कल्पना से वास्तविकता तक। - 11 jagGu Parjapati ️ द्वारा कल्पित-विज्ञान में हिंदी पीडीएफ

Featured Books
श्रेणी
शेयर करे

कल्पना से वास्तविकता तक। - 11

पूरी कहानी को शुरुआत से पढ़ने के लिए आप हमारी प्रोफाइल पर फेरा लगा सकते हैं।

दुनिया में अगर हर कही बात हर किसीकी समझ आ जाती तो यक़ीनन आपसी उलझनों का तो धंधा ही चौपट हो जाता, लेकिन ना तो हर कोई समझ पायेगा और ना ही कभी उलझनों का कभी कोई घाटा होगा।

सभी को उनकी बातें तो आसानी से समझ आ रही थी लेकिन बातों का अर्थ समझना मुश्किल लग रहा था।

"अंकल आप हमें पहेलियाँ क्यों बुझ रहे हो ? इतने नाजुक समय पर भी आप सीधी बात नहीं बता रहे हो,ऐसे तो हमें कुछ भी समझ नहीं आएगा ।" कल्कि ने थोड़ा सा परेशान होते हुए कहा ।

"मैं कहाँ कोई पहेली बुझ रहा हूँ ... हाँ अगर आप सब को सच पहेली लगे तो उसमें तो मैं कुछ नहीं कर सकता हूँ । " रेयॉन ने अपने कंधे उचकाते हुए कहा ।

"कैसा सच अंकल , प्लीज आप हमें सब बताइये, ताकि हम युवी की मदद कर सकें इससे पहले की देर हो जाए।" नेत्रा ने कहा , उसके माथे पर परेशानी की लकीरें नज़र आ रही थी, और चश्में के पीछे से उसकी सुनी आँखें उम्मीद से रेयॉन अंकल की तरफ़ देख रही थी।

"डोंट वॉरी, मिशेल उन दोनों को कुछ नहीं करेगा क्यूंकि उस के लिए उनका जिन्दा रहना उनके ख़ुद से भी ज़्यादा जरूरी है।" रेयॉन ने नेत्रा को एक तसल्ली देते हुए कहा।

" मतलब" कल्कि ने उन दोनों के बिच में पड़ते हुए कहा ।

" एक तो आप मतलब बहुत ज्यादा पूछती हो ....एनीवे उसका मतलब ये है कि ....दरअसल जैसा की मैंने बताया कि वो यहाँ मेरा पहला दोस्त था और उसी ने मेरी जान भी बचाई थी, क्यूंकि जब मैं यहाँ पहुंचा था तो किसी सुनसान जगह पर कई दिनों तक बेहोश पड़ा था । तब मिशेल न ही मेरा पूरा ध्यान रखा था। लेकिन उसने मुझे मेरे लिए नहीं अपने लिए बचाया था। पहले वो भी इन्ही की तरह ही एक साधारण सा गोलक्ष वासी था, लेकिनउसने मेरी बेहोशी के दौरान ही मेरे दिमाग़ का एक क्लोन ख़ुद के लिए तैयार कर लिया था, और अब वो गोलक्ष वासियों से भी कई गुना ज्यादा शक्तिशाली हो गया था। उसने मुझे ये बात कभी भी जाहिर नहीं होने दी, वो हमेशा मुझे विश्वास दिलाता कि वो मुझे वापिस पृथ्वी पर जाने में मेरी मदद करेगा ।मैं मन ही मन उसकी अच्छाइयों का मुरीद हो गया था,कभी कभी तो उसके पास ही हमेशा के लिए रुक जाने का मन करता था। पर यहाँ एक बार फिर मैं ग़लत साबित हुआ था ,क्यूंकि वो मुझे भेजना नहीं चाहता था, बल्कि खुद मेरे सहारे वहां जाना चाहता था। लेकिनवो कामयाब नहीं हो पाया था। उसकी नाकामयाबी की वजह भी अब मैं जानता हूँ , वो है मेरा अधूरा होना , क्यूंकि मेरा आधा हिस्सा तो तुम्हारे ग्रह पर है। सच में हम पृथ्वीवासियों ने सही कहा है कि जो होता है अच्छे के लिए ही होता है।" इतना कहते कहते रेयॉन के चेहरे पर एक विजयी मुस्कान तैर गयी थी।

