इश्क़ होना ही था - 4 Kanha ni Meera द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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इश्क़ होना ही था - 4


**"ओम नमः शिवाय**


** इश्क़ होना ही था part-4 **

अभी तक हमने देखा की मिताली दिया को ले कर बहोत परेशान थी और उसके लिए कुछ करना चाहती थी इसी लिए वो आपने भाई को सब बताती है और अक्षत को अपने दिल की बात दिया को बताने के लिए कहती है...

अक्षत और मिताली न हल्दी के लिए भी कुछ सोच रखा था....

दिया मिताली और अहाना तीनो बैठे होते है और तभी अक्षत वहा आ जाता है...

" हा , बोलो मिताली...

क्या काम था...? "
अक्षत वहा आकर बोलता है...

" हा , तुम आज हल्दी और संगीत की तैयारी करनी है... "

मिताली बोलती है...

" पर में अकेले कैसे कर सकता हु... "

अक्षत बोलता है...

" हा तो दिया भी तुम्हारे साथ मदद करने के लिए आती है... "

मिताली दिया के सामने इसरा करके बोलती है...

" पर में कैसे...? "

दिया बोलती है...

" सब लोग कुछ ना कुछ काम में है और वैसे भी तुमें पता है ना की मुझे केसा डेकोरेशन चाहिए... "

मिताली बोलती है और उसके कहने पर दिया मान जाती है...

वो दोनों जा ही रहे थे तभी...

" मैं भी ऐसा ही तुम्हारे साथ आऊंगी... "

अहाना बोलती है...

" अहाना तू मेरी पास ही रह, मुझे तुमसे एक काम है... "

मिताली तो उसे अपनी पास बिठाकर बोलती है...

" तुम दोनों जाओ... "

मिताली बोलती है और वो दोनों वहा से जहा हल्दी रखी थी वहा जाते है...

वो दोनों मिल कर सारी तैयारी करने लगते है और बार बार अक्षत दिया से पूछ रहा था...

दिया सिर्फ उसे जवाब देती और फिर काम करने लगती, उसे ज्यादा वो बात ही नहीं कर रही थी...

" अब ये काम तो सारा हो गया है, अब चलते है मिताली के पास... "

अक्षत बोलता है और वो दोनों मिताली के पास जाने लगते है...

" आ गए तुम लोग... "

मितली सामने आ रहे दिया और अक्षत को देख कर बोलती है...

" हां और हल्दी की सारी तैयारी हो गई है... "

अक्षत बोलता है...

" हां तो अब तुम तीनो तैयार हो जाओ... "

मिताली बोलती है...

वो तीनो तैयार होने के लिए चले जाते है...

जब सभी लोग तैयार हो कर आते है...

आज सबने ही पिले रंग के कपडे पहने थे और सब आज बहोत ही अच्छे लग रहे छे...

तभी वह अक्षत आता है और सिर्फ उसने ही आज सफेद कुरता और जीन्स पहना था...

" तुमने क्यों ये पहना...? "

मिताली धीरे से अक्षत से कहती है...

" मेरा पिले रंग का कुरता नहीं मिल रहा... "

अक्षत भी परेशान हो कर कहता है...

" कोई बात नहीं... "

मिताली बोलती है...

वो लोग अब मिताली को पालर छोड़ कर मिताली के सारे भाई बहेनो के साथ नितिन के घर जाने वाले थे और वहा नितिन को हल्दी लगाने के बाद उनके घर के कुछ लोग हल्दी ले कर मिताली के लिए ले कर आएंगे...

एक कार में अक्षत जो ड्राइव कर रहा था और मिताली आगे बैठी थी पीछे अहाना और दिया बैठे थे...

अक्षत थोड़ी-थोड़ी देर में दिया को मिरर से देख रहा था...

तभी जब मिताली की नजर अक्षत पर पड़ती है तो वो समज जाती है...

" भाई... दयान ड्राइविंग में रखना , मेरी हल्दी आज है, मुझे सही सालमान पहुँचाना है... "
मिताली हस्ते हस्ते बोलती है...

ये सुन कर अक्षत आगे देखने लगता है और सब हसने लगते है....

थोड़ी देर बार अहाना और मिताली दोनों बात करने लगती है और दिया जो विंडो से बहार देख रही थी...

पालर आ जाता है और मिताली उत्तर जाती है....

" तुम तैयार हो जाओ तो फोन कर देना... "

अक्षत बोलता है...

" हाँ... और दिया, मुझे नीतिन के घर जाने से पहले उसकी तस्वीरें भेज देना ... "
मिताली दिया के सामने देख कर बोलती है...

" हाँ... "
दिया कहती है...

फिर मिताली पालर में जाती है, और ये लोग वहाँ से नितिन के घर जाने के लिए निकल जाते हैं...

अक्षत और अहाना बात करने लगते है पर वो तो दिया से बात करना चाहता था पर वो तो बहार देख रही थी...

वहा जाकर पहले वो नितिन से मिलते है और उसे हल्दी लगते है...

दिया कुछ फोटो मिताली को भी भेज देती है...

थोड़ी देर बाद मिताली का फोन आता है...

" मुझे तैयार होने में 10 मिनिट लगेगी तो तुम जल्दी आ जाओ... "

मिताली बोलती है...

" हां हम आ रहे है..."

अक्षत बोलता है और फोन रख देता है...

वो दिया को ढूढ़ने लगता है और उसे सामने ही दिया दिखाई देती है , अक्षत सीधा दिया के पास जाता है...

" दिया अब हम निकलते है, मुझे मिताली का फोन आया था और वह 10 मिनट में तैयार हो जाएगी... "
अक्षत बोलता है...

" तो बाकि सभी लोग कब आएंगे... "
दिया कहती है...

" ये लोग सफी साथ आएंगे और हम घर जा कर सारी तैयारी कर देते है... "
अक्षत बोलता हैं...

" मिताली के लिए हल्दी ले कर कोन आने वाला है ...? "
दिया कहती है...

" नीतिन जीजू के भाई और उनकी भाभी आएंगे हल्दी ले कर ... "
अक्षत कहते हैं...

" हां, तो मैं अहान को बुला कर आती हु... "
दिया कहती है...

" अगर अहाना भी साथ आयी तो वो ही बोलती रहेगी और में दिया से बात नहीं कर पाउगा और इसा समय जल्दी नहीं आएगा जब में दिया के साथ अकेले में बात कर सकता हु... "

अक्षत अपने मन में सोचता है ...

" दिया..."

जल्दी से अक्षत बोलता है और उसकी आवाज सुन कर दिया रुक जाती है...

" क्या दिया अक्षत की बात से गुस्सा हो जाएगी ...? "

" क्या अक्षत और दिया एक हो जायेगे ...? "

" अक्षत कब आपने मन की बात दिया को कहेगा ...? "

" मिताली क्या इन सब में अक्षत की मदद कर पायेगी ...? "

" दिया को जब पता चलेगा अक्षत के बारे में तो वो क्या करेगी ....? "

ये जाने के लिए बने रहिये मेरे साथ....

इश्क़ होना ही था....

अगर मेरी कहानी आपको पसंद आये तो मुझे कमेन्ट कर के जरूर बताना...

इश्क़ होना ही था का part-5 आपके सामने 30 September को आ जायेगा...