इश्क़ होना ही था - 8 Kanha ni Meera द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क़ होना ही था - 8

** ओम नमः शिवाय **


** इश्क़ होना ही था part- 8 **

अभी तक हमने देखा की अक्षत और शिव वो दोनों पालर आ जाते है और उन दोनों को देख कर मिताली गुस्सा करने लगती है और ये देख कर शिव मिताली को मनाने लगता है...

सब घर जाने के लिए निकल जाते है और घर पहोच कर जब मिताली देखती है की अभी नितिन नहीं आया तो उसे आराम मिलता है...

" देखा अभी तक कोई आया नहीं है और ये हमें खामखा रस्ते में इतना बोलती हुई आयी है... "

शिव बोलता है...

" हा , चलो अब अंदर जाते है... "

अक्षत बोलता है...

एक बात जिसपे किसीने दयान नहीं दिया पर शिव ने ये बात देख ली थी की दिया और अक्षत ने एक ही रंग के कपडे पहने है और उसे थोड़ी देर पहले की बात याद आती है...

थोड़ी देर पहले अक्षत अपने रूम में तैयार हो रहा होता है और तभी शिव आता है...

" तुम मेरा कुरता पहन लो और मुझे ये जो तुम पहनने वाले हो वो चाहिए... "

शिव बोलता है...

" नहीं वो तो आज मुझे पहनना है ... "

अक्षत बोलता है और जब शिव वो कुरता लेने जाता ही है तो अक्षत जल्दी से वो कुरता ले कर बाथरूम में चला जाता है और वही पहन कर बहार आता है...

" आज तक ऐसा नहीं हुआ की मेने अक्षत को कुछ माँगा और उसने मुझे मना किया हो... "

शिव सोचता है...

क्युकी आज दिया ने भी वही रंग पहना था और इसी वजह से ही वो कुरता शिव को नहीं देता...

" शिव ..शिव ... "

अक्षत बोलता है और शिव अपने ख्यालो से बहार आता है...

वो सब घर के अंदर जाते है...

तभी मिताली की मम्मी दीपाली बहन आते है और मिताली की नज़र उतरने लगते है...

फिर अहाना और दिया की नज़र उतारते है...

" अरे हम भी आज बहोत अच्छे लग रहे है... "

शिव बोलता है तो ये सुन कर दीपाली बहन उन दोनों की भी नज़ारे उतरने लगते है...

" तुम पांचो को किसी की नज़र ना लगे ..."

दीपाली बहन बोलती है और सबको अंदर आने के लिए कहते है...

सब मिताली के रूम में जा कर बैठते है और मीताली से मिलने के लिए उसके परिवार के अन्य लोग भी उसके कमरे में आते हैं...

थोड़ी देर बाद नितिन आपने परिवार के साथ आ जाते है और थोड़ी देर में मिताली को भी बहार जहा संगीत का प्रोग्राम है वहा लाते है...

मिताली के चहेरे पर नितिन को देख कर ही एक स्माइल आ जाती है...

सब मिताली और नितिन को मिलने लगते है...

अक्षत और शिव वो दोनों स्टेज पे जाते है आज का कार्यक्रम उन दोनों को होस्ट करना था...

अहाना और दिया जाकर मिताली के पास बैठ जाती है...

"तो पहले आते है, दुल्हन के मम्मी पापा..."
अक्षत बोलता है...

उसके बाद नितिन के मम्मी पापा आते है और फिर नितिन के भाई बहन का डांस आता है...

एक एक करके सब डांस कर रहे थे और आज मिताली बहत खुश होती है...

तभी अक्षत और शिव स्टेज पर आते है...

"अब हमारे मीतू के लिए एक सुपरइस है ..."

शिव बोलता है और वहा अक्षत, दिया , शिव और अहाना आ जाते है...

इन चारो ने मिताली और नितिन के लिए एक डांस तैयार किया था जिसमे उन दोनों की पूरी कहानी डांस के रूम में तैयार की थी...

पहली बार मिलने से ले कर एक दूसरे से प्यार का इश्हार करने तक...

आज दिया मिताली बनती है और अक्षत जो नितिन की जगह लेता है...

वो दोनों डांस कर ही रहे थे और तब समय आता है जब अक्षत आपने प्यार का इश्हार करता है...

जब दिया ख़ुशी से हा कहती है तो ये सुन कर अक्षत भूल जाता है की ये कोई सच नहीं है और दिया के पास जाने लगता है तभी सबकी तालियों के आवाज से वो सब समझता है....

"पता नहीं अपने दिल की बात कब में तुमसे कह पाउगा पर आज मेने तुमसे कहतो दिया के मेरे दिल में तुम्हारे लिए क्या है..."

अक्षत मन में ही सोचता है...

सब का साथ में डांस आता है और सब मिल कर डांस करते है...

लास्ट में मिताली और नितिन का डांस आता हैऔर वो दोनों स्टेज पर जाते है और वहां उनका डांस शुरू होता है। सभी देखने वालों को उनका डांस भावनाओं से भरा हुआ लगता है और सब उन दोनों को देख कर खुश हो जाते है...

डांस के बाद, एक बड़ी तालियों की आवाज से सभी ने उन्हें शाबाशी दी। मिताली और नितिन एक-दूसरे की आँखों में देखते हैं और हंसते हुए स्टेज से उतरते है...

सभी के साथ मिलकर, मिताली और नितिन का पहला डांस प्रोग्राम सफलता से समाप्त होता है। उनका प्यार और उनकी कहानी डांस के माध्यम से सभी तक पहुंचती हैं, और सभी उन्हें बधाई देते है...

"तुमने सचमुच अच्छा काम किया है, भाई"

मिताली और नितिन अक्षत के पास आते है और अक्षत से मिताली बोलती है...

"अरे तुमें अगर तारीफ ही करनी है तो दिया की करो ये सब उसका ही आईडिया था..."

अक्षत बोलता है...

वो दोनों दिया का भी सुक्रिया करते है और नितिन अपने परिवार के साथ घर जाता है...

" चलो हम सोने चलते है ..."

मिताली बोलती है ...

मिताली , अहाना और दिया वो तीनो आज बहोत थक गई थी तो सीधे रूम में चले जाते है...

अक्षत जो दिया को जाते देख कर स्माइल कर रहा था...

"अक्षत तुम मेरे साथ चलो मुझे तुमसे कुछ बात करनी है .."

शिव बोलता है और अक्षत को खींच कर अपने साथ ले जाने लगता है...

आज का दिन इसी तरह से पूरा होता है और ख़ुशी से संगीत पूरा होता है...

" दिया क्या अक्षत को समज पायेगी...? "

" नितिन और मिताली की सादी में आगे क्या क्या होगा..? "

" शिव अक्षत की मदद करेगा, की उसे परेशान ...? "

" शिव को अक्षत से क्या बात करनी है ...? "

ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ ....

इश्क़ होना ही था ....
अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना ...

इश्क़ होना ही था का part - 9 आपके सामने 11 October को आ जायेगा ...