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AsTiTvA

यह एक शॉर्ट फिल्म है | इस कहानी का किसी भी जिवित या मृत व्यक्ति से कोई भी संबंध नहीं है, अगर ऐसा जान पड़ता है तो वह एक संयोग मात्र होगा | कीसी भी ओडीयो विजुअल माध्यम में उपयोग करने से पहेले लेखक की अनुमति लेना जरूरी है | लेखक SWA के मेम्बर है |
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इस कहानी पर से बनी शॉर्ट फिल्म देखने के लिए नीचे दी गई लिंक पर जाए और शॉर्ट फिल्म देखे.
https://youtu.be/WGErtYK5MIM?si=6DsPGSoVG49f4SOc

Astitva

INT. Scene:1

Location : Restaurant Day

( अंश और ओम दोनों आमने सामने बैठे है, बीच मे एक कुर्सी है दोनों खामोश हैं और फिर अंश उस चुप्पी को तोड़ता है और कहता है. )

अंश : चाय?

ओम : मैंने चाय छोड़ दी उसे चाय बहुत पसंद थी |

(ओम सिगरेट निकालकर, एक सिगरेट मुह मे रखते हुए अंश को ऑफर करता है )

सिगरेट ?

अंश : मैंने छोड़ दी उसे सिगरेट से सख्त नफरत थी|

(चाय पीते हुए और ओम सिगरेट का कश खिंचते हुए )

अंश : वह अक्सर तुम्हारे बारे में बात करती थी |

ओम : क्या ?

अंश : यही कि तुम्हारे और उसके बीच में इतना ट्यूनिंग है.....

ओम : (हसने लगता है, धुआं निकलते हुए ) ट्यूनिंग?

अंश : हां| वो कहती थी कि तुम सिर्फ उसकी आंखें देखकर समझ जाते हो कि वो क्या कहना चाहती है |

ओम : और मेरी आंखें देख कर ?

अंश : वो नहीं बताया उसने |

ओम : कहां मिले तुम उसे?

अंश : एक आर्ट एग्जीबिशन में| रंगों को बखूबी जानती थी वो |

ओम : और इंसानों को ?

अंश : वो नहीं बताया उसने |

ओम : मैं उसे बहुत चाहता था |

अंश : (कटाक्ष से हसते हुए ) और वो मुझे |

ओम : वो नही बताया उसने |

अंश : तुमने कभी बताने नहीं दिया|

ओम : और तुमने कभी ज़ताने नहीं दिया , इसलिए उसने सुसाइड कर लिया|

अंश : (आश्चर्य से) कब हुआ ये?

ओम : तुमसे मिलने के बाद |

अंश : वो मुझे नहीं, तुमसे मिलने आતી थी, वो मुझ में तुमको ढूंढती थी |

ओम : शायद इसीलिए तुम्हें पा ना सकीं |

अंश : उसे दिन भी वो मेरे साथ तुम्हारे बारे में ही बात कर रही थी और मैंने उससे कहा था..........

FLASH BACK START

अंश : तुम मुझ से मेरे बारे में, हमारे बारे में, बात करो | मैं उसके बारे में कुछ भी नहीं सुनना चाहता,

VO

मैं गुस्सा हो गया और वो चली गई

(Camera in back of riya Ansh Angery on her and Riya stand up and go away from camera cant see her face)

FLASH BACK OVER

INT. Scene : 1 Continue

ओम : उसका एक्सीडेंट हो गया पर मैं उसे सुसाइड कहता हूं|

(अंश उसकी ओर देखता है )

ओम : हां वो तुममें मुझको और मुझमें तुमको ढूंढती थी और दोनों को पाने की चाह में जिंदगी से हार गई |

अंश : तुम उसे डिवोर्स क्यों नहीं दे रहे थे?

ओम : तुम उसे शादी का मना क्यों कर रहे थे?

अंश : (गुस्से से कहता है) पहले मैंने पूछा है उसका जवाब दो.|

ओम : ( ओम उसकी और गुस्से से देखता है और उसे धमकी भरे अंदाज मे हाथ के सिर्फ इशारे से ठंड रखने को कहता है )

उसने जिस तरह से मेरा घर संभालकर रखा था, मेरे बच्चों को, मेरी हर चीज को संभाल कर रखा था, कोई ऐसा नहीं कर पाता| मेरे लिए वो एक आदत सी थी, कैसे छोड़ता ? और आदत चाहे बुरी हो या अच्छी, कभी छुटती नहीं| अब मेरे सवाल का जवाब |

अंश : उसे मिलने से मेरा मेल एगो सेटिस्फाई होता था, कोई है जो मुझसे, मुझ जैसे से, प्यार करता है और वो मेरी हर जरूरत को पूरा करती थी खासकर जेब की |

ओम : ओह....इसलिए तुमने मुझे यहां बुलाया है |

अंश : मैने नहीं, तुमने मुझे मैसेज करके बुलाया है |

ओम : मैसेज तो तुम्हारा आया था, मुझ पर |

अंश : मैंने कोई मैसेज नहीं किया |

ओम : मैने भी नहीं किया|

दोनों : तो फिर हमें किसने बुलाया ?

( दोनो के बीच मे जो कुर्सी खाली थी उस पर ऑडियंस को जिया बैठी दिखाई देती है जो ओम और अंश को नहीं दिखाई देगी वो दोनों उनको किसने यहां बुलाया उसी सोच मे है )

जिया : क्या ढूंढती थी मैं इन दोनों में? मेरा अस्तित्व| क्या है? ( जिया सिगरेट का कश लेती है , चाय का कप उठाती है) क्या है मेरा अस्तित्व?

THE END


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