एक गांव में एक किसान रहता था , जिसका नाम रामू था, उसके घर से बाहर ही उसका एक छोटा सा खेत था | उसका पूरा परिवार उसके साथ खेत में काम करने में मदद किया करता था । रामू के बच्चे सब्जियों को पानी भी दे दिया करते थे । इस बार रामु के खेत की फसल बहुत अच्छी हुई थी ।
वह अपनी पत्नी से कहता है , कि इस बार फसल बहुत अच्छी है, और अगर सब कुछ सही रहा तो हम इस बार फसल बेचकर अपना पक्का घर बना लेंगे । इतना कहने के बाद वह अपनी पत्नी सरला से कहता है , कि मैं बाजार जा रहा हूं कुछ सब्जियों और धन को बचने के लिए , तुम खेत में कीटनाशक दवाइयां छिड़क देना ।
इतना कहने के बाद में बाजार चला जाता है और इधर उसकी पत्नी और बच्चे खेत का सारा काम खत्म कर देते हैं । जब रामू बाजार से वापस आता है तो वह बहुत खुश होता है और अपनी पत्नी से कहता है कि , हमारी सब्जिया उच्च गुणवत्ता वाली है , हमें इस बार बाजार में बहुत अच्छे दाम मिलेंगे ।
बाजार में जल्दी से सब्जियां तोड़कर बेचनी होंगी । यह सुनकर उसकी पत्नी ने कहा ठीक है हम कल ही सारी सब्जियां तोड़कर बाजार में बेचने के लिए तैयार कर देंगे । इतना कहने के बाद वह अपने परिवार के साथ खुशी-खुशी सो जाते हैं , लेकिन रात में अचानक बारिश होने लगती है ।
बारिश होने की वजह से रामू बहुत दुखी होता है और वह अपने पत्नी को उठाता है और कहता है ,सरला यह देखो कितनी तेज बारिश हो रही है । सरला भी बहुत दुखी हो जाती है , और वह कहती है, हे भगवान हमारी फसल का क्या होगा । दोनों पति-पत्नी भगवान से बारिश बंद होने के लिए प्रार्थना करने लगे ।लेकिन बारिश रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी ।
यहां तक की कुछ देर बाद ओले भी पढ़ने लगे, पूरे खेत में बारिश का पानी भर गया है । इससे वह दोनों बहुत परेशान थे , रामू ने कहा सरल बारिश का पानी बढ़ता जा रहा है ,धीरे-धीरे यह पानी हमारे घर में भरने लगेगा और हवा की वजह से हमारे बहुत छप्पल भी टूटने लगा है ।
दोनों बहुत परेशान थे किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था , कि ऐसी परेशानी में उन्हें क्या करना चाहिए । सरला ने अपने दोनों बच्चों को उठाया और अपने पति के साथ किसी सुरक्षित स्थान पर जाने का फैसला किया । जब वह अपने घर से निकले तो देखा पहले से ही बारिश के पानी की वजह से पूरे गांव में पानी भर चुका था और गांव के अन्य लोग भी अपना समान सर पर रखकर गांव से निकल रहे थे । पूरा गांव दुखी था ,
सभी एक दूसरे की मदद कर रहे थे । सभी गांव वाले गांव के बाहर पुल के ऊपर आकर रुक गए । कुछ समय बाद बारिश रुक गई और अगले दिन सुबह सरकारी लोग गांव में फंसे लोगों के लिए खाना लेकर आए । गांव गांव वाले खाने को देखकर कर्मचारियों से रामू को भी खाने के लिए कुछ पैकेट मिल गए थे । रामू ने वह खाना अपने बच्चों को खिला दिया और दोनों पति-पत्नी भूखे रहे । अब गांव वालों को कुछ राहत सी महसूस होने लगी , पूरी उम्मीद थी कि , वह अपने गांव लौट जाएंगे ।
लेकिन तभी थोड़ी देर बाद फिर से बारिश शुरू हो गई । इस बार बारिश बहुत देर तक हुए । पानी बढ़ता जा रहा था । जिसकी वजह से गांव में राहतकर्ता भी खाना लेकर नहीं आए थे । रामू ने कहा कि इस बार हमारे गांव में सरकारी गाड़ियां खाना लेकर नहीं आएंगे । मैं खाना लेने के लिए गांव से बाहर जाता हूं । कुछ देर बाद रामू खाना लेकर सरल और बच्चों के पास पहुंचा , लेकिन रामू के शरीर पर बहुत चोट के निशान बने हुए थे ।
