तु ही मेरी मोहब्बत - 3 Arati द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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तु ही मेरी मोहब्बत - 3

तु ही मेरी मोहब्ब्त - ३

(अब तक आपने पढ़ा की अराध्या, रिया और नक्श के बीच काफी प्यार है। आज अराध्या का आज कॉलेज में पहला दिन था और रिया के वजह से वो पहले ही लेट हो चुकीं थीं। जल्दी कॉलेज पहुंचने के चक्कर में अराध्या सामने से आते हुए लड़के टकरा गई) अब आगे -:

अराध्या वहां से चली गई। लड़का उसे जाते हुए देखता रहा तभी किसीने पीछे से आकर उस लड़के के कंधे पर हात रखते हुए कहा - “क्या बात है कृत्विक तेरी तो गाड़ी निकल पड़ी।” (थोड़ा सा छेड़ते हुए कहता है)
-“मतलब?” कृत्विक ने असमझ के भाव से कहा!
-“वही जो इतने करीब खड़ी थी तेरे! जिसे के आंखों में तू डूब गया था।” उस दूसरे लड़के ने थोड़ा शरारत भरे अंदाज़ में कहा।
“साले तू छुप कर मुझ पर नज़र रख रहा है बे!” उसके सर पर चपत लगाते हुए कहता है।
नही भाई तुझे लगता है मैं ऐसा करूंगा ना भाई ना,,,,!! नौटंकी करते हुए कहता है।
“अब बोल भी दे मेरे शेर कोन थी वो लड़की इतनी हसीन और वो भी तेरे इतने करीब,,,!”
-“ऐसा कुछ भी नहीं है यार ऋषि और मुझे कैसे पता होगा साले मैं सबका इनफॉर्मेशन लेके घूमता हूं क्या,,,,,,,?।” कृत्विक ने नज़रें चुरा के और चिड़ते हुए कहा और सीढ़ियों से नीचे उतरने लगा।

-“हां हां देखा वो तो मैंने।” ऋषि भी नीचे उतरते हुए फिर से कृत्विक को चिढ़ाते हुए कहा।
ऋषि की बात पर कृत्विक ऋषि को घूरने लगा तो ऋषि ने बात बदलते हुए कहा- “हां वैसे सही कहा तूने,,,,,,,,,,, उसने पलट कर देखा भी तो नहीं तुझे।” “पहली बार ऐसा हुआ है की किसी लड़की ने मुड़कर हैंडसम मैन इन दिस कॉलेज “कृत्विक चौहान” को नहीं देखा।” अपने हाथों को फैला कर थोड़ी ऊंची आवाज में कहता है। “वैसे मानना पड़ेगा भाई लड़की में दम तो है!” ऋषि की बात सुनकर कृत्विक उसे थोड़ा गुस्से में घूर कर कहने लगा की “she is a average girl for me and I don't think all this understand!,,,,so,,keep that in your mind!”

- “Sorry bro” ऋषि ने कहा
तो कृत्विक मन ही मन में मुस्कुरा रहा था वहीं ऋषि की बातों से उसका ईगो भी हर्ट हो गया था।
जिस कृत्विक के पीछे कॉलेज की लड़कियां पागल बनी फिरती हैं उसको आज कोई लड़की इग्नोर कर के चली गई। हमारे कृत्विक बाबू के लिए तो यह इंपॉसिबल वाली बात थी मगर बिचारा कर भी क्या सकता है बस गुस्से का घूंट पी के रह गया। कृत्विक अपने सोच में ही डुबा हुआ था की तभी
-“क्या हुआ ब्रो कहा खो गया!” ऋषि ने कहा
-“कुछ नही यार चल चलते हैं मुझे शॉपिंग भी करना है तू चल रहा है ना साथ?” “तुझे याद है ना आज अभिनाश का बर्थडे है।” कृत्विक अपने सोच से बहार आके कहता है।
- हम्म्म,,,,,,,!“यार कोई अपने गर्लफ्रेंड को शॉपिंग पे लेकर जाता है तू एक है की मुझे इंसिस्ट कर रहा है।” चलते चलते ऋषि बोला।
तो कृत्विक रुक गया और पीछे पलट कर ऋषि को कहा “ब्रो गर्लफ्रेंड को ले के जाना मतलब आफ़त को गले लगाना और “कृत्विक चौहान” स्मार्ट है गधा नही कहते हुए उसने अपने आंखों में स्टाइल से चश्मा चढ़ा लिया। उसके इसी एटीट्यूड और पर्सनेलिटी के वजह से कॉलेज में काफी नाम था उसका।
-“पता नही भाई तुझे कोन झेल पाएगा,,,,,!!”
ऋषि उससे मुस्कुराते हुए कहने लगा
कृत्विक ने बाइक स्टार्ट की और ऋषि को बैठने का इशारा करते हुए कहा
-“जो मुझे समझ पाएगी वो।” कहते कहते ना जाने क्यों उसके आंखों के सामने सुबह वाला हादसा तेर गया वो आंखें जो बहुत कुछ बयां कर रही थीं। वो चेहरा जिसमे से मासूमियत टपक रही थी। कृत्विक खयालों में ही खोया रेहेता है की तभी :-
-“हां भाई जिसने तुझे समझ लिया ना तो समझो दुनिया को समझ लिया।” कह कर हसने लगता है। तो कृत्विक ने बाइक स्टार्ट की और कहा
-“तेरा भाषण खत्म हुआ तो चले मुझे लेट हो रहा है।” कह कर बाइक आगे बढ़ा देता है।

