सिंगापुर और मलयेशिया की यात्रा Prafulla Kumar Tripathi द्वारा यात्रा विशेष में हिंदी पीडीएफ

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सिंगापुर और मलयेशिया की यात्रा

हम लखनऊ के लोग जहाँ भी जाते है अपना शहर लखनऊ,अदब की अपनी तहज़ीब भी संग साथ ले जाते हैँ. इसीलिए तो हम लखनऊ के लोग दूर से पहचान लिए जाते हैँ....
फिर भी दुनिया इतनी लम्बी इतनी चौड़ी, घूम घूम कर देखना और उसे देखते हुए सभी को घर बैठे दिखलाना अपना शौक है।
ट्रेवल सीजन्स ग्रुप के साथ हम पति पत्नी ने 16 से 23 जुलाई तक 2023 तक सिंगापुर की सैर की। चलिए आपको भी वहाँ घुमा कर लाते हैं...लेकिन पहले सिंगापुर के बारे में कुछ जानकारी।

दुनिया की सबसे मजबूत और सबसे स्थिर अर्थव्यवस्थाओं में से एक सिंगापुर एक स्वच्छ और सुंदर देश है. सिंगापुर को “शेरों के शहर (Lion City)” के रूप में जाना जाता है, जो अपनी विविध संस्कृति, सुंदरता और पर्यटन स्थलों के आधार पर एशिया में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है.इस देश की आबादी 59 लाख के करीब है, लेकिन यहां हर साल दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों की संख्या एक करोड़ से ज्यादा है, जो इसकी आबादी का लगभग दोगुना है. इस खूबसूरत देश के बारे में कुछ दिलचस्प जानकारी- देश का वर्तमान नाम “सिंगापुर” इसके मलय नाम “सिंगापुरा” से लिया गया है, जिसके बारे में माना जाता है कि यह संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ है “शेरों का नगर”. “सिंगा” संस्कृत शब्द सिंह (Lion) से लिया गया है, जिसका अर्थ है “शेर”, और “पुरा” का संस्कृत में अर्थ नगर (City) होता है और यह कई भारतीय स्थानों के नामों में एक सामान्य प्रत्यय है. “सिंगापुर” के नाम के पीछे की कथा बहुत दिलचस्प है. ऐसा कहा जाता है कि 14वीं शताब्दी में “सुमात्रा द्वीप” से एक हिंदू राजकुमार एक द्वीप पर शिकार के लिए गया था जहां उसने एक शेर जैसा जानवर देखा और इस द्वीप का नाम “सिंगापुरा” (वर्तमान में “सिंगापुर”) अर्थात “सिंहों का द्वीप” रख दिया. लेकिन वास्तव में, सिंगापुर में सिंह नहीं पाए जाते हैं.सिंगापुर की राजधानी और सिंगापुर का सबसे बड़ा शहर सिंगापुर सिटी (Singapore City) है.
सिंगापुर का क्षेत्रफल 728.6 km² (281.31 sq mi) है.सिंगापुर की जनसंख्या 5,923,982 (2022 – Estimated) है.सिंगापुर की मुद्रा सिंगापुर डॉलर है.सिंगापुर की राष्ट्रीय भाषा और राजकीय भाषा मलय, चीनी, तमिल और अंग्रेजी है. 9 अगस्त 1965 को मलेशिया से अलग होने के बाद सिंगापुर एक स्वतंत्र और संप्रभु देश बन गया. सिंगापुर को मलेशिया से आजादी पाने के लिए कोई युद्ध या लड़ाई नहीं लड़नी पड़ी. वास्तव में, मलेशिया ने सिंगापुर को लोकतांत्रिक मतदान से विभाजित किया था. सिंगापुर गणराज्य आधिकारिक तौर पर 21 सितंबर 1965 को अपनी स्वतंत्रता के बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) का 117वां सदस्य बन गया. सिंगापुर में केवल एक मुख्य द्वीप और 63 अन्य छोटे-बड़े द्वीप हैं. इनमें से अधिकांश द्वीप निर्जन हैं. मुख्य द्वीप 42 किलोमीटर लंबा और 23 किलोमीटर चौड़ा है. सिंगापुर एक शहर-राज्य (City-state) है, यानी एक ऐसा राज्य जिसमें एक स्वतंत्र शहर शामिल होता है जो किसी अन्य सरकार द्वारा प्रशासित या शासित नहीं होता है. दुनिया में केवल तीन शहर-राज्य हैं, अन्य दो मोनाको (Monaco) और वियतनाम (Vietnam) है.सिंगापुर गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक (National Symbol) “मेरलायन (Merlion)” है. यह आधी मछली और आधा सिंह है, जिसे “सिंगा (Singa)” कहा जाता है .“वांडा मिस जोआकिम (Vanda Miss Joaquim)” सिंगापुर का राष्ट्रीय फूल (National Flower Of Singapore) है. सिंगापुर का यह पहला आर्किड हाइब्रिड फूल 1893 में मिस एग्नेस जोकोम ने अपने बगीचे में लगाया था. 15 अप्रैल 1981 को “वांडा मिस जोकोम” को राष्ट्रीय समिति द्वारा राष्ट्रीय फूल का दर्जा दिया गया था. मलय भाषा सिंगापुर की राष्ट्रीय भाषा है और इसकी आधिकारिक भाषाओं में से एक है. जबकि “अंग्रेजी”, “मलय”, “मंदारिन चीनी” और “तमिल” सिंगापुर की चार आधिकारिक भाषाएं हैं. चार आधिकारिक भाषाओं के अलावा, सिंगापुर के लोग पांचवीं भाषा भी बोलते हैं, जिसे “सिंग्लिश (Singlish)” के नाम से जाना जाता है. सिंग्लिश भाषा प्राचीन चीनी, मलेशियाई और तमिल भाषाओं के शब्दों का मेल है.ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में “सिंग्लिश (Singlish)” भाषा के कुल 27 एकल शब्द शामिल हैं.सिंगापुर में साक्षरता दर (Literacy rate) लगभग 98% है जो जनसंख्या में शिक्षा के स्तर में वृद्धि का संकेत देती है. इसको वर्ष 1819 में मलेशिया देश में एक शहर के रूप में स्थापित किया गया था. अर्थशास्त्री सिंगापुर को “आधुनिक चमत्कार” कहते हैं, क्योंकि यहां की पूरी अर्थव्यवस्था शिपिंग पर आधारित है. यहां लगभग हर चीज का आयात किया जाता है, जैसे मलेशिया से पानी, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया से दूध, फल और सब्जियां, जबकि दालें, चावल और दैनिक उपयोग की अन्य चीजें थाईलैंड, इंडोनेशिया आदि से आयात की जाती हैं. सिंगापुर दुनिया के 20 सबसे छोटे देशों में से एक है, जिसका कुल क्षेत्रफल केवल 728.6 वर्ग किलोमीटर है. सिंगापुर 19वीं शताब्दी की शुरुआत से भूमि क्षेत्र का विस्तार कर रहा है और देश ने अब तक कंबोडिया से अरबों क्यूबिक फीट जमीन खरीदी है, इसका कारण यह है कि सिंगापुर को विस्तार करने के लिए और जमीन की जरूरत है.