किस एंड सेफ लाइफ - 6 Alam Ansari द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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किस एंड सेफ लाइफ - 6

Chapter -6

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सना ऑटो से निकल कर फिर से इधर उधर देखने लगीं और बड़बड़ाते हुए खुद से ही बोली " कोई तो ऐसा मिल जाए जो हमे ये रोड क्रॉस करवा सकें "।

सना की नजरे इधर उधर दौड़ती रही थी पर उसे कोई नहीं दिखा । सना ने निराश होते हुए अपना सिर निचे झुका लिया।

सना से कुछ दूरी पर खड़ी कार में से अर्जुन सब देख रहा था । उसने अपने मुंह पर मास्क लगाया और कैप पहनी कार से निकल कर अर्जुन सना के पास आ कर खड़ा हो गया।

सना ने जैसे ही अपने बराबर में दो काले जूते देखें उसके होठों पर एक छोटी सी मुस्कान आ गई । सना ने उन काले जूते को देखते हुए अपने कदम उनसे मिलाए ।

सना की नजरे उन जूतो के आगे पीछे हो रहे स्टेप पर ही थी। अर्जुन जो सना को तंग कर रहा था । वो जान बुझ कर कभी आगे बढ़ता तो कभी पीछे हट जाता । सना को अपने कदम से कदम मिलाता देख अर्जुन के दिल मैं

मुझ में सफर तू करती रहे हर इक सांस में गुज़रती रहे

हम से ये जो भी हरकत हुई है मोहब्बत मोहब्बत मोहब्बत हुई है

कुछ इतने हैं हम तुम कमी कुछ नहीं है जितना भी जीना है तुझको ही जीना है जीते रहे जिस तरह

शामो सुबह तू मेरा तेरे बिना क्या मेरा दो जिस्म जान एक है न होना कभी तू जुदा

तेरी मेरी कहानी है बारिशों का पानी बन के जो इश्क बरसे तेरी मेरी कहानी

तेरी मेरी कहानी है बारिशों का पानी बन के जो इश्क बरसे तेरी मेरी कहानी....

सना के उसके पास होने से अर्जुन के दिल मैं सुकून मिल रहा था उसे एक अलग ही एहसास ने घेर लिया था।

सना को और तंग ना करते हुए अर्जुन ने उसे रोड क्रॉस करवाया । रोड क्रॉस करते ही सना ने ना आगे देखा न पीछे सीधा अपने रास्ते को चली गई।

फ़ोन पर बात कर रहे शख्स ने दुसरी तरफ बोल रहे शख्स की बाते सुन कर फोन को जोर से पटका और वो बेचारा फोन टुकड़ों में बिखर गया । जगदीश ने गुस्से में अपने दोनों हाथ डेस्क पर पटके और दांत पीसते हुए कहा " कब तक आखिर कब तक मुझे तुम्हारे सामने ऐसे हाथ फैलाना पड़ेगा "। कहते हुए जगदीश की आंखों में गुस्सा साफ साफ झलक रहा था। तभी जगदीश ने लैंड लाईन से कॉल कर अपनी सेक्रेट्री रोजी को अपने कैबिन में बुलाया ।

अर्जुन अपने कैबिन में बैठा काम कर रहा था तभी राजू अंदर आया और हाथ में पकड़ी फाईल को अर्जुन के सामने रखते हुए कहा " एक गुड न्यूज है और एक बेड न्यूज पहले कौनसी सुनना चाहेगा "। राजू की बाते और उसके एक्सप्रेशन दोनों सेम थे एक दम सीरियस । अर्जुन ने अपनी नजर लैपटॉप से हटाई और राजू को देखने लगा । राजू को सीरियस लुक में देख कर अर्जुन ने राजू को बोलने का इशारा किया। राजू ने कहा " गुड न्यूज ये है , उसका कोई बॉयफ्रेंड नहीं है सिंगल है वो "। राजू की बाते सुन कर अर्जुन धीरे से मुस्कुराया । तभी राजू ने फाईल खोल कर अर्जुन के सामने करते हुए कहा " उसका नाम सना अहद खान है , वो एक मुस्लिम है अर्जुन "। राजू की बात सुनने के बाद भी अर्जुन के एक्सप्रेशन नहीं बदले । राजू ये देख कर शॉकड था । राजू ने कहा " क्या तुझे फर्क नहीं पड़ता उसके मुस्लिम होने से "।

