Chapter -9
(कुछ पल प्यार के)
अर्जुन को वो रात याद आ गई थी जब सना ने उसे अपनी सांसे दी थी । अर्जुन जो आसानी से अपने चेहरे के एक्सप्रेशन को हाईड कर लेता था। वो उन पलों को याद कर मन ही मन मुस्कुरा रहा था पर उसके चेहरे पर कोई एक्सप्रेशन नहीं थे । सना आंखे बड़ी किए अर्जुन को हैरानी से देख रही थी।
"अब चलो " अर्जुन ने कहा तो सना का ध्यान टूटा । दोनों कार से बाहर आए तो बाहर का माहौल देख कर अर्जुन को ऐसा लगा जैसे वो मछली बाजार में खड़ा हों। लोगों का शोर और गाड़ियों की लंबी कतार देख कर सना ने अर्जुन की तरफ देखा और कहा " सर इतना लंबा ट्रेफिक हम दिल्ली कब पहुंचेंगे "।
"कल सुबह " आवाज़ सुन कर सना ने पीछे पलट कर देखा राजू मुसकुराते हुए सना को देख रहा था। "हमारे दोस्त " सना ने इतना ही कहा की राजू ने उसे बीच में रोकते हुए आगे कहा " उनकी गाड़ी निकलने के बाद ये एक्सीडेंट हुआ है , वो सब ठीक है तुम ज्यादा परेशान मत होना। मैने अभी बात की है । वो लोग कुछ घंटों बाद दिल्ली पहुंच जाएंगे।
सना एक साईड में आकर खड़ी हो गई और चारों तरफ देखने लगीं । गाड़ियों को लंबी कतार लोगों की भिड़ और रोड के दोनों साईड रेत यह देख कर । सना ने उदास होते हुए अपना मुंह लटका लिया। अर्जुन कार से टेक लगाए दोनों हाथ बांधे खड़ा था वो सना को ही देख रहा था।
तभी कुछ लोगों ने सना का ध्यान अपनी ओर खींचा । एक ट्रक से उतर कर कुछ बंजारे लोगों के शोर और भिड़ से कुछ दूर जा कर बैठ गए । रात का समय था तो गाड़ियों के हैडलाइट की रोशनी और चांद की चांदनी बिखरी हुई थी। उन बंजारों में से कुछ बंजारे लकड़ियों को इकट्ठा कर आग लगाने लगे तो कुछ अपना गाने बजाने का सामान निकालने लगे । उन बंजारों ने सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था। एक एक कर सबके कदम उनकी ओर बढ़ गए। सना भी उनके ओर बढ़ने लगीं । सना को बंजारो के करीब जाता देख अर्जुन ने राजू की तरफ देखा। राजू ने हां में सिर हिलाया और सना के पीछे चला गया। अर्जुन को ये सब पसंद नहीं था। वो डेविल पर्सनेलिटी वाला इंसान या यूं कहें की डेविल ही था वो उसकी लाइफ में तीन चीज़े ही जरूरी थी । पहली उसकी मां । दुसरा पैसा और तीसरा अपने दुश्मनों को मारना । यहीं उसकी लाईफ थी पर अब कुछ बदल गया था। जब से सना उसकी लाईफ में आई । सना भी उसकी लाईफ का एक इंपोर्टेंट हिस्सा बन गई । पर ये कितना सच था ये तो सिर्फ अर्जुन ही जानता था।
सना को खुद से दूर जाता देख अर्जुन को अच्छा नहीं लगा और उसके कदम एक बार फिर उसे उसके क़रीब ले गए। राजू ने एक बड़े से पत्थर पर सना को बैठा दिया था । जहां से वो उन बंजारों को देख रही थी।
अर्जुन उसके पास आ कर उसके पीछे ही खड़ा हो गया । उसके दोनों हाथ उसकी पेंट की जेब में थे।
