इश्क़ होना ही था - 13 Kanha ni Meera द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क़ होना ही था - 13

** ओम नमः शिवाय **


** इश्क़ होना ही था part- 13 **

अभी तक हमने देखा की अक्षत और शिव तैयार हो कर आ जाते है और थोड़ी देर में दिया और अहाना भी वहा पर आ जाते है और चारो वहा से निकलते है...

शिव जो अक्षत को कब से कुछ बोलने के लिये इसारा कर रहा था फिर भी अक्षत कुछ नहीं बोलता...

शिव फिर अक्षत को मेसेज करने लगता है और शिव अक्षत को अपना फ़ोन देखने के लिए बोलता है...

अक्षत फोन को अपने हाथ में लेता है तो उसमे शिव ने मेसेज किया था की तुम अब कुछ तो बोलो और दिया से बात करो...

" अगर कोई जरूरी काम है तो आप कार थोड़ी देर खड़ी कर दो पर ड्राइव करते समय फोन नहीं चलाना चाहिए..."

दिया बोलती है...

"मुझे माफ़ करना..."

अक्षत हड़बड़ा जाता है और जल्दी से फोन बाजु में रख कर बोलता है...

ये देख कर शिव और अहाना हसने लगते है....

"ये अच्छा किया दिया तमने...

मेने तो इसी कही बार बोला है पर ये मानता ही नहीं है..."

शिव बोलता है और जब वो अक्षत के सामने देखता है तो वो उसे ही खुर रहा था...

"हां ये अच्छा नहीं है की आप इस तरह ड्राइव करते वक्त फोन का इस्तेमाल कर रहे हो..."

अहाना बोलती है...

" अरे अब से नहीं करुगा यार..."

अक्षत चीड़ के बोलता है...

चारो ऐसे ही बाते कर रहे थे और थोड़ी देर बाद सब चुप हो जाते है...

"अगर किसीको कुछ बोलना ही नहीं है, तो शिव जल्दी गाने ही चला दो...?"

अहाना कहती है...

शिव गाने चला देता हैं...

"Main tere Kaabil hoon ya
Tere Kaabil nahi"

गीत चल रहा था...

अक्षत जो साथ साथ ही अपने मन में यही गाना गुन गुना रहा था और वो साथ में दिया को बेक मिरर से देख रहा था..

" मुझे भूक लगी है यार..."

शिव बोलता है और अक्षत थोड़ी देर में एक होटल पर अपनी कार रोकता है...

वहा से निकलने के बाद 1 धंटे में ही अहाना का घर आ जाता है...

" चलो फिर मिलते है सब..."

शिव बोलता है...

"अरे तुम लोग अंदर तो चलो..."

अहाना बोलती है...

" नहीं हम कभी और दिन आएंगे..."

अक्षत बोलता है...

अहाना सबको बाय कहकर चली जाती है वो वो सब भी वहा से दिया के घर जाने के लिए निकल जाते है...

अहाना के घर से दिया का घर थोड़ा दूर था और दिया जिसकी आंख लग जाती है और अक्षत जो उसे ही बार बार देख रहा था...

" दिया आ गया तुम्हारा घर..."

अक्षत बोलता है...

" अहाना को तो अपने घर का रास्ता बताना पड़ा था पर दिया ने तो अक्षत को कुछ बताया भी नहीं था फिर भी अक्षत को कैसे पता है..."

दिया अपने मन सोचती है...

"आपको मेरा घर कैसे पता...?"

दिया बोलती है...

अक्षत कुछ नहीं बोलता और शिव के सामने देखने लगता है...

" अरे एक बार में मीतू के साथ एक काम से इस बाजु आया था तब उसने बताया था की तुम यहाँ रहती हो..."

शिव बोलता है...

" तभी...

चलो अब मेरे घर तो आना ही पडेगा..."

दिया बोलती है...

"नहीं नहीं अभी तो एक काम है और फिर जल्दी घर भी जाना है..."

अक्षत बोलता है...

" फिर कभी आएंगे मीतू को साथ ले कर..."

शिव बोलता है...

" चलो चलती हु..."

दिया बोलती है और दोनों उसे बाय करते है...

फिर दिया भी अपने घर के तरफ जाने लगती है...

अक्षत जो सिर्फ दिया को जाते हुए ही देख रहा था तभी शिव उसको देखता है तो अपने सर पे हाथ रख लेता है...

"अब क्या वही देखते रहोगे..."

शिव बोलता है...

ये सुन कर अक्षत भी जल्दी से कार शरू कर देता है...

वो दोनों वहा से चले जाते है...

"वैसे तुजे कैसे पता दिया का घर..."

शिव बोलता है...

अक्षत को जवाब तो नहीं देता बस मुस्कुरा देता है...

अक्षत ने मिताली से पहले ही दिया का घर कहा है जान लिया था और कही बार वो सिर्फ वहा से निकलता बस दिया को देखने के लिए...

दिया अपने घर में जैसे ही जाती है पहले अपनी मम्मी को जा कर गले लगा लेती है...

सुनीता बहन भी देख कर खुश हो जाती है...

सुनीता बहन और दिया बेथ जाते है और सारी बाते करने लगते है ...

*****

अक्षत और शिव दोनों अपना काम खतम करने के बाद मिताली को घर पहोच जाते है और दोनों रूम में बैठे थे...

अक्षत जो थोड़ा उदास था इस बात से की अब वो दिया से बात कैसे कर पायेगा और शिव उसे समजा रहा था...

" अक्षत हम मीतू की मदद लेंगे तुम चिंता मत करो... "

शिव बोलता है...

कितनी देर से शिव अक्षत को समजने की कोशिश तो कर रहा था वो अक्षत था जो बस इसी सोच में की वो दिया से कैसे बात करेगा इसी सोच में वहा से वहा चली जा रहा था...

"मेरे पास एक रास्ता है..."

अक्षत खुश हो कर शिव के सामने बैठ कर बोलता है...

"है तो जल्दी बताओ..."

शिव भी खुश हो जाता है और बोलता है...

" पर ये काम सिर्फ तुम ही कर सकते है मेरे भाई.."

अक्षत बोलता है...

" अरे पहले तुम बोलो तो सही..."

शिव बोलता है...

" अरे हमारे पास अहाना का भी नंबर है और हम उसे कुछ मदद ले सकते है.."

अक्षत अचनक से बोलता है...

" और अब ये मत कहना की में उस लड़की से बात करुगा..."

शिव बोलता है...

" हां तुम ही बात करनी पड़ेगी..."

अक्षत धीरे से बोलता है...

" नहीं नहीं...

तुम कुछ भी करने को कह सकते हो पर उस लड़की से में बात नहीं करने वाला..."

शिव बोलता है...

अक्षत जो अभी बहोत खुश था उसका चेहरा ये सुन कर उत्तर जाता है और वो उदास हो कर अपना मुँह निचे कर के बैठ जाता है...



"क्या अक्षत शिव को मना पायेगा...?"
" शिव क्या अहाना से बात करेगा...?"

" शिव के मदद मांगने पर अगर अहाना ने मना कर दिया तो...?"

"अक्षत अब कैसे दिया से बात करेगा...?"

अक्षत और दिया की इस कहानी में आगे क्या होगा ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....

इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...

इश्क़ होना ही था का part - 14 आपके सामने 22 december को आ जायेगा ...