" लेकिन वो धरती पर जाना ही क्यों चाहता था अंकल ? और अगर जाना ही था तो अब तक क्यों नहीं गया था , मेरा मतलब उसने जाने के लिए आपका ही इंतज़ार क्यों किया?" कल्कि ने एक साथ कई सवाल उनकी तरफ़ उछालते हुए कहा ।

"हम सबको बनाने वाले ने सब सोच समझ कर ही बनाया है, गोलक्षी इतनी आसानी से धरती पर नहीं जा सकते ,क्यूंकि य धरती के चारों तरफ जो मैगनेटिक फ़ील्ड है उसको पार नहीं कर सकते, लेकिन मैं कर सकता हूँ इसलिए वो मेरे साथ ही वहां पहुंचना चाहता था ताकि वो धरती परअपना कब्ज़ा कर सके। लेकिन जब मेरा अधूरा शरीर ख़ुद भी अब उसे मैगनेटिक फील्ड को सहन नहीं कर सकता था। और अंत में उसके साथ साथ मैं भी यही अटक गया। " रेयॉन ने उदासी भरे लहजे से कहा ।

"ओह ....तभी ....और फ़िर अब मिशेल एक बार फ़िर धरती पर जाने कि कोशिश करना चाहता है ??" नेत्रा ने कहा ।

" हाँ ..और अब तो वो सिर्फ़ पृथ्वी नहीं बल्कि विथरपी पर भी अपना राज्य स्थापित करने की जरूर सोचेगा । " रेयॉन ने एक बार फिर से नफ़रत से भरते हुए कहा ।

"उसके राज्य की ऐसी की तैसी ,उसने क्या हमको बेवकूफ समझा है, कोई उसके बुजुर्गो की निशानी है क्या हमारी अर्थ, या वो हमारा जमाई है कोई, कि वो धरती पर जायेगा और हम कहेंगे कि लो अपनी अमानत पकड़ो, औरों की तो बाद की बात है पहले तो मैं ही उसका मुँह ,आँख, कान , हड्डी, पसली सब तोड़ दूंगी।" कल्कि ने रेयॉन की बातें सुनकर हवा में हाथों से तलवार चलाते हुए गुस्से में भुनभुनाते हुए कहा।

"आपको क्या लगता है कि अगर ये इतना आसान होता तो मैं अब तक इतना शांत रहता क्या ?? ये सब इतना आसान नहीं है बेटा " रेयॉन ने कल्कि की तरफ़ देखते हुए कहा ।

कल्कि और नेत्रा को भी उनकी बातों में दम लग रहा था, अगर देख जाए तो अगर एक अकेले व्यक्ति ने अपनी ही पुर दुनिय पर कब्ज़ा किया हुआ है तो वो कितना ही शक्तिशाली होगा। रेयॉन अंकल की आखिर बात ने उन्हें एक बार फिर से निराशा की ओर धक्का दे दिया था । उनके चेहरे की बढ़ती लकीरे अब ग्रमिल को भी परेशान कर रही थी। नेत्रा की बातों से कुछ कुछ टी वो समझ रहा तह लेकिन रेयॉन की बताई को भी बात उसके अब तक समझ नहीं आयी थी , लेकिन समय की नाजुकता को देखते हुए वो अब तक चुप चाप सबकी बातें सुन रहा था। चारों और कुछ क्षणों की ख़ामोशी देखने के बाद उसने इशारों में ही अपने पास खड़े बामी से पूरी बात बताने के लिए कहा। बामी ने भी धीरे धीरे उसको वहां की सारी परिस्थिति से लेकर, मिशेल के नापाक़ इरादों तक की सारी बात बता दी। यह सब सुनकर ग्रमिल को भी गुस्सा आ रहा था, नतीज़न उसके शरीर का तापमान बढ़ने लगा था और त्वचा का रंग भी लाल हो चूका था। उसकी वजह स वहां के वातवरण का तापमान भी बढ़ने लगा था। सबको जब अचानक ही गर्मी महसूस होने लगी तो सबने इधर उधर देखा उसी दौरान नेत्रा का ध्यान ग्रमिल की तरफ गया। वो जल्दी से उसकी तरफ़ गयी।

