अमृता एक दास्तां DINESH DIVAKAR द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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अमृता एक दास्तां

यह कहानी है एक ऐसे प्रेमी की है जिसने अपने प्रेम के खातिर अपनी जान दांव पर लगा दिया......

सन 1978 में ग्राम प्रेम नगर में एक छोटा सा परिवार रहता था. जिसमें 7 लोग थे दादा दादी मम्मी पापा और 3 भाई बहन उनमें से छोटा वाला जिसका नाम था दिवाकर। बड़ा नटखट था पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद मैं उसकी रूचि ज्यादा थी। मौज मस्ती से उनका परिवार गुजर रहा था कि...

एक दिन दिवाकर को एक पुस्तक से एक फोटो मिला जिसे देख कर उसका मन हुआ कि वह बस फोटो को बार बार देखें। वह फोटो था एक बेहद सुंदर और मनमोहक सुंदरी की। दिन गुजरते गए और उस लड़के को उस फोटो वाली लड़की से प्यार हो गया बिना यह जाने की वह कौन है और कहा है। उसने ठान लिया था कि अगर वो शादी करेगा तो उसी लड़की के साथ। उसने अपनी स्वप्न सुंदरी का नाम रखा अमृता ....

कुछ सालों में वह बड़ा हो गया। वह सोचता रहा की आखिर वह उस लड़की को कहां खोजें और कहां से शुरुआत करें ! कहीं से भी रास्ता नजर नहीं आ रहा था ....

तभी उसने अपने घर को छोड़ कर उसको तलाश करना चाहा और एक दिन उसकी तलाश में निकल पड़ा।

क‌ई दिनो तक ढूंढा जब बहुत दिन तक ढूंढते ढूंढते भी वह उसका पता ना पा सका तो हताश होकर वापस घर जाने की सोचा लगा।

थोड़ी दूर तक चलने के पश्चात रात होने लगी आसपास कोई घर नहीं था! हां लेकिन पास में ही एक विशाल मंदिर था जो सालों से बंद था उस नौजवान ने वहां जाने की सोची। वह शिव जी का विशाल मंदिर था।

मंदिर पहुंच कर एक कोने में विश्राम करने लगा क‌ई दिनों तक बिना खाए पिए उसकी हालत खराब होने लगी थी और साथ में जोरो से प्याज भी लग रही थी उसने देखा पास में ही एक कुआं है। तो वह उस कुएं से पानी लेने चला गया तभी उसे लगा की मंदिर के अंदर कोई है वह धीरे धीरे मंदिर के पास जाने लगा एक जगह छुपकर मंदिर के अंदर कौन हैं यह देखने लगा।

उसने देखा वहां पर दो शेषनाग खड़े थे उनके हाथ में एक अद्भुत मणि थी जो अत्यंत चमक रही थी वे कह रहे थे....

नाग- अगर इस नागमणि को अभी अपने पास रखा तो वह दुष्ट नाग हमें मार कर यह नागमणि ले जाएगा !

नागीन - हां बात तो सही है... क्यों ना इस नागमणि को हम कुछ दिनों के लिए शिव जी के चरणो में छिपा दे ??

नाग - लेकिन इस नागमणि को 1 महीने के अंदर फिर से नांगलोक ले जाना महत्वपूर्ण है यह किसी गलत हाथों में पड़ गया तो ??

नागीन - कुछ नहीं होगा वैसे भी यहां कोई आता जाता नहीं है और किसी को मिल भी गया तो उसकी सिर्फ तीन ही इच्छाएं पूरी होगी।

नागमणि को मूर्ति में छुपा कर वह दोनों अंतर्ध्यान हो गए यह देख कर दिवाकर थोड़ा डर गया। फिर थोड़ा हिम्मत करके वह उस मूर्ति के पास गया और उस मणि को अपने हाथों में ले लिया उस मणि से अद्भुत प्रकाश निकल रहा था यह देख कर दिवाकर बहुत खुश हुआ उसे व अपने पास रखकर सुबह होने का इंतजार करने लगा।

सुबह होते ही वह सोचने लगा कि क्या वरदान मांगू उसने पहले वरदान में अपने सपनों की रानी का प्यार मांगा। जिसके कुछ ही पल बाद वह गायब हो गया और एक घर के बाहर पहुंच गया वह अमृता का घर था।

