Chapter - 12
(ASR कॉरपोरेशन में सना)
सना खुश थी उसे इंटर्नशिप करने की परमिशन जो मिल गई थी। सना अपने रूम में आईं और बेड पर लापरवाही से लेटते हुए अपना फ़ोन यूज करने लगीं । सना ने उस मेल को फिर से देखा जो एएसआर कॉरपोरेशन से आया था। अपने सिलेक्शन के मेल को देखते हुए सना के चेहरे पर एक satisfaction था। सना ने अपने फ़ोन का नेट जैसे ही ऑन किया । उसके कॉलेज ग्रुप के चैट रूम में मैसेजेस की बाड़ आ गई। वो मैसेज देख कर खुश हो गई, उसके सारे दोस्तों का सिलेक्शन हो गया था। सना ने अपने फ़ोन को साईड में रखा और अपने फैवरेट टेडी को हग करते हुए कहा " कल हम फाइनली पहली बार जॉब पर जायेंगे । वो भी इतनी बड़ी कम्पनी में, कितना कुछ सीखने को मिलेगा हमे वहां "। सना यहीं सब सोंचते हुए सो गई ।
तो वहीं दुसरी तरफ किसी की आंखों में नींद का कतरा तक नहीं था । अर्जुन अपने रूम की बालकनी में खड़ा चांद को घूर रहा था और सिगरेट के लंबे लंबे कस ले रहा था। अर्जुन की अपर बॉडी पर कोई कपड़ा नहीं था। उसकी मस्कुलर बॉडी शर्टलेस थी। सांवला रंग होने के बावजूद भी अर्जुन बहुत हैंडसम था। उसकी परफेक्ट शेप बॉडी और फेस कट उसे किलर लुक देते थे। इसलिए तो लड़कियां एक झलक में ही अर्जुन की दीवानी हो जाती थी। अर्जुन की दो रंग वाली आंखें अंधेरे में क्रिस्टल के जैसे चमक रही थी। अर्जुन को इस तरह बालकनी में खड़े सिगरेट पीते देख कर राजू ने कहा " सो जा तेरा काम हो गया है , कल तुझे वो मिल जाएगा जो तु चाहता है "। राजू की बातों पर अर्जुन ने कहा " जो मेरा है हमेशा मेरा ही रहेगा " फिर पीछे पलट कर राजू की तरफ देखते हुए कहा " मुझे वो आदमी चाहिए जिसने मेरी मौत का सौदा किया और अब तक जिन्दा है "। अर्जुन की बातों पर राजू ने कहा " चाहे वो कितने ही पर्दो के पीछे क्यों न छुपा हो बहुत जल्द वो भी हमारे सामने होगा"।
तो वहीं दुसरी तरफ़ सड़क पर एक आदमी भाग रहा था। वो पसीने से पुरा भीग चुका था। उसके पैरो की ताकत धीरे धीरे कम हो रही थी। वो भागते हुए बार बार पीछे मुड़ कर देख रहा था। उसके पीछे भी कुछ लोग भाग रहे थे ।
वो आदमी जो भागते हुए बार बार पीछे मुड़कर देख रहा था। सामने से आ रहे ट्रक पर जैसे ही उसका ध्यान गया उसके कदम वहीं रुक गए । उस आदमी की आंखों में मौत का डर साफ साफ दिख रहा था। उसका माइंड जैसे ब्लैंक हो गया था उसे समझ नहीं आ रहा था वो क्या करें । इससे पहले वो आदमी ट्रक के निचे आता तभी एक आदमी ने उसका हाथ पकड़ खींच लिया । "मरना चाहते हो क्या? ये क्या कर रहे थे आप सामने से आ रहे ट्रक को देख कर भी हटे क्यों नहीं आप " आदमी की बातें सुन कर उस आदमी ने कहा जो सड़क पर भाग रहा था । "मुझे बचा लो, मेरे पीछे कुछ लोग पड़े है जो मुझे मारना चाहते है pleaese save me " आदमी की बात सुन कर उस आदमी जिसने अभी अभी उसे ट्रक से बचाया था उसने पीछे देखा तो कुछ लोगों की परछाई उसे अपनी ओर आती दिखी ।
