वॉर्डन को बात सही लगी और बोली " अक्षा तुम्हें अब यहां से जाना होगा क्योंकि तुमने हॉस्टल नही लिया है और अपने फ्रेंड के पास हो मैनेजमेंट पर बात जाएगी तो मुझे नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है इसलिए तुम चली जाओ..
वहां खड़े सभी हॉस्टल के लड़कियों ने चिल्लाने लगी " हां... यहां से जाओ ...जाओ तुम ...और हिना तुमने अपने कमरे में जगह दिया है तो तुम भी जा सकती हो इस हॉस्टल से ...
अक्षा थोड़ा घबरा गई और बोली " नहीं .. नहीं हिना क्यों जाएगी मैं.. मैं चली जाती हुं उस समय अक्षा के आंखें नम हो गई थी और आवाज में रूआंसी हो गई थी उसके मन में डर लग रहा था वो इतनी रात को कहा जाएगी सोचने लगी ..!!
दरवाजा नॉक किया तो हॉस्टल अंदर के सभी ने दरवाजे के तरफ देखा वो कोई नहीं वो थे मिस्टर माणिक मल्होत्रा ... उसने सबकी बातें सुन लिया था शायद फिर उसने अपने त्योरियां चढ़ कर बोला " आप लोगों को एक घटना के वजह से इतना डरा दिया कि एक बेसहारा लड़की को निकालने कि सोच रहे हो ...वो भी इतनी रात कहां जाएगी एनीवे मिस अक्षा तुम मेरे साथ मेरे घर चल सकती हो ...
अक्षा ने कहा " बट...सर मैं कैसे...
माणिक ने कहा" डोंट वरी ...तुम वहां शेफ रहोगी और वैसे भी जब तक सक्षम और उसके दोस्तों को पनीसमेंट नहीं मिलता तब तक के लिए मेरे घर पर रहो वरना वो लोग फिर परेशान करने आ जाए तो फिर सबको परेशानी होगी ,जाओ अपना समान ले आओ..
हिना ने फुसफुसाने लगी अक्षा के कान में " अक्षा माणिक सर के साथ अभी चली जाओ बाद में सोचेंगे क्या करेंगे क्योंकि सक्षम के दोस्तों ने धमकी दिया है , तो फिर वो लोग और उत्पाद कर सकता है..
अक्षा ने हिना के बातों पर गौर किया और "ठीक है अभी चली जाती हुं..वो बोलकर अपनी लगेज लेने ऊपर गई साथ में हिना भी थी ...
माणिक मल्होत्रा का घर ...
माणिक माल्होत्रा कि गाड़ी बेहद खूबसूरत आलिशान लग्जरी बंगलों में आकर रूकी और घर पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने गाड़ी का दरवाजा खोला तो ड्राइविंग सीट से माणिक और पैसेंजर सीट से अक्षा उतरी ...
माणिक ने सिक्योरिटी गार्ड को ऑर्डर देते हुए कहा " किशोर मैम का लगेज अंदर लाओ , फिर वो अक्षा को देखकर बोला" चलो मिस अक्षा अंदर वो आगे बढ़ गया ...
अक्षा सिर हिला कर बंगलों को देखते हुए माणिक के पीछे गई जैसे ही घर के मेन दरवाजा से अंदर गए और एक छोटी सी बच्ची रोते हुए दौड़कर आई और माणिक अपने घुटनों पर बैठ कर उस बच्ची को बांहों में लिया और गोद में उठाकर पुचकारते हुए कहा " क्या हुआ मेरी प्रिंसेस क्यों रो रही है उसने उस बच्ची को कंसोल करते हुए प्यार से चूम रहा था और पीठ थपथपा रहा था ..
फिर एक मेड ने कहा आते हुए" सर बेबी सपने में उठाकर आपको याद कर रही थी और ज़िद कर रही थी आपके पास आने के लिए आपके रूम में आप नहीं मिले तो वो और रोने लगी ..!!
माणिक ने प्यार से पुचकारते हुए सोफे पर बैठा और बच्ची को गोद में बैठाकर पूछा " क्या कोई सपना देखा था मेरी प्रिंसेस ने डैड यही पर था बेटा अब चुप हो जाओ चलो आपको किसी से मिलाते हैं ..!!
अक्षा ध्यान से बाप बेटी को देख रही थी वो बच्ची बड़ी ही प्यारी और मासूम लग रही थी उसकी उम्र तीन चार साल कि होगी , उसने कोई बुरा सपना देखा जिससे वो बुरी तरीके से डर गई होगी तभी आधे नींद में उठकर अपने डैड को ढूंढ रही थी पर माणिक सर के बच्ची है लगते तो नहीं वो एक बच्चे कि पिता है तभी एक आवाज से अक्षा को सेंस आया और बोली " जी सर ...
माणिक ने अपनी बेटी को कहा " हेलो बोलो दीदी को ,उसकी बेटी आंख को मिचते हुए अक्षा को देखी पर वो तैयार नहीं थी अपने डैड के बांहों से उतरने के लिए फिर माणिक ने अक्षा को बताया " मिस अक्षा ये मेरी बेटी श्री है और मैं इसे प्यार से प्रिंसेस कहता हुं अभी ये डरी है इसलिए चुप है कल देखना इसे पूरे घर को अपने पीछे भगाती फिरेगी उसने मुस्कुराते हुए कहा...!!
अक्षा ने प्यार से कहा " आओ श्री मेरे पास ..पर वो बच्ची दूर से देखने लगी ..