आजादी के बाद से, सिंगापुर ने अपने भूभाग में 22% की वृद्धि की है और 2030 तक 7-8% तक विस्तार करने की योजना बना रहा है. सिंगापुर अमीरों का देश है. यहां हर छह में से एक व्यक्ति के पास 1 मिलियन अमरीकी डालर या उससे अधिक की संपत्ति है, जो दुनिया के अन्य देशों के लोगों की तुलना में कहीं अधिक है. सिंगापुर दुनिया के सबसे महंगे देशों में से एक है जहां के 95 प्रतिशत से अधिक लोग करोड़पति हैं. वर्ष 2021 के भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक (CPI) सर्वेक्षण के अनुसार, सिंगापुर दुनिया के सबसे कम भ्रष्ट देशों में चौथे स्थान पर है, और एशिया में पहले स्थान पर है. सिंगापुर को व्यापक रूप से दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों (Safest Country In The World) में से एक माना जाता है.सनटेक सिटी में टावरों को हथेली के खुले हाथ के आकार का प्रतिनिधित्व करने के लिए डिजाइन किया गया था जो अच्छे “फेंग शुई” का प्रतीक है.Guinness Book of World Records के अनुसार, “फाउंटेन ऑफ वेल्थ (The Fountain of Wealth)”, दुनिया का सबसे बड़ा फव्वारा, सिंगापुर के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल सनटेक सिटी के केंद्र में स्थित है. 1997 में कांस्य से निर्मित, इसे बनाने में अनुमानित US$6 मिलियन का खर्च आया था .सिंगापुर के लोगों का जन्म साल के किसी भी अन्य महीने की तुलना में अक्टूबर के महीने में अधिक होता है. मोनाको के अलावा, सिंगापुर दुनिया में सबसे घनी आबादी वाला देश है, जहां प्रति वर्ग किलोमीटर 6,430 लोग रहते हैं. सिंगापुर के लोग चलने के मामले में दुनिया में सबसे तेज (Fastest pedestrians in the world) हैं, जो 10.55 सेकंड में 19 मीटर की दूरी तय करते हैं.सिंगापुर का अधिकांश भाग समतल मैदानी है. यहां का सबसे ऊंचा स्थान (Tallest Natural Point In Singapore) “बुकित तिमाह हिल (Bukit Timah Hill)” है, जो केवल 164 मीटर ऊंचा है. बागवानी संसाधनों के लिए विशेष रूप से समर्पित दुनिया का पहला पार्क सिंगापुर का “हॉर्टपार्क (HortPark)” है, जो बागवानी से संबंधित, मनोरंजक, शैक्षिक, अनुसंधान और खुदरा गतिविधियों का केंद्र है .Ease Of Doing Business Index के मुताबिक, न्यूजीलैंड के बाद सिंगापुर दुनिया में बिजनेस करने के लिए सबसे आसान जगह है.

सिंगापुर का 156 साल पुराना “सिंगापुर बॉटनिकल गार्डन (Singapore Botanical Garden)” यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल होने वाला एकमात्र उष्णकटिबंधीय उद्यान है. इस “राष्ट्रीय आर्किड उद्यान” में प्रतिवर्ष 50 लाख पर्यटक आते हैं.दुनिया का सबसे ऊंचा इनडोर वाटरफॉल (Tallest indoor waterfall in the world) “The HSBC Rain Vortex” है, जो सिंगापुर के Jewel Changi Airport पर स्थित है. इस इनडोर वाटरफॉल में 40 मीटर (130 फीट) की ऊंचाई से पानी गिरता है. सिंगापुर ने 1905 से अब तक 6 बार अपने समय क्षेत्र (Time zone) में बदलाव किया है. इस देश का समय क्षेत्र हमेशा गलत होता है, इसलिए यहां का समय हमेशा वास्तविक समय से 30 मिनट पीछे चलता है. सिंगापुर मूल की “चिली क्रैब (Chili Crab)” नाम की डिश पूरी दुनिया में इतनी लोकप्रिय डिश है कि पूरी दुनिया में मशहूर डिश के मामले में यह डिश सातवें नंबर पर आती है. सरकार समर्थित “राष्ट्रीय शिष्टाचार अभियान (National Courtesy Campaign)” सिंगापुर में वर्ष 1979 से वहां के निवासियों को नैतिकता और शिष्टाचार सिखाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था.

हालांकि, वर्ष 2001 में यह अभियान “सिंगापुर दयालुता आंदोलन (Singapore Kindness Movement)” में बदल गया.सिंगापुर में 1000 के नोट के पीछे माइक्रो-टेक्स्ट में सिंगापुर का राष्ट्रगान (National anthem of Singapore) “मजुलाह सिंगापुरा (Majulah Singapura)” लिखा हुआ है.सिंगापुर सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को 19 नवंबर को “विश्व शौचालय दिवस (World Toilet Day)” के रूप में नामित करने का प्रस्ताव दिया था. इस प्रस्ताव को 122 देशों का समर्थन मिला और 19 नवंबर 2001 को सिंगापुर में विश्व शौचालय संगठन (World Toilet Organization) का गठन किया गया. सिंगापुर में सार्वजनिक शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद फ्लश नहीं करने पर 150 SGD जुर्माना का प्रावधान है. दुनिया भर में बढ़ती हिप्पी संस्कृति के डर से, सिंगापुर सरकार ने 1970 के दशक में पुरुषों के लिए लंबे बालों पर प्रतिबंध लगा दिया था. WHO द्वारा स्वच्छता सूचकांक में सिंगापूर को 5वां स्थान दिया गया है. आप सिंगापुर में च्युइंग गम नहीं चबा सकते, क्योंकि 1992 से यहां च्यूइंग गम की बिक्री पर प्रतिबंध लगा हुआ है. सबसे बड़े पास-द-पार्सल गेम का रिकॉर्ड 28 फरवरी 1998 को सिंगापुर में स्थापित किया गया था. सबसे लंबी मानव डोमिनोज़ श्रृंखला (Longest Human Domino Chain) का गिनीज बुक रिकॉर्ड 30 सितंबर, 2000 को सिंगापुर में स्थापित किया गया था. 9,234 छात्रों द्वारा निर्मित, यह 4.2 किमी मापा गया था.एक लाइन में लगकर सबसे अधिक संख्या में लोगों द्वारा डांस करने का गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड सिंगापुर के नाम है. 2002 में यह रिकॉर्ड 11,967 लोगों ने एक लाइन में डांस करते हुए बनाया था.