आदमी ने जल्दी से उसे पीछे झाड़ियों में छुपने के लिए कहा । वो आदमी दुसरे आदमी की बात मान कर छुप गया । तभी वहा वो लोग आए जो उस आदमी का पीछा कर रहे थे। उन आदमी में से एक ने पुछा " तुमने यहां से किसी को भागते हुए देखा क्या " आदमी के पुछने पर उस आदमी ने कहा " वो उस तरफ गया है , दुसरी ओर इशारे करते हुए कहा । वो सभी आदमी उस ओर चले गए जहां उस आदमी ने इशारे किए थे। उनके जाते ही वो आदमी झाड़ियों से बाहर आया और अपने सामने खड़े आदमी के गले लग गया ।
उस आदमी ने बड़ी ही चालाकी से अपनी जेब से एक पेनड्राइव निकाल कर उस आदमी की जेब में डाल दिया । फिर उससे अलग होकर कहा " बहुत बहुत धन्यवाद आपका आपने मेंरी जान बचाई । आपके मन में बहुत सारे सवाल होंगे । वो आदमी कोन थे ? मेरा पीछा क्यों कर रहे थे । मैं अभी आपको कुछ नहीं बता सकता पर एक दिन मैं आपसे मिलने जरूर आऊंगा "।
आदमी की बाते सुन कर उस आदमी ने अपनी जेब से कुछ पैसे निकाल कर उस आदमी को देते हुए कहा " ये रखिए आपके काम आयेंगे "। एक बार फिर से आपका धन्यवाद आपने मेरी इतनी मदद की अब मैं चलता हुं " अपनी बात कह कर वो आदमी चला गया । उस आदमी के जाने के बाद इस आदमी ने अपना अपनी बाईक स्टार्ट करते हुए कहा " दिल्ली में क्राइम कीतना बढ़ गया "।
रात की सुबह हो गई थीं । बहुत से लोगों का इन्तजार खत्म हो गया था। जहां एक तरफ सुनैना रायजादा पैलेस के मैन गेट पर खड़ी थी और पैलेस को अपनी दो खुबसूरत आंखों से निहार रही थी । तो वहीं सना भी रेडी होकर एएसआर कॉरपोरेशन के लिए निकल चुकी थी और ट्रेफिक में फंसी थी। तो वहीं अर्जुन अपने कैबिन में बैठा सना का बेसब्री से इन्तजार कर रहा था।
ट्रेफिक में फंसी सना ने झुंझलाते हुए खुद से ही कहा " ऑफिस के पहले दिन ही हम लेट हो जायेंगें क्या सोचेंगे सब हमारे बारे में "। कहते हुए सना बार बार अपनी रिस्ट वॉच में टाईम देख रही थी।
"भईया जल्दी चलियेना ऑल रेडी हम पहले से ही लेट है " सना की बातों पर ऑटो के ड्राईवर ने कहा " मैडम ट्रैफिक रूल को फॉलो नहीं करूंगा तो मेरा चालान कट जाएगा । आपका क्या आप तो चली जायेंगी पर मेरा मुझे तो दो हज़ार भरने पड़ जाएंगे "। ड्राईवर की बातें सुन कर सना ने आगे कुछ नहीं कहा ।
इधर अर्जुन अपने कैबिन में बैठा था और शून्य में देखे जा रहा था तभी राजू ने अंदर आते हुए कहा " चल सब आ गए है एक बार तु भी सबसे चल कर मिल ले । वरना तुझे देखना तो लोगों का सपना ही रहता है । इस बहाने तुझे तेरे ऑफिस के लोग देख तो लेंगे "।
