किस एंड सेफ लाइफ - 13 Alam Ansari द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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किस एंड सेफ लाइफ - 13

Chapter -13

(अर्जुन की बाहों में सना)

अर्जुन ने राजू को अपने कैबिन में आने के लिए कहा था । पर काफी देर तक इन्तजार करने के बाद भी राजू नहीं आया ।

तो वही राजू अपने कैबिन में इधर से उधर टहल रहा था । उसने खुद से ही कहा " क्या सना तुमने तो मुझे फंसा ही दिया। जब तुमने कल इंटरव्यू दिया तो आज तुम ऑफिस क्यों नहीं आईं । अब क्या कहुंगा मैं उससे वो तो गुस्से में जल भुन रहा होगा "।

फिर खुद से ही कहा " कुछ सोंच राजू जल्दी कुछ सोंच वरना आज अर्जुन तेरा रोस्टेड चिकन बना देगा, क्या करूं, जाऊं या नहीं "कहते हुए राजू ने कैबिन का डोर खोला फिर कुछ सोंचते हुए जल्दी से बंद कर दिया । सना इसी आवाज़ को सुन कर पिछे मुड़ी थी।

और अपने दुप्पटे में उलझ गई । अर्जुन जो इतनी देर से राजू का वैट कर रहा था गुस्से में उसने राजू के कैबिन में जाने के लिए अपने कैबिन का डोर ओपन किया । डोर ओपन होते ही सना उसके उपर आ गिरी । ऐसे अचानक सना के गिरने से अर्जुन खुद को संभाल नहीं पाया और सना को लेकर निचे गिर गया ।

सना ने गिरने के डर से आंखे भींच ली थी और उसके हाथो ने अर्जुन की कॉलर को कस कर पकड़ लिया था। अर्जुन के हाथ सना की कमर पर थे उसने कस कर सना की कमर को पकड़ हुआ था। गिरने के डर से सना की धड़कने तेज हो गई थी। सना आंखे बन्द किए हुए बहुत क्यूट लग रही थी तो वहीं अर्जुन सना को नजर भरके देख रहा था । अर्जुन उस लम्हे को वहीं रोक देना चाहता था । पर समय एक ऐसी चीज थी जो किसी के भी रोकने से रुकती नहीं थी वो रेत की तरह बन्द मुठ्ठी से भी फिसल जाती थी ।

अर्जुन कुछ बोलना चाहता था पर सना के इतने क़रीब होने से वो कुछ बोल नहीं पा रहा था। सना अभी भी आंखे भींचे अर्जुन के उपर ही गिरी हुई थी। तभी दोनों के कानों में एक आवाज़ गई ।

"मैने कुछ नहीं देखा । सॉरी मैने कुछ नहीं देखा " आवाज सुन कर दोनों ही होश में आए । अर्जुन ने देखा पीछे राजू था जो अपने एक हाथ से आंखों को ढंके वहा से जा रहा था । सना जल्दी से सॉरी कहते हुए अर्जुन के उपर से हट गई और अपने कपड़े ठीक करते हुए खड़ी हो गई। जाते हुए राजू को सना ने रोकते हुए कहा " सर हमे आपसे बात करनी है "। सना की आवाज सुन कर राजू रुक गया और सना की तरफ देखने लगा । अर्जुन राजू को घूर घूर कर देख रहा था उसे राजू का इस तरह आना अच्छा नहीं लगा। वो सना के साथ कुछ पल और अकेले में रहना चाहता था। राजू अर्जुन के एक्सप्रेशन देख कर समझ गया था उसे अच्छा नहीं लगा उसका आना । कुछ सेकंड बाद वो सभी अर्जुन के कैबिन में थे । अर्जुन अपनी चेयर पर बैठा था सना और राजू उसके सामने बैठे थे।