सिंगापुर स्थित “नाइट सफारी (The Night Safari)” दुनिया का पहला निशाचर वन्यजीव चिड़ियाघर (First Night Zoo In The World) है. 35 हेक्टेयर में फैले इस पार्क में 1000 से ज्यादा जानवर हैं और यह सिंगापुर के सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षणों में से एक है.दुनिया का सबसे बड़ा रि-ट्रैक्टेबल गुंबद (Largest Retractable Dome In The World) सिंगापुर का “National Sports Stadium” है. इसका व्यास 312 मीटर है और इस गुंबद की छत के नीचे एक साथ 55,000 लोग आसानी से बैठ सकते हैं. सिंगापुर, सजावटी मछली जैसे मोली, गप्पी, सुनहरी मछली और कोई का दुनिया का सबसे बड़ा निर्यातक देश है (विश्व बाजार में 25% का योगदान). सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे (Changi Airport) को वार्षिक Skytrax World Airport Awards में सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डे का ख़िताब दिया गया है. लगातार कई वर्षों से, इसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ हवाई अड्डे के रूप में चुना जा रहा है सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे (Changi Airport) पर चौबीसों घंटे फिल्म स्क्रीनिंग का आनंद लिया जा सकता है. 2-D फिल्मों को टर्मिनल 2 और 3-D और 4-D फिल्मों को टर्मिनल 4 पर देखा जा सकता है. हवाई यातायात नियंत्रण प्रतिबंधों के कारण, सिंगापुर में किसी भी इमारत को 280 मीटर से अधिक ऊंचाई तक बनाने की अनुमति नहीं है. सिंगापुर में 280 मीटर की ऊंचाई वाली केवल तीन इमारतें ओयूबी सेंटर, ओयूबी प्लाजा और रिपब्लिक प्लाजा ही हैं. सिंगापुर की सबसे ऊंची इमारत “तंजोंग पगार सेंटर (Tanjong Pagar Centre)” है. 2016 में बनी इस इमारत की ऊंचाई 290 मीटर है. 280 मीटर की अधिकतम ऊंचाई सीमा से अधिक होने के कारण इसे बनाने के लिए विशेष अनुमति दी गई थी. सिंगापुर में कबूतरों को दाना डालना प्रतिबंधित है. अगर कोई ऐसा करते पाया जाता है तो उस पर 500 SGD का जुर्माना लगाया जाता है. सिंगापुर में अगर कूड़ेदान में कचरा है और उसे खुला छोड़ दिया जाता है तो उस पर 500 SGD का जुर्माना भरना पड़ता है. यहां काले रंग के प्लास्टिक बैग में रख कर ही कूड़े को कूड़ेदान में डालने का नियम है. सिंगापुर में स्वच्छता को बहुत महत्व दिया जाता है और सार्वजनिक स्थान पर थूकने पर 1000 SGD के जुर्माने के साथ जेल की सजा भी हो सकती है. सिंगापुर में, बिना अनुमति किसी और के Wi-fi का उपयोग करना या दूसरे शब्दों में Wi-fi चोरी करना अवैध है. ऐसा करने पर 10,000 SGD का जुर्माना लगता है. सिंगापुर में हर साल 7 नवंबर को राष्ट्रीय वृक्षारोपण दिवस (National Tree Planting Day) मनाया जाता है. इस दिन प्रधानमंत्री और विदेशी राजनयिकों से लेकर आम नागरिकों तक सभी पौधे लगाते हैं.

यह भी जानना रोचक है कि सिंगापुर के लोग अपने बच्चों को जन्मदिन या शादी के उपहार के रूप में देने के लिए पेड़ों को गोद लेते हैं और उनका नाम भी रखते हैं. सिंगापुर में 3000 किमी से अधिक दूरी की सड़कें हैं. अगर उन्हें एक लाइन में लाया जाता है, तो यह सिंगापुर और हांगकांग के बीच की दूरी को कवर कर लेगी. सिंगापुर में 12% भूमि क्षेत्र पर सड़कें है, जो अन्य देशों की तुलना में बहुत अधिक है. सड़कों पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए सरकार निजी वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देती है. सिंगापुर में कार खरीदना कोई आसान काम नहीं है. यहां कार खरीदने के लिए सबसे पहले परिवहन प्राधिकरण को एक आवेदन जमा करना होता है. परिवहन प्राधिकरण द्वारा हर माह ड्रॉ निकाला जाता है, जिस व्यक्ति का नाम ड्रॉ में आता है उसे ही कार खरीदने की अनुमति होती है. सिंगापुर में कार मालिकों को इसे पंजीकृत कराने के लिए अपनी कार की कीमत का 1.5 गुना भुगतान करना पड़ता है. सिंगापुर में यह नियम है कि लोग अपने घर या दुकान का पेस्ट कंट्रोल महीने में दो बार करवाएंगे. यह नियम विभिन्न प्रकार के कीड़ों से फैलने वाली बीमारियों के नियंत्रण के लिए बनाया गया है. बताया जाता है कि सिंगापुर में रोजाना दो नए रेस्टोरेंट खुलते हैं. सिंगापुर में अब तक का सबसे कम तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो 31 जनवरी 1934 को दर्ज किया गया था. 5 जुलाई 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर के “टाउन हॉल” के सामने सुप्रीम कमांडर के रूप में “चलो दिल्ली” का नारा दिया था।
अब, शेरों के शहर सिंगापुर और मलेशिया की अपनी यात्रा का विवरण :
जब भारतवर्ष चन्द्रयान - 3 को भेज रहा है हम लोग शेरों के शहर सिंगापुर और मलेशिया की उड़ान भरने की तैयारी कर रहे हैं। यात्रा के लिए उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है‌।
हवाई मार्ग से भारत से सिंगापुर की दूरी लगभग 3440 किमी है, और नॉनस्टॉप उड़ानें आमतौर पर इसे 5 घंटे और 35 मिनट में तय करती हैं। कई अन्य वाहकों के साथ-साथ एयर इंडिया और सिंगापुर एयरलाइंस दोनों की सीधी उड़ानें हैं।