"क्या हुआ ग्रमिल ..सब ठीक है ना ,तुम्हारा रंग लाल कैसे लग रहा है ??" उसने ग्रमिल के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा।

लेकिन तभी अचानक से हाथ हटा भी लिया " आउच....आह ...तुम इतना गर्म कैसे हो ग्रमिल..तुम्हारी तबीयत तो ठीक है ना ?" नेत्रा ने अपना हाथ पकड़ते हुए कहा ,जो की इतना लाल हो गया था मानो किसी तपती भट्ठी पर रख दिया हो।

"वा निरजे मिशेल कास्तु जाणिक नेत्रा ?? मर्की विथरपी निबटें वुका वुका वा दजुक जस्तु ..अस्तु दिला ...."(उस दो कोड़ी के मिशेल की इतनी हिम्मत कैसे हुई ?हमारी विथरपी पर राज्य तो दूर की बात, वो उस और देखे तो सही ,मैं उसक आँखें नोच लूंगा ..)ग्रमिल ने लगभग चिल्लाते हुए कहा। उसके शरीर का रंग अब और बह ज्यादा गहरा ह चूका था।

"देखो हम सब मिलकर ठीक कर देंगे ग्रमिल ,पहले तू शांत हो जाओ, ऐसा करके तू सिर्फ अपने आप को औरो अपनों को ही नुकसान पहुंचा रहे हो। एक बार खुद को देख औरो अपने आस पास भी देखो तुमने सबकी की हालत कर दी है।" नेत्रा ने घुटते से स्वर में कहा। नेत्रा की बात सुनकर ज ग्रमिल ने सबकी तरफ देखा तो गर्मी क वजह स सबका दम घुट रहा था, ग्रमिल को इसी बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था। वो तेजी से वह स थोड़ा दूर ह गया,औरो लम्बी साँसे लेने लगा,धीरे धीरे उसके शरीर का तापमान गिरने लगा, और फलस्वरूप वहां का भी तापमान सामन्य होने लगा था।

"ये क्या था ..?" रेयॉन न अपने माथे से पसीना पोंछते हुए कहा।

"वो एक्चुअली.. अंकल, विथरपी वासियों में ज भी किस भावना की अति हो जाती है तो वो अपन तरंगो को खुद में सम्माहित करने में नाकामयाब हो जाते है ,जिसकी वजह से वो इनके शरीर से बाहर निकलना शुरू ह जाती है,और इनके शरीर का टेम्पेरेचर बढ़ जाता है।" नेत्रा ने पूरी बात समझाते हुए कहा।

" ओह ..." रेयॉन ने धीरे से कहा।

"अंकल, तो क्या मिशेल को कोई नहीं हरा सकता ? क्या वो सच में सब तबाह कर देगा ?" नेत्रा ने एक बार फिर से पूछा।

"हाँ ..सही कहा उसे कोई नहीं हरा सकता .."

ये सुनकर नेत्रा एक बार फिर से शून्य में देखने लगती है।

"अरे.! इतनी निराश क्यों हो गयी , ये सच है कि को अकेला उसको नहीं हरा सकता ,लेकिन अगर हम तीन ग्रह के लोग एक साथ मिल जाए तो उसको हराना इतना भी मुश्किल नहीं है।" इतना कहते हुए रेयॉन के चेहरे पर एक हल्की मुस्कान तैर जाती है।

रेयॉन की बात को सुनकर सब रोमांच से उनकी तरफ देखने लग जाते है।

© jagGu prajapati ✍️