राजू ने जिस फाइल को अर्जुन के सामने खोल कर रखा था उसमे सना की एक फ़ोटो भी थी। अर्जुन ने सना की फ़ोटो को हाथ में लेकर देखते हुए कहा " फर्क क्यों पड़ेगा । फर्क तो मुझे तब भी नहीं पड़ता जब वो मैरिड होती "। राजू अर्जुन की बातों पर उसे हैरानी से देख रहा था। उसे समझ नहीं आ रहा था वो सना की बातों का क्या जवाब दे । राजू ने कुछ सोंचते हुए फिर से कहा " उसे तो फर्क पड़ेगा ना वो तो नहीं मानेंगी ना "।

"जिस वक्त उसने मुझे छुआ उस वक्त से वो मेरी हो गई और किसी में इतनी हिम्मत नहीं मेरी किसी भी चीज को मूझसे छीन सकें । हमारे कुछ आदमियों को सना को प्रोटेक्ट करने के लिए कहो , अगर कोई उसे आंखे उठा कर देखें तो उसकी आंखें छीन लो "। अर्जुन उठा और बालकनी में जा कर खड़ा हो गया बालकनी की बॉन्ड्री पर अपने दोनों हाथ रख कर दिल्ली शहर को अपनी काली भूरी आंखों से देखते हुए कहा " मैं नहीं जानता तु ये कैसे करेगा इस वीक के एंड होने से पहले मुझे सना मेरे पास चाहिए" ।

अर्जुन की बाते सुन कर राजू को अपना गला सुखता मेहसूस हुआ । अर्जुन उठ कर बालकनी की तरफ जाने लगा तभी राजू भी पानी का ग्लास हाथ में लिए पानी पीते हुए उसके पीछे बालकनी में आ गया था। अभी जब अर्जुन ने सना को अपने पास रखने वाली बात कही तो राजू के मुंह से सारा पानी निकल गया और वो जोर जोर से खांसने लगा ।

राजू ने खुद को नॉर्मल करते हुए कहा " भाई कैसे करूंगा में ये उसे तेरे पास कैसे लेकर आऊंगा मैं "। राजू की बात को अनसुना कर बीना कुछ जवाब दिए अर्जुन कैबिन में आ गया और काम करने लगा ।

सना का घर

अहद न्यूज पेपर पढ़ रहे थे और सना उनके पीछे खड़े हाथों की उंगलियों को आपस में मसल रही थी । सना को समझ नहीं आ रहा था । वो उनसे कैसे बात करें ।

सना ने एक लंबी सांस ली और जैसे ही कुछ कहने को हुई उससे पहले ही अहद ने न्यूज पेपर पढ़ते हुए ही कहा " आप कुछ परेशान लग रही है , क्या आप हमसे कुछ कहना चाहती है " ।

"आपको हर बार कैसे पता चल जाता है अब्बू "

अहद ने फिर से न्यूज पेपर में नज़रे गड़ाए हुए ही कहा " आप हमारी बेटी है हम आपकी मौजूदगी को कैसे नहीं पहचानेंगे , चलिए अब बाते मत घुमाइए और बताइए क्या बात है " ।

"अब्बू आज शाम हमारे यूनिवर्सिटी से एक छोटा सा ट्रिप जा रहा है दो दिन के लिए जयपुर "

"आप जाना चाहती है " अहद ने पुछा ।

"आप मना करेंगे तो हम नहीं जाएंगे " सना ने धीरे से कहा ।

"आप जानती है ना हमने आज तक आपको किसी भी चीज के लिए मना नहीं किया है"।

"तो क्या हम जा सकते है " सना ने खुश होते हुए कहा और पीछे से आगे आकर उनके सामने बैठ गई।

