Bunch of Stories - 11 - ये कौन प्यार हैं ? Devaki Ďěvjěěţ Singh द्वारा प्रेरक कथा में हिंदी पीडीएफ

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Bunch of Stories - 11 - ये कौन प्यार हैं ?

पार्क में बैठे दो लव बर्ड्स आपस में बातें कर रहे थे तभी अचानक न जाने दोनों के बीच ऐसा क्या हुआ जो लड़के ने लड़की को खींचकर थप्पड जड दिया l

उसके थप्पड की गुंज दूर तक सुनाई दी जिससे पार्क में बैठे लोगों का ध्यान उन दोनों की तरफ चला गया ,पर इस पर भी वो लड़का रुका नहीं ,
उसे थप्पड पर थप्पड मारे जा रहा है और लोग दूर से खड़े तमाशा देख रहे l

लड़की अब भी उससे कह रही हैं, "सॉरी बाबु , सॉरी सोना प्लीज़ मान जाओ न अब कभी भी तुमसे बिना कुछ पूछे कोई काम नहीं करूंगी l प्लीज़ जान मान जाओ न l "

थप्पड मारते हुए, दूर हटो मुझसे, तुम मेरे सामने दूसरे लड़के की तारीफ और उससे बात कैसे कर सकती हो l

सॉरी जानूं मैं सिर्फ तुम्हारी हैं, अगली बार से किसी लड़के क्या ल़डकियों से भी बात नहीं करुँगी,इस बार गलती हो गई, प्लीज़ माफ़ कर दो प्लीज़ गुस्सा मत हो मुझे मारना हो मार लो मैं तुम्हें कुछ नहीं कहूँगी "लव यू सोना " "लव यू बाबु "

लड़की का लड़के के सामने इस तरह गिड़गिड़ाना देख रिद्धि का तो दिमाग ही खराब हो गया l वह मन ही मन सोचती है कैसी लड़की है, लड़का छोटी सी बात पर सबके सामने उसे थप्पड़ मार रहा है फिर भी अपने प्यार की खातिर उसके सामने गिड़गिड़ाने में लगी है l

यह सब सुनते जब रिद्धि से नहीं रहा गया तो उस प्रेमी जोड़े के पास आती है, लड़की की शक़्ल देख वो हैरान हो जाती हैं, वह लड़का जब फिर से हाथ उठाने वाला था तभी रिद्धि उस लड़के को पकड़ कर खींचकर उसे जोरदार तमाचा मारती हैं और कहती हैं, " तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई रितिका पर हाथ उठाने की "

"अचानक जोरदार थप्पड़ पड़ने से लड़का बौखला सा गया, फिर गुस्से में तुम कौन होती हो मुझ पर हाथ उठाने वाली l "

"मैं ,रितिका की भाभी "

"फिर वो गुस्से से रितिका की तरफ देखता है, ओह तो तुम मुझे निचा दिखाने के लिए यहाँ बुलाई हो l "

रिद्धि, रितिका से, "तुम क्यों इस घटिया इंसान के प्यार में पागल हो , मुझे तो लगा था तुम जिस लड़के से प्यार करती हो, (क्या नाम बताया था तुमने ऋषि ) वो एक बहुत अच्छा इंसान होगा, पर ये तो बहुत ही घटिया इंसान है, यह तुमसे क्या यह तो किसी और लड़की के भी प्यार के काबिल नहीं है l

शादी से पहले जो तुम पर हाथ उठा सकता है वो शादी के बाद तुम्हारे साथ क्या क्या करेगा कभी सोचा है तुमने ? इन जैसे ही लड़के पहले लड़की को प्यार के चक्कर में फंसाते हैं और फिर बाद में उसे मानसिक और शारीरिक रूप से टॉर्चर करते हैं , कई बार तो वे लड़कियों को बेच देते हैं या फिर वेश्यावृत्ति के धंधे में लगा देते हैं या फिर चारदीवारी के पीछे उसे मारते पीटते हैं l

ऋषि गुस्से मे रितिका से , "अच्छा ये सब तुम्हारी प्लानिंग हैं मेरा अपमान करने की "

रितिका, " नहीं जानू ,मेरा इसमें कोई हाथ नहीं है पता नहीं यह कहां से आ गई है , तुम इसकी किसी बात पर ध्यान मत दो , मैं तुम्हारा अपमान क्यों करूंगी, मैं तो तुमसे बहुत प्यार करती हूं l

रितिका रिद्धि से, " भाभी प्लीज़, आपकी हिम्मत कैसे हुई मेरे ऋषि पर हाथ उठाने की और उसे कुछ भी बोलने की, मैं इससे प्यार करती हूँ और यह मुझे मारे पीटे या मेरे साथ कुछ भी करे , आपको किसने हक दिया हमारे बीच में बोलने का l

रिद्धि, "क्या हो गया है तुम्हें रितिका , तुम एक पढ़ी लिखी लड़की हो तुम्हारा इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी कंप्लीट होने वाली है तो क्यों इस घटिया इंसान के पीछे अपना समय बर्बाद कर रही हो ?
इस आदमी के चेहरे के पीछे छिपे नकाब को क्यों नहीं देख पा रही हो यह तुम्हारे साथ इतना गलत व्यवहार कर रहा है फिर भी तुम्हारे आंखों पर इसकी प्यार की पट्टी बंधी पड़ी है जो इंसान तुम्हें आज इज्जत नहीं दे रहा है भविष्य में तुम्हें यह क्या खुश रखेगा , अपमान के सिवा ये तुम्हें कुछ नहीं देगा l

रितिका, " बस करिए भाभी, मैं मेरे ऋषि के खिलाफ अब एक शब्द नहीं सुन सकती , मैं चुप हूँ इसका मतलब यह नहीं कि आप कुछ भी बोलती जाओ l आप जाइए यहां से , जहां से आई थी वहीं वापस चले जाइए और हम दोनों को अकेला छोड़ दीजिए l