राजू की इतनी लंबी चौड़ी बात सुन कर अर्जुन ने कुछ नहीं कहा और उठ कर चला गया । अर्जुन अपनी पर्सनल लिफ्ट से ग्राउंड फ्लोर पर आया ।
अर्जुन को अपने सामने देख कर ऑफीस लोगो को ऐसा लग रहा था जैसे उनका सपना पुरा हो गया हो ।
सभी अर्जुन को अपनी आंखे बड़ी किए देख रहे थे।
अर्जुन ने जब ग्राउंड फ्लोर का नजारा देखा तो दांत पिस्ते हुए राजू से कहा " मैने उसे लाने के लिए कहा था तु तो पुरा कॉलेज ही यहां ले आया "। राजू ने धीरे से अर्जुन के कान में कहा " अगर सिर्फ उसे लाता तो सब को शक होता " फिर सबको देखते हुए हल्की सी स्माइल करते हुए आगे कहा " अब तुझे उसके लिए इन्हें भी काम देना होगा "। "पर ये फ्रेशर है इन्हें तो कोई एक्सपीरियंस्ड भी नहीं है , तुने मेरे ऑफिस को चिड़ियां घर बना दिया है " अर्जुन ने फिर से दांत पिस्ते हुए कहा और भिड़ में उसे तलाश ने लगा जिसे उसकी नजरे कबसे ढूंढ रही थी।
सबको देखते हुए अर्जुन ने फिर से कहा " सना कहा है " ? अर्जुन के पुछने पर राजू ने भिड़ में झांकते हुए कहा " यहीं कहीं होगी "।
"मुझे क्यों नहीं दिख रही "
"मुझे क्या पता यार , शायद वो नहीं आई है " राजू ने कहा तो अर्जुन ने उसे घूर कर देखा और कहा " हैंडल कर इन्हें और मेरे कैबिन में आ "।
अर्जुन अपनी बात कह कर चला गया । राजू ने एक नजर सबको देखा और अपनी एसिस्टेंट रोहित से कहा " इन्हें इनके क्वालिफिकेशन के अकॉर्डिंग अलग अलग डिपार्टमेंट में भेज दो "। रोहित ने ओके कहा और चला गया। भिड़ में आयशा निशा ऋषि और मोहित भी खड़े थे; वो चारों ही सना का वैट कर रहे थे। निशा ने खीजते हुए कहा " सना यार कभी तो टाईम पर आ जाया कर "। ऋषि ने कहा " वो आ जायेगी हम चलते है ना "। मोहित ने कहा " तुम सब जाओ मैं उसका यहीं वैट करता हुं "।
रोहित ने वैसा ही किया जैसा राजू ने उससे करने के लिए कहा था सबको उसने अलग अलग डिपार्टमेंट में भेज दिया । मोहित को ना चाहते हुए भी रोहित के कहने पर जाना पड़ा । सना जब ऑफिस पहुंची तो ग्राउंड फ्लोर पुरा खाली था सब अपने अपने काम में लगे थे । सना को समझ नहीं आ रहा था वो कहा जाए । तभी उसने एक लड़की को रोकते हुए उससे पुछा " एक्सक्यूज मि क्या आप बता सकती हैं न्यू इंटर्न्स को किसी मिलना है " ।
लड़की ने पहले तो सना को निचे से उपर तक देखा हलके नीले रंग के सूट में सना बहुत खुबसूरत लग रही थी। चेहरे पर कोई मैकअप न होते हुए भी सना बहुत अट्रैक्टिव लग रही थी। उस लड़की की आंखों में सना की खुबसूरत चुभ सी गई थी। उसने मुंह बनाते हुए कहा " तुम न्यू इंटर्न हों "। "हां "
"तो फिर तो तुम्हें अब वापस चले जाना चाहिए " लड़की ने कहा
"पर क्यों " सना ने पुछा ?
