ध्रुव श्रीधि को अपने पास बैठा कर उसे गेम के बारे में बताता है,"वो देखो श्रीधि सामने जो गोल पहिए दिखाई पड़ रहा है, वो किस्मत का पहिया है तुम जो भी नंबर बोलोगी और ये व्हील अगर उसी नंबर पर रुका तो तुम जीत जाओगी ।और वो जो बॉक्स जैसी मशीन है उसका नाम स्टॉल मशीन तुम्हें बस उस नंबर को दबाना है, अगर मशीन रुकने पर एक जैसी इमेजेस आएंगी तो तुम गेम जीत जाओगी । तो अब बताओ इनमे से कौन सा गेम तुम खेलना पसन्द करोगी?"
श्रीधि कुछ सोचते हुए बोलती है"मुझे ये स्टॉल मशीन वाला गेम खेलना है।"श्रीधि के इतना कहते ही ध्रुव उससे नंबर चुनने को कहता है"अच्छा तो अब कोई भी एक नंबर चुनो।"....."मुझे 27 नंबर ट्राई करना हैं।"श्रीधि के कहे नंबर ध्रुव सेट करने को कहता हैं, वही पास में खड़ी एक लेडी को जो उस मशीन को ऑपरेट कर रही थीं, ध्रुव उसको इशारों में ही श्रीधि को जीतने के। लिए कहता है। वो लेडी समझ जाती है और मशीन स्टार्ट करती कुछ देर तक ऐसे ही मशीन चलती रहीं और जैसे ही मशीन रुकी श्रीधि देखकर उछलने लगी खुशी से ध्रुव के तरफ़ देखते हुए कहती है"देखा ध्रुव मैं जीत गई।"....
ध्रुव श्रीधि के तरफ़ देख कर मुस्कुराते हुए कहता है"वाह पहली बार में ही जीत गई लगता हा मुझे तुमसे ट्रेनिंग लेनी पड़ेगी। अच्छा चलो फिर से एक बार ट्राई करते है।"
ध्रुव वापस से श्रीधि को नंबर डालनेको कहता है, श्रीधि नंबर डालती है और इस बार भी ध्रुव के कहने पर वो लड़की श्रीधि के कहे नंबर पर मशीन रोक देती है। इस बार श्रीधि खुशी के मारे ध्रुव को अपने गले से लगाते हुए कहती है।"वाव देखा ध्रुव मैं वापस से जीत गई।"...
ध्रुव श्रीधि को इतना खुश देख कर कहता है"किसे पता था की एक छोटे से गेम से तुम इतना खुश हो जाओगी। कहो तो मैं तुम्हारे लिए पूरा कैसिनो ही खरीद लू?"
श्रीधि चौकते हुए कहती है"नही बिलकुल भी नही तुम ऐसा कुछ भी नही करोगे अगर मैं 100 रूपए की लॉटरी जीतती तो भी मैं इतना ही खुश होती।मुझे तो बस मेरे जितने की ख़ुशी है। और एक बात खुशियां पैसों में नही लम्हों में होती है,समझे मिस्टर ध्रुव? दुनियां ऐसी ही है, कोई कैसिनो में जितने पर खुश होते है तो कोई दो वक्त का खाना पा कर खुश होता है।"
ध्रुव श्रीधि की बात सुनकर एक हलकी स्माइल के साथ कहता है"सच में ये कोई हकीकत है या मैं कोई ख्वाब देख रहा हू? तुम्हारी तरफ मासूम भोली और साथ ही खतरनाक, डेयरिंग लड़की भला मिलती है क्या?"
तभी श्रीधि उसे जवाब देते हुए कहती है"अगर लडकियों के साथ वक्त बिताते तो तुम्हें जरूर पता चल जाता मेरे जैसी बहुत सी लड़कियां है इस दुनियां में!"
तभी ध्रुव श्रीधि की बात काटते हुए कहता है"पर मेरे लिए तो तुम्हीं हो ना श्रीधि फिर बाकी लडकियों के साथ मैं वक्त बिता कर क्या करूंगा?"
श्रीधि ध्रुव की बात सुनकर अपने सिर पर हाथ फेरते हुए कहती है"उफ्फ तुम और तुम्हारी बाते , पता हैं? मैं इस रूम की हर गेम जीत सकती हु पर तुमसे बातों में शायद कभी नही जीत पाऊंगी।वैसे मुझे बहुत तेज़ की भूख लगी है, तो चले कुछ खाने?".
श्रीधि जैसे ही ध्रुव से कहती है ध्रुव बोल पड़ता है"वेट, मैं डीनर सर्व करने के लिए कहता है,वैसे तुम क्या खाना पसंद करोगी? सी फूड, इटालियन फूड या फ़िर लेबनीज फूड?"...
श्रीधि ध्रुव को नॉन स्टॉप खाने का नाम लेते हुए देखकर हंस कर कहती है"ये कैसे कैसे नाम है ,वैसे तुम जिस तरह से बोल रहे हो ना पक्के वाले वेटर लग रहे हो।"ये कहते हुए श्रीधि हसने लगती है। ध्रुव के चेहरे पर कोई भी एक्सप्रेशन दिखाई नही देता हैं वो श्रीधि को हंसते हुए बस घूरे ही जा रहा था।तभी श्रीधि कहती है"वैसे तुम्हारे फैंसी लाइफ में यही सब है कोई नॉर्मल है भी या नही?"
ध्रुव चौकते हुए कहता है"क्या कहा ये सब नॉर्मल नही है? मैने शुरु से बस यही सब देखा है
,हम शिप पर पार्टी करते है, पर्सनल प्लेन पर पेरिस ट्रिप पर जाते है। फाइव स्टार रेस्टुरेंट में डीनर करना , शहर के बड़े से बड़े होटल में रहना ।यही सब ......"
श्रीधि ध्रुव की बाते सुने के बाद चौक कर कहती है"क्या तुम्हे लगता है की ये सब नॉर्मल है? तुमने कभी स्ट्रीट फूड, मेला, बीच पर वॉक ये सब नही किया क्या?"....
ध्रुव बहुत ही सूखे आवाज में जवाब दिया "नही ये सब करने का वक्त ही नही मिला।""""ध्रुव की बातों को सुनने के बाद श्रीधि मुंह बनाते हुए कहती है"ध्रुव! तुम कितनी बोरिंग जिन्दगी जीते हो ?वैसे आज हम यहां कोई भी सी फूड, इटालियन भटालियां फूस नही खाने वाले हैं। हम दोनो यह से अभी इसी वक्त जा रहे है।"
ध्रुव का चेहरे का रंग एक दम से उड़ जाता है और उससे यहां से जाने की वजह पुछता है"लेकिन हम कहा जाएंगे? ये जगह तुम्हें पसंद नही आई क्या ?".... तभी ध्रुव को समझाते हुए श्रीधि कहती है"ध्रुव! मुझे यह अच्छा लग रहा है लेकिन मैं तुम्हे वो सब भी दिखाना चाहती हु, जो तुमने अपने लाइफ में मिस कर दिया।"