हैवान से मोहब्बत - 2 Alam Ansari द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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हैवान से मोहब्बत - 2

आर्य सिंघानिया


तुषार अपना मोबाइल निकाल कर रिकोर्डिंग करना स्टार्ट कर देता है। कबीर अपने गंदे इंटेंशन के साथ तानिया की तरफ बढ़ता है। तानिया अभी भी अपनी आँखों में आँसू लेकर गिड़गिड़ाते हुए उन्हें छोड़ने के लिए कह रही थी। पर उन दरिंदों पर जैसे कुछ असर ही नहीं हो रहा था।




कबीर ने उसके टाॅप की बाजूओं को फाड़ दिया और अपने कपड़े उतारने लगा। तानिया एक बार फिर चींखने लगी : " कोई है... प्लीज़ मुझे बचा लो... प्लीज़...!! "




अब आगे -




इससे पहले कि कबीर अपने गंदे हाथों से तानिया को छू पाता। तभी कमरे का दरवाजा जोर से खुल जाता है। सामने एक लंबा - चौड़ा हैंडसम आदमी खड़ा होता है। कबीर को यह इंटरप्शन बिलकुल पसंद नहीं आता। वह गुस्से में कहता है : " कौन हो तुम...?? दिखाई नहीं दे हम यहां अपना काम कर रहे हैं... बेहतर होगा कि तुम यहाँ से निकल जाओ, वरना तुम समझ जाओगे कि कबीर खन्ना क्या चीज है...!! "




तानिया मदद के लिए फिर से गुहार लगाने लगी : " प्लीज़ मुझे बचा लीजिए। मैं आपका यह एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगी।। "




सामने से एक कड़क आवाज़ आती है : " साॅरी बाॅयस... मैं गलत टाइम पर आ गया।। "

यह कहते हुए वह वापस मुड़ जाता है। जिससे कबीर और उसके दोस्तों के फेस पर एक डेविल स्माइल आ जाती है। वन्या की तो जैसे आखरी उम्मीद ही टूट जाती है। उसके आँखों में आँसू फिर से बहने लगते हैं। वो समझ चुकी थी कि अब वो नहीं बच पाएगी। इसलिए अपनी आँखें बंद करके उसने अपनी माँ को याद किया।




तभी वह लंबा - चौड़ा आदमी वापस आकर कबीर को एक जोर दार पंच मारता है, जिससे वह एक तरफ गिर जाता है।




" हाँ मैं गलत टाइम पर आ गया। इनफैक्ट मुझे और जल्दी आना चाहिए था।। " यह कहते हुए वह कबीर पर लातों और घूसों की बारिश कर देता है। तानिया अब तक बेहोश हो चुकी थी।




थोड़ी ही देर में आर्य अपनी फाइटिंग स्किल से उन सबको ढेर कर देता है। फिर तानिया को अपनी गोद में उठा कर बाहर अपने कार में आ जाता है। उसकी हालत देख कर और अभी - अभी जो हुआ उसे देख कर आर्य ने डिसाइड किया कि वह उसे वहाँ नहीं छोड़ेगा।। "




आर्य ने कार को अपने फार्म हाउस की तरफ ले जाने के लिए कहा। कार में बैठ कर वह अपने बाहों में झूलती तानिया के चेहरे को अपने भाव हीन चेहरे के साथ देखने लगा। वह बहुत ही मासूम और खूबसूरत लग रही थी। उसके चेहरे को निहारते - निहारते आर्य की आँखें उसके हाथों पर लगे चोटों पर चली गई। जिसे देख कर ही पता चल रहा था कि उसे कितना टोर्चर किया गया होगा।।




थोड़ी ही देर में उनकी कार आर्य के फार्म हाउस में पहुंच चुकी थी। उसने पहले ही ओर्डर दे दिया था, वहाँ दो रूम रैडी करने के लिए। वहाँ पहुँच कर वह तानिया को अपनी बाहों में उठा कर अंदर चला गया। तानिया डर के मारे बेहोशी में भी आर्य की शर्ट को कस कर पकड़े हुए थी।




