Ch 2 कॉलेज
( अब तक के भाग में आपने पढ़ा कि रगुजा का रायसन धरती पर वैम्पायरों का साम्राज्य फैलाना चाहता है। उसके लोग धरती से कई लोगो को रगुजा ले जाते हैं जिनमे अनिका और मानव हैं। )
अब आगे
एक ओर जहां रगुजा का रायसन अपना साम्राज्य धरती पर फैलाने के सपने देख रहा था तो दूसरी ओर दिल्ली के एक नामचीन कॉलेज में नया सेशन शुरू हो हुए 6 महीने हो चुके थे। कॉलेज का नाम था-- सेंट पीटर कॉलेज। ये एक ऐसा कॉलेज था जहां पूरे इंडिया से लोग एडमिशन पाना चाहते थे।
ऐसे में सेशन के बीच मे कॉमर्स के फर्स्ट ईयर में एडमिशन लिया -- टीना सान्याल ने। टीना सान्याल जिसकी उम्र थी 20 साल। दिखने में बहुत खूबसूरत, लंबी,गोरा रंग, हरी आंखें और लहराते हुए काले बाल। पढ़ने में टीना होशियार थी। उसके साथ एडमिशन लिया उसके दोस्तों नीरू भाटिया और अजय द्विवेदी ने। तीनों ही स्कूल के दोस्त थे। बचपन से एक दूसरे को अच्छे से जानते थे।।
आज टीना का इस कॉलेज में पहला दिन था। सुबह से शालिनी टीना को उठाने की कोशिश कर रही थी।
शालिनी चिल्लाई,"टीना ओ टीना उठ जा अब।कॉलेज का आज तेरा पहला दिन है। वैसे ही तेरा एडमिशन 6 महीने लेट हुआ है।
टीना ने अपने कानों पर सिरहाना रख लिया और बड़बड़ाकर बोली,"मां ने तो बोलते ही रहना है। दो मिनट सोने भी नही देते। इतनी ठंड है। बाहर कैसे निकलूँ? लेकिन नही कॉलेज जाओ।"
तभी शालिनी आ गयी और टीना के ऊपर से रजाई हटाते हुए बोली,"टीना मैं तुझे लास्ट टाइम बोल रही हूं। उठ रही है या नही।"
शालिनी के बिगड़ते स्वर को समझते हुए टीना ने उठने में ही भलाई समझी।
"गुड मॉर्निंग माँ। नाराज़ नहीं हो। उठ गयी हूँ मेरी प्यारी मां,"टीना ने शालिनी के गले लगते हुए कहा
शालिनी हंसने लगी और बोली,"अच्छा अब तैयार हो जा। तेरे पापा कह रहे हैं कि तुझे पहले दिन कॉलेज छोड़ देंगे।"
टीना ने कहा,"ओके मां।"
टीना तैयार होने के लिए वाशरूम चली गयी। शालिनी ने उसका कमर ठीक करना शुरू कर दिया। कमरा देखते ही वह बोली,"उफ्फ! इतना गंदा कमरा।" टीना के बिस्तर पर एक किताब मिली, रहस्यमय कातिल। शालिनी ने टाइटल पढ़कर मुँह बना लिया और तेज़ आवाज़ में बोली,"टीना ,ये कैसी किताबें पढ़ती है तू। ड्रैकुला,खूनी दरिंदा और ये रहस्यमय कातिल। तू पागल है क्या।"
टीना की आवाज़ आयी,"आप मेरी बुक्स वापिस रखो। मुझे पसन्द है ये सब पढ़ना।"
टीना वाशरूम से बाहर आ गयी तो शालिनी ने पूछा,"एक बात बता निया?"
टीना ने पूछा,"क्या मम्मी?"
शालिनी ने कहा,"तुझे विश्वास है क्या कि वैम्पायर होते है ? क्या ऐसे लोग होंगे जो सिर्फ खून पर ज़िंदा रहते हैं?"
टीना ने जवाब दिया,"मम्मी, कुछ कह नही सकते। लेकिन मुझे लगता है कि हां ऐसे लोग होते हैं। एक कहानी पढ़ी थी मैंने जिसमे वैम्पायर गर्दन में दांतो से खून पीता है। लेकिन आप ये सब क्यों पूछ रहे हो?"
शालिनी ने अखबार दिखाते हुए कहा,"ये देख न्यूज़। डलहौज़ी, अल्मोड़ा,नैनीताल में कुछ लोगों ने vampires देखे हैं। एक गार्ड की लाश भी मिली है जिसकी बॉडी में खून की एक बूंद भी नहीं थी। गर्दन पर दांतों के निशान भी थे।"
टीना ने न्यूज़ पढ़ी और कहा,"मतलब आप डर गए हो। हैं ना। हा हा हा। क्या मां? यहां कौन सा वैम्पायर आ रहा है। चिंता नहीं करो।"
शालिनी बोली,"फिर भी तू ध्यान रख। आंखें खुली रखना ओके।"
टीना ने जवाब दिया,"ओके मम्मी। अब जल्दी से ब्रेकफास्ट लगा दो वरना आपके बाद अब पापा की डांट खानी पड़ेगी।"
शालिनी सान्याल,उम्र लगभग 50 वर्ष और एक हाउस वाइफ। पहले शालिनी जॉब करती थी लेकिन बच्चो के जन्म के बाद उनके लिए उसने काम छोड़ दिया।
शालिनी किचेन में जाकर नाश्ता बनाने लगी। टीना के पापा,रवि सान्याल अब तक डाइनिंग टेबल पर आ चुके थे। रवि का अपना व्यवसाय था। वह दिल्ली शहर में काफी नामचीन थे।
रवि ने शालिनी से पूछा,"शालू,तुमने टीना को बता दिया कि मैं उसको कॉलेज छोड़ रहा हूँ?"
