Fight for War and love - 13 Mini द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Fight for War and love - 13

रिदम ने देखा अभिमन्यु को रजाई से सिर खोलकर और मन ही मन में बड़बड़ाई "इतनी जल्दी कैसे किसी को नींद आ सकता है जब इंसान दिनभर आराम किया हो और खूबसूरत बीवी बगल में सोई हो उसने धीरे से करवट लिया फिर उससे चुपचाप रहा नहीं गई फिर वो लापरवाही से अपनी हाथ को सावधानी अभिमन्यु कि ओर बढ़ा दी और उंगली से अभिमन्यु के माथे से गाल पर हाथ फेरती है...

अचानक एक आवाज गूंज गई...

"नींद नहीं आ रही ..

रिदम झेंप गई और हाथ पीछे हटाने लगी... जैसे ही वह अपना हाथ पीछे ले लेने लगी तो अभिमन्यु ने मजबूती से तेंदुए के चाल से रिदम के हाथ को पकड़ लिया ..

रिदम घबरा गई जैसे उसकी चोरी पकड़ी गई फिर एक पल के बाद हिम्मत करके बोली ,"आप सो नहीं रहे थे सोने का नाटक कर रहे थे..!!

अभिमन्यु रिदम की बात सुनकर हंस पड़ा फिर बोला ,"तुम मुझे छुई तो, निश्चित रूप से ही मैं जाग जाऊंगा ,उसने बड़े शालिनता से कहा...अभिमन्यु एक सक्रिय ड्यूटी कमांडो है हकीकत में जैसे ही रिदम ने अभिमन्यु के तरफ मुड़ी तो अभिमन्यु जाग गया उसे उम्मीद नहीं था रिदम इस तरह से उसे छुएगी रिदम का स्पर्श हल्का और कोमल था इसलिए अभिमन्यु को लगा रिदम उसके चेहरे को सहला रही हो ...

अभिमन्यु ने राइट रिदम के तरफ चेहरा करके पूछा ,"सोने में कोई परेशानी है क्या उसने फिर रिदम के हाथ छोड़ दिया , फिर पूछा " क्या तुम्हें कुछ चाहिए..??

रिदम सिर हिला कर कहती हैं ," नहीं ..
रिदम ने फिर अभिमन्यु को देखते हुए झिझकते स्वर में पूछा ,"अभि क्या आपको नींद आ रही है और नहीं तो हम बात कर सकते है...??

शादी के बाद ये पहली बार था जब रिदम ने अभिमन्यु से खुद ही बात करने के लिए कहा हो ...

अभिमन्यु अब रिदम को घूर कर देखते हुए जम सा गया फिर वो जल्दी से अपने आप को एक्टिव किया !!अभिमन्यु जानता था कि रिदम एक नज़र भी देखती नहीं थी और आज उसने अचानक उसे दो बार गले लगाई स्वेच्छा से , उससे बात करना चाहती है , सामने बिस्तर पर लेटी महिला उसकी पत्नी है
एक लंबी चुप्पी के बाद अभिमन्यु ने भ्रमित आवाज में कहा ,"रिदम तुम .. तुम अब समान्य से अलग हो गई हो...!!

रिदम मुस्कुराते हुए फिर कहती हैं ,"आप कहते हैं कि आप मुझे अच्छी तरह से जानते हो तो क्या जानते हो , मैं किस तरह का इंसान हुं मुझे जानना है..!!

"कम से कम मैं तुम्हें तुम्हारे विचार से बेहतर जानता हुं , अभिमन्यु ने एक संतोषजनक मुस्कुराहट देते कहा !!

रिदम ने जोर देते हुए कहा "फिर मुझे बताओ कि अच्छी बात क्या लगी आपको ...रिदम को विश्वास था कि अभि बिना संकोच के बोलेगा !!

अभिमन्यु एक पल के लिए चुप रहा," फिर एक सवाल किया ," बहुत रात हो गई है और तुम थकी हो सो जाओ अभी ..!!

रिदम उत्तेजित होकर बोली ,"मैंने कहा , मैं सोना नहीं चाहती मुझे बात करना है !!

अभिमन्यु ने फिर कहा ,"फिर तुम मुझसे किस तरह का जवाब सुनना चाहती हो ... वो रीत से बेहद प्यार करता है चाहे रिदम ने कैसा भी व्यवहार किया हो वो अच्छी हो या बुरी वो हमेशा ही प्यार में था !!

रिदम ने फिर आंखें दिखाकर बोलने लगी पर ,"मैं ......रिदम मुंह तो खोला लेकिन अब शब्द नहीं निकला ,वो चुप हो गई..!!

अभिमन्यु फिर कहता है ,"चलो सो जाओ , फिर रिदम ने कुछ भी नहीं कहा तो अभिमन्यु को रिदम के जवाब का इंतज़ार था फिर उसने रिदम के पास से रजाई उठाई और धीरे से अपनी ओर खींचा और अपने आप को ढंक लिया ,कुछ सेकंड तक इंतजार किया रिदम ने जब कोई आपत्ती नही जताई फिर आंखें मूंद लिया !!
ऐसा इसलिए नहीं था कि अभिमन्यु को ठंड नहीं लग रही थी वो केवल यह देखने कि कोशिश कर रहा था कि क्या रिदम फिर से उसे दूर भगा देगी लेकिन रिदम ने इंकार नहीं किया और रिदम ने उसी रजाई को दूसरी छोर को खुद को ढंक कर रजाई कि गर्मजोशी को अभिमन्यु से साझा किया , दोनों ने एक शब्द नहीं कहा !!