सिंगापुर की घड़ी भारत की घड़ी से 2:30 घंटे आगे है।
हम उम्र के उस पड़ाव पर हैं जब सारी पारिवारिक ज़िम्मेदारियों की इतिश्री हो चुकी रहती है।पेंशन की एक निश्चित रकम खाते में जमा हो जाती है जिससे सम्मान जनक जीवन व्यतीत हो जा रहा है। चाहतों का कोई अंत नहीं होता और आफ़तों का भी।अब यह आप पर निर्भर करता है कि आप उनसे उन सबसे कैसे बचें।
हम पति पत्नी दोनों सरकारी सेवा में।बेटा सेना में है ।वह अपनी नौकरी और गृहस्थी में व्यस्त।हम दोनों समय समय पर ज़िन्दगी को कुछ ताज़गी देने के लिए घूमने निकल जाते हैं।
विदेशी पर्यटन के नाम पर यूरोप के अनेक देशों और दुबई की यात्राएं कर चुका हूं।देशी पर्यटन में अंडमान, पांडिचेरी,नार्थ ईस्ट, कोलकाता, रांची,मसूरी,मनाली, इंदौर, भोपाल, जयपुर, उदयपुर, जबलपुर ,धरती का स्वर्ग‌ कश्मीर, पुरी,आगरा, इलाहाबाद,काशी आदि घूमते रहे हैं .।
इस बार 16 से 22 जुलाई 2023 के मध्य एक सप्ताह के लिए सिंगापुर और मलेशिया की यात्रा पर निकला हूं। ट्रैवल सीज़न ने इस यात्रा का आयोजन किया है और हमारी इस टीम में टूर मैनेजर- शम्मी सिंह ठाकुर हैं जो हमलोगों के साथ कश्मीर यात्रा में भी थे।
यात्रा करने से पहले मन घबड़ाता है लेकिन यात्रा पर जब निकल पड़ो तो सारी घबड़ाहट दूर हो जाती है।शुरु हो जाती है मस्त मस्त, मस्ती ।फुलटास मस्ती।
आसमान में छाए बादलों और बारिश की संभावनाओं के बीच तेरह जुलाई की सुबह पांच बजे अनुराग ने हमें घर से पिकप करके तेजस पर बैठा दिया था।तेजस जो फिलहाल लखनऊ से दिल्ली की दूरी कम समय में तय करती है और आधुनिक सुख-सुविधाओं से सम्पन्न ट्रेन है उसमें हम सवार थे । हमलोग दो दिन गाजियाबाद और दिल्ली के प्रवास पर रहेंगे जिसमें मुझे साकेत स्थित मैक्स हास्पिटल के अपने शल्य चिकित्सक डा.एस.के.एस.मार्या से परामर्श करना भी शामिल है। वर्ष 2010 में मेरे इनफेक्टेड जटिल हिप रिप्लेसमेंट की सर्जरी उन्होंने ही की थी।हर साल एक बार रुटीन चेकअप कराता रहता हूं।
अब शाम के 7-45बज रहे हैं।अभी तो फिलहाल नोयडा के सुप्रसिद्ध इस्कान मंदिर में हमलोग (मैं,मीना, अनुपम मिश्र,नीलम मिश्रा)दर्शन कर रहे हैं।
इस्काॅन मंदिर नोएडा एक हिन्दू व वैष्णव मंदिर है, जो भगवान श्री कृष्ण और राधारानी को समर्पित है। यह मंदिर अग्रसेन मार्ग, नोएडा सैक्टर-33, उत्तर प्रदेश में स्थित है। इस मंदिर का रख रखाव में कार्य इस्काॅन संस्था द्वारा किया जाता है। मंदिर में भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की बहुत सुन्दर मूर्ति है। मंदिर के प्रारम्भ में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन का गीता का उपदेश देते हुए बहुत ही सुन्दर मूर्ति बनाई गई है जो इस मंदिर को विशेष बनाती है।
इस्कॅान मंदिर नोएडा का मंदिर एक छोटे से भूखंड पर बना हुआ है, इसलिए एक मंदिर के विशिष्ट तत्वों के सभी को समायोजित करने के लिए मंदिर को सीधा खडा मंदिर बनाया गया है। जो सात मंजीला है तथा मंदिर के शिवर ऊंचाई लगभग 160 फुट है।
नोएडा के इस्काॅन मंदिर एक बडा मंदिर कक्ष, एक सभागार, एक गेस्टहाउस, एक रेस्तरां, शादी व जन्मदिन का जश्न के लिए एक हॉल, शिक्षा के लिए हाॅल, एक आवासीय विंग में एक रसोईघर और बेडरूम। मंदिर की दुकानों, कार्यालयों और हॉल उपयोग के लिए तैयार हैं।
इस्कॉन मंदिर में पूजा के बहुत उच्च मानक द्वारा किया जाता है। ब्राह्मण रूप से प्रशिक्षित पुजारी सख्त आध्यात्मिक नियमों के अनुसार देवताओं की पूजा करते हैं। हर रोज छः आरतीयों द्वारा देवी-देवताओं की आराधना की जाती है, जिनमें से मुख्य मंगला आरती, धूप आरती, राज भोग आरती, संध्या आरती, शयन आरती हैं। जन्माष्टमी, राम नौवी, गौरी पूर्णिमा, राधाष्टमी और गोवर्धन जैसे त्योहारों से शुभकामनाएं सहित इस्कॉन मंदिर मनाये जाते हैं। सैकड़ों भक्तों की उपस्थिति में रात्रिकालीन आरती में शामिल होकर हम भी भक्ति रस से सराबोर हुए।उसके बाद गोबिन्दा रेस्टोरेंट में अब पेटपूजा हो रही है।
शेरों के शहर सिंगापुर और मलेशिया की उड़ान भरने की तैयारी में पहला पड़ाव :
तेरह की सुबह हमलोग गाजियाबाद होते हुए नोयडा पहुंच गये।साले श्री अनुपम मिश्र ड्राइवर सहित रिसीव करने आए थे।कल की डायरी के पन्नों को आप पढ़ ही चुके हैं।आज चौदह तारीख हमने सुरक्षित रखी थी अपने चिकित्सक से मिलने और अपना रुटीन चेकअप कराने के लिए।मीना मेरी पत्नी भी इन दिनों घुटनों के दर्द से परेशान हैं इसलिए उनका भी एप्वाइंटमेंट ले रखा था।आज नोयडा से दिल्ली। मेट्रो का सुहाना सफर।बादल छाए हुए हैं ।उमस है लेकिन मेट्रो में सुकून है।बताता चलूं कि दिल्ली का पुराना नाम “इंद्रप्रस्थ” था । जिसके साक्ष्य भारतीय महाकाव्य 'महाभारत' में मिलते हैं उस समय यह पांडवों की राजधानी हुआ करती थी। इंद्रप्रस्थ का मतलब होता है इंद्रदेव का शहर मतलब जहां पर इंद्र निवास करते हैं।तो क्या इन्द्र देव फिर यहां के निवासी होना चाह रहे हैं ?अगर नहीं तो दिल्ली किंवा इन्द्रप्रस्थ में इतना पानी पानी क्यों? इन दिनों इंद्र देवता की अति प्रसन्‍नता ने दिल्ली को पानी पानी कर रखा है।
