(अर्जुन और सना )
मोहित इससे पहले कार से बाहर आता राजू ने कहा " अब तुम बैठ गए हों तो बैठे रहो न सना दुसरी कार में आ जायेगी "। निशा ने राजू की बातों पर हामी भरते हुए कहा " हां मोहित सना दुसरी कार में आ जायेगी कुछ घंटो की तो बात है "।
दोनों की बातों ने मोहित को खामोश कर दिया था । पर उसका दिल मान नहीं रहा था सना को अकेला छोड़ने के लिए । एक अजीब ही बचैनी ने मोहित को घेर लिया। इधर राजू ने ड्राईवर को इशारे कर जानें के लिए कहा। मोहित जिसने कुछ सोंचते हुए कुछ कहने के लिए बोलना चाहा ही था के तभी उसका ध्यान गया । की वो सना को वहा छोड़ आगे निकल आया है । मोहित के शब्द उसके मुंह में ही रह गए । राजू ने इशारे कर सना को चलने के लिए कहा और उसका बैग ले लिया । राजू ने कार का डोर ओपन कर सना को बैठने के लिए कहा । सना जैसे ही बैठने के लिए झुकी अंदर बैठे शक्श को देख कर उसकी आंखे बड़ी हो गई। उसने पलट कर राजू को देखा । राजू ने कहा " दो कार थी । एक में आपके फ्रेंड्स चले गए और अब इसमें हम सबको साथ ही जाना होगा ।
राजू की बात सुन कर धीरे से सना ने अपने सिर को हां में हिलाया और बैठ गई । अर्जुन की नजरे अभी भी उसके टैब में थी । शायद वो कुछ इंपोर्टेंट कर रहा था। पर सना को ये सिचुएशन बहुत ऑकवॉर्ड फील करवा रही थी। सना ने खुद से ही कहा " पर क्या करें हम और कोई ऑप्शन भी तो नहीं है हमारे पास " ।
ना जानें कैसे अर्जुन सर ने सना की नर्वसनेस को भांप लिया। वो टैब में नज़रे गड़ाए हुए ही कहा " डॉन्ट बी पैनिक , बी कंफर्टेबल कहते हुए अर्जुन ने पानी की बोटल सना की तरफ बढ़ा दी ।
सना के हाथ कांप रहे थे । पर फिर भी उसने बोटल लेते हुए कहा " थैंक्यू सर आपने हमारी इतनी मदद की" "इट्स माय प्लेजर " शान्त आवाज़ में अर्जुन ने कहा । अर्जुन सना को कंफर्टेबल फील करवाना चाहता था । इसलिए वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था ।
जैसे जैसे टाईम बीत रहा था अंधेरा घना होता जा रहा था । दिन भर घूमने और शॉपिंग की वजह से सना इतनी ज्यादा थक गई थी की इस पॉश कार में बैठते ही उसे नींद आने लगीं थी। काफी देर तक सना कोशिश करती रही की वो ना सोए पर ज्यादा थकान की वज़ह से वो खुद को कंट्रोल नहीं कर पाई और सो गई l
सना के सोते ही अर्जुन ने अपनी नज़रे तिरछी कर सना को देखा जो उससे काफ़ी दूर होकर बैठी थी और विंडो से सिर को टेक लगाए सो रही थी।
अर्जुन जो सना को देख कर पलके झपकाना ही भूल गया था उसकी नजरे सना के चेहरे को एक्सप्लोर कर रही थी। सना का फेस कट बहुत ही खुबसूरत था। बिना मैकअप के भी सना बहुत खुबसूरत लग रही थी। अर्जुन की आंखे सना के चेहरे पर ही घूम रही थी। आंखो से होते हुए अर्जुन की नज़रे सना के गाल पर उस छोटे से काले तिल पर गई । जो चांद से चेहरे पर नजर के टीके समान था।
