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डायरी.

होटल पार्क इन  के पार्किंग में पार्क हुई गाड़ियां कम हो रही थी, सभी टेबल धीरे धीरे खाली हो रहे थे, बादल छा गए थे, आज ठंड थोड़ी ज्यादा थी। ईवन बार के पास भी इक्का-दुक्का लोग ही खड़े थे और ड्रिंक का मजा ले रहे थे ।
मेघना आज 5 साल के बाद आई थी खुद के शहर में एक अजनबी की तरह और उसी टेबल पर बैठी थी जहां कभी वह अधीर के साथ बैठती थी। अधीर कोई खास हैंडसम नहीं था।
छरहरा सामान्य दिखने वाला लड़का था, पर कुछ खास था उसमें जो उसे असामान्य बनाता था । उसकी बेफिक्री, उसकी कविता,उसकी लिखावट जो उसे असामान्य बनाती थी। मेघना ने सोचा पांच साल हो गये, अधीर कहां होगा? कैसा होगा? तभी शराब के नशे में धुत आवाज ने उसका ध्यान भंग किया । एक शराबी जोर जोर से बोल रहा था।

"काश मोबाइल की तरह दिमाग में भी रीसेंट का बटन होता, काश कंप्यूटर की तरह हम फीलिंग्स को डिलीट कर सकते, मेरे दोस्त पर यह मुमकिन नहीं क्योंकि हम इंसान हैं और ऊपर वाले ने दिल दिया है जिसमें रीसायकल बिन रखा है कभी-कभी कुछ लम्हें वायरस की तरह अटैक करते हैं और सब कुछ रीसायकल बिन से अनचाही एडवर्टाइज़्मेन्ट की तरह दिमाग के डेक्सटॉप पर लाकर रख देते हैं ।

आज मैं पीऊगा। सर ऑलरेडी आप बहुत पी चुके हैं बारटेंडर ने कहा । उसने कहा अरे दोस्त आज बाहर ठंड है, मेघ गर्जना कर रहा है और आज उसका बर्थडे भी है तो एक पेग उसके नाम और एक पेग उसकी यादों के नाम सेलिब्रेशन तो बनता है।

मेघना को याद आया कि आज उसका बर्थडे है और आज ही के दिन अधीर ने उसे प्रपोज किया था और आज ही के दिन अधीर को पता चला था कि मेघना अनंग से प्यार करती है । जब अधीर ने यह सुना था तो उसे बिलीव ही नहीं हुआ कि मेघना ने अनंग  को पसंद किया है । अनंग और अधिर दोनों एक ही फिल्ड से थे कॉपी राइटिंग । एक साथ एक ही कंपनी में काम करते थे अधीर अपने काम से काम रखने वाला स्ट्रेटफारवर्ड लड़का था और अनंग चलता पुर्जा । उसे पता था कैसे किसी की चापलूसी करके आगे बढ़ा जा सकता है । मेघना जब उनकी फर्म में जॉइंट हुई तब यही दो थे जिनसे उसे बार-बार काम के सिलसिले में मिलना होता था और वह बहुत जल्द ही इन दोनों की अच्छी दोस्ती बन गई। मेघना को अधीर की कविता, उसकी लिखावट से प्यार था, अनंग को मेघना की खूबसूरती से और अधीर को पता नहीं क्यों मेघना से, सिर्फ मेघना से और 1 साल की दोस्ती के बाद जब अधीर ने मेघना के बर्थडे पर मेघना को प्रपोज किया तो मेघना ने  दूसरी लड़कियों की तरह  "ना भी नहीं और हां भी नहीं " वाला वही घिसा पिटा जवाब दे दिया कि मैं सिर्फ तुम्हें अपना दोस्त- एक अच्छा दोस्त समझती हूँ।

उस दिन छुरी केक पर नहीं दिल पर चली थी । अधीर के।

फिर से वही नॉरमल सी जिंदगी गुजर रही थी अधीरने अपने आप को एक अच्छा दोस्त साबित किया और दोस्ती निभाई पर धक्का तो उसे तब लगा जब मेघना ने अपने अगले बर्थडे पर अनंग को अपने लाइफ पार्टनर के रूप में चुना। उसे जो शराब के नशे में खुद को नहीं संभाल पाता था । जिसके लिए सवाल था कि उसे कौन सा व्यसन नहीं है? ऐसा व्यक्ति। उस दिन अधीर और मेघना के बीच बहुत बहस हुई अधीर ने कहा , क्यों तुम तो कहती थी कि मुझे शराब पीने वालों से बहुत नफरत है क्योंकि तुम्हारे पिताजी और तुम्हारे परिवार को शराब ने बर्बाद कर दिया था तो फिर अनंग क्यों और मैं क्यों नहीं ? मेघना ने कहा कुछ सवालों के जवाब नही होते। अधीर ने कहा क्यों? मेघना ने कहा क्योकि वो सवाल ही नही होते। इसका जवाब नहीं है मेरे पास। अनंग ने सब कुछ छोड़ दिया है और मैं अनंग के बारे में कुछ नहीं सुनना चाहती। कुछ ही दिनों में अनंग और मेघना लंदन चले गए ।

