प्यासा कुवा - भाग 2 Abhishek Joshi द्वारा डरावनी कहानी में हिंदी पीडीएफ

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प्यासा कुवा - भाग 2

आगे  आपने  देखा की  साहिल  ने  कैसे  धोखे  से  शीला  को  गाव  की  सड़क  के  अंत  पर  जो  कमरा  था  वहा  ले  आया । 

और  कैसे  रोमिल  ने  उसे  बातों  मे  उलजा कर  कमरे  मे  लाया । 

फिर  साहिल  ओर  उसके  दोस्तों  ने  मिलकर  उस  पर  अत्याचार  गुजारा । 

ओर  मारकर  कुवे  मे  फेक  दिया  ताकि  ये  आत्महत्या  लगे । 

उसके  खून  से पूरा  कुवा  लाल  हो  गया  था  ।  

 

सुबह  जब  शीला  कही  दिखाई  नहीं  दी  । 

तब  रामप्रसाद  और  उसकी  पत्नी  कैलास  ने  मिलकर  पूरे  गाव  मे  पूछ - ताछ  की  । 

पर  किसी को  उसके  बारे  मे  कुछ  मालूम  नहीं  था । 

अब  वो  दोनों  मायूस  हो  गए  थे । 

अंत  मे  उन्होंने  पोलिस  कंप्लेन  करदी  । 

पर  रोमिल  ने  पोलिस  को  पैसे  खिलाकर  पूछ - ताछ  रोक दी  । 

 

अब  पोलिस  भी  उनका  साथ  नहीं  दे  रही  थी  । 

फिर  एक  दिन  रामप्रसाद  पोलिस  थाने  गए । 

ओर  कहा  साबजी  मेरी  बेटी  दो  दिन  से  गायब  है  । 

कुछ  खबर  मिली  । 

तो  पोलिस वाले  ने  कहा  । 

सुना  है  तुम्हारी  बेटी  दिखने  मे  बहुत  अच्छी  थी  । 

ओर  गाव  मे  कितने  लोगे  के  साथ  उसका  चकर  था । 

भाग गई  होगी  । 

किसी के  साथ  । 

पता नहीं  कहा  कहा  से  आ जाते  है  । 

बेटी  तो  संभलती  नहीं  । 

 

ये  सब  सुनकर  रामप्रसाद  टूट  चुके  ओर  वहा  से  निकल  गए  । 

उसके  जाते  ही  रोमिल  आया  ओर  उसे  विदेशी  दारू  ओर  रुपये  देकर  गया । 

अब  कही  से  भी  कोई  रास्ता  नहीं  दिखाई  दे  रहा  था । 

 

उस  रात  रामप्रसाद  ने  बहुत  सोचा  ओर  फिर  फाशी  लगा ली  । 

इस  सदमे  मे  आकार  उसकी  पत्नी  कैलास  की  भी  दिल के  दोरे  से  मौत  हो  गई  । 

पूरा  परिवार  एक  हवस  के  चलते  खत्म  हो  गया  । 

क्या  उन  सबको  कभी  न्याय  मिलेगा  । 

 

तीन  दिन  बाद  :-

सुबह  एक  चरवाहा  वहा  से  गुजर  रहा  था  । 

तो  उसने  देखा की  पास  मे  ही  कुवा  है  । 

क्यू  न  यहा  से  थोड़ा  पानी  भर के  जाऊ  । 

लोटते  वक्त  दोपहर  हो  जाएगी  । 

ओर  बीच  मे  प्यास  लगी  तो  पानी  भी  पी  लूँगा । 

ये  सोचकर  उसने  जैसे  ही  कुवे  मे  नजर  डाली  । 

तो  ये  क्या  ! कुवे  उसे  लास  दिखाई  दी  । 

हा  एक  लाल  ओढनी  ओढ़ी  हुई  लास  । 

ओर  कुवा के  पानी  मानो  पूरा  खून मे  तबदील  हो  गया  हो । 

 

वो  डर के  मारे  चिल्लाने  लगा  । 

उसके  हाथ - पैर  थर - थर  कांप  रहे  थे । 

वो  दोड़ता  हुआ  गाव  मे  गया । 

ओर  सबको  बुला  लाया  । 

लास  को  कुवे  से  बाहर  निकाला  गया  । 

लास  को  देखकर  ऐसा  लग  रहा  था  । 

मानो  कितने  दिनों  से  ऐसे  ही  हो । 

शरीर  पूरा  गल  गया  था । 

आंखे  बाहर  आ  गई  थी  । 

ओर  खून  तो  मानो  पूरा  कुवे  ने  पी  लिया  हो  । 

 

लास  देखते  ही  सबको  पता  लग  गया  । 

की  ये  लास  शीला  की  है । 

ओर  सबने  उसका  अग्नि - संस्कार  कर  दिया । 

साहिल  ओर  उसके  दोस्तों को  लगा  सब - कुछ  ठीक  हो  गया । 

पर  ये  तो  सरुआत  थी । 

" IT'S A BEGINNING " 

" अंत  ही  आरंभ  है ।  "