Hold Me Close - 16 - don't hurt my ego Harshu द्वारा प्रेम कथाएँ में हिंदी पीडीएफ

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Hold Me Close - 16 - don't hurt my ego

तो वही ऑफिस में अर्जुन और रेवा दोनो भी पहुंच गए थे।

"जाओ तुम पहले ..मैं बाद में आता हूं ...कॉल करना है एक । और हा हम दोनो एक दूसरे को नही जानते ऑफिस में ! याद है न ? तो मुझे मेरे नाम से मत पुकारना....", अर्जुन ने कहा ।

"इतना बेसिक तो मुझे पता ही है ! आपको क्या लगता है दुनिया भर की सारी अकल भगवान ने सिर्फ आपको दी है? मुझे कुछ समझ नहीं आता क्या??",रेवा ने कहा।

"तुम मुझसे सीधे मुंह बात क्यों नही करती! हमेशा झगड़ा करती रहती हो ! तुम्हारे साथ अच्छे से बात करना ही बेकार है ...जाओ अब अंदर", अर्जुन ने चिड़ते हुए कहा ।

"खडूस कहीके..करेले जैसी जबान है आपकी एकदम कड़वी", रेवा धीमी आवाज में बड़बड़ाई ।

"क्या? क्या कहा तुमने? ओह हेलो तुमसे बात कर रहा हूं ,जवाब देती जाओ ",अर्जुन ने रेवा से कहा लेकिन रेवा अर्जुन की बातो को इग्नोर करते हुए वहा से चली जाती है।

तो वही ऑफिस में तुषार ने रेवा को सबसे इंट्रोड्यूस कराया।

"Hi my self Meera .. ",एक लड़की रेवा के ओर अपना हाथ बढ़ाते हुए कहती है।

"Hi", रेवा भी जवाब देती है।

"ऑफिस हाय बाय करने के लिए नही है । अच्छा होगा अगर यहां के सभी लोग काम करने पर फोकस करे । ", अर्जुन ने कहा जो की अभी अभी ऑफिस आया था ।

"Sorry sir", मीरा ने कहा।

"आप सभी के लिए गुड न्यूज है .. हमारी जो इंटरनेशनल डील फाइनल हुई है उसका सेलिब्रेशन करने के लिए कल पार्टी ऑर्गेनाइज की है । सभी को आना है ", अर्जुन ने कहा और अपने केबिन में चला गया ।

"तुम आओगी ना पार्टी मैं? ", मीरा ने रेवा से पूछा ।

"नही! मुझे पार्टी वैगरा पसंद नही है ", रेवा ने कहा ।

"तुम्हारा दिमाग खराब है क्या ? पार्टी मिस करोगी तुम ! कल तो अर्जुन सर और भी ज्यादा हॉट दिखेंगे ! ये चांस मिस करोगी ना तो पछताओगी तुम ...! आधी लड़कियां तो इसलिए पार्टी मैं आएगी ताकि अर्जुन सर को देख सके !! उनकी बियर्ड कितनी अच्छी है ना ! और बॉडी भी !! और वो जब अपने बालों से हाथ फेरते है ना तब तो मैं....." इससे पहले की मीरा कुछ और बोल पाती रेवा ने कहा –"अरे बस बस .. काम करते है अब! वरना जिस अर्जुन सर को देखने के लिए तुम एक्साइटेड हो ना वही अर्जुन सर कंपनी से निकाल देंगे ! है ना ?? "

"Yes right ! Focus करो काम पर! और हा कल तुम पार्टी मैं आ रही हो मुझे कोई रीजन नही चाहिए ", मीरा ने कहा और अपने नजरे लैपटॉप के स्क्रीन पर जमा ली ।

तो वही केबिन में बैठा अर्जुन सीसीटीवी के हेल्प से स्क्रीन पर रेवा को एक टक देख रहा था ।

"बस भी कर यार ! कितना देखेगा उसे ! घर में पूरा टाइम तुम्हारे साथ ही होती है ना ? फिर भी दिल नही भरता क्या ?", तुषार ने मजाक उड़ाते हुए कहा ।