रिद्धि, "हाँ चली जाऊँगी ,(फिर रितिका का हाथ पकड़कर ) पर अकेले नहीं, तुम्हें भी साथ लेकर जाऊँगी l "

रितिका गुस्से में अपना हाथ छुड़ाते हुए , " बस करो भाभी , बहुत हो गया , वैसे भी आप मेरे दूर के रिश्ते की भाभी हो, तो आप दूर ही रहो मेरे और ऋषि के रिश्ते से l वैसे भी मैं आपके साथ कहीं नहीं जाने वाली और रही बात ऋषि और मेरे प्यार की तो किसी भी रिश्ते में थोड़ा बहुत ऊंच नीच तो होता ही है , इसका मतलब यह नहीं की रिश्ता खत्म हो गया l वैसे भी आप क्या समझो प्यार की बातें आपने खुद कभी प्यार किया होगा तब ना ??

रितिका का अंतिम वाक्य सुनते ही रिद्धि को बहुत ही गुस्सा आता है और वह गुस्से में एक जोरदार तमाचा रितिका के गालों पर मार देती है l

रितिका, "वाह भाभी , क्या बात हैं, इस थप्पड़ के पीछे कहीं कोई आपका अतीत तो नहीं छुपा है l (फिर बेशर्मी से हंसते हुए ) कहीं ऐसा तो नहीं , आपके ऐसे ही व्यवहार के कारण आपके प्रेमी ने आपको अपनी जिंदगी से धक्के मार कर निकाल दिया है l

रिद्धि , " सही कहा तुमने, भले ही मैं तुम्हारे दूर के रिश्ते की भाभी हूँ पर तुम्हें अपना समझती हूँ इसीलिए तुम्हारे अच्छे के लिए समझा रही हूँ और रही बात मेरे प्यार की तो सही कहा तुमने , मुझे भी अपनी उम्र का प्यार याद आ गया लेकिन उसने मुझे अपनी जिंदगी से नहीं निकाला था बल्कि मैंने उसे अपनी जिंदगी से बाहर निकाल कर फेंक दिया था , जानती हो क्यों ?? क्योंकि वह भी तुम्हारे प्रेमी की तरह ही बहुत घटिया इंसान था l

वह मुझसे प्यार नहीं करता था बल्कि वह मेरे शरीर से प्यार करता था वह सिर्फ वासना का भूखा था l जब उसने प्यार के बहाने मेरे शरीर को छूने की कोशिश की तो पहले मैंने उसे रोकने समझाने का बहुत प्रयास किया लेकिन फिर भी जब वह नहीं माना प्यार का वास्ता देकर मुझसे जबरदस्ती करने की कोशिश की तो मैंने उसे अपनी जिंदगी से कचरे के समान निकाल कर फेंक दिया l

रितिका की तरफ देखते हुए , "जानती हो क्यों ? क्योंकि मुझे मेरा आत्मसम्मान प्यारा है मुझे मेरे माता-पिता परिवार की इज्जत प्यारी है l

अभी भी वक्त है सुधर जाओ , श्रद्धा , सीमा , नलिनी, फातिमा क्रिस्टीना जैसी मत बनो जो अपने प्यार के खातिर मां बाप से लड़ गई ,अपने परिवार को ठुकरा कर चली गई लेकिन जिस प्रेमी के लिए उसने सब कुछ छोड़ा था , उस प्रेमी से शादी के कुछ ही महीनों बाद , उसने उसके शरीर के 28 टुकड़े कर दिए तो किसी ने वेश्यावृत्ति के दलदल में झोंक दिया तो किसी ने उन्हें जान से मारकर फेंक दिया l

दिल के हाथों कमजोर बनकर कोई भी गलत फैसला लेकर बदनाम इतिहास मत बनो जो अपने प्रेमी के लिए सबसे लड़ सकती हैं लेकिन अपने प्रेमी के गलत व्यावहार करने पर भी उसके खिलाफ आवाज़ नहीं उठा सकती हैं l

जो सच्चा प्रेम प्रेम करता है वह अपने प्रेमी की भावनाओं का सम्मान करता है उसे कोई तकलीफ या चोट नहीं पहुंचता हैं l

पढ़ी लिखी हो समझदार हो दिमाग से काम लो सोचो समझो और फिर कुछ निर्णय लो l

बोलकर वह गुस्से में चली जाती है l

रितिका रिद्धि की बातें सुनकर अब खामोश खड़ी थी तभी ऋषि, "चलो जानू मैंने तुम्हारी गलतियों के लिए तुम्हें माफ कर दिया "

रितिका गुस्से में , " कौन सी गलती ,किस गलती की तुम मुझे माफी दे रहे हो जो मैंने की ही नहीं है l मुझे मेरी आजादी प्यारी है , मेरा मन मैं जिससे चाहूं बात करो तुम कौन होते हो रोकने वाले ,चले जाओ मेरी जिंदगी से दोबारा अपनी शक्ल मत दिखाना नहीं तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा l"

ऋषि गुस्से में, " तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझसे ऐसे बात करने की, यह बोलकर उस पर हाथ उठाने वाला ही था कीsssss

रितिका उसे जोरदार तमाचा मारती हैं और कहती हैं, " अगली बार से कभी मुझ पर हाथ उठाने की हिम्मत मत करना , नहीं तो, मुझे प्यार दिखाना आता है हैं तो हाथ तोड़ना भी l बोलकर वह वहां से चली जाती हैं l

और ऋषि अपने गालों पर हाथ रखे उसे जाता देखते रह जाता है l

✍️🌹देवकी सिंह 🌹