कमरा बिल्कुल शांत हो गया खिड़की के पर्दे जमी थी वेंटिलेशन के हवा से झुमर हल्के हिल रहा था,रिदम अपने आंखे खोल कर रूम में लगे सभी डेकोरेशन को देखे जा रही थी , फिर आंखें झपकाई और एक लंबी सांस छोड़ी ,रिदम को यकिन नहीं हो रहा था कि उसके बगल में सोया इंसान सो गया है या उसने सिर्फ अपनी आंख बंद किया है , फिर झिझकते हुए बोली ,"अभि........रिदम कि आवाज कोमल और मीठी थी उसके बगल में सोया इंसान ने अभी अभी इस आवाज को सुना और महसूस किया , जवाब में वो ठिठक गया !!रिदम ने फिर उसके तरफ मुंह कर लिया दरासल वह फिर उसकी नींद उड़ा रही थी ...रिदम ने अपने गला साफ किया और अभिमन्यु की ओर तब तक हिलती रही जब तक उसकी हाथ अभिमन्यु के बांह को नहीं छु लिया ,रिदम को बेहद सुकुन मिला आरामदायक स्थिति मिली उसने अभिमन्यु को देखा तो वो आदमी अपनी गहरी आंखें खोली और अंधेरे में एक शिकारी कि तरहा शिकार को घूरने लगा ...

"तुम सो नहीं सकती .. अभिमन्यु ने उसके आंखों में देखा ...
फिलहाल रिदम ने अपना सिर उसके कंधे पर टिका दिया था वह ना हिलती थी और ना उसे दूर धकेली ,रिदम एक पुतले की तरह वहीं लेटी थी!!

थोड़ी देर कि चुप्पी के बाद अभिमन्यु ने कहा , "अगर तुम सो नहीं सकती तो चलो बात करते हैं .. अभिमन्यु ने समझौता ‌कर लिया रिदम इस जीत के लिए हंस दिया ..!!

रिदम मुस्कुरा कर कहा ,"आपकी बहन ने कहा कि आप मुझसे शादी करने के लिए बहुत एफर्रड किया , मुझे सुनना है इसके बारे में बताओ !!

हूम्म .......... अभिमन्यु ने एक आह भरी और रिदम की जिज्ञासा को खत्म करते हुए कहा ,"अब सो जाओ और अपना चेहरा बगल कि ओर कर लिया और वापस आंखें बंद कर लिया !!
अभिमन्यु रिदम कि इस बात पर कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं था और रिदम जिज्ञासु थी ,पिछला जानने के लिए , वो जानना चाहती थी कि अभिमन्यु उसे कैसे जानता है, कैसे उसे चाहता है , कैसे और कब हुआ उसे प्यार , रिदम हैरान हो गई अभिमन्यु बहुत फारवर्ड है लेकिन उतना ही अंर्तमुखी इंसान भी हैं यही खासियत थी इस आदमी में जो सब कुछ अपने तक ही रखना पसंद करता था और अभी भी कुछ भी बताने के लिए तैयार नहीं है !!

रिदम ने शरारत से उसकी बांह पर चुटकी लेते हुए ,"हूम्म ..आप काफी भावुक हो व्यंग्यत्मक लहेजे में कहते हुए, सिंगलेट को खींचने आगे बढ़ी और अनंत के प्रतिक्रिया की कमी पर उत्तेजित होने लगी , फिर बोली ,"अभि अगर आप मुझे नजर अंदाज करोगे तो मैं फिर कभी बात नहीं करूंगी ,रिदम ने अपने पूरी ताकत से अपना कंधा हिलाया लेकिन अभिमन्यु को लगा जैसे रीत उसे गुदगुदा रही हो !!

आखिरकार रीत के हरकतों और शब्दों ने अभिमन्यु का ध्यान खींचा और अभिमन्यु ने रिदम का सामना करने के लिए करवट बदली और उसकी ओर देखा , फिर जैसे ही रिदम कुछ बोलती उससे पहले एक ब्लैक पैंथर कि रफ्तार से रिदम के होंठों को सील कर दिया ..

रिदम दंग रह गई , अभिमन्यु ने उसे किस किया बिना चेतावनी के अभिमन्यु के लिए एक नियोजित था...अपनी शादी की रात अभिमन्यु ने बहुत ही सुन्दर सपना देखा था वो रिदम के इंकार से टूट गया था पर जब वो जख्मी हुआ तो रिदम ने उतने ही प्यार और परवाह से फिर अभिमन्यु के मन में प्यार कि हवा को बढ़ा दिया था और महसूस किया जब रिदम ने उसे गले लगाया और अभी अभी बिस्तर पर जो उसने हरकत किया वो उसके प्यार का अगन बढ़ा दिया था ...



To be continued ....