"ऐसी कोई बात नही है ! रेवा को नही देख रहा मैं । देख रहा हूं की लोग ठीक से काम कर रहे है या नही ", अर्जुन ने सपाट लहजे में कहा ।

"मुझसे तो झूट मत बोला कर यार ! बचपन का दोस्त हूं तेरा । सब पता है मुझे तुम्हारे बारे में। वैसे तुझे पसंद है ना वो?", तुषार ने पूछा ।

"नही....मतलब हा ! वो एक अच्छी लड़की है लेकिन मैं उससे प्यार व्यार नही करता मैं सिर्फ मां से प्यार करता हूं " अर्जुन की बात सुनकर तुषार ने अपने सिर पर हाथ मारते हुए कहा–"तुझे पता ही क्या है प्यार के बारे मैं ? कभी हुआ है क्या ? खैर तुझे खुद ही पता चल जायेगा ! मीटिंग है मेरी मैं चलता हूं ! ", तुषार ने कहा और वहा से चला गया ।

कुछ देर बाद रेवा के पास एक आदमी आता है और कहेता है–"आपको अर्जुन सर बुला रहे है "

"Wow! You are so lucky ! अर्जुन सर के केबिन में पहले दिन ही..मुझे तो कभी उन्हें पास से देखने का मौका ही नही मिलता ...", मीरा की बात पर रेवा ने हंसते हुए कहा–"काम पर फोकस करो ! मैं आती हूं अभी",रेवा ने कहा और वहा से चली गई ।

"क्या काम था ? आपने बुलाया मुझे ?", रेवा ने केबिन में जाते हुए पूछा ।

"बैठो यहां पहले ", अर्जुन में चेयर की ओर इशारा करते हुए कहा ।

रेवा अर्जुन की बात मानकर चेयर पर बैठ गई ।

"बोलिए अब....",रेवा ने फिर से कहा लेकिन अर्जुन रेवा को एक टक देखे जा रहा था ।

रेवा: "ध्यान कहा है आपका ? आपसे बात कर रही हूं मैं "

"कुछ नही...बस ऐसे ही....",अर्जुन ने धीमी आवाज मैं कहा ।

रेवा: क्या??

"वो मैं बता रहा था कल के पार्टी के बारे मैं...",अर्जुन ने कहा।

"मुझे नही आना पार्टी मैं..",रेवा ने जवाब दिया।

"शायद तुमने सुना नही की मैने क्या कहा ! मैं तुम्हे पूछ नही रहा बता रहा हूं की कल तुम पार्टी मैं आ रही हूं ", अर्जुन ने अपनी जगह से उठते हुए कहा।

"नही मतलब नही! मुझे पार्टी पसंद नही है ", रेवा ने जवाब दिया।

"मुझे कोई रीजन नही चाहिए! मेरा डिसीजन फाइनल है !", अर्जुन की इस बात पर रेवा ने कहा–"आप इतने डॉमिनेटिंग क्यों हो! मैने कहा ना नहीं मतलब नही "

रेवा ने कहा और वहा से जाने लगी लेकिन तभी अर्जुन ने रेवा का हाथ पकड़ा और उसे अपनी ऑर खींच लिया।

"देखो सबसे पहली बात तो मैं जब बात कर रहा हूं तब मुझे इग्नोर करके जाने की गलती मत करना!! इगो हर्ट हो जाता है मेरा । और दूसरी बात ये की मुझे मेरी बात मनवानी बराबर आती है ! भूलो मत तुम कैसे मैने उस रात उस आदमी की जान ली थी ! ", अर्जुन ने रेवा के आंखो मैं देखते हुए कहा ।

"आपको क्या लगता है ? इस तरह डराने से में डर जाऊंगी ? ऐसा बिलकुल नही होगा ! हाथ छोड़िए मेरा ", रेवा ने कहा और अर्जुन के हाथो से अपना हाथ छुड़ा लिया ।

"देखता हूं कल शाम पार्टी मैं कैसे नही आती हो तुम ! पार्टी मैं तो तुम्हे आना पड़ेगा ", अर्जुन ने जाती हुई रेवा को देखते हुए कहा ।