शालिनी ने जवाब दिया,"हाँ रवि। बस वो आ रही है।"
इतने में टीना आ गयी और रवि के गले लगते हुए बोली,"गुड मॉर्निंग पापा। देखो, आई एम रेडी।"
रवि ने जवाब दिया,"गुड मॉर्निंग निया। जल्दी से नाश्ता कर लो। मैं आज तुम्हे कॉलेज छोड़ दूंगा।शालू ,आपके सुपुत्र,राजीव कहाँ हैं?
शालिनी मुँह बनाकर बोली,"सो नवाब साहब।"
रवि ने चिंता जताते हुए कहा,"पता नहीं इस राजीव का क्या होगा?"
शालिनी ने कहा,"आप चिंता नही कीजिये। एक दिन वह अपनी ज़िम्मेदारी समझेगा।"
टीना ने अपना नाश्ता खत्म किया और शालिनी को बाय कहा।
सेंट पीटर कॉलेज
टीना सेंट पीटर कॉलेज पहुंच गई। ऐसा शानदार कॉलेज उसने कभी भी नहीं देखा था। विशालकाय बिल्डिंग, बड़ा- सा ऑडिटोरियम, क्लासेज़, कंप्यूटर रूम,खेल परिसर, बड़ी- सी लाइब्रेरी,क्या नहीं था।
टीना के फ्रेंड्स नीरू और अजय भी आ गए।
टीना ने नकली गुस्सा बनाते हुए कहा,"ये कोई तरीका है। पहले ही दिन कॉलेज में लेट कोई होता है क्या? जाओ मुझे तुम दोनों से ही बात नही करनी।"
नीरू ने टीना को प्यार से गले लगाते हुए कहा,"सॉरी बाबा। देख कितनी ठंड है। यार कंबल से बाहर आने का मन ही नहीं कर रहा था।"
अजय बोला,"अब चलो भी। कॉलेज में एंट्री करनी है या बाहर ही खड़े रहोगे। उसके बाद क्लासेज़ भी अटेंड करने हैं।"
ये कहकर अजय दोनों का हाथ पकड़कर खींचने लगा। तीनों ने कॉलेज देखना शुरू किया ही था कि अचानक किसी ने उनको रास्ते में रोककर आवाज़ और कहा,"कहाँ चले तुम तीनों। ज़रा इंट्रो तो दे दो।"
तीनों सहम कर इधर - उधर देखने लगे।
"इधर-उधर नहीं अपने पीछे देखो।"
टीना,नीरू और अजय ने पीछे मुड़कर देखा तो वहां तीन सीनियर्स खड़े थे।
एक सीनियर ने कहा,"चलो,तीनों लाइन में हमारे सामने खड़े हो जाओ।"
नीरू ने हिम्मत करते हुए पूछा,"क्यों?"
सीनियर ने घूरते हुए कहा,"लगता है बड़ो से बात करने की तमीज़ नही सीखी। चल सॉरी बोल।"
नीरू ने सॉरी कहा।
सीनियर्स ने अपना इंट्रो देते हुए पहले अपने नाम बताए- मीनल,साहिर और नितिन।
नितिन ने कहा,"चलो,नाम सुन लिए ना।लेकिन हमें तुम सर या मैडम कहोगे। अब अपने बारे में बताओ। जल्दी से। एक -एक करके।"
टीना की ओर इशारा करते हुए साहिर ने कहा,"तुम ..तुम एक काम करो। जाओ गेट से जो भी पहले लड़का एंटर करे,उसको आई लव यू कहना है।"
टीना ने गुस्से में साहिर को देखा।
साहिर ने हंसते हुए कहा,"बहुत गुस्सा आ रहा है। शुक्र करो किस करने को नहीं बोल रहा। नहीं करोगी तो क्लास में नहीं जा पाओगी। सो ईट्स बेटर कि जाओ और जो कहा है वो करो।"
ये बोलकर साहिर ने टीना को बाहर की ओर धकेला। टीना ने ये करने में ही अपनी भलाई समझी। वह बाहर गेट के पास जाकर खड़ी हो गयी और इंतज़ार करने लगी।
तभी गेट पर तीन लोगों ने एंट्री की। सबसे आगे एक हैंडसम लड़का था। उसकी नीली आंखें, घुंघराले बाल,लम्बा कद था। उसके पीछे एक और लड़का और एक लड़की थे।
तनु बोली,"ये तो एक शानदार कॉलेज है। बहुत मज़ा आएगा।"
टॉम ने कहा,"यस। एक से एक शिकार। मज़ा आने वाला है जब कॉलेज में वैम्पायर्स घूमेंगे। अब कैसे बचेंगे ये सब हमसे। हा हा हा हा। बच सकते हो तो सब बचो।"
अमर ने उन दोनों को घूरकर देखा और कहा,"टॉम,इतनी जल्दी नहीं। एक -एक स्टेप सोचकर रखना होगा वरना पूरा प्लान खराब हो जाएगा। सभी को वैम्पायर नहीं बनाना वरना राज किस पर करोगे?"
टॉम ने कहा,"वी नो। कुछ का तो पूरा शिकार....हा हा हा। सबसे पहले शिकार ये तीनो सीनियर्स ही होंगे। जो आज किया उसको भुगतना होगा।"
दोनो तेज़-तेज़ हंसने लगे। अमर चुप था। उसके दिमाग में टीना का चेहरा बस चुका था।
रगुजा के स्वामी , रायसन का पहला लक्ष्य बन चुका था-- सेंट पीटर कॉलेज।
To be continued...
आगे की कहानी जानने के लिए पढ़ते रहिए " दरिंदे से प्यार " और बने रहिए कहानी पर।।
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See you in the next chapter till then take care...
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