बंजारों को नाचता गाता देख कर लोग अपनी परेशानी और ट्रेफिक का सिर दर्द दोनों ही भूल गए थे। सना भी होठों पर स्माइल उन्हें देख रही थी। इस बात से अंजान की दो रंग वाली आंखें उसे ही देख रही है ।
बंजारों का एक ग्रुप जब गा बजा कर थक गया तभी दुसरा ग्रुप आया और उन्होनें अपना गाना बजाना शुरू किया।
प्यार नहीं करना, जहान सारा कहता है कोई कुछ कर ले, ये प्यार होके रहता है हाँ, प्यार नहीं करना, जहान सारा कहता है कोई कुछ कर ले, ये प्यार होके रहता है
आँख लड़ जाती है नींद उड़ जाती है आग लग जाती है हाय मजबूर होके
दिल देना ही पेंदाये ग़म लेना ही पेंदाये दिल देना ही पेंदाये ग़म लेना ही पेंदाये, हाँ जी हाँ
सना उस गाने और उनके डांस में इस कदर खो गई थी की उन्हें देखते हुए वो अपनी पलके झपकाना ही भूल गई थी। तो वहीं अर्जुन भी हिप्नोटाइज होकर सना को देखते हुए पलके झपकाना भूल गया था।
तुम मेरे सामने फिर भी है दूरियाँ हाय रब्बा आशिकों की, ये मजबूरियाँ
ये गाने के बोल थे या अर्जुन के जज़्बातों को शब्द मिल गए थे । गाने का एक एक शब्द अर्जुन की फीलिंग्स को बयां कर रहा था।
तुम मेरे सामने, आ फिर भी है दूरियाँ, आ हाय रब्बा आशिकों की, ये मजबूरियाँ
तभी उन बंजारों के ग्रुप में से एक लड़की ने गा रहे लड़के का साथ देते हुए आगे गाया ।
तेरी याद-याद आये, मेरी जान-जान तेरी याद-याद आये, मेरी जान-जान जाए
रातों को बजती है खन-खन चूड़ियां दिल देना ही पेंदाये ग़म लेना ही पेंदाये दिल देना ही पेंदाये ग़म लेना ही पेंदाये, हाँ जी हाँ
उस लड़के ने लड़की की कमर में हाथ डाल उसे उपर उठाते हुए डांस करते हुए आगे गाया।
हम प्यार से चले जाना है प्यार तक दरियाँ में डूब के दरिया के पार तक
हम प्यार से चले जाना है प्यार तक दरियाँ में डूब के दरिया के पार तक
तभी उस लड़की ने लड़के को खुद से दूर करते हुए गाया ।
ये हाल-हाल कैसा? ये साल-साल ये हाल-हाल कैसा? ये साल-साल कैसा? इक-इक पल लम्बा इक साल जैसा
दिल देना ही पेंदाये ग़म लेना ही पेंदाये दिल देना ही पेंदाये ग़म लेना ही पेंदाये
बंजारों का डांस देख उन्हें एंजॉय करता देख सना बहुत खुश थी स्माइल उसके होठों से जा ही नहीं रही थी। तभी उस ग्रुप से निकल कर एक लड़की उसके पास आईं और उस लड़की ने सना का हाथ पकड़ा और उसे अपने साथ ले गई ।
सना जो एक बहुत अच्छी डांसर थी उसे डांस करना बहुत पसंद था। उन लोगों के फोर्स करने पर सना उन्हें मना नहीं कर पाई और उनके साथ डांस करने लगीं।
हाँ, प्यार नहीं करना, जहान सारा कहता है कोई कुछ कर ले, ये प्यार होके रहता है
आँख लड़ जाती है नींद उड़ जाती है आग लग जाती है हाय मजबूर होके
अर्जुन की नजर सना पर जैसे थम सी गई । जब उसने सना को डांस करते हुए देखा। उसे लगा उस पल वहां पर कोई ओर नहीं है सिर्फ वो और सना ही है । हल्के गुलाबी रंग के सूट में सना उन बंजारो के साथ डांस करते हुए बहुत खूबसूरत लग रही थी।
दिल देना ही पेंदाये ग़म लेना ही पेंदाये दिल देना ही पेंदाये ग़म लेना ही पेंदाये
