तु ही मेरी मोहब्बत ६
रिया ने अराध्या के सामने सवालों का पहाड़ खड़ा कर दिया। अराध्या ने मुड़ कर रिया के तरफ देखा तो पाया कि रिया उसके जवाब का इंतज़ार कर रही है। अराध्या हात में अपना डायरी लिए बालकनी की तरफ बढ़ गई उसके पीछे पीछे रिया भी आ गई। अराध्या ने डायरी के अंदर से एक तस्वीर निकाली,,,,,,,,,,,, और रिया की तरफ बढ़ा दी,,,,,,,,,,!!
“यह किसकी तस्वीर है,,??” रिया ने तस्वीर को गौर से देखते हुए पूछा।
“यही वो वजह है रिया जिसके खो जाने का डर मुझे हमेशा रहा है।” अराध्या ने बालकनी से नीचे देखते हुए कहा।
मतलब,,,,,,, मैं कुछ समझी नहीं! रिया ने असमझ की स्थिति में कहा।
अराध्या ने कहना शुरू किया,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
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अंकल अंकल पानीपुरी देदो,,,,,!!
वहां खड़ा एक छोटा लड़का कहता है तभी कहीं से,,,,,छम छम छम,,,,,,,,,!!
किसी के पायल की आवाज उसके कानों में पड़ती है!, वो उस दिशा में अपनी आंखे घूमता है तो सामने से एक छोटी लड़की को अपनी तरफ आता देखता है।
वो पानी पूरी की स्टॉल के दूसरी तरफ थोड़ा छुप जाता है,,,,,,,,,!!
चुपके से वो उस छोटी सी लड़की को देखता है पैरों में पायल, हातों में चूड़ी माथे पर छोटी सी काली बिंदी,,,,,,,,,, बच्ची बहुत ही प्यारी लग रही थी,,,,,,,, बिलकुल राजकुमारी की तरह!!
उसने एक राजकुमारी का वेष धरा था।
वो पानी पूरी वाले से “अंकल मुझे पानी पूरी दे दीजिए जल्दी।”
हां जी बेटा जी आज अपने आने में देर कर दी,,?? पानी पूरी वाला प्यार से उस बच्ची से पूछता है।
“हां वो स्कूल में फंक्शन चल रहा हैं ना तो मैंने भी पार्टिसिपेट किया है तो उसके वजह से आने में लेट हो गई,,,!!” बच्ची बड़े ही प्यार से कहती है।
इधर वो छोटा लड़का जो अब तक स्टॉल के बगल से छुप कर देख रहा था थोड़ा पीछे हुआ तो पत्थर से पर अड़ गया और वो अचानक गिर पड़ा।
लड़की ने देखा तो उसकी तरफ आके मुस्कुरा कर हात बढ़ा दिया,,,,,,!! लड़का उसका हात पकड़ के उठ खड़ा हुआ।
“थैंक्स,,,,,,,!” लड़का मुस्कुरा कर बोलता है
“वेलकम,,,,,,,!,अंकल जल्दी पानी पूरी दो वरना मम्मी डाटेंगी।” पहले लड़के को कहती है फिर पानी पूरी वाले से।“ये लो बेटा,,,,!”कह कर पानी पूरी वाला लड़के की तरफ पहले पानीपुरी बढ़ता है तो लड़का कहता है “पहले इससे दे दीजिए अंकल!” लड़की की तरफ इशारा कर के पानीपुरी वाले से कहता है तो पानीपुरी वाला लड़की को एक के बाद एक पानी पूरी देता है।
“तुम गिर कैसे गए,,,,,,??” लड़की ने अपनी पानीपुरी खाते खाते और अपनी बड़ी बड़ी पलके झपकाते हुए लड़के से पुछा।
“मेने पैर गलती से पत्थर के ऊपर रख दिया तो मेरा पैर मुड़ गया इसलिए,,,,,!!” लड़के ने कहा।
लड़की ने अपनी पानीपुरी खतम की और जाने लगी,,,,,,,,, उसकी पायल की आवाज फिर गूंजने लगी,,,,,,,,,, छम,,,,, छम,,,,, छम।
“ओय प्रिंसेस,,,,,,??” लड़के ने उससे आवाज दिया।
लड़की रूक गई और पीछे पलटी!! दोनों एक दूसरे को देख कर मुस्कुराए। फिर लड़की वहां से चली गई।
अगले दिन भी वो उसी ड्रेस को पहने पानी पूरी के स्टॉल पर आ पहुंची।वो एक छोटा सा पार्क था जहां बच्चे खेलते रहते थे।वो लड़का भी आ पहुंचा।दोनो ने एक दूसरे को देख कर मुस्कुरा दिया,,,,,,!!
