बन्धन प्यार का - 14 Kishanlal Sharma द्वारा सामाजिक कहानियां में हिंदी पीडीएफ

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बन्धन प्यार का - 14

टी ब्रेक हो गया था
सब सुस्ताने के मूड में आ गए थे
"तूने अपने दोस्त का नाम क्या बताया था
"नरेश
नाजिया बोली,"तेरा दोस्त तो हिन्दू है
"हा
"तो तू एक काफिर से निकाह करेगी
"काफिर कौन होता है?"हिना ने पूछा था
",जो हमारे धर्म का न हो।मुसलमान न हो।उसे काफिर कहते हैं
"तू पढ़ी लिखी होकर कैसी बात करती है
"शादी के लिये तेरा बॉय फ्रेंड मुसलमान बनेगा
"नही
"तो नरेश को अपना बनाने के लिए अपना धर्म परिवर्तन करके हिन्दू बनेगी
"न मैं हिन्दू बनूँगी न नरेश मुसलमान बनेगा।
"न तू अपना धर्म बदलेगी न तेरा प्रेमी।फिर ये शादी होगी कैसे
"क्या अलग अलग धर्म को मानने वाले शादी नही कर सकते
"क्यो नही कर सकते।कर सकते है और करते भी है।इस पर कोई रोक नही है"तुम्हारे देश मे ही कई लोगो ने की है
"फिर मैं क्यो नही कर सकती?"नाजिया की बात सुनकर हिना ने प्रश्न किया था।
"तू भारत के मर्द को अपना शौहर बनाने जा रही है।पड़ोसी देश तुम्हारा दुश्मन है।तू दुश्मन देश के एक काफिर को अपना बनाना चाहती है
"दुश्मनी वाली बात सियासती है।उससे आमजन का क्या लेना देना
"वो सब ठीक है लेकिन है तो काफिर
"तू एक ही रट लगाए हैं।काफिर काफिर,"हिना बोली,"नरेश तेरे लिए काफिर होगा।मेरे लिए मेरी जान है।एक शौहर में जो खुबिया होनी चाहिए वो सब नरेश में है।नरेश मुझे प्यार करता है औऱ मैं उसे
"तेरी मम्मी तैयार है
"अभी मैने उन्हें नही बताया है
"तो कब बताएगी
"अभी मैने अम्मी को बुलाया है।वह आ जायेगी तब उन्हें बताऊंगी
"अगर वह तैयार नही हुई तो
"निकाह तो मैं नरेश से ही करूँगी।मना ही लूंगी उन्हें
"अगर न मानी तो
"नरेश और में साथ है और एक ने एक दिन मान ही जाएगी।नरेश भी अपनी माँ का इकलौता है और मे भी
"काश ऐसा हो जाये।मैं तेरे लिए दुआ करूँगी
रात को नरेश जैसे ही बिस्तर में लेट हिना को फोन आया था
"बोलो हिना
"मैं यहाँ पर स्टडी वीजा पर आई थी।अब मैं यहाँ पर सर्विस कर रही हूँ।मुझे वर्किंग वीजा बनवाना पड़ेगा
"अभी तक तुमने बनवाया नही
"नही
"बनवा लो
"तुम साथ चलो
"छुट्टी ले लो एक दिन की ।मुझे बताना जिस दिन की तुम लोगी मैं भी उसी दिन की ले लूंगा
शाम को हिना ने नरेश को ग
फोन किया था,"कल की छुट्टी ले ली है
"मैं भी ले लेता हूँ
"कहा पर मिलोगे कल
"जहा पर हमेशा मिलते है,",नरेश बोला,"सेलरी स्लिप, वीजा, पासपोर्ट सब जरूरी कागज साथ लेकर आना
"फ़ाइल में सब है।मैं फ़ाइल लेकर आऊंगी।"हिना ने नरेश को बताया था
ऑफिस पहुचाने पर छुट्टी के लिए अप्लाई किया था।छुट्टी मिल जाने पर उसने नरेश को फोन किया था"मैने दो दिन की छुट्टी ले ली है
"मैं भी दो दिन की छुट्टी ले लेता हूँ
और नरेश ने भी दो दिन की छुट्टी ले ली थी।रात को नरेस ने हिना को फोन किया था
"क्या कर रही हो
" लेटी हूँ
"अकेली
"नही
"तो और कौन है तुम्हारे पास
"तुम
"मैं
"हा तुम
"मैं कैसे हो सकता हूँ।मैं तो यहाँ हूँ
"तुम्हारा शरीर वहाँ होगा लेकिन तुम मेरे दिल मे हो"दिल मे क्यो।मुझे ही बुला लो अपने पास
"उसका समय भी आएगा
"कल का क्या प्रोग्राम है
"पहले ही बता रखा है," हिना बोली,"कहा पर मिलोगे तुम
"जैसा तुम चाहो।या तो किंग्स्टन पर आ जाओ या मैं तुम्हारे घर आ जाता हूँ
"मैं किंग्स्टन मेट्रो स्टेशन आ जाउंगी
हिना ने कहा था