Bandhan Pyar ka - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

बंधन प्यार का - 4

"चेम्बर ऑफ हॉरर में दुष्ट,दुर्जन,हत्यारे निर्मम लोगो के पुतले के साथ उनके जुर्म करने का तरीका भी था,"।गईदे उन्है चेम्बर के बारे मे बताते हुए बोला,"उस चएमबार मे गर्भवती महिलाओं और बच्चों का प्रवेश वरजीत था।"
"क्यो?"हिना ने पूछा था।
"वो बहुत ही डरावना और भयंकर था।"।"अब कहा है।"
"सन 2016 में उसे बन्द कर दिया गया था।उसकी जगह श्वरलोक होम्स के कृतिम पात्रों और कृतित्व है "
गाइड ने उन्हें उस भाग को भी दिखया था।म्यूजियम देखकर नरेश और हिना बहार आये थे।नरेश बोला,"भूख लगी है जोर की।"
"मुझे भी।"
"चलो कुछ खाते हैं।"
नरेश,हिना के साथ रेस्तरां में आ गया था।इंडियन रेस्तरां था।उसमें काफी भीड़ थी।एशियन लोगो के अलावा दूसरे देश के लोग भी नजर आ रहे थे।नरेश को एक टेबिल कोने में खाली नजर आयी थी।नरेश बोला,"उधर एक टेबिल खाली है।"
नरेश और हिना उस पर आकर बैठ गए थे।नरेश बोला,"क्या लोगी?"
"जो भी तुम चाहो मंगा लो।"
इंडियन रेस्त्रां था।भारत की तरह उसमें भी थाली सिस्टम था।लंदन में भारतीयों की अच्छी संख्या है।इसलिये भारतीय व्यंजन के भी रेस्त्रां है।नरेश बोला ,"खाना ही मंगवा लेते है।"
वेटर उनके पास आकर खड़ा हो गया था।नरेश बोला,"दो थाली ले आओ।"
वेटर ऑर्डर लेकर चला गया था।
नरेश की बगल वाली टेबिल पर खाना खा रहे आदमी से नरेश बोला,"बुरा मत मानना।आप भारत से लगते है।"
",यस।मैं भारत से ही हूँ।मेरा नाम राजन है,"राजन अपने बारे में बताते हुए बोला,"सामने जो बैठी है मेरी पत्नी ऐना है। यह जर्मनी से है।"
"वेरी स्ट्रेंज।कहा भारत और कहा जर्मनी। क्या इन टरनेट का प्यार है?"
"नही।नेट के जरिये हमारी मुलाकात नही हुई।"
"फिर,।नरेश ने पूछा था।
"मैं बेंगलोर में माइक्रोसॉफ्ट में काम कर रहा था।दो साल पहले कम्पनी ने मुझे लंदन भेज दिया।एना यहाँ पर पहले से ही काम कर रही थी।मेरी इससे दोस्ती हो गयी जो धीरे धीरे प्रेम में बदल गयी।मैने एक दिन अपने प्यार का इजहार कर दिया।
मेरी बात सुनकर यह बोली,"मुझे भी तुमसे प्यार हो गया है।"
"जैसे ही एना ने प्यार का इजहार किया।मैने इसे प्रपोज कर दिया
और हमने शादी कर ली
"प्यार भी क्या चीज है।"परेश बोला था।
"प्यार का देश,भाषा,धर्म,सरहद से कोई सम्बन्ध नही है।प्यार किया नही जाता।प्यार तो हो जाता है।कोई नही जानता।किसको किस्से कब प्यार हो जाये,'राजन बोला,"क्या तुम इंग्लैंड घूमने के लिए आए हो?"
"नही।मैं यहा सर्विस करता हूँ।"
"और ये तुम्हारे साथ-राजन ,हिना की तरफ इशारा करते हुए बोला था।
"ये हिना है।मेरी दोस्त।यह पाकिस्तान से है।यह भी यहा सर्विस करती है।"नरेश ने राजन को हिना के बारे में बताया था।
"जोड़ी अच्छी है।गॉड ब्लेस।"राजन और एना खाना खाकर चले गए थे।वेटर दो खाने की थाली मेज पर रख गया था।
"यह तो बहुत है।में तो इतने चावल खा भी नही सकती।"
"क्या खाकर आयी थी।"
"नही।सन्डे को तो में वैसे ही देर से जगती हूँ।तुम्हारे साथ चलना था।इसलिए जल्दी जगी फिर भी ब्रेकफास्ट नही कर पाई।"
"तुम कुछ खाकर भी नही आई थी।फिर भी ज्यादा बता रही हो।"नरेश ने उसे टोका था।
"मुझे मेरी खुराक मालूम है।"
"कोई बात नही।तुम खाना शुरू करो।नही खा पाओगी तो मैं ले लूंगा।"
"तो पहले ही ले लो।"
"बाद में।"
"क्या मेरा झूठा खाओगे।"
"क्या तुम अछूत हो जो तुम्हारा नही खा सकता।"
नरेश की बात सुनकर हिना चुपचाप खाने लगी।हिना ने चावल नही खाये थे।नरेश उसकी प्लेट लेकर खाने लगा था

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