तेरे मन मैं मेरे लिए जो डर था वो खत्म हो गया है क्या ? भूल गई वो दर्द जो मैंने तुझे दिया था ? याद दिलाऊं फिर से ? ", रेवा की सौतेली मां ने गुस्से से पूछा।
रेवा उसकी मां को देखकर इतनी डर गई थी की वो डर से कांप रही थी । वो जोर से चिल्लाकर अर्जुन को बुलाना चाहती थी लेकिन उसके ओंठो से एक भी शब्द नही निकल रहा था।
"घर जाकर न तुझे अच्छा सबक सिखाती हूं। बहुत हिम्मत बढ़ गई है ना तुम्हारी । 2 दिन बिना कुछ खाए पिए सब घर का काम करेगी ना तब सारे तेवर उतर जायेंगे। अब देखती हूं कैसे भागती है तू...", इससे पहले की वो आगे और कुछ बोल पाती अर्जुन ने रेवा का हाथ उसके मां के हाथों से छुड़ाते हुए कहा –"are you blind ?"
"अब तुम कौन हो...तुम मुझे अंधी बोल रहे हो? पता भी है कौन हूं मैं...", रेवा की मां ने कहा ।
"आपको पता नही की मैं कौन हूं। शायद आपको इसके गले में मंगलसूत्र दिखा नही ...शादी की है हमने। और अब आपका रेवा पर कोई हक नही है। So don't touch her !", अर्जुन ने कहा।
"क्या!! शादी की तुमने .. मुझे बिना बताए... मन तो कर रहा है तुम्हे ४/५ थप्पड़ मार दूं.....", रेवा के मां ने गुस्से से कहा ।
"आप कुछ ज्यादा बोल रही है । हाथ उठाकर तो देखिए उसके बाद आपके ये हाथ दिखेंगे नही आपको । आप एक औरत है ना इसलिए थोड़ी इज्जत से बात कर रहा हूं। वरना अभी तक तो मैं आपको खुद के पैरों पर चलने की हालत मैं नही छोड़ता, बेहेतर यही है की आप यहां से चली जाइए और हमे हमारी नई जिंदगी जीने दीजिए। और हा आइंदा से मेरी वाइफ को हाथ लगाया ना तो मुझसे बुरा कोई नही होगा । ", अर्जुन ने इतने गुस्से से कहा की रेवा की सौतेली मां भी अर्जुन को देखकर चुप हो गई।
अर्जुन ने रेवा का हाथ पकड़ा और उसे लेकर वहा से चला गया। रेवा अभी भी डर से कांप रही थी। अर्जुन ने रेवा को बिठाया और उसका हाथ अपने हाथों मैं कसकर पकड़ते हुए कहा – " relax वो चली गई । कोई नही लेकर जा रहा तुम्हे उनके पास । कितना कांप रही हो तुम!! "
रेवा: " वो शांत नही बैठेगी। फिर से आयेगी देखना !! "
अर्जुन: जब आएंगी तब देखते है लेकिन अब तुम शांत हो जाओ ।
"आपको नही पता मैने क्या क्या फेस किया है उस घर में। वो औरत मुझे स्टोर रूम मैं बंद करके रखती थी और मुझे २ /२ दीनो तक खाने के लिए भी नही देती है। मुझे अभी भी याद है मैने कैसे निकाले थे वो २ दिन उस अंधेरे स्टोर रूम मैं । और कभी कभी तो इतना मारती थी की मेरी जीने की इच्छा ही नही रहती थी। मुझे ये सब ट्रॉमा फिर से नही चाहिए। बहुत मुश्किल से बाहर आई हूं इस सबसे !! ", रेवा ने कहा और उसके आंखो से आसू बहने लगे।
Don't worry सब ठीक करदूंगा मैं । कैसे सहन किया तुमने ये सब !! लेकिन अब फिर से ऐसा कुछ नही होगा। शांत हो जाओ...", अर्जुन ने रेवा के सिर पर हाथ रखते हुए कहा।
रेवा ने अपना सिर अर्जुन कर कंधे से टिका दिया और अपनी आंखे कसकर बंद कर दी। वो बस उसके अतीत के यादों से दूर भागना चाहती थी। लेकिन उसका अतीत था जो उसका प्रेस्टेंट खराब कर रहा था।
"रेवा जब मेरे करीब होती है तो इतना पिसफुल कैसे फील होता है ! सब टेंशन भूल जाता हूं मैं । बहुत अच्छी फीलिंग है ये", अर्जुन ने मन मैं ही कहां।