माणिक ने अपने मेड से कहा " छाया ये अक्षा है मेरी स्टूडेंट वो कुछ दिन यही रहेगी हमारे पास तो उसकी लगेज गेस्ट रूम में रख दो और कमरा दिखा दो फिर वो अक्षा से बोला " मिस अक्षा जाओ कमरे में रात बहुत हो गई है रेस्ट करो और टेंशन मत लेना जो भी कुछ हुआ या सक्षम खुराना को मैं हैंडल कर लूंगा ..!!
अक्षा सिर हिला कर बोली " जी ठीक है ,गुड नाईट सर वो बोलकर मेड छाया के साथ जाने लगी ..!!
अगली सुबह .....
अक्षा तैयार होकर अपने कमरे से बाहर आई तो देखी उस प्यारी सी बच्ची खिलखिला कर हंसते हुए भाग रही थी और दो मेड उसके पीछे पीछे भाग रहे थे रिक्वेस्ट करते हुए " प्लीज़ श्री चलो दूध पिलो फिर खेलना पर श्री मना करते हुए इस सोफे से उस सोफे के पीछे राउंड लगाते भाग रही थी ...
अक्षा देखकर मुस्कुरा कर पास गई और बोली " गुड मॉर्निंग श्री ....क्या श्री मुझसे दोस्ती करेगी ...
श्री अब शांत होकर खड़े हुई और अक्षा को देखने लगी ...
एक मेड ने कहा मुस्कुराते हुए " बेबी जाओ दीदी बुला रही है उनसे मिलो वो घर कि न्यू मेहमान है जाओ हेलो बोलो ..वो श्री के पास जाकर कहा ..!!
छाया ने भी कहा " बेबी जाओ हेलो करो दीदी को फिर दीदी आपके साथ घूमी घूमी करेंगी और आपके साथ खेलेगी भी जाओ ....
श्री देखती रही पर वो नहीं गई ...उसी समय माणिक मल्होत्रा तैयार होकर अपने कमरे से आते दिखे और जब वो नीचे लिविंग हॉल में आया और श्री को चुपचाप अक्षा को घूरते देखा तो बोला " प्रिंसेस... जैसे ही ये शब्द श्री के कान में गुंजी वो तुरंत पलटकर देखी उसके डैड उसके पास आ रहे हैं वो दौड़कर अपने डैड के पास आई और गोदी में जाने के लिए उछल गई तो माणिक ने जल्दी से श्री को पकड़ कर गोद में लिए कहा " छाया जल्दी ब्रेकफास्ट लगाओ , फिर उसने अक्षा को देखकर बोला" जल्दी चलते हैं आज मैनेजमेंट के सारे सदस्य होंगे और पुलिस कमिश्नर भी आएंगे सक्षम खुराना के लिए एक्शन करना जरूरी है ,उसने श्री को गोद में पकड़े हुए अपने डायनिंग टेबल पर आया और फिर श्री को अलग चेयर पर बैठाया अपने पास और खुद भी बैठा ..
अक्षा भी डायनिंग टेबल पर आई और कुछ चेयरों के दरमियान बैठी ..!!
फिर अक्षा और माणिक अपने अपने लिए खाना निकाला और छाया ने श्री को खिलाने लगी ....
इधर ....
एक कैफे में रिया कपूर और विक्रम आए दो अपने अपने लिए चेयर खिसकाकर बैठे तो एक वेटर आया और पूछे " क्या ऑर्डर है सर ..
विक्रम ने दो कॉफी और दो स्नैक्स लेकर आने बोले वो वेटर गया ...
रिया ने विक्रम से सवाल किया " मिस्टर बैचलर मुझे आज कॉफी पर क्यों बुलाए कुछ खास काम है क्या और ये तुम्हारे हाथों पर प्लास्टर बैग क्यों है ..??
विक्रम ने मुस्कुराते हुए कहा ' ये मेरे बड़े भाई के प्यार कि निशानी है..!!
रिया शॉक्ड हो गई और आंखों को सिकोड़ कर पूछा " क्या मतलब ...??
विक्रम ने कहा " सब छोड़ो और मुद्दे पर आते हैं मैं यहां इसलिए मिलने बुलाया है कि तुम रण से प्यार करती हो और शादी करना चाहती हो तो लेट क्यों कर रही हो तुम्हारे घर से अभी तक रिश्ता तय करने कोई नहीं आया , ऐसा ना हो तुम्हारा बकरा को कोई और हलाल करने ले जाए ...
वेटर कॉफी लेकर आया एक ट्रे में दो मग और एक प्लेट पर स्नैक्स रखकर फिर वो टेबल पर रखा और चला गया ...!!
रिया ने मुस्कुराते हुए कहा " ओह ..तो ये बात है तुम्हें नहीं लगता कि तुम्हें मेरी और रणविजय कि शादी कराने कि जल्दी है ....
कॉलेज में....
आज कॉलेज में दूसरे दिन के अपेक्षा बहुत से स्टूडेंट्स कैंपस में ही मैनेजमेंट कि आवा जाही देख रहे थे आज जितने भी इस युनिवर्सिटी के बड़े औंधे दार आने लगे और मीटिंग रूम कि ओर जाने लगे थे फिर माणिक के साथ अक्षा को आते देखकर बहुत से स्टूडेंट्स सरप्राइज़ हुआ तो हॉस्टल में रहने वाले लड़कियां जो कल रात अक्षा को निकली थी वो जल रही थी ...
कहानी जारी है...
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जय श्री कृष्णना 🙏