सना ने एक नजर दोनों को देखा और राजू से कहा " सर क्या आपने हमे सच में ऑफिस के पहले दिन ही जॉब से निकाल दिया है " सना की बातें सुन कर राजू खांसने लगा । उसने मन ही मन खुद से कहा " मेरी इतनी कहा हिम्मत मैं तुम्हें जॉब से निकालू सना " । राजू को खांसते देख कर सना ने पानी का ग्लास उसकी तरफ बढ़ाया । राजू ने पानी पीकर कहा " तुम्हें किसने कहा , तुम्हें जॉब से निकाल दिया गया है "। "जो भी लेट आता है उसे उसी दिन ऑफिस से निकाल दिया जाता है , हमे किसी ने ऑफिस में ही बताया है " दुआ ने कहा और चुप होकर एक टक राजू को देखने लगीं । दुआ अपनी कंजी आंखों को बड़ा कर राजू को देख रही थी और उसके जवाब का इन्तजार कर रही थी। अर्जुन सामने बैठा दोनों को देख रहा था सना का राजू को इस तरह देखना अर्जुन को अच्छा नहीं लग रहे था । सना की बातों पर राजू ने फिर से मन में ही कहा " ये रूल सबके लिए है तुम्हारे लिए नहीं तुम तो बहुत स्पैशल हो "। अर्जुन की घूरती नजरों को अपने उपर पा कर राजू ने जल्दी से कहा " हां ये रूल है पर आज तुम्हारा पहला दिन है तो ये रूल तुम पर कल से लागू होगा "।

"थैंक्यू सो मच सर " सना ने जैसे ही ये कहा " फ़ोन के रिंग होने की आवाज़ सबके कानों में गई। अर्जुन ने देखा उसके फ़ोन की डिस्प्ले पर माया नाम फ्लैश हो रहा था। अर्जुन ने फोन लिया और बालकनी में चला गया । सना भी उठ कर जाने लगीं तो राजू ने उसे रोकते हुए पुछा " कहां जा रही हों तुम "। "जहां सभी इंटर्स है " सना ने कहा । तो राजू ने आगे कहा " तुम उनके साथ काम नहीं करोगी "

"पर क्यों सर "

"तुम यहां काम करोगी इस फ्लोर पर " कहते हुए राजू ने आगे कहा " एक्चुअली अर्जुन के सेक्रेट्री ने लिव ली है कुछ दिनों की जब तक वो वापस नहीं आ जाता तुम्हें अर्जुन की सेक्रेट्री बनना होगा " ।

राजू की बातों पर सना ने कहा " पर सर हम कैसे " " सना हमारे पास कोई ओर ऑप्शन नहीं है । मैने देखा है तुमने कितने अच्छे से इंटरव्यू में पुछे गए सवालों के जवाब दिए थे "।

राजू की बात सुन कर सना के चेहरे पर परेशानी के भाव साफ झलक रहे थे । राजू सना के एक्सप्रेशन को नोटिस करते हुए आगे बोला " देखो सना तुम्हारे अलावा हमारे पास कोई ओर ऑप्शन नहीं है , कुछ ही दिनों की बात है जब अर्जुन का सेक्रेट्री वापस आ जाएगा । तब तुम अपनी इंटर्नशिप कंटिन्यू कर लेना तब तक के लिए ये जॉब कर लो" ।

सना ने सोंचते हुए खुद से ही कहा " अर्जुन सर के साथ काम करना थोड़ा स्केरी है पर उनके साथ काम करके एक्सपीरियंस्ड भी तो मिलेगा "। "हां हम रेडी है हम करेंगे इस जॉब को " सना ने कहा तो राजू ने सुकून की सांस ली और अर्जुन को देखा जो अभी भी फोन पर बात कर रहा था। "मैं तुम्हें काम समझा देता हुं , तुम्हें करना क्या है " राजू ने कहा और सना को बेसिक चीजे समझाने लगा ।

अर्जुन जो काफ़ी देर से फोन पर बात कर रहा था उसने कहा " मां मैं वहां नहीं आना चाहता आप क्यों मुझे बार बार पैलेस आने के लिए कहती है " । कॉल के दुसरी साईड से माया ने कहा " अर्जुन बेटा थोड़ी देर के लिए आना है तुझे, तुझे रहने के लिए नहीं के रही हुं मै " ।

"पर मां आप यहां क्यों नहीं आ जाती । हम यहां भी तो रह सकते है " । अर्जुन को जिद करते देख माया ने थोड़ा गुस्से से कहा " अर्जुन मैं अब एक नहीं सुनूंगी तेरी तु आ रहा है यहां " अपनी बात कह कर माया ने बीना अर्जुन की बात सुने कॉल कट कर दिया ।

