आगे आपने देखा की साहिल ने कैसे धोखे से शीला को गाव की सड़क के अंत पर जो कमरा था वहा ले आया ।
और कैसे रोमिल ने उसे बातों मे उलजा कर कमरे मे लाया ।
फिर साहिल ओर उसके दोस्तों ने मिलकर उस पर अत्याचार गुजारा ।
ओर मारकर कुवे मे फेक दिया ताकि ये आत्महत्या लगे ।
उसके खून से पूरा कुवा लाल हो गया था ।
सुबह जब शीला कही दिखाई नहीं दी ।
तब रामप्रसाद और उसकी पत्नी कैलास ने मिलकर पूरे गाव मे पूछ - ताछ की ।
पर किसी को उसके बारे मे कुछ मालूम नहीं था ।
अब वो दोनों मायूस हो गए थे ।
अंत मे उन्होंने पोलिस कंप्लेन करदी ।
पर रोमिल ने पोलिस को पैसे खिलाकर पूछ - ताछ रोक दी ।
अब पोलिस भी उनका साथ नहीं दे रही थी ।
फिर एक दिन रामप्रसाद पोलिस थाने गए ।
ओर कहा साबजी मेरी बेटी दो दिन से गायब है ।
कुछ खबर मिली ।
तो पोलिस वाले ने कहा ।
सुना है तुम्हारी बेटी दिखने मे बहुत अच्छी थी ।
ओर गाव मे कितने लोगे के साथ उसका चकर था ।
भाग गई होगी ।
किसी के साथ ।
पता नहीं कहा कहा से आ जाते है ।
बेटी तो संभलती नहीं ।
ये सब सुनकर रामप्रसाद टूट चुके ओर वहा से निकल गए ।
उसके जाते ही रोमिल आया ओर उसे विदेशी दारू ओर रुपये देकर गया ।
अब कही से भी कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था ।
उस रात रामप्रसाद ने बहुत सोचा ओर फिर फाशी लगा ली ।
इस सदमे मे आकार उसकी पत्नी कैलास की भी दिल के दोरे से मौत हो गई ।
पूरा परिवार एक हवस के चलते खत्म हो गया ।
क्या उन सबको कभी न्याय मिलेगा ।
तीन दिन बाद :-
सुबह एक चरवाहा वहा से गुजर रहा था ।
तो उसने देखा की पास मे ही कुवा है ।
क्यू न यहा से थोड़ा पानी भर के जाऊ ।
लोटते वक्त दोपहर हो जाएगी ।
ओर बीच मे प्यास लगी तो पानी भी पी लूँगा ।
ये सोचकर उसने जैसे ही कुवे मे नजर डाली ।
तो ये क्या ! कुवे उसे लास दिखाई दी ।
हा एक लाल ओढनी ओढ़ी हुई लास ।
ओर कुवा के पानी मानो पूरा खून मे तबदील हो गया हो ।
वो डर के मारे चिल्लाने लगा ।
उसके हाथ - पैर थर - थर कांप रहे थे ।
वो दोड़ता हुआ गाव मे गया ।
ओर सबको बुला लाया ।
लास को कुवे से बाहर निकाला गया ।
लास को देखकर ऐसा लग रहा था ।
मानो कितने दिनों से ऐसे ही हो ।
शरीर पूरा गल गया था ।
आंखे बाहर आ गई थी ।
ओर खून तो मानो पूरा कुवे ने पी लिया हो ।
लास देखते ही सबको पता लग गया ।
की ये लास शीला की है ।
ओर सबने उसका अग्नि - संस्कार कर दिया ।
साहिल ओर उसके दोस्तों को लगा सब - कुछ ठीक हो गया ।
पर ये तो सरुआत थी ।
" IT'S A BEGINNING "
" अंत ही आरंभ है । "