आज 5 साल के बाद मेघना उसी शहर में फिर से आई थी और फिर से वही शराब के नशे में धुत आवाज आई जो मेघना को फ्लैशबैक से प्रेजेंट में ले आई । मेघना को यह आवाज कुछ जानी पहचानी लगी वो उस आदमी का चेहरा नहीं देख पा रही थी । क्या ये अधीर की आवाज है ? फिर उसे याद आया कि अधीर तो कभी पीता ही नही था, उसे शराब से और शराब पीने वालों से नफरत थी। वो उन्हें कायर कहता था जो पीके अपनी भड़ास निकालते थे। पर आवाज तो उसी की ही लग रही थी, मेघना धीरे-धीरे बार की तरफ... उस आदमी की तरफ बढ़ने लगी जैसे ही वह उसके करीब पहुंची कि वह आदमी बोला "चियर्स टू माय डियर मेघना "
मेघना तुम ? तुम कैसे हो सकती हो? मेघना को देखते ही जैसे उसका सारा नशा उतर गया। तुम तुम कब आई ? मेघना कुछ नहीं बोली और उसकी बांह पकड़ कर उसे जैसे घसीटती हुई बाहर ले गई। बारटेंडर दौड़ता हुआ आया और बोला मैम यह सर की गाड़ी की चाबी है। मेघना ने उसे गाड़ी में डाला और गाड़ी एक झटके के साथ बाहर निकल गई।

अधीर के घर पहुंचकर मेघना अधीर को घर में ले गई। अधीर को कोई सूझबूझ नहीं थी, मेघना ने उसे उसके कमरे में लेटाया और घर को देखने लगी। ये वही घर था जिसमें उन तीनों ने अनंग,अधीर और मेघना ने कई प्रोजेक्ट के बारे में, लाइफ के बारे में डिस्कशन किया था । वह घर को देख रही थी कि उसे मोमबत्ती का प्रकाश एक रूम से आता दिखा और वह उस कमरे की तरफ गई तो उस छोटे कमरे को देखकर उसकी आंखें फटी की फटी रह गई। कमरे की एक भी दीवार पर 1 इंच भी जगह खाली नहीं थी, सारी दीवारे उसके अलग अलग मूड और मस्ती भरे फोटोग्राफ से भरी हुई थी ।

दीवार की तस्वीरों ने उसकी यादों के प्रोजेक्टर को ऑन कर दिया ।

अधीर ने कब उसकी इतनी सारी तस्वीरें खींची होगी ?
उसे याद आया कि अधीर उसके सामने वाले डेस्क पर बैठता था और मोबाइल में ही घुसा रहता था । जब मेघना उसे पूछती तो कहता कुछ नहीं, गेम खेल रहा हूँ ।आज मेघना को पता चला कि वो प्यार की गेम खेल रहा था । गेम के बहाने मेघना के पिक्स ले रहा था। मेघना की आंखें भर आई और सब कुछ धुंधला हो गया।

काश आंखों पर सही समय पर ऑन हो सके ऐसे वाइपर भगवान ने दिए होते तो?

मेघना कमरे से बाहर चली आई वो नहीं चाहती थी कि अधीर को पता चले कि उसने यह कमरा देख लिया है। वह अधीर के पास आकर बैठी और कब आंख लग गई पता ही नहीं चला ।