(“कृत्विक चौहान” घर के छोटे और सबके चहीते बेटे। बचपन से ही काफी साहबजादे रहे हैं दिखने में किसी हीरो से कम नहीं अच्छी खासी हाइट, नशीली आंखे, गोरा रंग और अपने पर्सनेलिटी के चलते हर लड़की के दिल में राज करने वाला,,,,,,,,,! जो अपने नाम के मीनिंग (“The Winner Of All Hearts”) को लेके हमेशा गुरूर में रहा हैं। दिखाने में जितने हैंडसम प्यार के मामले में उतना ही खड़ूस और अकडू। वैसे आप भी बताइएगा आपको हमारे कृत्विक जी से मिल कर कैसा लगा।)

इधर अराध्या और रिया क्लास रूम के अंदर आते ही उनकी नज़र सर पर पड़ती हैं जो पढ़ाना शुरू कर चुके थे।,,,,,,,, सर को देख कर दोनो दरवाजे के पास ही खड़ी हो जाती है और एक दूसरे को एक नज़र देख कर एक साथ कहती हैं “May I Come In Sir”!
सर ने एकटक दोनों को देखा और कहा - “लेट क्यों हो तुम दोनों वो भी 1st डे,,,,ऑफ कॉलेज?” सर ने थोड़े सख्त लहजे में पूछा।
“सर वो,,,,,,,!” अराध्या बोलने ही वाली थी की रिया बोल पड़ी।
-“सर वो ना रास्ते में किसी का एक्सीडेंट हो गया था तो ट्रैफिक बहुत ज्यादा थी इसीलिए लेट हो गए,,,,,,,!”

अराध्या ने जैसे ही सुना तो झटके से रिया को घूरने लगी। अराध्या कुछ बोल पाती इसे पहले सर बोले -“ठीक है अंदर आ जाओ!” सर के इतना कहते ही दोनों अंदर आ गई और खाली बैंच देख कर बैठ गई। बैठते ही रिया ने गहरी सांस छोड़ते हुए कहा - “आज तो बाल बाल बच गए यार,,,,,,,,, वरना 1st डे ही कॉलेज में पोपट हो जाता हमारा,,,,,! रिया की बात अभी खत्म हुई भी नही थी की अराध्या रिया को घूरते हुए बोल पड़ी “हां बिलकुल और वो भी सबके सामने सब तुम्हारी वजह से हुआ है रिया।” अराध्या उससे थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहती है।
-“हां हां कल से नहीं होगा ऐसा और,,,,,,, अब तू गुस्सा मत कर यार प्लीज।” अपने कान पकड़ते हुए एक आंख मार कर बच्चों जैसा चेहरा बना कर अराध्या से कहती है। तो अराध्या उसके थोड़े पास आ कर कहती है “हां क्यों की कल से अगर तुम वक्त पर नहीं उठी तो मैं तुम्हारे ऊपर पानी डाल दूंगी,,,,,,,,,,,,,,, एक बार में नहाते हुए उठना तुम,,!! कह कर चुपके से हसने लगी।

इन सबके बीच क्लासेस में एक लड़के की नजर काफी देर से अराध्या पर ही थी!,,,,,,, वो एकटक अराध्या को ही देखे जा रहा था।


क्रमशः



आरती गोछ्छायत