इश्क़ होना ही था - 27 Kanha ni Meera द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क़ होना ही था - 27

** ओम नमः शिवाय **


** इश्क़ होना ही था part- 27 **

अभी तक हमने देखा की शिव जॉब का ऑफर अहाना और दिया को देता है और वो दोनों अक्षत के बर्थडे के दिन ही अक्षत के घर आती है...

"अब मेरी बात छोड़ और तुजसे मुझे कुछ बात करनी है..."

शिव थोड़ा सीरयस होकर बोलता है...

"में हमेशा तुजे खुश देखना चाहता हु और इसी वजह से ही मेने दिया को यहाँ बुलाया है..."

शिव फिरसे बोलता है...

"हां में भी दिया के साथ रहना चाहता हु..."

अक्षत बोलता है...

"में तेरी हेल्प के लिए हमेशा हु तेरे साथ...

और एक बात है जो तुजे केहनी है मुझे..."

शिव बोलता है...

"हां बोल ना...."

अक्षत बोलता है...

मेने तुम दोनों की बात सुनी थी..."

शिव बोलता है...

"कोनसी बात...?"

अक्षत बोलता है...

"जब तुम दोनों बालकनी में थे और दिया को तुमने अपनी सारी बाते बताई..."

शिव बोलता है...

"हां अब मिताली और तुम्हारे आलावा भी मेने पहली बात अपने मन की बात बताई..."

अक्षत बोलता है...

"तू उसे अपनी सारी बाते कर...

उसके बारे में मुझे मिताली ने पहले ही सब बताया है तो तू उसे समज...

उस खुश रखने की कोशिश कर..."

शिव बोलता है...

"हां तू है ना बस अब में अपने दिल की भी बाद जल्दी दिया से कहना चाहता हु..."

अक्षत बोलता है...

"चल अब जल्दी सो जाते है...

कल बहोत सारा काम भी है..."

शिव बोलता है और अक्षत अपने रूम में चला जाता है...

अक्षत को तो अभी भी यकीन ही नहीं हो रहा था की दिया अब रोज उसके साथ काम करने वाली है और इसके बारे में सोचते सोचते ही वो सो जाता है...

दिया और अहाना आज बहोत थक चुके थे, इसी वजह से वो दोनों जाते है सो जाते है...

*****

दूसरे दिन सुभे अक्षत तैयार हो कर नास्ता कर रहा था। तभी शिव उठ कर बहार आता है....

"तू इतनी जल्दी क्यों उठ गया... "

शिव अगडाया लेते लेते बोलता है...

"अरे एक जरूरी काम आ गया है तो में जल्दी ही जा रहा हु...

तू दिया और अहाना को ले कर ही आना..."

अक्षत बोलता है और वहा से निकल जाता है...

शिव तैयार होता है, फिर अहाना को फोन लगाता है...

"तुम दोनों तैयार हो गयी ..."

शिव बोलता है...

"हां बस तैयार ही हो रहे थे..."

अहाना बोलती है...

"हां तो चलो में आता हु और हम नास्ता बहार ही करेंगे..."

शिव बोलता है...

थोड़ी देर बाद शिव बहार कार ले कर आ जाता है...

दिया और अहाना दोनों आ कर कार में बेथ जाती है...

"अक्षत कहा है..."

दिया बोलती है...

"वो तो जल्दी ही ऑफिस जाने के लिए निकल गया है..."

शिव बोलता है...

वो तीनो पहले नास्ता करने के लिए बहार जाते है फिर ऑफिस पहोच जाते है....

पहले शिव उन दोनों को अपने पुरे स्टाफ से मिलाता है फिर उन दोनों को अपना अपना काम समजने लगता है...

"चलो अब तुम दोनों काम करो..

में चला अपना काम करने..."

शिव बोलता है और अपने काम में लग जाता है...

अक्षत जिसका ad agency होती है, ये अभी सुरुवात के दौर पर ही थी...

अक्षत और शिव के अलावा इसमें 7 लोग और थे और अब २ लोग और बड़ गए...

वो सब अपना काम ही कर रहे थे तब रोहित आता है और वो सीधा ही अक्षत के केविन में चला जाता है...

जहा अक्षत तो नहीं था पर शिव अपना काम कर रहा था...

" वापस आ गए ट्रिप से..."

रोहित सामने बैठते हुए बोलता है...

"ट्रिप से तो हम कबके आ गए थे पर तू क्यों कल की पार्टी में नहीं आया..."

शिव बोलता है....

"अब हम भी नहीं आएंगे जब तू बुलाएगा तब..."

अक्षत पीछे से आते हुए बोलता है...

" अरे भाई तेरे बिना कैसे चलेगा...

और कल सच में मीटिंग थी और उसी की वजह से ही में बहार था..."

रोहित बोलता है...

वो तीनो अपनी बातो में ही लगे थे की वहा दिया और अहाना आ जाते है...

"शिव मेरा काम हो गया है..."

दिया बोलती है और फाइल शिव के सामने करती है...

"दिया तुम यहाँ..."

दिया बोल ही रही थी तभी रोहित की जब नज़र उसपे जाती है तो वो बोलता है...

"रोहित..."

दिया भी बोलती है...

"हां में यही बाजु क ऑफिस में ही काम करता हु और तुम...."

रोहित बोलता है...

"मेंने आज ही यहाँ अपनी जॉब चालू की है..."

दिया बोल रही थी...

अक्षत को न जाने क्यों आज रोहित को इस तरह दिया से बात करते देख कर अच्छा नहीं लग रहा था...

"तुम दोनों एक दूसरे को पहले से जानते हो..."

अक्षत आश्रय से बोलता है...

"हां दिया कॉलेज में मेरी जूनियर थी..."

रोहित बोलता है...

"चलो फिर मिलते है..."

रोहित बोलता है और वहा से चला जाता है...

दिया और अहाना भी थोड़ी देर बाद बहार जाते है...

"ब्रो तुजे जेलेसी हो रही थी ना आज..."

शिव हस्ते हस्ते बोलता है...

"नहीं इसा कुच नहीं है..."

अक्षत बोलता है और वो भी केबिन के बहार चला जाता है...

दिया और अहाना जो जल्दी ही ऑफिस से निकल जाते है और शिव भी जल्दी ही घर आ गया था...

"आज हम सब के लिए में खाना बनाती हु..."

दिया बोलती है...

"हम दोनों भी तुम्हारी हेल्प करते है..."

शिव बोलता है और वो तीनो कीचन में चले जाते है...

तभी अक्षत आता है और सीधा अपने रूम में ही चला जाता है...

जब वो थोड़ी देर में पानी लेने के लिए किचन में आता है तो सबको वहा देख कर चौक जाता है...

"अरे तुम सब यहाँ क्या कर रहे हो...."

अक्षत बोलता है...

"आज दिया ने बोला वो खाना बनाएगी तो बीएस उसकी ही हेल्प कर रहे थे...."

शिव बोलता है...

अक्षत ने देखा की अहाना और शिव तो बस झगड़ने में लगे है और दिया खाना बना रही है...

"में भी हेल्प करता हु..."
अक्षत बोलता है और दिया की हेल्प करने लगा है...

सब मिल कर खाना खाते है....

"दिया और अक्षत की बात आगे कब बढ़ेगी ...?"

अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....

इश्क़ होना ही था ....

अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...

इश्क़ होना ही था का part -28 आपके सामने 4 february को आ जायेगा ...

इस कहानी में जुड़ने के लिए आप सभी का सुक्रिया...