋत्विक... ऋत्विक पटेल।"

 

यह सुन ऋत्वि बहुत खुश हो जाती है। ऋत्वि को इतना खुश देख ऋत्विक पूछता है "इस में इतना खुश होने वाली क्या बात है?"

 

स्टेशन के बाहर निकलते हुए ऋत्वि अपने अंदर एक गहरी सास भरते हुए कहती है "आखिर कार हम अपनी मंजिल तक पहोच ही गये और ये स्वादीष्ट पकवान कि खूशबू मुझे अपनी और खिस रही है।"

 

ऋत्विक भि गहरी सास लेते हुए कहता है "मुझे तो कोई खूशबू नही आ रही।"

 

ऋत्वि कहती है "नही सच में, कही तुम्हे जूकाम तो नही हो गया,चलो मैं तुम्हे गरमा-गरम शूप पिलाती हूं!" इतना कह वो ऋत्विक को लगभग खिसते हुए अपने साथ पास ही के एक रेस्टोरेन्ट में ले जाती है।

 

रेस्टोरेन्ट में ऋत्वि खाने का ओडर देते हुए ऋत्विक से कहती है "अभी गरमा-गरम खाना खान से तुम्हारी नाक एकदम ठिक हो जाएगी।"

 

ऋत्विक उसे गुस्से से घूर ते हुए कहता है "मेरी नाक और दीमाग दोनो ठिक है तुम्हारी तरह नही।"

 

ऋत्वि मासूम चेहरा बनाते हुए कहती है "मेरे सिर्फ पैंक्रियास ठिक नहीं है।"

 

खाना खाते हुए ऋत्वि कि नजर वही पासी में पडें न्यूजपेपर पर पड़ती है। जिस में किसी साइको किलर के बारे में लिखा था। जो किसी भी राह चलते इन्सान पर खंजर से वार करता फिर रहा था।

 

ऋत्वि न्यूजपेपर को देखते हुए ऋत्विक से कहती है "पता है आज कल खतरा बहुत बढ गया है।"

 

ऋत्विक कहता है "हा मैं ने सूना था स्टेशन में फिर से किसी को सूरा मारा गया है।"

 

ऋत्वि कहती है "टीवी पर पोलिस कह रही थी कि इस बंदे को पकड़ना बहुत मुश्कील है!" 

 

ऋत्विक पूछता है "अब कही तुम मरने से पहले इसे पकड़ना तो नही चाहती, अगर एसा सोच भी रही हो तो मैं पहले ही बता देता हूं, चाहे कुछ भी हो जाए मैं तुम्हारा साथ नही देने वाला!"

 

ऋत्वि ऋत्विक कि बातो को नजरअंदाज करते हुए कहती है "वो कहते है ना कि अच्छे लोग ही जल्दी मर जाते है।"

 

ऋत्वि को अपनी बात नजरअंदाज करता देख ऋत्विक चूपचाप शूप पिने लगा था लेकिन ऋत्वि कि यह बात सुन ऋत्विक फिर कहता है "शायद इस बात को तुम ठिक से नहि कह रही हो!"

 

ऋत्वि उसकी बात पर फिर ध्यान नही देती और अपनी ही बात आगे जारी रखते हुए कहती है "इस से पता चलता है कि तुम क्यों जिओगे और मैं क्यू मरूगी!"

 

ऋत्विक उसे घूरते हुए कहता है "मैं तुम्हारा इशारा समझ रहा हूं लेकिन मुझे किसी के कहने पर यकीन नही है पर मैं इस बात को याद रखूंगा!"

 

रेस्टोरेन्ट से निकल ऋत्विक पूछता है "अब कहा?"

 

ऋत्वि अपने फोन में लोकेशन ओपन कर ऋत्विक को दिखाते हुए कहती है "हम अब यहा जाएगे!"

 

ऋत्विक फोन कि स्क्रीन देखते हुए कहता है "एक एम्यूजमेंट पार्क!"

 

ऋत्वि अपना फोन वापस बेग में रखते हुए कहती है "हा ये एम्यूजमेंट पार्क ही है हमारी अगली मंजिल!"

 

 

To be continue......................