"तुम जॉब के पहले दिन ही लेट आई हों यहां के रूल्स के अकॉर्डिंग जो भी लेट होता है उसे उसी टाईम जॉब से निकाल दिया जाता है "।
"पर हम जान बुझ कर लेट नहीं हुए वो ट्रैफिक "
"अपने बहाने अपने पास ही रखो यहां बहाने नहीं एफर्ट्स को इंपोर्टेंस मिलती है "
सना समझ गई थी इस लड़की से बहस करने का कोई फायदा नहीं । पर वो ये जॉब भी आसानी से नहीं छोड़ना चाहती थी यहीं सब सोंचते हुए सना ने फिर से कहा " राज सर कहा मिलेंगे आप बता सकती है "
"ये देखो ऑफिस के पहले दिन ही इसे राजू सर से मिलना है , हम यहां इतने टाईम से काम रहे है, हम खुद महिने में एक या दो बार ही राजू सर को देख पाते है और इसे पहले दिन ही राजू सर से मिलना है " लड़की ने दुसरे लड़की को रोकते हुए सना की तरफ इशारे करते हुए कहमझ गई थी ये लड़की उसकी इंसल्ट कर रही है । उसने थोड़ा रूडली कहा " आप बस हमे बता दे वो मिलेंगे कहा "।
"आरती तुम बता क्यों नहीं देती ईसे राजू सर कहा मिलेंगे " ।
आरती ने कहा " चलो तुम्हें बता ही देती हुं राजू सर कहां मिलेंगे , वो दुसरी वाली लिफ्ट दिख रही है तुम्हें उससे तुम सीधा टॉप फ्लोर पर जाओ । राजू सर तुम्हें अपने कैबिन में मिलेंगे "। सना आरती की बात सुन कर चली गई।
सना के जाते ही उस लड़की ने आरती से कहा " ये तुमने क्या किया। वो लिफ्ट तो सिर्फ़ अर्जुन और राजू सर ही यूज करते है किसी को परमिशन नहीं है उनकी प्राइवेट लिफ्ट को इस्तेमाल करने की" ।
"पुजा अब देखो क्या होता है थोड़ी देर में ये लड़की हमे ऑफिस के बाहर पड़ी मिलेगी । राजू सर से बिना अपॉइंटमेंट के कोई मिल भी नहीं सकता और ये सीधा उनके कैबिन में जा रही है "।
"टॉप फ्लोर पर तो अर्जुन सर का भी कैबिन है अगर ये गलती से उनके कैबिन में चली गई तो " पुजा ने आरती से कहा ।
"फिर तो इसके साथ और भी ज़्यादा बुरा होगा। शौर्य सर का गुस्सा हम सबने देखा है , डेविल है वो ना जाने क्या ही करेंगे इसके साथ " कहते हुए वो दोनों पुजा और आरती हंसने लगीं ।
लिफ्ट टॉप फ्लोर पर जा कर खुली । फ्लोर पर पुरा सन्नाटा छाया हुआ था वहा कोई भी नहीं था । सना को समझ नहीं आ रहा था की कहां जाना है ।
वो धीमे कदमों से चल रही थीं उसका दुप्पटा फ्लोर को छू रहा था । तभी उसे कुछ आवाजे सुनाई दी सना पीछे मुड़ी तो उसका पैर दुप्पटे में फंस गया। वो खुद को संभाल नहीं पाई और गिरने लगीं । सना ने गिरने से बचने के लिए डोर के हैंडल को पकड़ना चाहा पर तभी किसी ने डोर को अन्दर से ओपन किया और सना उस शक्श के उपर जा गिरी ।
अर्जुन के उसके उपर गिरने से वो शक्श खुद को संभाल नहीं पाया और सना के साथ ही निचे गिर गया । उसके हाथ सना की कमर पर थे । सना ने डर से अपनी आंखे भींच ली थी। सना ने उस आदमी के शर्ट को कॉलर को कस कर अपनी मुठ्ठी में पकड़ा हुआ था ।
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❤️❤️❤️
कोन था वो शक्श जिसके ऊपर सना गिरी थी? कोन था वो आदमी जिसने उस आदमी की जान बचाई थी? आखिर क्या था उस पेनड्राइव में जिसे वो आदमी सिक्योर करना चाह रहा था ?
To be continued...
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " heartless demon " और बने रहिए कहानी पर।।
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See you in the next chapter till then take care...
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