वन नाईट बिफोर डाई Mr Rishi द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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वन नाईट बिफोर डाई





चांदनी रात आसमान में लाखों करोड़ों सितारे टिमटिमा रहे थे। बस कमी थी तो सिर्फ चांद की चांद बदलो के पीछे छिपा हुआ था। उस चांदनी रात में एक लड़की जो की हॉफ जींस और फुल स्लीव्स वाली वूलेन रंगीन स्वेटर पहनी हुई एक बड़े से तालाब के किनारे बनी सीढ़ियों पर बैठ कर रोए जा रही थी।और अपने हाथों से अपने आंसू पोंछ रही थी।उसे देख कर उस रात में ऐसा लग रहा था।जैसे मानो आज चांद जमी पर आकर बैठा हो।उसके आंखों से गिरते आंसू चांदनी रात में चमकीले मोती के जैसे प्रतित हो रहे थे।

"ओह,, तो तुम यहां आकर बैठी हो मैने कहा कहां नहीं ढूंढा तुम्हे।"उस लड़की के जस्ट पीछे खड़ा एक नौजवान लड़का बोला। लेदर का ब्राउन जैकेट व्हाइट प्लेन शर्ट और रफ जींस पहले हुए साथ ही उसके गले में एक टूटा हुआ शेप का दिल वाला चैन भी था। वैसा ही एक चैन उस लड़की के गले में भी था। ओ लड़की उस लड़के की बात का कोई भी जवाब नहीं देती है। जिसके बाद वो लड़का आराम से आकर उस लड़की के पास बैठ जाता है।और गहरी सांस भरते हुए बोलता है।"हाह्ह,,,, आज मौसम कितना प्यारा है ना??"

पर इस बात का भी किसी तरह का कोई भी जवाब लड़की के तरफ से नही आता है।बस मुरझाई हुई सी वही बैठी तालाब की ओर एक टक निहारे जा रही थी। वो लड़का उस लड़की की हाथ अपने हाथों में लेते हुए कहता है।"क्या हुआ? हे,,,मेरी तरफ देखो ना!"उस लड़के के इतना कहते ही उस लड़की की आँखें भर आई और एक पल भी न गंवाते हुए झट से उसके गले से निपट गई।और जोर जोर से सिसकती हुई रोने लगीं जैसे मानो कई दोनो से उसके दिल में दर्द भरा हुआ था।जिसे आज वो रो कर सारे दर्द का इजहार कर रही हो।

अब उस लड़के की आँखें भी भर आई थी।एक हाथ से अपने आंसू पोंछे हुए इस लड़की को कस कर अपने बाहों में जकड़ कर उसे सहलाते हुए बोलता है।"तुम्हें कुछ नहीं होगा,, ओके? मैं तुम्हें कुछ नही होने दूंगा की कुछ भी नहीं समझी? सब ठीक हो जायेगा।"ये बोलते हुए उस लड़के के होंठ कांप रहे थे।वो लड़की रोती हुई अचानक से उस लड़के के बाहों से छूट कर खड़ी हो गई।और रोते हुए बोली"कुछ ठीक नहीं होगा,,, कुछ भी नहीं"ये बोल कर वो वापस से वही बैठ कर रोने लगी। वो लड़का उसके करीब आया और उसे अपने सीने से लगाते हुए बोला।"देखो अगर तुम ऐसे करोगी तो तुम्हारी हालत ऐसे में और भी ज्यादा बिगड़ सकती है। प्लीज मेरे लिए शांत हो जाओ ।"उस लड़के के इतना कहते ही वो लड़की धीरे धीरे रोना बंद कर दी।और नरम आवाज में बोली। " मुझे बहुत डर लग रहा है। मैं अभी मारना नहीं चाहती मुझे जीना है मुझे तुम्हारे साथ हर पल को खुल के जीना है।है लम्हा मुझे तुम्हारे साथ बिताना है।"ये बोलते हुए उसके आंखों से पानी झरने की तरह बहे जा रहे थे।जिससे उस लड़के का जैकेट पूरी तरह से भीग चुका था।जिसे वो महसूस कर पा रहा था। उस लड़के के होंठ सिल चुके थे।उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था वो क्या बोले?बस वो भी आंसू बहाए जा रहा था।

वो लड़की अपनी बात कंटिन्यू करते हुए बोलती है।"आदित्या मैं आज की रात तुम्हारे साथ बिताना चाहती हू,,,,मुझे नहीं पता की कल मेरे साथ क्या होगा क्या नहीं ??पर इस रात के हर पल हर लम्हा खुल के तुम्हारी इन बाहों में जीना चाहती हू।इसके बाद अगर मुझे मौत भी आ जाए तो मुझे कोई गम नहीं होगा,,,कोई गम नहीं होगा,,,"इतना बोल कर वो जोर जोर से रोने लगी अब वो लड़का जो बहुत देर से सिर्फ आंसू बहाए जा रहा था।एक दम से वो भी जोर जोर से रोने लगा।

आखिर कौन थे ये दोनो ?और क्यों रो रहे थे?क्यों जीने मरने की बातें कर रहे थे?और क्यों है ये रात उनके लिए खास?? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़िए मेरी कहानी ONE NIGHT BEFORE DIE✨ ONLY ON PRATILIPI APP.....

WRITER -MR RISHI