आर्य ने बड़ी मुश्किल से उसकी पकड़ से अपना शर्ट छुड़वाया। फिर उसे आहिस्ते से बैड पर लेटा दिया। एक फिमेल सर्वेंट से कह कर उसके कपड़े चेंज करने के लिए बोल दिया। और बाहर चला आया। उसने एक लेडी डाॅक्टर को पहले ही काॅल कर दिया था। थोड़ी देर में उसकी सर्वेंट उसे अंदर बुलाने लगी। आर्य ने देखा कि उसकी टाॅप की चेन खुली हुई है।




" सर, इनके हाथों और पीठ पर चोट के निशान हैं। ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने इन्हें बहुत टोर्चर किया है।। "




आर्य उसके करीब जाकर उसकी चोटों को ध्यान से देखने लगा। उसकी गोरी पीठ पर लाल हो चुके चोट के निशान अभी भी ताजा लग रहे थे।।

तब तक डाॅक्टर भी आ चुकी थीं। उन्होंने तानिया को चैक किया। उसके चोटों को भी अच्छी तरह examine किया। फिर आर्य की तरफ देखते हुए बोलीं : " मिस्टर सिंघानिया, ये डर की वजह से बेहोश हो गई हैं। इन्हें देख कर लग रहा है कि ये काफी वीक हैं। इनके साथ बहुत मारपीट की गई है और प्राॅपर मील नहीं लेने की वजह से इनकी हालत बहुत खराब हो गई है। मैं आपको कुछ सप्लीमेंट्स और डायट चार्ट दे दूंगी। उसे फोलो करने के बाद ये जल्दी ही ठीक हो जाएंगी।। "




डाॅक्टर ने आर्य को एक मेडिसीन की पर्ची दे दी और वहाँ से चली गईं। फीमेल सर्वेंट ने तानिया के टाॅप की जिप को बंद कर दी। आर्य ने ओर्डर देते हुए कहा : " जब ये होश में आ जाए तो खाना खिला देना। और कोई भी प्रोब्लम हो तो मुझे इंफोर्म कर देना।। "




" ओके सर !! "




फिर आर्य अपने कमरे में चला गया। थोड़ी देर बाद आर्य के कमरे का दरवाजा नोक होता है। यह वही फीमेल सर्वेंट थी, जो तानिया का ध्यान रख रही थी। आर्य ने दरवाजा खोला।




" सर उन्हें होश आ गया है। पर खाना खाने से मना कर रही हैं।। "

आर्य तानिया के रूम की तरफ चला गया। उसे देख कर तानिया को थोड़ी राहत महसूस हुई। वरना उसे तो लग रहा था कि वह कहाँ आ गई है। क्योंकि आर्य जब उसे कबीर और उसके दोस्तों से बचा रहा था, तब वह बेहोश हो गयी थी।

आर्य ने अपने भावहीन चेहरे के साथ तानिया को देखा फिर फीमेल सर्वेंट को वहाँ से जाने के लिए कह दिया। तानिया उसे देख कर पहचान गयी कि उसी ने उसे उन हैवानों से बचाया था। वह आर्य से कुछ कहने के लिए हुई पर आर्य ने उसे पहले ही रोक दिया।

" पहले तुम खाना खाओ, फिर हम इस बारे में बात करेंगे।। " तानिया ने अपनी सर्द आवाज में कहा।

तानिया उसकी बात मानते हुए डिनर करने लगी। आर्य उस कमरे की बाल्कनी में गया और रेलिंग में अपना हाथ टिका कर कुछ सोचने लगा। फिर उसकी नज़र खाना खाती हुई तानिया की तरफ गया, जो कि किसी छोटी बच्ची की तरह लग रही थी।

उसे देख कर आर्य के फेस पर एक डेविल स्माइल आ गई। उसे देख कर लग रहा था कि उसके दिमाग में कुछ प्लान चल रहा है। डिनर फिनिश करने के बाद तानिया ने आर्य की तरफ देखा। आर्य के ओर्डर पर एक सर्वेंट आकर उन डिसेस को लेकर बाहर चला गया और टी - टेबल को क्लीन कर दिया।।