छोटी लड़की ने पानीपुरी वाले से जब पानीपुरी देने को कहा,,,,,,,,,,,,तब लड़का बोल पड़ा। “तुम्हारे पानीपुरी के पैसे में दे दूंगा।”
“तुम क्यों,,,,,,,,?” लड़की ने सवाल किया।
“तुमने कल मेरी हेल्प की थी ना इसीलिए,,,,!, मम्मा कहती है कोई तुम्हारी हेल्प करे तो बदले में हमें भी उनके लिए कुछ करना चाइए।” छोटे लड़के ने सीधा सा जवाब दिया।
लड़की हंस पड़ी। उससे देख लड़का भी हंस पड़ा। दोनों ने साथ पानीपुरी खाई फिर दोनों अपने घर चले गए। कुछ दिन ये सिलसिला चलता रहा। दोनो अब दोस्त बन चुके थे। उनकी एक खुदकी दुनिया बन चुकी थी। दोनो साथ साथ खेलते, मस्ती करते। एक दिन खेलते खेलते,,,,,,,,,,, “हे प्रिंसेस बॉल पास करो ना,,,,,,,!” लड़का बोलता है। लड़की बॉल ले कर लड़के के पास जाति है!, “तुम मुझे हमेशा प्रिंसेस क्यों कहते हो।” लड़की ने बड़े प्यार से पूछा।
“क्योंकि तुम एक प्रिंसेस हो!” लड़के ने उसके हात से बॉल लेते हुए कहा।
“वो कैसे ??” लड़की ने फिर सवाल किया।
“तुमने उस दिन मेरी हेल्प की थी ना और मैंने कहानियों में भी सुना है जो प्रिंसेस होती हैं वो सबकी हेल्प करती है।”,लड़के ने कहा
“अगर मैं प्रिंसेस हूं,,,,, तो मेरा प्रिंस कहां है!, क्योंकि प्रिंसेस तो प्रिंस से ही दोस्ती करती है ना।” लड़की ने अपनी ऊंगली को अपने ठुड्ढी पर रख कर सोचते हुए कहती है।
“हां,,,,!!, में हूं ना तुम्हारा प्रिंस!, देखो हम तो दोस्त भी है।” लड़के ने कहा और वही नीचे घास पर बैठ गया।
“सच में तुम मेरे प्रिंस हो।” लड़की खुशी से भर कर कहती है और वो भी घास पर बैठ जाती है
“हां,,,,!” कह कर लड़का भी मुस्कुरा पड़ता है।
दोनों का बचपना एक जैसा ही था।
“ओ,,,,,,, वाउ अराध्या ये बात तूने मुझे पहले बताई क्यों नहीं की तेरा भी कोई प्रिंस चार्मिंग है।” रिया अराध्या के दोनों कंधे को पकड़ कर एक्साइटेड हो कर कहती हैं।
“कैसे कहते रिया,,,,,,,इस बीच कितना कुछ हो गया तुम तो जानती हो न,,,,,,!!” अराध्या थोड़ा उदास हो कर कहती है।
“हम्मम,,,,,!,अच्छा आगे क्या हुआ वो बता,,,,,,,?” रिया आगे पूछने लगी। अराध्या आगे कुछ बोल पाती उसे पहले ही कमरे में गरिमा आवाज देते हुए दाखिल हुई। “रिया, अराध्या कहां हो तुम दोनो?”
“मां यहां है हम!,क्या हुआ?” रिया ने बालकनी से अंदर आते हुए कहा। “क्या होगा,,,,,तुम दोनों को वक्त का पता नहीं चल रहा खाना लग गया है नीचे आके खा लो।” गरिमा ने दोनों को प्यारी सी डांट लगाते हुए कहा। “अरे मां खाना तो खायेंगे ही पहले आप अराध्या के प्रिंस चार्मिंग से तो मिलो,,,,,,??” रिया जल्दबाजी में कह गई। अराध्या ने सुना तो भाग कर रिया के पास चली आई। “मतलब,,,,,,?” गरिमा कुछ समझ नहीं पाई। “अरे मामी जी वो वो वो कल रात को सिंड्रेला की कहानी देख रहे थे ना तो उस कहानी के प्रिंस की बात कर रही है रिया है ना रिया।” अराध्या ने रिया की और आंखे बड़ी कर के कहा और मामी जी को देख के मुस्कुरा दी। “हां हां मां उसी प्रिंस की ही बात कर रही थी मैं।” रिया ने कहा फिर अराध्या के कान में फुसफुसाने लगी “सॉरी,,,,,,,!”,“तुम दोनों भी ना चलो अब चल कर खाना खा लो बाद में सिंड्रेला बनती फिरती रहना तुम दोनों।” मामी ने कहा तो रिया ने कहा “हां मां आप चलो हम आते हैं।” गरीमा चली गई। गरीमा के जाते ही रिया और अराध्या एक दूसरे को देख कर खिलखिला कर हंस पड़ी। “आज तो बाल बाल बचे यार अराध्या।” रिया ने बेड पर हात फैला कर एकदम से लेट कर कहा। अराध्या ने तकिया उस पर मरते हुए कहा “हम्मम,,,,,अगर मैंने बात नही संभाली होती तो खैर नहीं थी हमारी आज तो।” रिया उठ कर बैठ गई। “देखो रिया तुम्हें मुझसे एक वादा करना होगा इस बारे में तुम किसी से कुछ नही कहोगी,,,,,,,,,मजाक में भी नहीं ठीक है।” अराध्या ने गंभीर होते हुए कहा। “हां बाबा पक्का वाला वादा किसी से नहीं कहूंगी,,,,,!!” रिया ने भी सीरियस होते कहा। “अब चले नीचे वरना मदरइंडिया फिर से आ जाएंगी।” रिया ने कहा तो फिर से दोनों हंसने लगी।
क्रमशः
आरती गोछायत