यमुना का जलस्तर बढ़ता ही जा रहा है। हमनें भी इसीलिए आज नोयडा से मैक्स हास्पिटल ,साकेत, दिल्ली जाने के लिए मेट्रो चुना। हां, राजीव चौक पर अदला बदली करनी पड़ी।जाते भी,आते भी ।
बहरहाल, अपने हिप ज्वाइंट की अपनी रुटीन जांच मैनें अपने विश्व प्रसिद्ध शल्य चिकित्सक डा. एस. के. एस.मार्या से तय समय 2-30 बजे मैक्स हॉस्पिटल में करवा ली है ।सब ठीक ठाक है।लगे हाथ आपको डॉ. एस.के.एस. मार्या के बारे में बताना चाहूंगा।
डॉ. संजीव के.एस. मार्या लगभग 30 वर्षों से मेडिसिन और ऑर्थोपेडिक सर्जरी के क्षेत्र में हैं। डॉ. मार्या की विशेषज्ञता के क्षेत्रों में ऊपरी और निचले अंगों के जोड़ों के लिए संयुक्त प्रतिस्थापन सर्जरी (प्राथमिक और संशोधन) और ए.ओ. सिद्धांतों पर आधारित आघात प्रबंधन शामिल हैं। उन्होंने घुटने और कूल्हे के जोड़ों के द्विपक्षीय संयुक्त प्रतिस्थापन यानी एक ही बार में दोनों जोड़ों को बदलने में महारत हासिल की है। उन्होंने यूनिकम्पार्टमेंटल (आधे घुटने) प्रतिस्थापन की शुरुआत की है और संयुक्त प्रतिस्थापन में फ्रैक्चर पर विशेष काम किया है। उन्होंने कंप्यूटर असिस्टेड ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी भी शुरू की है।
सचमुच यह मेरा सौभाग्य था कि जब मैं अपने इन्फेक्टेड हिप ज्वाइंट के साथ वर्ष 2010में उनके पास आया था तो उन्होंने दो सर्जरी लगभग पन्द्रह पन्द्रह दिन के अंतराल पर करके मुझे नया जीवन दिया।......आज उनके साथ मैनें अपनी फोटो भी खिंचवाई। श्रीमती जी ने भी अपनी जांच कराकर एक्सरसाइज और दवा का निदान पा लिया है।शाम के चार बज गए हैं।अब हम वापस सेक्टर 76 नोयडा की ओर जा रहे हैं।आज बस इतना ही।
उड़न खटोला पर सवार होकर हम पहुंचे सिंगापुर :
15 जुलाई 2023 की रात में जब हम नोयडा में थे तो इस बात की चिंता मन को सताए जा रही थी कि अगली सुबह सिंगापुर की फ्लाइट सही सलामत पकड़ लूं । एक तो दिल्ली को दहला रही बारिश का डर , दूसरे नोयडा से एयरपोर्ट पहुंचने का टेंशन। मोबाइल के एलार्म ने सुबह चार बजे हमलोगों को उठा दिया और लगभग पांच बजे कैब से दिल्ली के इन्दिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए हम निकल पड़े। नोयडा से दिल्ली का रास्ता लगभग खाली ही मिला और हमलोग लगभग 6बजे टर्मिनल 3 पर उपस्थित थे। वहां गेट नं.5 पर ट्रेवल सीज़न (हमारी ट्रेवल एजेंसी) के प्रशांत जोशी और हमारे इस टूर के मैनेजर शम्मी सिंह ठाकुर मौजूद मिले। उन्होंने हमारा वेलकम किया, पासपोर्ट,टिकट सहित कुछ ज़रूरी कागजात सौंपे और हम बोर्डिंग पास काउंटर पहुंच गए। सुविधा के लिए हमने व्हील चेयर ले लिया।अब इमीग्रेशन विंडो पर हमारी जांच चल रही है।
"सिंगापुर क्यों जा रहे हैं? वहां आपका बेटा है?"काउंटर गर्ल ने पूछा।
"नहीं, हमलोग टूरिस्ट हैं, घूमने जा रहे हैं।"मैनें फ़रमाया।
वह संतुष्ट दिखी।उसने औपचारिकता पूरी कर दी थी और हम सिक्योरिटी ज़ोन पहुंच गए।हैंड बैग, पर्स,बेल्ट, चश्मा, घड़ी सबकुछ स्क्रीनिंग करवाना है। कितनी भी सतर्कता बरती कुछ न कुछ आपत्ति जनक निकल ही जाता है।अपने भी बैग में थर्मामीटर और छाता निकला। छाता तो वापस मिल गया। लेकिन थर्मामीटर ....जब्त हो गया।...इतने में ही सही चलो पीछा छूटा।एक दिक्कत से हमेशा मुझे रुबरु होना पड़ता है,आज भी हुआ,वह यह कि जब चेकिंग यंत्र मुझे छूता है घनघना उठता है।और लगने लगते हैं सवाल...
"पाकेट में कुछ रक्खे हैं क्या?"
और फिर यह बताने पर कि मेरे दोनों हिप ज्वाइंट के रिप्लेसमेंट हुए हैं , सर्टिफिकेट दिखाने पर वे आश्वस्त हो जाते हैं।उनका क्लियरेंस मिलना मेरे लिए बहुत सुकून भरा होता है।यह हर बार,बार बार होता है।कभी अशिष्ट मिल जाते हैं तो बार बार सवाल दुहराते हुए शरीर के अंगों को अनावश्यक रुप से यहां वहां टटोलते हैं कि मैंने शरीर में कुछ छिपा तो नहीं रखा है? नार्थ ईस्ट की यात्रा करते समय गोहाटी में तो एक बार बहुत दिक्कत हुई थी।दिल्ली एयरपोर्ट से चलने वाले हमारे सह यात्री थे -कुलभूषण कुमार,अशोक कुमार गुप्ता, भीम सेन,डॉ त्रिपाठी, कृष्णा पाण्डेय, मदन पांडे,महेश आहूजा, मनी गुप्ता ,नरेश सुमन, राजेश मंगला,एस. के. अरोरा,संजीव कुमार,सुधाकर जाघव,स्वर्णा अरोरा,उषा रानी मंगला आदि और टूर मैनेजर शम्मी सिंह ठाकुर !
बहरहाल भारतीय समय से शाम 4बजे हैं और अब हम सिंगापुर के ख़ूबसूरत चांगी एयरपोर्ट पर उतर चुके हैं।अपना सामान लेकर होटल जाने की तैयारी है। चूंकि दिन में सफ़र में हैवी ब्रेकफास्ट ही हो सका था इसलिए यह तय हुआ है कि पहले पेटपूजा कर लिया जाय। एयरपोर्ट से सिटी का रास्ता भी बहुत ख़ूबसूरत है ।यह समंदर के साथ साथ हैं।रोमांचक चरम पर था जब हम एक बहुत लम्बी सुरंग से होकर अभी गुजरे हैं।
रास्ते में मुगल महल रेस्टोरेंट में हमने पहले स्वादिष्ट डिनर लिया और फिर पहले से तय होटल Furama रिवरन्फ्रोन्ट में पहुंच गए हैं।
इस समय यहां के हिसाब से रात के 10-15 हो रहे हैं।अब कल से सिंगापुर सिटी टूर शुरु होगा।
आज, 17 जुलाई !