सना को देखते हुए अर्जुन ने मन ही मन खुद से कहा " कितनी इनोसेंट हो तुम । तुम्हारी इस मासूमियत को संभालने की जिम्मेदारी आज से मेरी है "। अर्जुन का ध्यान फ़ोन के बीप के साउंड से टूटा अर्जुन ने देखा राजू का मैसेज था जो आगे की सीट पर बैठा मैसेज कर रहा था। "अब खुश है ना तु " राजू का मैसेज पढ़ते हुए अर्जुन ने बैक व्यू मिरर में राजू को देखा जो उसे देख कर स्माइल कर रहा था। अर्जुन ने राजू को घूरते हुए डोर पर लगे एक बटन को प्रेस किया । अर्जुन के बटन प्रेस करते ही कार में पार्टीशन हो गया । एक ब्लैक कॉलर के डोर ने आगे और पीछे के हिस्से को दो पार्टो में बांट दिया। अर्जुन अब आराम से पीछे बैठा सना को देख रहा था और अब राजू भी उन्हें नहीं देख सकता था।
राजू अर्जुन की इस हरकत पर स्माइल करने से खुद को रोक नहीं पाया था। सना का सिर सोते हुए विंडो साईड से दूसरी तरफ झुक गया। अर्जुन ने जब ये देखा तो वो उसके थोड़ा क़रीब बैठ गया और सना के सिर को अर्जुन के कंधे का सहारा मिल गया।
अर्जुन सना को इतने आराम से सोते देख कर धीरे से मुस्कुराया और वापस से अपने टैब में काम करने लगा और सना उसके कंधे पर सिर रख कर आराम से सो रही थी। करीब एक घण्टे बाद अचानक से कार के ब्रेक लगे । तभी अर्जुन के फोन ने फिर से बीप की आवाज़ की । अर्जुन ने देखा फिर से राजू का मैसेज है । (बहुत ज्यादा ट्रेफिक है शायद कोई एक्सीडेंट हो गया है कम से कम तीन से चार घण्टे लगेंगे ट्रेफिक क्लियर होने में , मैं चॉपर मंगवाऊं क्या ) अर्जुन ने एक नजर सना को देखा जो अभी भी सुकून से सो रही थी । अर्जुन ने सिर्फ एक वर्ड में रिप्लाइ किया "नहीं "। राजू अर्जुन का मैसेज देख कर हल्का सा मुस्कुराया और कहा " कल तक इस इंसान को एक भी सेकंड वेस्ट करना पसंद नहीं था । आज चार घण्टे वेस्ट करने के लिए तैयार है"
अर्जुन ने काम करते हुए ही तिरछी नजरों से सना को देखा । वो अभी भी सो रही थी। सना के बाल जो उसके चेहरे पर आ गए थे । अर्जुन ने हाथ में पकड़ा टैब साईड में रखा और सना के बालों को साइड करने के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए। अर्जुन को ऐसा करते हुए झिझक बिल्कुल भी नहीं हो रही थी। वो मान चुका था सना उसकी है । अर्जुन की शख्त उंगलियों ने बालों को हटाते हुए सना के गाल को छुआ । सना की स्किन किसी एक साल के बच्चे जितनी सॉफ्ट थी। अर्जुन ने जैसे ही सना के बालों को कान के पीछे किया सना धीरे से कसमसाई उसे हिलते देख अर्जुन ने तुरंत अपने हाथ पीछे खींच लिए और अपनी नजरे सीधी करली । "शायद हम काफ़ी देर से सो रहे है " सोंचते हुए सना ने अपनी आंखे खोली और आंखे खोलते ही उसे एक झटका लगा ।
"ये क्या हम अर्जुन के सर के कंधे पर सिर रख कर सो रहे थे"। सना ने धीरे से कहा और अपने चेहरे और आंखों में डर लिए नज़रे ऊपर कर अर्जुन को देखा ।
अर्जुन को अपने टैब में डूबा देख कर सना जल्दी से उससे दूर हो गई । उसके मुंह से आवाज़ तक नहीं निकल रही थी। वो बोलने की कोशिश कर ही रही थी के तभी अर्जुन ने कहा " उठ गई तुम " आवाज़ सुन कर सना ने उसकी तरफ देखा। वो अभी भी टैब में ही देख रहा था।