अर्जुन जब कॉल करके वापस अपने कैबिन में आया तो सना और राजू दोनों बाते कर रहे थे । अर्जुन ने राजू को घूर कर देखा । जैसे ही राजू को फिल हुआ अर्जुन उसे घूर रहा है । राजू बहाना बना कर चला गया । अब अर्जुन और सना दोनों ही उस कैबिन में अकेले थे । अर्जुन नहीं चाहता था की सना उससे डरे वो खुद को शान्त कर पॉलिट्ली टोन के कहता है " बी कंफर्टेबल, तुम्हें कुछ दिन में समझ आ जाएगा। तुम्हें काम कैसे करना है "।

अर्जुन ने कहा तो सना ने उसे एक छोटी सी स्माइल करते हुए देखा । अर्जुन तो बस सना को अपने साथ रखना चाहता था इसलिए उसने सना को अपनी पर्सनल सेकेट्री की जॉब दी थीं । वो उससे कोई काम नहीं करवाना चाहता था ।

अर्जुन ने अपना कोट पहनते हुए कहा " मैं एक घण्टे में वापस आऊंगा तब तक तुम इस फाईल को सिस्टम में कॉपी करों" । अर्जुन की बातों पर सना ने ओके कहा ।

ग्राउंड फ्लोर पर अभी भी वो दोनों लड़कियां वहीं खड़ी थी और सना को ऑफिस से धक्के मारते हुए निकालने के नजारे के बारे में सोंच सोंच कर खुश हो रही थी। तभी आरती ने पुजा से कहा " उसे गए हुए तो काफ़ी टाईम हो गया है" । "हां यार बात तु सही कह रही है , उसे अभी तक निकाला क्यों नहीं किसी ने " पुजा ने आरती की हां में हां मिलाते हुए कहा ।

रायजादा पैलेस में,

एक बिगेस्ट रूम में एक लड़की बड़े से किंग साइज़ बेड पर अपने दोनों पर लटकाए बेड पर लेटी थी उसकी नज़रे छत की सीलिंग की तरफ थी । सीलिंग पर एक यूनिक डिजाइन के पैटर्न बने हुए थे । वो अपनी नजरों से पुरे रूम को एक्सप्लोर कर रही थी। वॉल पर व्हाइट पेंट था और उस पर ग्रे कॉलर के पैटर्न बने हुए थे वो रूम बहुत बड़ा था। उस रूम को एंटीक चीजों से सजाया गया था।

बेड के पीछे वाली वॉल पर एक लड़के की बड़ी सी फ़ोटो लगीं थी। उस फ़ोटो में लड़का अपनी आंखों पर से ब्लैक शेड्स हटा रहा था। वो एक सुपर स्टार जैसा लग रहा था । उस लड़की ने लड़के की फोटो को देख कर उस पर हाथ फेरते हुए कहा " अर्जुन कितने साल हो गए तुम्हें देखें हुए । आज फाइनली मैं तुम्हें करीब से देखूंगी "। सुनैना अर्जुन को प्यार भरी नजरों से देखते हुए कहा ।

सुनैना इस वक्त जिस रूम में थी वो अर्जुन का रूम था । सुनैना ने अर्जुन के होठों पर अपने होठ रख उसे चूमते हुए कहा " बस एक बार तुम शादी के लिए हां करदो । मैं तुम्हें इतना प्यार दुंगी । तुम सब भूल जाओगे । मैने तुम्हें बचपन से प्यार किया है अर्जुन और अब तुम्हारी जो जगह मेरे दिल में है उसे कोई नहीं ले सकता "।

जहां एक तरफ सुनैना अपना लव कन्फेस कर रही थीं तो वहीं सना अर्जुन के दिए काम को कर रही थी। काम करते हुए सना को अपना गला सूखता फिल हुआ उसने सामने रखें पानी के ग्लास को हाथ बढ़ा कर उठाना चाहा तो वो ग्लास उसके हाथ में आने की जगह टेबल पर ही गिर गया ।