अहद ने प्यार से सना के सिर पर हाथ रखा और मुसकुराते हुए कहा " हां आप जा सकती है पर अपना ख्याल रखिएगा । हमे जमाने पर नहीं पर आप पुरा भरोसा है "।

सना ने अहद के हाथ को अपने दोनों हाथों के बिच लेते हुए कहा " हम आपका ये भरोसा कभी टूटने नहीं देगें "।

अहद ने फिर से सना के सिर पर हाथ फेरा और कहा " जाईए जा कर आप पैकिंग कर लीजिए अपनी "।

पैकिंग करते हुए सना मन ही मन मुस्कुरा रही थी । दो शैतान आंखे जो सना को घूर रही थी सना इस बात से अंजान थी।

"आपा आप तो अकेले अकेले घूमने जा रहे हों मुझे भी जाना था" आरिफ ने अंदर आते हुए मुंह बनाते हुए कहा ।

"क्यों तुम्हारे स्कूल वाले क्या नहीं भेज रहे तुम्हें कहीं जो तुम हमारे साथ जाना चाहते हो "।

"क्या आपा में आपका छोटा भाई हुं , थोड़ा तो हमारे बारे में सोंचो " आरिफ ने फिर से मुंह बनाते हुए कहा ।

"आप हमे अपने साथ नहीं ले जा सकती पर कुछ ला तो सकती है ना हमारे लिए " आरिफ की बातो पर सना ने कहा " बताओ क्या चाहिए आपको "।

"हमारे लिए कुछ अच्छा सा लेकर आना कुछ ऐसा जो हम अपने सभी फ्रेंड्स को दिखा सकें । आपको पता है अनुज की आपा मुंबई से उसकी लिए न्यू आईपेड लेकर आई थी उसके लिए । ऐसा कुछ आप हमारे लिए ले आना "।

"हम मुंबई नहीं जयपुर जा रहे है और वहां से हम सिर्फ़ तुम्हारे लिए एक ही चीज ला सकते हैं " सना ने जवाब में कहा।

"क्या "

"ऊंट "

"क्या ऊंट हम ऊंट का क्या करेगे उसे तो हम स्कूल भी नहीं ले जा सकते "।

आरिफ ने मुंह बनाते हुए कहा तो सना ने उसे पीछे से गले लगाते हुए कहा " हमारे छोटे भईया और हमारे क्राईम पार्टनर तुम टैंशन मत लो हमे जो अच्छा लगेगा हम तुम्हारे लिए ले आयेंगे । चलो अब हंस भी दो । थोड़ा सा हंस दो " बोलते हुए सना आरिफ को गुदगुदी करने लगीं ।

शाम हो गई थी और सब यूनिवर्सिटी के पार्किंग में बस में बैठ रहे थे। सना को छोड़ने अहद उसके साथ आए थे ।

बस में चढ़ते हुए सना ने एक नजर अहद को देखा। वो सना को बाई कर रहे थे। । सना ने भी अपना एक हाथ हिला दिया । कुछ ही देर में बस दिल्ली से बाहर जा चुकी थी पुरी रात का सफर था तो सब खूब एंजॉय कर रहे थे। सना विंडो सीट पर बैठी थी और बाहर देख रही थी। ठंडी हवा सना के चेहरे को छु रही थी। सना को बहुत हल्का और अच्छा फील हो रहा था। सना की आंख कब लग गई उसे पता ही नहीं चला ।

बस एक ढाबे पर जा कर रुकी । रात के बारह बज रहे थे तभी " सना सना सना उठना यार कितना सोएगी " कहते हुए निशा ने सना को जगाया । सना जो नींद के समुंद्र में गोता लगा रही थी । अपनी अर्ध खुली आंखों से निशा को देखा और नींद में ही बोली" सोने दे ना यार पिछले दो दिनों से तुम दोनों ने सोने नहीं दिया हमे "।