सना ने झिझकते हुए धीरे से कहा " सॉरी सर वो हमे ट्रेवलिंग में नींद बहुत आती है " । अर्जुन ने सना के तरफ बीना देखें जवाब दिया " इट्स ओके तुम्हें सॉरी बोलने की जरूरत नहीं । " पर सर " "ये सब छोड़ो तुम्हारा ये जानना जरूरी है अभी हम ट्रेफिक में फंस गए है । आगे किसी का एक्सिडेंट हो गया है अब जब तक रास्ता क्लियर नहीं होगा । हमे यहीं इंतजार करना होगा " ।
अर्जुन की बाते सुन कर सना ने हैरानी से अपने सामने बैठे शक्श को देखा जो मुंह से बोल तो रहा था। पर उसका सारा ध्यान उसके टैब में था। पता नहीं क्यों पर सना को अर्जुन का ये अंदाज पसंद आ रहा था।
" कितनी डिटरमिनेट है ये अपने काम को लेकर तभी तो एशिया के नंबर वन बिजनेस मैन है ये । सना अगर तुझे इनके जैसा बनना है ना तुझे भी इतने ही डिटरमिनेशन के साथ काम करना होगा " मन ही मन सना ने खुद से कहा । और इधर उधर देखने लगी ।
"ये कार कितनी बड़ी है और इसका डिजाइन कितना यूनिक है ऐसी कार तो हमने मैगजीन में भी नहीं देखी " कार को एक्सप्लोर करते हुए सना खुद से ही कह रही थी ।
तभी एक शान्त और कोल्ड आवाज़ ने एसएन का ध्यान अपनी ओर खींचा । " तुम्हें भूख लगीं है तो फ्रिज से निकाल कर कुछ खालों " " नहीं सर हमे भूख नहीं लगीं है " । " पिछले तीन घण्टे से हम सफर कर रहे है और दो घण्टे से तुम से रही हों टोटल चार घण्टे । आई एम श्योर तुम्हें भूख लगीं होगी कुछ खालों " ।
" क्या आदमी है ये हमारी भूख के लिए इतनी कैलकुलेशन । चल सना कुछ खा ही लेते है भूख तो सच में लगीं है हमे । वैसे कुछ भी कहो अर्जुन सर की लोगों को एक नजर में देख कर उनका हाल जानने की टेकनीक कमाल की है " कहते हुए सना ने फ्रिज ओपन किया ।
"रेड वेलवेट केक ये हमारा फेवरेट है" , अपने मन पसंद केक को देख कर हम खुशी से पागल ही हो गए थे । हम ये भी भुल गए थे , हम किसके साथ है । जैसे ही हमे अर्जुन सर का ख्याल आया हमने तिरछी नजरों से देखा अर्जुन सर हमे ही देख रहे थे।
"क्या हो तुम सना ऐसे कोन रिएक्ट करता है क्या सोंचेंगे सर हमारे बारे में उन्हें तो यहीं लगेगा ना ये केक हम पहली बार देख रहे है " सना ने गुस्सा करते हुए खुद से ही कहा ।
और एक झूठी मुस्कान लेकर अर्जुन की तरफ देखा वो अभी भी उसे ही देख रहा था । उसी झूठी मुस्कान के साथ सना ने धीरे से कहा " वो ये हमारा फैवरेट है इसलिए हम एक्साइटेड हो गए "।
"हम्म "
अर्जुन ने हम्म कहा और वापस से अपना काम करने लगा। "क्या इत्ते फाक है ना भूख लगने पर हमे हमारी मन पसंद का केक मिल गया खाने के लिए " सना ने खुद से ही कहा और खाने लगीं।
सना जिसे ये सब इत्ते फाक लग रहा था पर वो सब अर्जुन की एक सोंची समझी साजिश थी । जब राजू ने सना की फाईल अर्जुन के सामने रखी उस फाईल में सना की सारी इनफॉर्मेशन थी। उसे खाने में क्या पसंद है , कहा घूमना पसंद है, क्या हॉबीज है, सब उसकी हर छोटी से छोटी चीजों के बारे में उस फाईल में लिखा था। अर्जुन के कहने पर राजू ने बस के ड्राईवर को टाईम से पहले निकलने के लिए कहा । सना को हालातो के सामने झुक कर खुद अर्जुन के पास आना पड़ा उससे लिफ्ट मांगने के लिए । ये रेड वेलवेट कैक भी अर्जुन के के कहने पर राजू ने रखवाया था।
