राजकुमारी शिवन्या - भाग 16 Mansi द्वारा पौराणिक कथा में हिंदी पीडीएफ

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राजकुमारी शिवन्या - भाग 16

भाग १६

अब तक आपने देखा की राजकुमारी शिवन्या ने अपने कक्ष की खिड़की से देखा की इतनी रात को दो आदमी महल के बाहर एक कुटिया के पास खड़े थे , अब आगे की कहानी देखते है।

शिवन्या सोचती है अभी इन दो चोरों को
में पकड़ लेती हु , ये सोच कर शिवन्या नीचे उतर कर जल्दी से भागती हुई महल के दरवाजे के बाहर निकल जाती है उस कुटिया की ओर , वहा वो चुपके से झांक के देखती है उसे वहा कोई भी नजर नहीं आता है , वो बाहर निकल कर अच्छे से देखती है सब जगह परंतु वह दो आदमी कही नही दिख रहे थे उनको , पता नही इतनी देर में कहा गायब हो सकते है वे ।

राजकुमारी ने सोचा शायद उनको भनक लग गई होगी की किसी ने उन्हे देख लिया है, शिवन्या चोक्कनी हो कर आसपास तेज नजर से देखती हुई महल के अंदर वापस चली जाती है और अपने कक्ष के भीतर चली जाती है , वह लेट जाती है जा कर ओर सोने की कोशिश करती है परंतु उसकी निंद्रा अब चली गई थी की वह दो आदमी कहा चले गए थे , वह दाई ओर करवट लेकर सो रही थी तभी उन्हे कुछ आवाज सुनाई दी ।

वह तुरंत उठ गई और अपने आसपास देखने लगी परंतु कोई नही था , वह खिड़की के बाहर देखने गई वहा भी कोई दिखाई नहीं दे रहा था , तब वो पीछे मुड़ी और सोचा शायद कोई पक्षी की आवाज आई होगी और वो अपनी शय्या की ओर जाने लगी तभी दो आदमी अचानक से खिड़की से कूद कर कक्ष में आ गए शिवन्या को समझ ही नहीं आया की ये लोग केसे आए उनमें से एक ने पीछे से राजकुमारी के दोनो हाथ पकड़ लिए।

शिवन्या ने कहा छोड़ो मुझे तुम दोनो वही दो आदमी हो ना जो बाहर कुटिया के पास खड़े थे उनमें से दूसरे ने राजकुमारी शिवन्या का मुंह बंद कर दिया हाथ से, एक आदमी बोला हां हम दोनो ही थे वहा आपने हमे देख लिया था अपनी खिड़की से यह हमने पहले ही देख लिया इस लिए हम वहा से चले गए , दूसरे ने कहा आप हमे रोकने वहा आई थी ना अब रोक के दिखाओ ओर जोर जोर से दोनो हसने लगे , दोनो ने मिल कर शिवन्या को पीछे धकेलते हुए शय्या में लेटा दिया और एक आदमी उनका गला दबाने लगा।

राजकुमारी को बहुत पीड़ा हो रही थी पर उन्हों ने भी हार नहीं मानी और उन्होंने अपने एक पैर से जो गला दबा रहा था उसे एक लात मारी वह जोर से जमीन पर गिर गया , ओर दूसरे आदमी को उन्हों ने हाथ में काटा तभी शिवन्या दोनो की चंगुर से छूट गई , राजकुमारी भी एक बेहतरीन योद्धा थी उन्हों ने अपनी तलवार ली और दोनो के बदन पर वार किया, परंतु उन्होंने उन दोनो को जान से नही मारा था उसके पश्चात राजकुमारी ने राजा विलम और रानी निलंबा को जोर से पुकारा केवल राजा रानी ही नहीं कुछ सैनिकों समेत दासिया भी कक्ष में आ चुके थे , राजकुमारी के वस्त्र अस्त व्यस्त हो चुके थे हातापाई के दरमियान ओर वह दोनो चोर लहू लुहान जमीन पर गिरे थे।

राजकुमारी ने घटित सारी घटना राजा रानी को बताई , निलंबा ने कहा भगवान भोलेनाथ का खूब खूब आभार की आपको कुछ नही हुआ राजकुमारी , ओर फिर राजा ने सैनिकों से कह कर उन दोनो चोर को कारावास में डलवा दिया। राजा ने कहा अब सब ठीक है जा कर सब विश्राम करे , राजा विलम ने राजकुमारी के सिर पर प्यार से हाथ रख कर कहा, कृपया अब आप जहा भी जाए सैनिक को साथ में ले कर जाए और खिड़की हमेशा रात्रि को बंध रखे , शुभ रात्रि🙏 इतना कह कर राजा रानी चले गए ।

राजकुमारी ने अपने वस्त्र बदल लिए ओर विश्राम करने लगी , कल उन्हे देखने के लिए लड़की वाले आने वाले थे , यह बात सोच कर उन्हे घबराहट सी हुई पर अब उनकी आंख लग चुकी थी।

कहानी का अगला भाग जल्द ही आयेगा मित्रो।😊