जिन्हें देखकर सरला घबराते हुए बोली यह सब कैसे हुआ , इस पर रामू ने कहा कि पास वाले गांव में सरकार मुफ्त में खाना बांट रही थी । जिसकी वजह से वहां पर बहुत भीड़ थी , मुझे खाना लेते हुए भीड़ में यह चोट लग गई । इतना सुनकर सरला रोने लगी , और कहने लगी जो हाथ अनाज उगाते थे आज वह खुद अनाज के लिए परेशान है । यह कैसी स्थिति आ चुकी है ,
रामू ने सरला को समझाया और कहा कि तुम घबराओ मत सब कुछ जल्दी ही ठीक हो जाएगा । इसके बाद रामू ने अपने बच्चों को खाना दिया , लेकिन बच्चे ने कहा आप भी इसमें से हमारे साथ खाना खाईये क्योंकि आप दोनों ने कल से कुछ भी नहीं खाया है । बच्चों ने सरल और राम के साथ खाना खाया । यह देखकर सभी को बहुत अच्छा लगा । सभी का हंसता खेलता परिवार पूरी तरह से परेशान था ।
. उसके बाद धीरे-धीरे बारिश कम होने लगी । और सभी गांव वाले अपने घर लौटने लगे । जब रामू अपने परिवार के साथ घर पहुंचा तो देखो ,रामू का पूरा घर टूट चुका था । इस पर सरला बहुत ज्यादा दुखी थी , रामू ने कहा कि हम घर फिर से बना लेंगे । सरला ने कहा और खाने के लिए कहां से लाएंगे । बच्चों ने कहा कि अभी भी कुछ सब्जियां खेत में बची हुई है , हम उनको तोड़ कर ले आते हैं ।
बच्चे सब्जियां तोड़ने में लग जाते हैं , राम और सरला अपने घर को फिर से बनाने में लग जाते हैं । तभी एक व्यक्ति अपने घर की ओर आता हुआ दिखाई देता है , वह बोलता है कि मैं सरकार की तरफ से आया हूं । मुझे यह देखना है कि आपका इस बारिश की आपदा में कितना नुकसान हुआ है क्योंकि सरकार आपको आपके नुकसान का पूरा वह आपदा देगी और आपको एक पक्का घर भी बना कर देगी । ऐसे सुनने की बाद सरला को बहुत अच्छा लगा , रामू और सरला ने अपने बारे में सारे इन्फॉर्मेशन उस सरकार व्यक्ति को दे दी ।
वह सारी जानकारी लेने के बाद वहां से चला गया । और कुछ सरकारी कर्मचारी गांव में राशन देने के लिए आए । राशन लेने के बाद रामू और गांव वालों ने उन कर्मचारियों को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया । कर्मचारियों ने कहा आप एक किसान हैं , जो कि पूरे देश के लिए अनाज को उगाते हैं , आपकी मदद करना हमारा कर्तव्य है । इतना कहने के बाद वह गांव से चले गए ।
इसके कुछ दिन बाद रामू के गांव में सरकार की बहुत सारी गाड़ियां आए और जिन लोगों के भी बारिश की वजह से घर टूटे थे । उन सभी लोगों को मजबूत और पक्के घर बना कर दिए । आज सरला की आंखों में खुशी के आंसू थे । इस पर सरला ने कहा कि हे भगवान मैं अनजाने में आपको बहुत कुछ बुरा भला कहां मुझे इसके लिए माफ कर देना । भगवान को धन्यवाद करते हुए वह बहुत खुश हुए ।
रामू के परिवार को अंत में पक्का मकान भी मिल गया और आर्थिक मदद भी मिल गई । इसके बाद उन्होंने फिर से सफल फसल उगाई । हालांकि बारिश का कहर रामू और पूरे गांव वालों पर बहुत वर्षा लेकिन अंत में सब कुछ ठीक हो गया और सभी गांव वाले बहुत खुश थे ।
शिक्षा :- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि जब अमीर लोग अपने पक्के घरों में बारिश का आनंद लेते हैं । वही एक गरीब किसान अपने खेतों को बचाने के लिए भगवान से प्रार्थना करता है । आज भी कई गांव ऐसे हैं , जहां बारिश के कारण लोगों के घर टूट जाते हैं ।