"होटल पहुंच कर मन भरके सो जाना पर अभी उठजा यार देख पूरी बस खाली हो गई है । चल हम भी चल कर कुछ खा लेते है " आयशा की बातों पर सना ने कहा " तुम दोनों जा कर खालों हमे नहीं खाना "। सना की बातों पर दोनों ने उसे जबरदस्ती उठाया और सना को मुजबूरन उनके साथ जाना पड़ा ।

सना बस से बाहर तो आ गई पर नींद ने उसका पिछा नहीं छोड़ा । नींद में चल रहे सना के पैर पत्थर से टकरा गए और सना गिरने लगीं तभी दो मजबूत हाथों ने सना को थाम लिया। नींद से भरी सना की आंखे गिरने के डर से खुल गई । सना ने अपने ऊपर झुके चेहरे को देखा और खुश होते हुए कहा " थैंक्यू यार मोहित तुमने हमें गिरने से बचा लिया"। "तुम चाहो तो मैं हमेशा तुम्हें ऐसे ही संभालता रहूंगा " मोहित की बाते सना ने सुनी पर उसे कुछ समझ नहीं आया तो वो सीधा वॉशरूम चली गई मुंह धोने ताकि उसकी नींद से भरी आंखे खुल सके । मोहित खड़ा सना को जाते हुए देख रहा था। तभी उसके कंधे पर हाथ रखते हुए ऋषि ने कहा " ये अच्छा मौका है अब तो तु उसे अपने दिल की बात बता दे तु उसे पसंद करता है " । " हां यार मोहित तीन साल हो गए अब तो तु सना को परपोज कर दे इससे पहले तेरी सना किसी और की ही सना बन जाए " निशा ने मोहित के दुसरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा ।

मोहित ने दोनों की बाते सुन कर कहा " डर लगता है यार कहीं उसने मना कर दिया तो । उसे पाने के चक्कर में उसकी दोस्ती भी ना को दू मैं "। मोहित की बातों पर आयशा ने कहा " बात सही है तेरी पर कहीं सना को कोई और ही ले गया तो । क्या तु उसे किसी और का होते हुए देख सकता है " । "नहीं सना सिर्फ मेरी है वो किसी और की कभी नहीं हो सकती " मोहित ने थोड़ा गुस्से में कहा और चला गया ।

दिल्ली में अर्जुन के एक हाथ में सिगरेट और दुसरे हाथ में सना की तस्वीर थी । अर्जुन बालकनी में बैठा था । उसने सना की तस्वीर से नजर हटाई और चांद को देखते हुए बोला " तुम सना हो तुम्हें मांगते सभी है पर तुम आई सिर्फ मेरे लिए हो । जिस पल तुमने मुझे छुआ उसी पल तुम मेरी हो गई "। अर्जुन अपनी बात को पुरे हक के साथ कह रहा था। अर्जुन जो सना पर अपना हक समझने लगा था । तो वहीं सना अर्जुन और मोहित के इरादों से अंजान दाल बाटी चूरमा खा रही थी।

"वाओ यार कितना टेस्टी है " सना ने खाते हुए आंख बन्द कर कहा और आगे अपनी है को जारी रखते हुए आगे कहा "उपर से ये छाज़ यार मजा ही आ गया" । "अपनी आंखे खोलो और देखो सब खा कर जा चुके है हमे भी चलना चाहिए । वरना बस हमे छोड़ कर चली जाएगी " निशा ने कहा ।

सना ने जल्दी जल्दी अपना खाना फिनिश किया और बस में आ कर बैठ गई। एक बार फिर बस चल पड़ी थी । सना ने खिड़की से अपना सिर लगाया और बाहर देखने लगीं ।

*******

❤️❤️❤️

क्या होगा जब सना को मोहित और अर्जुन के इरादों के बारे में पता चलेगा?

सना किसे चुनेगी अर्जुन और मोहित में से ?

क्या करेगा अर्जुन जब उसे मोहित के इरादों के बारे में पता चलेगा ?

To be continued...

आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " heartless demon Angel " और बने रहिए कहानी पर।।

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See you in the next chapter till then take care...

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