अर्जुन जो सना को देख रहा था तभी कुछ आवाजों ने अर्जुन का ध्यान अपनी ओर खींचा । "क्या मस्त चीज है ये और क्या डांस करते हुए तो क्या ही लग रही है । आंखों से सीधा दिल में बस गई है"। पहले लड़के ने कहा ।
तभी दुसरे लड़के ने कहा " काश इसके साथ एक रात बिताने को मिलती । उन दोनों की बाते सुनते हुए तीसरे लड़के ने कहा " तो फिर देर किस बात की साम भी है जाम भी है और शबाब वो तो हमारे सामने ही है । उठालो इसे आज रात यादगार बन जायेगी "।
तीसरे लड़के की बात सुन कर पहले लड़के ने कहा "उठा तो ले पर यहां बहुत सारे लोग है "। "हां यार इतने सारे लोगों के सामने ये करना ठीक नहीं रहेगा " दुसरे लड़के ने कहा ।
तभी फिर से तीसरे लड़के ने कहा " तुम दोनों डरते बहुत हो कहते हुए उसने आगे कहा " रात का एक पहर ऐसा भी होता है जब ना चाहते हुए भी सबकी आंखें बंद हो ही जाती है बस उसी पल हमे इसे उठाना होगा "। उस तीसरी लड़के की बातों पर एक दुसरे को हाई फाई देते हुए तीनों हंसने लगे । इधर अर्जुन जिसने उन तीनों लड़कों की सारी बात सुन ली थी अपनी जलती आंखो से उन्हे ही देख रहा था। अर्जुन के जस्ट बगल में खड़े राजू ने भी उनकी बातें सुनी थी। राजू ने मन ही मन खुद से कहा " लोग मौत से दूर भागते है और ये तीनों बेवकूफ लड़के मौत को इन्वाइट कर रहे है । आज की रात तो वाकई तुम्हारी यादगार बनने वाली है " केहते हुए राजू उन तीनों की हालत को इमेजिनेशन करते हुए हंसने लगा । सना उन बंजारन लड़कियों से बात करने लगी थी। तभी उसे ख्याल आया वो अकेली नहीं है। अर्जुन का ख्याल आते ही सना उन लड़कियों के बीच से निकल कर वापस उसी जगह आ गई । अर्जुन जो सना को अपना असली चेहरा नहीं दिखाना चाहता था उसने पॉलिटली टोन में कहा "नाउ यू हैप्पी " । सना ने बस हां में अपना सिर हिला दिया ।
"क्या सना ये क्या किया तुने तुझे ऐसे बंजारो के साथ डांस करता देख क्या सोंच रहे होंगे अर्जुन सर तेरे बारे में " खुद को कोसते हुए सना ने खुद से ही कहा । अर्जुन ने आगे कुछ नहीं कहा और दूसरी तरफ चला गया। राजू ने झुक कर धीरे से कहा " तुम थोड़ा रेस्ट करना चाहोगी "? पीछे पलट कर सना ने राजू को देखा और धीरे से हां में अपना सिर हिला दिया।
सना ने अपने कदम गाड़ी की तरफ बढ़ाए और अंदर जा कर बैठ गई ।
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❤️❤️❤️
क्या वो लड़के सना को उठाने में कामयाब हो जाएंगे ?
अब क्या करेगा अर्जुन उन लड़को के साथ ?
क्या अर्जुन का असली चेहरा सना के सामने आ जायेगा ?
To be continued...
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " heartless demon " और बने रहिए कहानी पर।।
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See you in the next chapter till then take care...
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