अगली सुबह.......
6:00 बजे अविका नींद खुली , वह उठकर नहा ने चली गई, , नहा कर बाहर आई और फिर घर के मंदिर में गई । मधु दीपिका दोनो आरती की तैयारी कर रही थी । अविका भी मंदिर में आ गई । मधु अविका आ गई बेटा राव्या को भी उठा देती। मम्मा आप रोज यही बोलती हो आपको पता है वो 7 बजे से पहले कभी नही उठती फिर भी अविका ने मधु जी से कहा । दीदी जो है हम आरती करले दिपिका ने मधु जी से कहा । मधु हा चलो आओ और फिर तीनो ने आरती की । अविका चाय किस किस को पीनी है बोल दो में अपने लिए बनाने जा रही हु।
वरुण जी .. अपने रूम से आते हुए मेरे लिए भी बनना अवि बेटा । अविका . ठीक है पापा , साकेत जी में भी पियुगा अविका मेरे लिए भी । अविका किचन में तीनो के लिए चाय बनाने लगी । थोड़ी देर में 3 कप में चाय लेके आई और वरुण जी और साकेत जी को चाय दी , और फिर तीनो पीने लगे ।
मधु जी .... अविका जा राव्या को उठा 7 बजने को आए है पर कभी नही उठती । अविका .. मम्मा उठ जाएगी वैसे भी अभी हॉलीडे चल रहे है सोने दो , । मधु जी .. अविका तो फिर तू क्यू रोज सुबह जल्दी उठ जाती है तेरा भी तो कॉलेज पूरा हो गया है । अविका ... मुझे जल्दी उठने की आदत है । मधु... ठीक है में नाश्ता बनाने जा रही हु । रक्ष .... अविका दीदी यहां आओना मुझे नहला दो । अविका ... बच्चा इतना जल्दी क्यों उठ गया । और अविका ऊपर चली गई । दीदी मेरी नींद खुल गई अब नही आ रही इसलिए आप भी तो जल्दी उठ गई पर ये राव्या दी रोज की उठती है । अविका .... अच्छा चलो में तुम्हे तैयार करदू । फिर रक्ष को नहला कर उसे तैयार कर नीचे जाने लगे । अविका एक मिनिट बेटा राव्या को उठा दू फिर चले , राव्या उठ 8 बज है । फटा फट उठ कर नहा कर नीचे आजा में चाय बना रही हु तेरे लिए ।
राव्या ठीक है दी में आती हू ।
रक्ष बेटा आप सोफे पर बैठो में आप के लिए दूध लेके आती हू अविका ने कहा । और फिर किचन मे चली गई । राव्या के लिए चाय गेस पर रखी और धीमा कर के दूध लेके बाहर आ गई । बच्चा दूध पिलो । और फिर वहा बैठ गई । थोड़ी देर बाद राव्या आई । अविका बोली ये ग्लास अंदर रख देना और गेश पर चाय बन रही है जा पीले । राव्या ओके दी आप हमारा कितना ख्याल रखती है । अविका पहले चाय लेके आ वरना सब कट जायेगी ।
राव्या .... चाय का कप लेके आई और सोफे पर बैठ गई । मधु जी चलो आओ सब नास्ता करले । अविका मम्मा ने पापा चाचू को बुला के लाती हूं। और फिर उनको बुलाने चली गई । सब डेनिंग टेबल पर आ गए। नाश्ता कर के सब अपने अपने काम पर चले गए ।
रक्ष ..... अवि दी चलोना हम बाहर गुमने चलते है । अविका घूमने कहा जाना है आपको ।
रक्ष आपको जहा अच्छा लगे। तो ठीक है पहले हम पछाड़ भेरू मंदिर और फिर चामुंडा माता मंदिर । ठीक है । रव्या हा दी चले । अविका मम्मा से पूछ कर आऊ फिर चलते है । अविका मधु जी से मम्मा में और रक्ष राव्या हम तीनो पछाड़ भेरू मंदिर और चामुंडा माता मंदिर जाए । मधु जी ठीक है जाओ पर आराम से जाना और उन दोनो को संभाल कर ले जाना ।
अविका .... ओके मम्मा हम जाके आते है । अविका रूम से पर्स लेके आती है । फिर तीनो निकल जाते है ।