आर्य तानिया के बगल में बैठ गया। तानिया उसकी तरफ देखते हुए बोली : " आप कौन हैं, ये तो मैं नहीं जानती पर Thank you so much... मुझे उन दरिंदों से बचाने के लिए। मैं आपका यह एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूंगी।। "

आर्य उसकी तरफ अपनी सर्द आँखों से देखते हुए बोला : " डोन्ट वॉरी, आर्य सिंघानिया अपनी जिंदगी में कोई भी काम बिना किसी मतलब के नहीं करता।। "

तानिया उसकी तरफ देखते हुए बोली : " क्या मतलब है आपका...?? "

" अभी तुम्हीं तो कह रही थी न कि तुम्हें बचा कर मैंने तुम पर एहसान किया है।। "

तानिया ने हाँ में सिर हिला दिया, पर उसे अंदर ही अंदर डर भी लग रहा था कि कहीं वह एक हैवान से बच कर दूसरे हैवान के पास तो नहीं आ गई।

" तो अब तुम्हारी बारी है, मेरे इस एहसान की कीमत चुकाने की।। "

अब तानिया को डर लगने लगा। क्योंकि आर्य डाइरेक्टली उसे उसके एहसान की कीमत चुकाने के लिए कह रहा था।

वह डरते हुए बोली : " क्या करना होगा मुझे।। "




आर्य सर्द आवाज में बोला : " मुझसे शादी करनी होगी।। "




इतना सुनते ही तानिया की आँखें हैरानी से बड़ी हो जाती है। वह समझ ही नहीं पा रही थी कि जिस इंसान को वह जानती तक नहीं, इनफैक्ट आज ही उससे मिली है। उससे अचानक से शादी कैसे कर ले।।




" पर मैं तो आपकी जानती तक नहीं। न ही आप मुझे जानते हैं। तो मैं आपसे कैसे शादी कर सकती हूं...?? "




" तुम चाहो या न चाहो, पर तुम्हें मुझसे शादी करनी ही पड़ेगी...अगर तुम्हें सीधे तरीके से बात समझ नहीं आती तो आर्य सिंघानिया को जबर्दस्ती करनी भी आती है...!! "




तानिया तो आर्य की बातों को सुनती ही रह जाती है। उसे समझ आ गया कि उसे क्या करना है। वह मन ही मन बोली : आधी रात को वो यहाँ से निकल जाएगी और ट्रेन पकड़ उस सीटी के लिए निकल जाएगी। जहाँ उसने जाॅब इंटरव्यू दिया था।।




आर्य ने उसके दिमाग को पढ़ लिया। और उसकी तरफ अपनी घूरती आँखों से देखते हुए बोला : " भागने के बारे में सोचना भी मत। मुझसे इतनी आसानी से भाग पाना आसान नहीं है। इसलिए चुपचाप मैं जैसा कहता हूं, तुम बिलकुल वैसा ही करोगी, इसी में तुम्हारी भलाई है। कल तुम ब्राइड की तरह रैडी रहोगी। हम कल ही शादी करेंगे।। "

तानिया तो आर्य की बातों को सुनती ही रह गई थी। पर उसने भी ठान रखा था कि वह किसी भी कीमत पर शादी तो नहीं करेगी। क्योंकि उसे यहाँ से दूर जाना था। ताकि वह एक सुकून की जिंदगी जी पाए।




आर्य उसके कमरे से बाहर आ गया और अपने सर्वेंट को तानिया का ख्याल रखने के लिए कह दिया। साथ ही अपने बाॅडी गार्डस् को भी यह चेता दिया कि फार्म हाउस की सिक्योरिटी एकदम टाइट होनी चाहिए। तानिया की शक्ल देख कर वह समझ चुका था कि वह भागने की कोशिश जरूर करेगी।

