ट्रैफिक रूल्स brijesh k द्वारा लघुकथा में हिंदी पीडीएफ

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ट्रैफिक रूल्स

रोहन कर की चाबियां अपने बेटे को दे रहा है , जिसे हाल फीमेल ड्राइविंग लाइसेंसमिल है l लेकिन वह कुछ सोचते हुए अचानक के रुक गया l उन्होंने अपने बेटे से कहा एक बार मुझे ऑफिस के लिए देरहो गई थी l मैं जल्दी में था और मैं अपनी कर की गति सीमा से अधिक बढ़ा दी l तभी रास्ते में एक 12 साल का लड़का और एक बूढ़ा आदमी साथ-साथ लाठी लेकर सड़क पार कर रहे थे l उन्हें देखकर बाकी गाड़ियां रुक गई लेकिन , मैं तेज गति के कारण रुक नहीं सका और मेरी गाड़ी उसे लड़के से जाकर टकरा गई l मैं घबरा गया और कर से बाहर आया , सौभाग्य से वह गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ l उसकी कहानी पर चोट लग गई और खून बह रहा था , क्योंकि जब लड़का गिरा तो वह कोनी के बल गिर था l चिंता में मेरा दिमाग ने काम करना बंद कर दिया l मैंने उसे कुछ पैसे दिए सॉरी बोला और कर में आ गया l क्योंकि मैं बस वहां से निकलना चाहत हां सब लोग मुझे वहां डांट रहे थे कि मैंने अहंकार करके लड़के को मारा तिरस्कार पूर्वक कुछ पैसे फेक और भाग गया l
जब मैं कर में बैठा तो मैंने देखा कि लड़के के आंखों से आंसू बह रहे थे l इससे मुझे असीम दुख हुआ l तथ्य यह है कि मैं स्वार्थ तौर पर सुरक्षा नियमों अनदेखी करते हुए , लापरवाही से गाड़ी चलाने से निर्दोषों को निर्दोषों को पीड़ित किया और पीड़ा पहुंचाई l मुझे खुद को कर के शीशे में देखने से नफरत थी l मैंने मैंने क|र सड़क के किनारे के खड़ी की और उनके पास गया l मैंने उस लड़के के घाव की मरहम पट्टी की मैंने बूढ़े आदमी से कहा कि मैं इसकी पूरी जांच के लिए डॉक्टर के पास ले जाऊंगा l तेज रफ्तार में गाड़ी चलाना मेरी गलती है l मैं अपने गलत काम की जिम्मेदारी लूंगा मुझे सजा मिलनी चाहिए l मेरी बात सुनकर बूढ़े व्यक्ति ने शांत भाव से कहा भगवान की कृपा से उसे सिर्फ चोट लगी है और कुछ नहीं हुआ उसे अस्पताल ले जाने की जरूरत नहीं है l यह अच्छा है कि आपको एहसास हुआ कि आपने क्या किया और इसके लिए पश्चाताप कर रहे हैं l लेकिन मुझे खुशी तभी होगी कि जब आप सुरक्षा नियमों का शक्ति से पालन करेंगे और दोबारा , ऐसा वे ना केवल दूसरों की सुरक्षा के बारे में है बल्कि आपकी सुरक्षा के लिए भी है l अगर आपने हमारी जगह किसी गाड़ी को टक्कर मारी होती तो आपका क्या और आपके परिवार का क्या होता l उन शब्दों ने मुझे झकझोर दिया और वास्तविकता से मेरी आंखें खुल गई l और उसे घटना के बाद जब भी मैं गाड़ी चलाता हूं तो वे शब्द अपने आप मेरे दिमाग मैं आ जाते हैं l कुछ भी करने से पहले सीखो , अच्छे से सोचो और मेरे जैसे मत बनो l सुरक्षित रूप से गाड़ी चलाओ और यह कहते हुए रोहन ने चाबियां अपने बेटे को सौंप दी l

........Brijeshk.........