सना ये देख कर जल्दी से अपनी जगह से खड़ी हुई और टेबल पर रखी फाइलों को उठाने लगीं तो उसकी कोहनी से लग कर अर्जुन का लैपटॉप निचे गिर गया और टूट गया । सना ने फाइल दूसरी तरफ रख कर लैपटॉप उठाया फिर उसने एक नजर टेबल को देखा तो टेबल पर रखें कुछ डॉक्यूमेंट्स पानी से गिले हो गए थे । ये देख कर सना ने अपने हाथ से अपना सिर पकड़ लिया और पीछे होने लगीं तभी उससे टकरा कर एक वाश टूटकर गिर गया ।

सना ने पीछे मुड़ कर देखा तो वाश कई टुकड़ों में फर्श पर बिखड़ा हुआ था। सना ने बेबसी से खुद से ही कहा " या खुदा ये क्या किया हमने "। सना ने अपने हाथ में पकड़े उन पेपर्स को देखा जो इंपोर्टेंट लग रहे थे । सना ने एयर मशीन के पास जा कर उसे ऑन किया और पेपर्स सुखाने लगीं । पर उसका दुपट्टा उड़ कर बार बार उसके चेहरे पर आ रहा था सना अपना दुप्पटा संभालने लगीं तो उसके हाथ से वो पेपर्स छूट गए और पुरे कैबिन में बिखड़ गए ।

दुसरी तरफ ,

अर्जुन अपनी मां के बुलाने पर रायजादा पैलेस आ गया था। माया और राधिका हॉल में ही बैठी थी जब अर्जुन हॉल में आया तो । अर्जुन को देख कर माया के होठों पर स्माइल आ गई । तो वहीं अर्जुन के चेहरे पर अजीब से भाव थे।

अर्जुन कुछ कहता के उससे पहले माया ने कहा " तु आ गया " कहते हुए माया अर्जुन के पास आई और उसका हाथ पकड़ डाइनिंग एरिया के जाते हुए बोली " तेरी फेवरेट खीर बनाई है मैने आज उसे ही खिलाने के लिए बुलाया हैं तुझे "।

अर्जुन ने कुछ नहीं कहा और बैठ कर अपने मां के हाथ की बनी खीर खाने लगा । अर्जुन को जल्दी जल्दी खाता देख कर माया ने कहा " आराम से खाओ बेटा किस बात जल्दी है " अर्जुन अपनी मां से कभी झूठ नहीं बोलता था और सच वो बताना नहीं चाहता था इसलिए अर्जुन ने कुछ न कहते हुए चुप चाप खीर खाने लगा ।

अर्जुन को सना के पास जाने की जल्दी थी । उसने जल्दी से खीर फिनिश की ओर उठ कर जानें लगा तो माया ने उसका हाथ पकड़ उसे रोकते हुए कहा " कोई तुझसे मिलने आया है बहुत दूर से एक बार उससे मिल तो ले " ।

अपनी मां की बात सुन कर अर्जुन पलट कर अपनी मां के देखने लगा जो दूसरी तरफ देख रही थी। अर्जुन ने अपनी मां की नजरों का पिछा कर देखा तो सामने सुनैना खड़ी थी। जो होठों पर स्माइल और आंखों में प्यार भरे उसे देख रही थी।

अर्जुन ने फ्रस्टेड होते हुए कहा " not again मां " अर्जुन ने कहा और हाथ छुड़ा कर चला गया। वो समझ गया था उसकी मां ने उसे क्यों बुलाया था।

माया खाली आंखों से अर्जुन को जाते हुए देखती रह गई थी । सुनैना को भी अर्जुन का उसे यूं इग्नोर करना अच्छा नहीं लगा ।

इधर अर्जुन वापस अपने ऑफिस पहुंच गया था । वो अपनी पर्सनल लिफ्ट से टॉप फ्लोर पर गया और जैसे ही उसने अपने कैबिन का डोर ओपन किया उसकी आंखे खुली की खुली रह गई ।

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❤️❤️❤️

अर्जुन ने ऐसा क्या देखा की वो शॉक्ड हो गया?

अब क्या करेगी सुनैना अर्जुन को पाने के लिए ?

To be continued...

आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " heartless demon Angel " और बने रहिए कहानी पर।।

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See you in the next chapter till then take care...

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