पार्टी ख़त्म होने के बाद दृष्टि पागलों की तरह तानिया को ढूढ़ने लगी। पर वह उसे कहीं भी नहीं मिली। उसे अब अफसोस हो रहा था कि क्यों उसने तानिया को एक पल के लिए अपने आप से दूर किया। वह जानती थी कि उस पर खतरा मंडरा रहा था। उसने बार के कोने - कोने को छान मारा पर तानिया उसे कहीं भी नहीं मिली। उसने उसका फोन भी ट्राई किया। पर उसका फोन तो कबीर और उसके दोस्तों ने तोड़ दिया था। इसलिए वो भी स्विच आॅफ हो गया था।




आखिर कार थक हार कर वह वापस अपने अपार्टमेंट आ गई। दूसरी तरफ जीविका को भी तानिया की बहुत टेंशन हो रही थी। उसे उसकी और भी टेंशन होती अगर वह उसका मैसेज नहीं पढ़ती जिसमें तानिया ने लिखा था : " अपना ख्याल रखना और मेरी फिक्र मत करना। मैं अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करने यहाँ से जा रही हूं।। "




जीविका को तकलीफ भी हो रही थी। कि अब तानिया उसके साथ नहीं रह पाएगी और इस बात की खुशी भी हो रही थी कि अब उसे उसकी माॅम और डैड का टोर्चर नहीं सहना पड़ेगा।




आधी रात को जैसा कि तानिया ने सोच रखा था। वह वहाँ से भाग जाएगी। उसने पूरी तैयारी कर ली। उसके पास ज्यादा सामान नहीं था। इनफैक्ट कुछ सामान ही नहीं था, क्योंकि कल रात वह बार में ही अपना लगेज भूल आयी थी और उसका फोन, कबीर और उसके दोस्तों ने पहले ही उसे बुरी तरह तोड़ दिया था।




इसलिए वह खाली हाथ ही वहाँ से भागने की कोशिश करने लगी। उसे पता था कि दरवाजे से बाहर निकलना बेवकूफी होगी। इसलिए वह खिड़की के रास्ते को देखने लगी। पर जैसे ही उसने वहाँ से नीचे झांका। आर्य के बाॅडीगार्डस् यमराज की तरह खड़े मिले। इतनी टाइट सिक्योरिटी देख कर तो तानिया के होश ही उड़ गए। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे निकले। क्योंकि फार्म हाउस के चारों तरफ ही सिक्योरिटी बहुत टाइट कर दी गई थी।




आर्य अपने कमरे में इत्मीनान से सो रहा था। क्योंकि उसे पता था कि तानिया को उसके आगे गिव अप करना ही पड़ेगा। क्योंकि आर्य की सिक्योरिटी सिस्टम को तोड़ पाना अच्छे - अच्छों के बस में नहीं था। यहाँ तो फिर भी मासूम - सी तानिया थी।




आखिर में आर्य ने अपने भागने के प्लान को ड्राॅप कर दिया और चुपचाप बैड पर आकर लेट गई। वह अब समझ चुकी थी कि उसे आर्य से शादी करनी ही पड़ेगी। बैड में लेट कर उसकी आँखें गीली हो गयीं। उसने सोचा था कि चलो अपने डैड के घर में तो वह चैन से नहीं रह पायी तो कम से कम अपने हस्बैंड के साथ तो सुकून से रह पाएगी। क्या पता जो प्यार उसे अपने डैड से नहीं मिल पाया वह उसके हस्बैंड से मिल जाए।।




पर आर्य कल तानिया के इस सपने को भी तोड़ने वाला था। यह सोच कर ही तानिया की आँखों में आँसू आ गए। वह ऐसे ही आँसू बहाते हुए नींद के आगोश में कब चली गई उसे पता ही नहीं चला।।




To be continued...




तो आर्य तानिया से शादी क्यों करना चाहता है...?? कल सुबह उठ कर तानिया की जिंदगी में एक नया मोड़ आने वाला है... इसे जानने के लिए पढ़ते रहिए " हैवान से मोहब्बत " और बने रहिए कहानी पर।।




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see you in the next chapter till then take care...




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