मेघना को लगा कि उसकी उंगली जल रही है और उसके मुंह से एक चीख निकल गई उसकी नींद उड़ गई, देखा तो उसकी उंगली गरम गरम चाय के कप में थी और सामने अधीर खड़ा था। गरमा गरम चाय लेकर What a Surprise? चलो आज तुम्हें टाइम मिला मेरे हाथ की चाय पीने का।  वह भी आप ही की वजह से मिस्टर अधीर, मेघना ने कहा ,सरप्राइज़ तो मुझे मिली है कभी शराब को हाथ तक नहीं लगाने वाला बंदा शराब के नशे में ऐसा धूत था कि उसे यह तक पता नहीं था कि वह कहां है? किसके साथ है ? तुम कब से पीने लगे? अधीर ने कहा "छोड़ो यह बेमतलब की बातों को बोलो तुम कब आई?"
नहीं मुझे जवाब चाहिए मेघना ने कहा ।
अधीर ने कहा "जाने दो कई सवालों के जवाब नहीं होते क्योंकि वह सवाल सवाल ही नहीं होते। "
मेरे कहे शब्द मुझे ही सुना रहे हो  मेघना ने अधीर से कहा देखो यह कविता जैसी बातें मेरे साथ मत किया करो बताओ।
छोड़ो ना - अधीर ने कहा।
मैंने तुम्हें रंगे हाथों पकड़ा है पीते हुए, कैसे छोड़ दूं मेघना ने कहा।अधीर ने कहा, दरअसल मुझे लगा कि..... जाने दो दूसरी बात करते हैं ।
मेघना ने कहा ,पहले पहली बात कर ले तुम्हें मेरी कसम
बताओ ना ।
ब्रह्मास्त्र का उपयोग कर ही लिया आखिर कसम देकर अधीर ने कहा, दरअसल मुझे लगा कि...... उसके आगे बढ़ो मेघना ने कहा
अधीर ने कहा दरअसल मुझे लगा कि मेरी सादगी तुम्हें पसंद नहीं आई। अरे भाई इस मीडिया के फील्ड में हैं हम, पार्टियों में एंजॉय करना चाहिए खाना तो ठीक पीना भी चाहिए।  अनंग पीता जो था।

नशे में लाइफ हो ना हो लाइफ में सब तरह का नशा होना चाहिए।

तुम्हें क्या लगता है अनंग पीता था इसलिए मैंने उससे शादी की मेघना ने कहा।
अधिर ने कहा , मुझे तो यही लगता है पर छोड़ो अब उस बात का कोई मतलब नहीं ।
मेघना ने उसे रोकते हुए कहा ,नहीं मुझे कहने दो कि मैंने अनंग को पीने की वजह से नहीं,

पर उसकी नशीली शेरो शायरी, पुरानी शराब से भी असरदार कविताओं की वजह से और मर जाने का मन करे ऐसे मारिजूआना जैसे मादक शब्दों की वजह से नस नस में फैल जाने वाले  synthetic Drug जैसे मेरे लिए लिखे गए kratom जैसे कातिल गीतों की वजह से पसंद किया था।

अधीर ने बात को काटते हँसते हुए कहा,उसके साथ रहकर ड्रग्स भी लेने लग गई क्या? शटअप मेघना ने  कहा, तुम्हें पता होना चाहिए कि

एक लड़की को अपनी तारीफ ज्यादा पसंद होती है सपने दिखाने वाला, उसे रोमांटिक शेरो शायरी में भिगोने वाला, प्यार में सराबोर गाने सुनाने वाला ज्यादा पसंद आता है। वास्तविकता से भरी बातें और जिम्मेदारी - फर्ज - समझदारी भरी बड़ी-बड़ी बातें करने वाला नहीं ।

अधीर ने कहा,पर जिंदगी की सच्चाई यही है। मेघना ने कहा, वो मुझे अब पता चला ना और जब पता चला है तब बहुत देर हो चुकी है । अधीर ने कहा, छोड़ो यह सब पुरानी बातों को अब यह कुछ भी मायने नहीं रखती। कैसा चल रहा है तुम दोनों का बिजनेस? क्या कर रहा है अनंग ? कौन सा नया प्रोजेक्ट है जिस पर वो काम कर रहा है ?

डिवोर्स ..... डिवोर्स के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है ,मेघना ने कहा।

अधिर ने चौंककर कहा , क्या?  मेघना ने कहा, उसने मुझसे शादी लंदन जाने के लिए की थी। उसने शराब भी लंदन जाने के लिए ही छोड़ी थी। वहां पहुंच गया सिटीजन हो गया अब उसे मेरी जरूरत नहीं । अधीर ने कहा, I am very Sorry. मेघना ने कहा, सॉरी तो मुझे कहना चाहिए । अधीर ने कहा, छोड़ो किसे किसको सॉरी कहना चाहिए इन बातों को छोड़ दो। कहां ठहरी हो? मेघना ने कहा घर तो बेच दिया था, इसलिए मेरियट में रुकी हूं। अधीर ने कहा, चलो मैं तुम्हें छोड़ दूं। मेघना पर्स लेती है और उसमें से एक डायरी गिर जाती है डायरी को देखकर अधीर की आंखें फटी की फटी रह जाती है ।