ट्रैवल सीजन्स के हम 23 यात्रियों के ग्रुप ने सिंगापुर की पहले दिन की अपनी यात्रा की शुरुआत कर दी है।सुबह के सवा दस बजे रहे हैं।हम सभी ने होटल फुर्मा रिवरफ्रन्ट में हैवी ब्रेकफास्ट ले लिया है। ए.सी.सहित अन्य सुविधाओं से लैस चार्टर्ड बस हमें आज विभिन्न जगहों पर सिटी टूर कराएगी।
लोकल गाइड मि.अशोक भी साथ चल रहे हैं।वे रास्ते की इमारतों आदि के बारे में बताते चल रहे हैं। गाइड बता रहे हैं कि सिंगापुर की सड़कें ऐसी बनी हैं कि यहां फार्मूला वन रेस इन सड़कों पर ही आयोजित होता रहता है और उन दिनों में शौकीन पर्यटकों से यहां के होटल भरे रहते हैं और वे होटलों से ही इन्हें देखते हुए उसका रोमांच उठाया करते हैं।
सिंगापुर फ्लायर (A moving experience of every turn) हम पहुंच चुके हैं। गाइड ने बोर्डिंग पास ले लिया है।लंदन आई की तरह ही यह भी बना हुआ है।इसकी ऊंचाई 165मीटर की है।ऊपर पहुंचने पर बहुत मनोरम दृश्य है।यह बहुत ही धीमी गति से ऊंचाई पर जाती हुई पूरे सिंगापुर ही नहीं आसपास के भी इलाकों का अवलोकन करना रही है।हम सभी मोबाइल से फोटो खींच रहे हैं। कोई कोई वीडियो बना रहा है तो कोई वीडियो काल करके अपने हित मित्र को भी दृश्य दिखाते चल रहे हैं।ऊपर से समंदर भी बहुत सुंदर दिखाई दे रहा है।
अब सिंगापुर फ्लायर देखकर हमलोग निकल चुके हैं और इस समय दिन के 2-45 बज गये हैं।लंच का समय हो गया है इसलिए अब लंच ।
माउंट पांडेय पीक से उड़न खटोला सिंगापुर केबिलकी सवारी हम सेंटोसा (Sentosa) आइलैंड के लिए जा रहे हैं। यहां रह रह कर बारिश हो रही है। लेकिन थोड़ी देर बाद बन्द हो जा रही है।
अब हम सैंन्टोसा आइलैंड जा रहे हैं। सिंगापुर केबल कार से माउंट फाबेर से हार्बर फ्रंट और फिर सेंटोसा आइलैंड।
मैडम तुसाद म्यूजियम सर्वाधिक आकर्षक लगा। उसमें इतिहास की जानकारी के लिए सुरंगों में नाव चलती रही।हम सिंगापुर के इतिहास से रुबरु होते रहे। म्यूजियम में दुनियां के हर सेलेब्रिटी की मोम की जीवंत मूर्तियां मिलीं।लगता था वे अब बोल पड़ीं कि तब। लोगों ने धड़ाधड़ फोटो खिंचवाए।
आइलैंड के बारे में कुछ जानकारी साझा कर दूं।यहां किराए पर बायसकिल,किक स्कूटर लेकर लोग ईको एडवेंचर करते घूमते नजर आ रहे हैं।पास में सेंट जान आइलैंड है।साउथ साइड में हेडराक वी.आर.एडवेंचर,आई फ्लाई सिंगापुर , ट्रिक आई,नेस्टोपिया गेम, उप लब्ध है।ओला बीच क्लब में सिंगल और डबल क्याक,स्टैंड अप पैडल बोर्ड लेकर लहरों से खेलते नज़र आ रहे हैं।सेंटोपिया में परफ्यूमरी टूर कर रहे हैं।स्काई ब्रिज और जायंट स्विंग का रोमांच उठाते नज़र आ रहे हैं।कुछ लोग याच क्रूज बोट पर फर्राटा भर रहे हैं।
सबसे रोमांचक लगा शाम सात पैंतालीस पर शुरु हुआ विंग्स आप टाइम्स लेजर शो। इसमें भी सिंगापुर के इतिहास की झलक दिखाई जा रही थी।
रात के 9 से गये हैं । रास्ते में हमने स्वादिष्ट डिनर लिया और फिर कल वाले होटल Furama Riverfront में पहुंच गए हैं।इस समय यहां के हिसाब से रात के 10-15 हो रहे हैं।अब कल सिंगापुर सिटी टूर का दूसरा दिन शुरु होगा।
मैं इतनी मेहनत से ट्रेवेलाग लिख रहा हूं।जो पढ़ कर प्रतिक्रिया दे रहे हैं उनको धन्यवाद।जो नहीं पढ़ रहे हैं वे कृपया पढ़ें और टिप्पणी दें। बहुत मेहनत और समय लगता है लिखने में।थक हार कर आओ और लिखो।
और अब 19जुलाई,2023।
सिंगापुर प्रवास का चौथा दिन।आज हमारे डे टुडे इटेनरी के अनुसार हमने सुबह नाश्ता ले लिया है।अभी अभी मेरे ममेरे भाई श्री अनुपम त्रिपाठी मिलने आए थे जो यहीं रहते हैं।बहुत अच्छा लगा कि परदेस में भी कोई अपना सगा है।
अब अपना सामान पैक करके अपने कमरे के बाहर रख देना है। दिन 12बजे लोकल इंडियन रेस्टोरेंट में आज थोड़ा जल्दी लंच ले लेना है।1-30बजे एम.बी.एस.स्काई पार्क और गार्डेन बाई द बे घूमने निकल पड़ना है।शाम 5-30 पर होटल आकर सामान लेते हुए सिंगापुर पोर्ट क्रूज के लिए पहुंचेंगे।...और फिर शुरु होगा लहरों पर भारत से आए राजहंसों की यात्रा मलेशिया के लिए।
एक ख़ास बात यह कि यह यात्रा वृत्तांत की अगली कड़ी हो सकता है दो एक दिन के विलम्ब से आपको मिले क्योंकि क्रूज पर कनेक्टिविटी समस्या हो सकती है। इसलिए आज बस इतना ही।चलते चलते एक और बात।
पूरी दुनिया घूमने की ख्वाहिश तो है लेकिन इस ख्वाहिश का पूरा हो पाना नामुमकिन है क्योंकि अहमद फ़राज़ ने ठीक ही कहा है
"ऐसा है कि सब ख्वाब मुसलसल नहीं होते ,
जो आज होते तो हैं मगर कल नहीं होते !"
