Ek kadam aatmnirbharta ki aur - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

एक कदम आत्मनिर्भरता की ओर...7

पंचवटी की अब दुसरी वटी गुजरात के लिए विदा हो चुकी थी। अब किसी का मन बिलकुल नहीं लग रहा था। पढाई तो मानो बोझ बनती जा रही थी। सबकुछ बदल गया था। कभी Girls college पंचवटियों से हैरान परेशान रहता था और अब आश्चर्य चकित थे। सबकुछ इतना जल्दी बदल जाऐगा किसी ने सोचा ही नहीं। अब बस जैसे जैसे पढना उद्देश्य बनता जा रहा था। गुजरात पहूँचने के बाद सौम्या ने एकाध बार पत्र लिखा नूतन के पास। पर उसके बाद उसका संपर्क टूट गया। अगरी बारी आयी नूतन की ...... नूतन की शादी बारहवीं के परीक्षा के तुरंत हुई और वह भी बहुत दूर कर्नाटक। उसने परीक्षा शुरू होने के पहले बता दिया कि उसका होने वाला पति ठेकेदार है और शादी भी वो बडे़ पैमाने पर करना चाहता है, वह भी आसाम के आसपास नहीं करना चाहता । नूतन के परिवार को ही कर्नाटक जाना पडेगा।
जब पूनम, रमा को पता चला तो दोनों लगभग उदास हो गयीं.. आखिरकार वो दिन भी आया... जब नूतन बहुत दूर... चली गई.....
पंचवटी की तीसरी कड़ी.. सबकी आंखों से पलक झपकते ही ओझल, हो गयी. ... समय कैसे बितता जा रहा था बताया नहीं जा सकता.. पूनम-रमा भी अब समय काट रहीं थीं जैसे... ऐसा लगने लगा था "*उन दिनों का परिवेश में लड़कियां तब तक ही पढ़ सकतीं हैं या स्वतंत्र हैं जब तक उनका विवाह तय नहीं हो जाता*"..... लड़कियों जैसे लड़कियों का भविष्य हैंगिंग गार्डन हो... कभी यहाँ टांग दिया कभी वहाँ टांग दिया..
या फिर कोई धान का नन्हा पौधा..
जिसे उगाया कहीं, बोया कहीं, गाना और काटा कहीं... पर हुआ यूं की पूनम और रमा मांगलिक निकलीं.. इसलिए इनकी शादी कहीं तय नहीं हो पा रही थी.... सच तो यह है कि इसी कारण इन दोनों सहेलियों की पढाई पूरी हो गयी दोनों ने एम• ए•, बी• एड• कर लिया...
समय अबाध गति से बढता जा रहा था, अब उन दोनों के घर वालों ने उन दोनों को नौकरी करने की सहमति दे दी थी,. दोनों बहुत खुश थी.मंगल उनका मंगल करने में लगा था.
पहले तो दोनों ने प्राइवेट स्कूलों में पढाया बाद में दोनों को सरकारी स्कूल में नौकरी मिल गई.
पूनम शिमला तो रमा मनाली के सरकारी स्कूल में पढाने लगीं. यहाँ रोज उन्हें नयी चुनौतियों से गुजरना पड़ रहा था. अच्छा लग रहा था उन्हें नए परिवेश में.. मौसम का तो अंदाज बयां करना मुश्किल था, हमेशा मौसम सुंदर और सुहाना होता.ठंड में जमकर बर्फबारी होती. और गर्मी में बस एक माह नाम मात्र की गरमी होती.. बस छुट्टियों में दोनों घर आतीं.. फिर मिलना होता दोनों का... अब तक विवाह का संयोग नहीं बना.नआ ही मांगलिक लड़का मिला.
दोनों के दिन मजे से कट रहे थे, इस बिच उन्हें सरकारी कॉवाटर भी मिला.दोनों के छोटे भाई बहनों की शादी हो गयी.अब जब कुछ समझ आते नहीं बना तब उन दोनों को आजादी भी दे दी गयी.. गर उन्हें कोई मन मुताबिक लड़का मिले और उन्हें पसंद हो तो वो शादी कर सकतीं हैं.
पूनम और रमा को अब एक अच्छे साथी की तलाश थी...

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