वह बहुत खुश हो गया फिर जिस कॉलेज में अमृता पड़ती थी वह भी उसी कॉलेज में एडमिशन हो गया।

धीरे धीरे उन दोनों में दोस्ती हो गई और धीरे धीरे वह दोस्ती प्यार में बदलने लगी दोनों एक दूसरे को बेइंतहा प्यार करने लगे उन दोनों ने शादी करने का सोचा।

लेकिन कहते हैं ना सुख के बाद दुख आता है वह दुष्ट नाग अपनी शक्तियों से मणि को ढूंढते ढूंढते हैं दिवाकर के पास पहुंच गया और अपनी शक्तियों से जान गया कि मणि दिवाकर के पास ही हैं।

उन दोनों की आज शादी थी वह दुष्ट नाग दिवाकर के सामने आ गया और मणि को छीनने लगा लेकिन दिवाकर को उन दोनों नागों की बात याद आई कि अगर यह मणि इस दुष्ट नाग के हाथों में आई तो यह तबाही मचा देगा।

दिवाकर अमृता को लेकर वहां से भागने लगा तभी उस नाग ने अमृता को डस लिया दिवाकर के दिल में जैसे बिजली गिर गई।

वह अमृता के पास बैठ गया तभी उसे नागमणि की याद आई उसने दूसरे विश में अमृता कि जान मांगी अमृता फिर से जिंदा हो गई

फिर दिवाकर उस नांग से युद्ध करने लगा लेकिन वह एक इंसान था और वो शक्तिशाली नाग। लेकिन दिवाकर ने हार नहीं मानी और उससे लडता रहा।

तभी उस नांग ने फिर मौका पाकर दिवाकर को डस लिया दिवाकर जमीन पर गिर गया।

उसे पूरी जिंदगी भर की यादें उसकी आंखों में घूमने लगी। अमृता उसके पास बैठी रो रही थी एक पल उसे लगा कि अपने तीसरे विश से पुनः जीवित हो जाए लेकिन उसके बाद भी उसने किसी और को डस लिया तो वह उसे कैसे बचाएगा और उसने अगर अमृता को भी फिर से डस लिया तो...

उसने एक कठोर फैसला लिया कि उसने अपने तीसरे विश में एक खतरनाक खंजर मांगा और बड़ी मुश्किल से उठ कर उसका नाग से लड़ने लागा और मौका पाकर उस नाग को मौत के घाट उतार दिया

और अपने जीवन की अंतिम घड़ियां गिनने लगा अमृता उसे अस्पताल ले जाने लगी तो दिवाकर ने उसे रोक कर कहा कि इतना टाइम नहीं है अमृता .....

दिवाकर- मैं तुमसे एक बात कहना चाहता हूं कि मैं तुमसे बेइंतहा मोहब्बत करता हूं और हमेशा करता रहूंगा मैं तुम्हें मरने के बाद भी नहीं भुला सकूंगा और एक बात इस मणि को उस मंदिर में ले जाकर छुपा देना यह कहते कहते दिवाकर की सांसे रुक गई।

अमृता रोती रही और उसके बाद उस मणि को मंदिर में रखने के लिए चली गई वहां नाम नागिन पहले से आकर मणि को ढूंढ रहे थे

वह उसे मणि देते हुए सारी कहानी बता दी और उनसे विनती करने लगी की वह उसके प्यार को वापस लौटा दे

दोनों नाग उन दोनों के प्रेम से खुश हो गए और उन्होंने दिवाकर को फिर से जिंदा कर दिया

फिर दिवाकर और अमृता ने शादी कर ली और खुशी से रहने लगे।

जिस लड़के ने अपने प्राणों की बजाए अपने प्रेम की जान बचाई वह सचमुच एक महान प्रेमी है।

®®®Ꭰɪɴᴇꜱʜ Ꭰɪᴠᴀᴋᴀʀ"Ᏼᴜɴɴʏ"

नमस्कार प्रिय पाठक, यह मेरी सर्वप्रथम रचना है आशा करता हूं आप लोगों को पसंद आया होगा। नमस्कार मेरा नाम है दिनेश दिवाकर और मैं लिखता हूं प्रेम हारर सस्पेंस थ्रिलर से भरपूर कहानियां अगर आपको मेरी कहानियां अच्छी लगती हैं तो कमेंट शेयर एक फालो जरूर करें और हो सके तो प्रोत्साहन भी दे सकते है 🤗