सिंगापुर से मलेशिया
सिंगापुर से मलेशिया के शिप में बैठने के पहले हमलोगों ने लिटिल इंडिया इलाके में रिवर वाक तन्दूर नामक होटल में लंच लिया। पंजाबी होटल था पूरा पंजाबी लुक लिए।खाना स्वादिष्ट था।
अब हमलोग "गार्डेन बाय द बे " की ओर जा रहे हैं ‌यह एक प्रकृति पार्क है जो सिंगापुर के मध्य क्षेत्र में 101 हेक्टेयर में फैला है और जो मरीना जलाशय के निकट है। बहुत ही भव्य और विशाल प्रांगण में।पूरा गार्डेन एयरकंडीशंड है और इसमें जंगल है , पहाड़ भी और झरना भी।
इस पार्क में तीन वाटरफ्रंट गार्डन हैं:
बे साउथ गार्डन, बे ईस्ट गार्डन और बे सेंट्रल गार्डन। ग्रांट एसोसिएट्स द्वारा डिजाइन किए गए 54 हेक्टेयर में बे साउथ गार्डन सबसे बड़ा उद्यान है और यह सिंगापुर का अट्रैक्शन है।
स्काई पार्क में 57मंजिलें हैं। वहां हम लिफ्ट से पहुंचे। वहां इन्फिनिटी पूल भी है जो सिर्फ़ इस होटल में रहनेवालों के उपयोग हेतु है।इस आसमानी पार्क से पूरा सिंगापुर दिखाई दे रहा है।इसकी बनावट कुछ हटकर तो है ही !
शाम उतरने को है और हमलोग क्रूज पर चढ़ने को हैं। अरे भाई यहां तो बहुत ज्यादा औपचारिकताएं हैं। एयरपोर्ट से भी ज्यादा।असल में लोग बता रहे हैं कि इस क्रूज की कैपिसिटी 4,640 यात्रियों की है। इसीलिए इतनी चाक चौबंद व्यवस्था है। हमलोग समंदर की लहरों पर राजहंसों के समान सवार थे।क्रूज में लगभग 8-30बजे प्रवेश मिला और रात 9बजे हमलोग डिनर ले रहे थे। पांचवीं मंजिल पर हमें सी फेसिंग विंडो वाला कमरा एलाट हो गया था और जब तक हम डिनर लेकर कमरे तक पहुंचे हमारा सामान कमरे के बाहर मिला। चूंकि हमारा जैन डिनर होता है इसलिए हम हमेशा घाटे में रहते हैं। अक्सर उसे अन अटेंडेंट रखा जाता है। क्रू पर हर देश के नागरिकों के लिए उनके यहां के भोजन उपलब्ध हैं। मुझे लगता है कि कम से कम हजार लोग तो इनके कैटरिंग विंग में ही नियुक्त हैं।हमने अपना रुम कार्ड दिखाकर टेबल नंबर लिया और जैन स्टाल पर चले गये। रात 10बजे तक वापस कमरे में।किसी बड़े होटलों जैसी सारी सुविधाएं यहां यानी इस क्रूज पर उपलब्ध हैं।इसे आप सामान्य जहाज नहीं जनाब चलता फिरता शान ओ शौकत वाला राजमहल समझ लीजिए।बस आपके पास पैसा होना चाहिए।
अपनी थकान उठान पर थी इसलिए रात में सिर्फ और सिर्फ बिस्तर नज़र आया। हालांकि खिड़की से समंदर की लहरों को देखकर कुछ भय लगा इसलिए नींद देर से आई।क्रूज चल रहा है इसका आभास तभी होता है जब आप समन्दर की ओर देखिए।
जेंटिंग ड्रीम क्रूज का स्टाफ बड़ा चाक चौबंद है। कमरे में स्वास्थ्य और सुरक्षा सम्बन्धी गाइड लाइन की फाइल पड़ी हुई है।कमरे में दो बेड , टी.वी., कबर्ड,आदमकद शीशा,चाय पानी का सामान, बाथरूम मौजूद हैं।ए.सी.बढ़िया काम कर रहा है बल्कि रात में बंद कर देना पड़ा।
इस क्रूज के कैप्टन Jukka Silvennoinen हैं जिनके अलग से वेलकम और सेफ्टी लेटर संदेश मिले।डेक नं.6,7,8पर एसेम्बली स्टेशन बनाए गये हैं जहां ग्रुप मिल सकें। लगभग चार हजार यात्री इस क्रूज पर सवार हैं। इसमें सिक्यूरिटी, लगेज, बोर्डिंग पास आदि की सारी व्यवस्था एयरपोर्ट जैसी हैं।भारत से पधारे हम तेईस लोग अपने अपने मूड और मिजाज में इस राजमहल का आनन्द उठा रहे हैं।
मि. Michael Goh रिसोर्ट्स वर्ल्ड क्रूजेज के प्रेसिडेंट हैं।उनका भी सचित्र अभिवादन मिला।वे अपने इस Genting Dream क्रूज को "Resort Cruising On High Seas" की संज्ञा दिए हुए हैं। सिंगापुर का यह क्रूज है।इनकी अपनी अल्कोहल पालिसी है।आप बाहर से तो शराब की बोतल लेकर नहीं आ सकते हां यहां शराब की कल-कल निनाद कर रही नदियों से आप मनचाहा ब्रांड चौबीसों घंटे ख़रीद सकते हैं। यहां तो डिनर टेबल पर भी हाकर आकर अपने माल को खरीदने के लिए आफर दे रहा है।ए.टी.एम.तो नहीं है लेकिन इनकी अपनी करेंसी एक्सचेंज की व्यवस्था है।कुछ लोग बालकनी वाला डिलक्स रुम भी लिए हैं जिनके चार्जेज ज्यादा हैं और वह स्टेटस सिंबल हैं क्योंकि सुविधाएं लगभग सामान्य रुम जैसी ही हैं।हां उसमें किंग साइज बेड है और यहां क्वीन साइज़।क्रूज पर भुगतान पर बिजनेस सर्विसेज, केबिन टी.वी., इंटरनेट सेवा, इंटरप्रेटर और ट्रांसलेशन सर्विस, कपड़ों की धुलाई लांड्री ,आई.टी.सपोर्ट, मेडिकल टीम , मीटिंग रूम ,सेफ्टी डिपाजिट बाक्सेज, गेमिंग , स्पोर्ट्स ,कैसिनो आदि उपलब्ध है।
क्वालालामपुर, मलेशिया के पोर्ट कलांग (Klang) पर हम लगभग 12-30 बजे पहुंच गये हैं।बाहर निकलते निकलते 1-30 हो गये हैं। अब यहां हम उतर कर चार्टर्ड बस लेकर मलेशिया की राजधानी क्वालालामपुर शहर का उड़ती नज़रों से दीदार करेंगे। लेकिन एक दिक्कत यह है कि अपनी दो सवारी अभी क्रूज से बाहर नहीं निकल पाई है।टूर मेनेजर परेशान।.....हम सहयात्री हैरान।
अक्सर ऐसा होता है।ग्रुप को संभालना मेंढक तौलने के समान हुआ करता है।टूर मैनेजर की त्यौरियां चढ़नी स्वाभाविक है।वैसे ही हम तेईस लोगों में एक हैंडिकैप्ड हैं और व्हील चेयर पर हैं।उनको भयंकर शूगर है।बिना एस्कोर्ट आ गये हैं। फलस्वरूप टूर मैनेजर की ज़िम्मेदारी बढ़ गई है।पता नहीं उनके घर वाले कैसे हैं जो उनको घूमने भेज दिए हैं।....लो भाई वे बिछड़े हुए सहयात्री आ गये हैं।देर होने के लिए अपनी परेशानी बताते फिर रहे हैं।
चार बज गये और हम क्वालालामपुर की ओर बस से निकल पड़े हैं। गाइड बता रहे हैं कि मलेशिया में साठ प्रतिशत वनाच्छादित भूभाग है। यहां मुस्लिम आबादी ज्यादा है।राजा भी होते हैं जो विभिन्न प्रान्तों में से चुने जाते हैं।
हमारी टीम में कुछ लोग ऐसे हैं जिनको मोबाइल फोटोग्राफी का अत्यधिक जोश और जूनून है। हालांकि सब बुजुर्ग हैं लेकिन सम्पन्नता के चलते उनके पास लेटेस्ट ब्रांड और क्वालिटी के आई फोन हैं।ऐसे में मैं जब उनको अपना मोबाइल अपनी फोटो खींचने के लिए दे रहा हूं तो उनका रिएक्शन देखते ही बन रहा है।वे बोल उठ रहे हैं;
"ये कौन सा मोबाइल है?"
