Rajkumari Shivnya - 22 books and stories free download online pdf in Hindi

राजकुमारी शिवन्या - भाग 22

भाग २२

अब तक आपने देखा की एक सैनिक ने राजकुमारी शिवन्या पर तलवार से वार किया क्युकी राजकुमारी का ध्यान राजकुमार वीरेन की बातो को सुन कर उनको देखने में था अब आगे की कहानी देखते है।

राजकुमारी के पूरे शरीर पर खून फेल गया था तलवार का घाव काफी तेज था , उनमें खड़े रहने की क्षमता नही थी वह पैरो के बल नीचे गिर पड़ी राजकुमार वीरेन भागते हुए शिवन्या की और दौड़े और उस सैनिक को मार दिया जिसने शिवन्या को तलवार मारी थी , क्रोध में आके उन्हों ने आसपास के सारे सैनिकों को मार गिराया , उनकी आखों में अश्रु आ गए , जेसे ही राजा धरम ओर विलम ने राजकुमार की शिवन्या पुकारते हुए चीख सुनी दोनो राजा ने मुड़ कर उनकी ओर देखा।

राजकुमार वीरेन ने उन्हे उठा कर एक सुरक्षित जगह पर लेकर बिठाया , राजकुमारी शिवन्या ने धीरे से उन्हे कहा , युद्ध जीत कर ही मेरे पास आना राजकुमार , राजकुमार वीरेन ने ये बात सुनकर अपने अश्रु पोछे ओर राजकुमारी को कहा अब ये युद्ध हम आपके लिए जीत के दिखायेंगे फिर राजा विलम , राजा धरम ओर राजकुमार वीरेन ने अपनी सेना के साथ मिलकर अगले आधे घंटे में युद्ध का अंत ला कर रख दिया सब ने मिल कर दुश्मन राज्य ओर राजा की सेना को मात दी , राजा मनसुख को भी राजा विलम ने घायल कर दिया और उनके आधे से ज्यादा सैनिक मार दिए , राजा मनसुख अपनी जान बचाते हुए रथ में बैठ कर भागने लगे और बोला अगली बार इसका बदला लूंगा।

युद्ध खत्म हुआ राजा विलम यह युद्ध जीत गए वह सब भागते हुए राजकुमारी शिवन्या के पास गए , राज विलम ने कहा पुत्री तुम्हे तो बहुत ज्यादा तलवार का घाव लगा है , राजकुमारी ने दर्द भरी आवाज में बोला पिताजी में एक योद्धा हु मुझे इसकी आदत डालनी होगी , राजा विलम ने शिवन्या को खड़ा किया उन्हे अपने रथ में बिठाया और सब लोग शीघ्रता से महल चले गए , राजा विलम ने शिवन्या को उठाया था और सब भाग कर महल के भीतर जाने लगे , रानी सुमेधा ओर रानी निलंबा ने अचानक से देखा इस शिवन्या को इस अवस्था में लाते हुए वह दोनो भयभीत हो गई।

तीनो ने महल के भीतर जाते ही राजकुमारी को उनके कक्ष में लेटाया , रानी निलंबा ने कहा हे भोलेनाथ इतना बड़ा घाव राजकुमारी आपको तो बहुत दर्द हो रहा होगा , राजा विलम ने जल्द ही सैनिक द्वारा वैध को बुलवाया , वैध ने आते ही शिवन्या के घाव को देखा उन्हों ने तुरंत एक आयुर्वेदिक लेप बनाया और जल्दी से शिवन्या के घाव पर लेप लगाया ।

वैध ने कहा घाव तो काफी गहरा है पर चिंता न करे यह आयुर्वेदिक लेप राजकुमारी को लगातार ४ दिन सुबह शाम लगाने से घाव भर जाएगा और राजकुमारी स्वस्थ हो जायेगी , सब के जान में जान आई यह बात सुन के ओर राजकुमारी को भी अब दर्द थोड़ा कम लग रहा था लेप लगाने से खून बहना बंध हो गया , वैध चले गए, उनके जाते ही रानी निलंबा ने कहा राजकुमारी आप एक बेहतरीन योद्धा है आपको सैनिक ने केसे मारा आप तो हमेशा से धृढ़ता से युद्ध करती है??

राजकुमारी ने कहा में युद्ध कर ही रही थी लेकिन अचानक ओर मेरी सहायता के लिए अचानक से राजकुमार वीरेन आ गए उन्हे देखने में मुझे पता ही नही चला की एक सैनिक ने तलवार से वार कर दिया , राजकुमार ने कहा अच्छा तो आप मुझे देख रही थी आपको में पसंद आने लगा हु ना??😂

रानी सुमेधा ने कहा राजकुमार क्या कह रहे है राजकुमारी को चोट लगी है और आप व्यंग कर रहे है , राजकुमारी शिवन्या ने कहा रानी सुमेधा मत कहिए उसे कुछ , राजकुमारी ने वीरेन के हित में बोला यह सुन कर सब दंग रह गए , राजकुमार ने कहा ,क्या कहा आपने?? सुना नही मेने फिर से बोलिए राजकुमारी शिवन्या ने कहा मेने कहा आप इतने बुरे भी नही है , वैसे तो अच्छे है। राजकुमारी के मुंह अपनी तारीफ सुन कर दंग रह गए खुशी से उछलने लगे, सब लोग ये सुन कर बहुत खुश थे।

रानी ने कहा , क्या इस बार को में आपकी इस विवाह के लिए हा समजू? राजकुमारी ने उत्तर में हा कहा । सब लोग बहुत खुश हो गए , थोड़ी देर पहले का दर्द अब खुशी में बदल गया।

इस कहानी को यही तक रखते है ,कहानी का अगला भाग जल्द आएगा।😊

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