ने जैसे ही केक की बाइट ली उसे ख्याल आया " अरे सर से तो हमने पुछा ही नहीं । क्या यार सना जिनका केक खा रही हो , कम से कम उनसे एक बार पुछ तो लो वो खायेंगे या नहीं " ।
खुद को डांटते हुए सना ने अर्जुन की तरफ़ देखा और कहा " सर आप नहीं खायेंगे "। "तुम खालों " " क्या हमारी शक्ल इतनी बुरी है , ये हमे देख कर भी तो जवाब दे सकते है ना " सना ने खुद से ही कहा और वापस से खाने लगीं।
सना काफ़ी देर कार में ही बैठी थी। कार की विंडो भी सारी बंद थी और पर्दे लगे हुए थे तो बाहर का भी कुछ नहीं दिख रहा था । उसे अब घुटन होने लगीं थीं ।
उसने उस आदमी को देखा जो अभी भी अपने काम में लगा था। " क्या काम के अलावा इन्हें कुछ और नहीं दिखता। छोड़ ना सना तु क्यों इतना सोंच रही है । बस एक बार दिल्ली पहुंच जाए फिर ये अपने रास्ते हम अपने रास्ते"
"सर क्या हम बाहर जा सकते है " सना ऐसे शांत और नहीं बैठ सकती थी तो उसने पुछ ही लिया ।
"नहीं , बाहर बहुत क्राउड होगी " अर्जुन ने कहा और वापस से अपना काम करने लगा । कार साउंड प्रूफ थी तो उन्हें बाहर का शोर बिल्कुल भी सुनाई नहीं दे रहा था।
"पर सर अगर हम थोड़ी देर तक और यहीं बैठे तो हम मर जाएंगे । हमे इतनी शांति नहीं पसंद " सना ने कहा और अर्जुन के कुछ कहने का इन्तजार करने लगीं। अर्जुन ने अपना टैब साईड में रखा और सना की तरफ देख कर कहा " तो तुम बाहर जाना चाहती हो "। अर्जुन के पुछने पर सना ने धीरे से हां में सिर हिला दिया ।
"ठीक है ,पर तुम अकेली नहीं जाओगी । मैं भी साथ चलुंगा " । अर्जुन की बातों पर सना ने धीरे से अपना सिर हिला दिया।
" सना ने डोर को अनलॉक करने के लिए हाथ आगे बढ़ाया। तभी "रूको " सना ने पीछे पलट कर देखा अर्जुन की दो रंग वाली आंखे उसे ही घूर रही थी। "क्या हुआ सर " "तुम ऐसे नहीं जा सकती "। सना आगे कुछ कहती के तभी अर्जुन ने टीसु बॉक्स से एक टिसू निकाला और उसकी तरफ हाथ बढ़ा दिया । ये देख कर सना थोड़ा पीछे हट गई ।
सना को पीछे होते देख कर अर्जुन ने कहा " तुम्हारे चेहरे पर कैक लगा है "। कहते हुए अर्जुन ने आगे बढ़ कर सना के होठों पर लगे केक को साफ करने लगा। सना के होठों को देख कर एक बार फिर अर्जुन को वो रात याद आ गई उसे अपने होठों पर सना के होठों की गर्मी फिल होने लगीं ।
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❤️❤️❤️
क्या सना को अर्जुन की सच्चाई पता चल पाएगी ? क्या सना अर्जुन की साजिशो में उलझ कर रह जाएगी ?
To be continued...
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " heartless demon " और बने रहिए कहानी पर।।
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See you in the next chapter till then take care...
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