मैं अनुत्तरित रह गया हूं। इस पर कुछ तो मेरे मोबाइल से ही फोटो उतार दे रहे हैं कुछ अपनी रहमदिली दिखाते हुए अपने मंहगे आईफोन से मेरी तस्वीरें उतार दे रहे हैं। उनको धन्यवाद देना तो बनता ही है क्योंकि सचमुच उनकी उतारी तस्वीरें जानदार हैं।
इस समय अब 1-30 हो गये हैं।लोकल गाइड कलाई सेवलम ने यहां के रिवाज़ के अनुसार पीने के पानी की एक एक बोतल सभी को पकड़ा दी है और अब वे इस टूर के बारे में जानकारी दें रहे हैं।कलाई सेवलम के साथ मैनें एक तस्वीर खिंचवाई।अब हम राजा के महल के बाहर आ चुके हैं।महल भव्य है। फोटोग्राफी शुरु हो चुकी है।बाटेनिकल गार्डेन दूर से देखते हुए बस आगे बढ़ती है और हम पहुंचे के.एल.टावर जिसकी 250मीटर ऊंचाई है।यह किसी ज़माने में टी.वी.टावर हुआ करता था।....और अब ओल्ड पार्लियामेंट हाउस की बिल्डिंग जिसे किसी भारतीय इंजीनियर ने बनाया था और अब जिसमें रेलवे के कार्यालय चल रहे हैं।बस आगे बढ़ी और पहुंच चुकी है ट्विन टावर पर।बताता गया कि यह दुबई के बुर्ज खलीफा के बाद दूसरा कीर्तिमान रचने वाला भवन है।
शाम के 5-45हो रहे हैं और अब हम क्वालालामपुर का सिटी टूर करके वापस पोर्ट पर जा रहे हैं जहां से रात में क्रूज सिंगापुर के लिए रवाना होगा। इसलिए आज बस इतना ही।गुड नाइट।जेंटिंग ड्रीम क्रूज, मलेशिया।
मलेशिया से सिंगापुर वापसी!
आज 21जुलाई ।हमलोगों का गुड़ मार्निंग क्रूज पर ही हुआ।कल रात लगभग आठ बजे क्रूज क्वावालामपुर केपोर्ट कलांग से रवाना हुआ था।आज लगभग डेढ़ बज रहे हैं और हमलोग क्रूज से डिबोर्ड होने की प्रक्रिया में है।फिर वही झंझटी प्रक्रिया।लगेज कलेक्शन से पहले की तमाम औपचारिकताएं।
लगभग चार बज गये और अब जाकर हमलोग फिर एक चार्टर्ड बस पर सवार होकर सिंगापुर के उसी फुर्मा रिवरफ्रन्ट में दाखिल हो रहे हैं। हमने पैक्ड लंच का सेवन कर लिया है जो हमें रास्ते में टूर मैनेजर ने दिया था।
शाम 6-15 बज रहे हैं ।और अब, महिलाओं और शौकीन पुरुष पर्यटकों के पसंदीदा काम शापिंग पर हम निकल पड़े हैं। हालांकि लोगों का ऐसा अनुभव रहा है कि इंडिया में वे सभी चीज़ों का मार्केट भरा पड़ा है जिसके लिए हमलोग विदेश आकर पिलाते हैं। लेकिन यह दिल जो है न वो मानता ही नहीं है। यहां का मुस्तफा मार्केट किसी ज़माने से भारतीयों के परचेजिंग का आकर्षण रहा है।हम वहीं हैं।यह इलाका लिटिल इंडिया कहलाता है‌।किसी ज़माने में यहां तमिल लोग आकर रहा करते थे। यहीं एक बड़ा माल भी है जिसे भी हमलोग देखने जा रहे हैं।शापिंग हो चुकी हालांकि मन नहीं भरा।रात आठ बजे चुके और अब हमलोग एक भारतीय रेस्तरां में डिनर ले रहे हैं। मलेशिया और सिंगापुर की यादगार यात्रा की यह शाम सिंगापुर की आख़िरी शाम है - कल हम कहां तुम कहां !रात साढ़े नौ तक हमलोग वापस होटल फुर्मा रिवरफ्रन्ट में।
सो, मेरे साथ - साथ वर्चुअल ही सही यात्रा कर रहे साथियों , आप सभी के लिए एक गुड नाइट तो अब बनता ही है। गुड नाइट!
दस, नौ, आठ, सात.....अब अपनी यात्रा समापन पर है. जिस तरह से सिंगापुर और मलेशिया आने का उत्साह था उस तरह भारत लौटने का भी है.उस समय उत्साह था जोश था अब थकान है!
20th की शाम का डिनर हमने ATN स्पाइस रेस्टोरेंट 291,Serngoon road में लिया है। उसके पहले हमलोग यहां के लिटिल इंडिया कहलाने वाले इलाके के मुस्तफा मार्केट में शॉपिंग के लिए गए थे .

यात्रा समाप्त हो चुकी है। यात्रा से इतनी थकान हो गई है कि मेरा मन अब एकदम नहीं लग रहा है और बस अब लखनऊ ही याद आ रहा है।

लंच लेकर हम एयरपोर्ट आ गए हैँ. इस समय दिन के 3-45हो रहे हैँ.बस अब हम चेक इन कर रहे है!सुबह अपने देश भारतवर्ष हम पहुंच रहे हैँ।