"यह तो मेरी डायरी है"- अधीर ने कहा। मेघना बोली , नहीं तो यह तो अनंग की डायरी है इसमें वह सब शेर और शायरी,कविताएं लिखी हुई है जो अनंग ने मुझे टेक्स्ट- व्हाट्सएप की थी ।

यह अनंग की डायरी है । अधीर ने कहा , नहीं यह तो मेरी है तुम्हें पता है, उस दिन तुम्हारे बर्थडे के दिन तुम मेरे डेस्क पर आई थी, तब मैं परेशान था और तुमने मुझ से पूछा था कि क्या हुआ तब तुम्हें मैंने बताया था कि तुम्हारे लिए सरप्राइज़ है, पर खो गई है मैं उसे ढूंढ रहा हूं। वह आज तक नहीं मिली, आज मिली ,तुम्हारे पास। मैं उस दिन यह डायरी तुम्हें गिफ्ट करने वाला था।

मेरे जज़्बात - मेरे अल्फ़ाज़, मेरी आहत - मेरी चाहत , मेरी धड़कन - मेरा जिगर खोल के रखा था मैंने उस डायरी में तुम्हारे लिए।

मेघना ने कहा मतलब जिसकी वजह से मैं अनंग को चाहती थी, जो अनंग मुझे भेज रहा था, वह तुम्हारी फीलिंग्स थी? तुम्हारे जज़्बात - अल्फाज? तुम्हारी चाहत थी? अच्छा हुआ मैंने यह डायरी ले ली और अनंग ने भी इसे देते हुए Sarcastically - व्यंग्यात्मक हंसते हुए मुझे कहा था कि

"हां ले जाओ अब मेरे कुछ काम की नहीं यह डायरी शायद तुम्हारे काम आ जाए।"

थोड़ी देर के लिए सन्नाटा छा जाता है दोनों चुप है।  इस चुपकी को तोड़ते हुए अधीर ने कहा, चलो तुम्हें मैरियट छोड़ देता हूं। मेघना ने कहा, कोई जरूरत नहीं मैं चली जाऊंगी। देखा है मैंने सब। अधिर ने कहा, देखो।  सब देख लिया है मैंने मैं जा रही हूं बाय, मेघना ने कहा और मेघना चली गई।

अधीर चुपचाप दरवाजे की ओर बिना आंखें मटकाये- टिकटिकी लगाए बैठा रहा, फिर धीरे से खड़ा हुआ और उस कमरे की ओर जाने लगा जहां उसने मेघना की तस्वीरें लगाई थी। उसकी आंखें भारी हो गई थी वह रोना चाहता था पर आंखें उसे मदद नहीं कर रही थी। उसका गला भर आया था। तभी एक आवाज आई

"गम जब छुपाना हो गैरो से थोड़ा सा मुस्कुरा लेना चाहिए

दर्द जब हद से बढ़ जाए कभी थोड़े आंसू बहा लेने चाहिए।"

लबो से चाहे तुम इन्कार कर लो,

आँखे ये कहेती है मुझ से प्यार कर लो।

गम के लम्हें बहोत आते है ज़िन्दगी मे,

देना चाहता हूँ चंद खुशियां कबूल कर लो।

तुम अपने गम सभी मुझे दे दो,

गम चीज़ क्या है?मुझे तुम अज़ीज़ कर लो।

ज़िन्दगी ने रंग दिखाए है मुझे भी कई,

अपने रंग मे तुम मुझे रंगीन कर लो।

प्यार का इक़रार करते हो तुम बहोत खूबी से,

दबा दबा सा है दिलमे प्यार तो इज़हार कर लो।

दूरियाँ क्यूं बढ रही है दोनों के बीच ?

आओ दो कदम चल के ये फ़ासला तय कर लो।

जिगर बेक़रार है ज़िंदगी मे लाने को तुम्हें

हो सके तो मुज पे एतबार कर लो

अल्फ़ाज़ अधीर के थे और जज़्बात मेघना के

अधीर फूट-फूट कर रोने लगा मेघना ने कहा 5 साल पहले की गई गलती को मैं सुधारना चाहती हूं तुम्हारे साथ बैठकर तुम्हारी आवाज में तुम्हारे जज़्बात को फिर से पढ़ना चाहती हूं। बिजली कड़की,मेघा गर्जा और कलसे रुकी हुई बारिश जमके टूट पड़ी।

आंसुओं का सैलाब पुराने गिले शिकवे शिकायतों को बहा के ले गया।

-जिगर बुंदेला
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